दूरी और विस्थापन किसे कहते हैं | परिभाषा, अंतर, सूत्र, मात्रक, क्या है
कुछ छात्र दूरी और विस्थापन को एक ही जैसा ही मान लेते हैं क्योंकि इनका मात्रक भी समान होता है एवं विमीय सूत्र भी, लेकिन यह दोनों राशियां एक-दूसरे से भिन्न हैं दूरी का केवल परिमाण होता है दिशा नहीं होती है। इसलिए यह एक अदिश राशि है जबकि विस्थापन का परिमाण के साथ-साथ दिशा भी ज्ञात होती है इसलिए यह एक सदिश राशि है।
दूरी
किसी गतिशील वस्तु द्वारा एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक तय की गई कुल लंबाई को उस वस्तु की दूरी कहते हैं। अर्थात किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा चली गई कुल मार्ग की लंबाई को दूरी distance in hindi कहते हैं।
जैसे – कोई वस्तु किसी बिंदु से पूरब की ओर 3 किलोमीटर चलती है एवं फिर उत्तर की ओर 4 किलोमीटर चलती है तो वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी 7 किलोमीटर होगी।
दूरी में केवल परिमाण ही होता है दिशा का कोई महत्व नहीं है इसलिए दूरी एक अदिश राशि है।
दूरी का मात्रक
दूरी का SI या MKS पद्धति में मात्रक मीटर है। इसके अलावा इसे किलोमीटर, सेंटीमीटर तथा मिलीमीटर आदि में भी मापते हैं।
दूरी के विभिन्न पैमाने
• 1 प्रकाश वर्ष = 9.46 × 1015 मीटर
• 1 किलोमीटर = 1000 मीटर
• 1 सेमी = 10-2 मीटर
• 1 मिली मीटर = 10-3 मीटर
• 1 माइक्रोमीटर = 10-6 मीटर
• 1 एंग्स्ट्रांग = 10-10 मीटर
• 1 फर्मी = 10-15 मीटर
विस्थापन
किसी गतिशील वस्तु या व्यक्ति की प्रारंभिक तथा अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं। विस्थापन एक सदिश राशि है।
आइयें विस्थापन (displacement in Hindi) को उदाहरण द्वारा समझते हैं।
विस्थापन पाइथागोरस प्रमेय से ज्ञात करते हैं क्योंकि व्यक्ति द्वारा चली गई दूरी एक त्रिभुज की आकृति है तब
(विस्थापन)2 = 82 + 62
(विस्थापन)2 = 64 + 36
(विस्थापन)2 = 100 या (10)2
दोनों और वर्गमूल लेने पर
विस्थापन = 10 मीटर
अतः विस्थापन 10 मीटर है यह विस्थापन पूर्व-उत्तर दिशा में होगा। चूंकि विस्थापन में परिमाण के साथ दिशा भी होती है इसलिए यह सदिश राशि है इसका मात्रक भी मीटर ही होता है।
अतः प्रशन द्वारा स्पष्ट होता है कि विस्थापन का मान पथ पर निर्भर नहीं करता है प्रारंभिक और अंतिम बिंदुओं पर निर्भर करता है।
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