दोलन गति
जब कोई पिंड एक निश्चित पथ पर किसी स्थिर बिंदु के इधर-उधर एक नियत समय में अपनी गति को बार-बार दोहराता है तो पिंड की इस गति को दोलन गति (oscillatory motion in Hindi) कहते हैं। इसे कंपन गति भी कहते हैं।
दोलन गति के उदाहरण
1. जब हम किसी रस्सी को दीवार से बांधकर रस्सी के दूसरे सिरे को हाथ से हिलाते हैं। तो रस्सी में कंपन उत्पन्न हो जाते हैं। अर्थात् रस्सी एक निश्चित समय में अपनी गति को बार-बार ऊपर-नीचे दोहराती है। अतः रस्सी की यह गति दोलन गति है।
2. जब किसी रस्सी से पत्थर बांधकर उसके दूसरे सिरे को किसी वस्तु से बांध देते हैं। एवं अब पत्थर को हिलाते हैं तो पत्थर एक निश्चित बिंदु के इधर-उधर निश्चित समय में बार-बार अपनी गति को दोहराता रहता है। अतः पत्थर की यह गति दोलन गति है। चित्र सहित स्पष्ट है।
3. अन्य उदाहरण – हमारे घरों में लगे घंटे की सूइयों की गति, सरल लोलक की गति, सिलाई मशीन की सुई की गति आदि।
Note
प्रत्येक दोलन गति आवश्यक रूप से आवर्ती गति होती है। परंतु प्रत्येक आवर्त गति, दोलन गति हो यह आवश्यक नहीं है।
जैसे – पृथ्वी सूर्य के चारों ओर आवर्ती गति करती है। दोलन गति नहीं करती। क्योंकि पृथ्वी की गति किसी निश्चित बिंदु के इधर-उधर नहीं होती है।
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