कार्य ऊर्जा प्रमेय क्या है सिद्ध कीजिए, निगमन, कथन
कार्य ऊर्जा प्रमेय
जब किसी वस्तु पर बाह्य बल द्वारा कुछ कार्य किया जाता है तो वस्तु की गतिज ऊर्जा में कार्य के बराबर ही वृद्धि हो जाती है। एवं इसके विपरीत जब बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है तो गतिज ऊर्जा में कार्य के बराबर ही क्षति हो जाती है।
अतः परिवर्ती बल द्वारा किसी वस्तु पर किया गया कार्य, वस्तु की गतिज ऊर्जा में हुए परिवर्तन के बराबर होता है इसे कार्य ऊर्जा प्रमेय (work energy theorem in Hindi) कहते हैं।
कार्य ऊर्जा प्रमेय न्यूटन के गति के प्रथम नियम का समाकलन रूप है।
कार्य ऊर्जा प्रमेय का निगमन (सिद्ध)
माना कोई वस्तु जिसका द्रव्यमान m है वस्तु प्रारंभिक वेग u से गतिशील है माना वस्तु पर बल F गति की दिशा में ही आरोपित कर दिया जाता है जिससे वस्तु का वेग v हो जाता है। तब परिवर्ती बल द्वारा एक अति सूक्ष्म विस्थापन ds में किया गया कार्य
dw = Fds
dw = mads (F = ma से)
चूंकि वेग परिवर्तन की दर \( \frac{dv}{dt} \) त्वरण के बराबर होती है तो
dw = m × \(\frac{dv}{dt} \) × ds
dw = m × \( \frac{ds}{dt} \) × dv
अब \( \frac{ds}{dt} \) = v होता है तब कार्य
dw = mvdv
अतः बल द्वारा समय अंतराल में किया गया कार्य
W = \( \int^v_u mvdv \)
W = m \(\int^v_u v\,dv \)
समाकलन सूत्र xn = \( \frac{x^{n+1}}{n+1} \) से
W = m \( [\frac{v^2}{2}]^v_u \)
W = \( \frac{1}{2} \) m [v2 – u2]
W = \( \frac{1}{2} \) mv2 –\(\frac{1}{2} \) mu2
कार्य = अंतिम गतिज ऊर्जा – प्रारंभिक गति ऊर्जा
अतः \({ W = ∆K } \)
अर्थात किसी परिवर्ती बल द्वारा किया गया कार्य, वस्तु की गतिज ऊर्जा में हुए परिवर्तन के बराबर होता है यही कार्य ऊर्जा प्रमेय का सिद्धांत है।
NOTE –
ध्यान दें कि कार्य ऊर्जा प्रमेय को परिवर्ती बल एवं नियत बल दोनों से सिद्ध किया जा सकता है और दोनों ही स्थिति में यह सत्य है। ऊपर परिवर्ती बल द्वारा सिद्ध किया गया है।
नियत बल द्वारा निगमन
माना प्रारंभिक वेग u से गति कर रही वस्तु जिसका द्रव्यमान m है पर बल F लगाने से इसकी गति में a त्वरण उत्पन्न हो जाता है तो
F = ma
माना बल द्वारा सूक्ष्म विस्थापन s पर वस्तु का वेग v हो जाता है तब गति के तृतीय नियम से
v2 = u2 + 2as
अब समी.① से a का मान रखने पर
v2 = u2 + 2 \(\frac{F}{m} \)s
Fs = \( \frac{1}{2} \)(v2 – u2) समी.②
s विस्थापन में किया गया कार्य
W = Fs
अतः समी.② से Fs का मान रखने पर
W = \(\frac{1}{2} \) m(v2 – u2)
W = \( \frac{1}{2} \) mv2 – \( \frac{1}{2} \) mu2
कार्य = अंतिम गतिज ऊर्जा – प्रारंभिक गति ऊर्जा
\({ W = ∆K } \)अर्थात् नियत बल द्वारा किसी वस्तु पर किया गया कार्य उसकी गतिज ऊर्जा में हुए परिवर्तन के बराबर होता है यही कार्य ऊर्जा प्रमेय हैं।
ध्यान दें –
Exam में किसी एक तरीके से ही कार्य ऊर्जा प्रमेय को करना होगा। दोनों स्थितियों से नहीं। आप चाहे तो परिवर्ती बल द्वारा या नियत बल द्वारा किसी से भी करें। या तो फिर एग्जाम में लिख कर भी आ सकता है कि परिवर्ती बल द्वारा कार्य ऊर्जा प्रमेय को सिद्ध कीजिए।
आसान नियत बल द्वारा है इसकी ही तैयारी सही से करें।
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