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हिन्‍दी Important Questions Class 11 Chapter 10 सूर्य Hindi Digant Bihar Board बिहार बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिन्‍दी Class 11

छोटे महत्वपूर्ण प्रश्न


1. सूर्य को वेदों में किस रूप में वर्णित किया गया है?

उत्तर : वेदों में सूर्य को सात घोड़ों वाले रथ पर सवार देवता के रूप में वर्णित किया गया है।

2. सूर्य के माता-पिता कौन थे?

उत्तर : सूर्य के माता-पिता अदिति और कश्यप थे।

3. दिन और रात किसके प्रतीक हैं?

उत्तर : दिन और रात जीवन और मृत्यु के प्रतीक हैं।

4. संज्ञा ने सूर्य को क्यों छोड़ा?

उत्तर : सूर्य का तेज संज्ञा की बर्दाश्त से बाहर था, इसलिए उसने उन्हें छोड़ दिया।

5. सूर्य के सारथि का नाम क्या था?

उत्तर : सूर्य के सारथि का नाम अरुण था।

6. सूर्य के जन्म की दूसरी कथा में अदिति ने क्या किया?

उत्तर : अदिति ने मार्तड से दिन और रात का सृजन करने को कहा।

7. सूर्य की पूजा के प्रतीक कौन-कौन से हैं?

उत्तर : गरुड़, खिला हुआ कमल, और स्वस्तिक सूर्य की पूजा के प्रतीक हैं।

8. सूर्य के बारह महीने के नामों में चैत्र के महीने में सूर्य का क्या नाम है?

उत्तर : चैत्र में सूर्य को ‘धाता’ कहा जाता है।

9. विश्वकर्मा ने सूर्य की आभा से क्या बनाया?

उत्तर : उन्होंने सूर्य की आभा से विष्णु का सुदर्शन चक्र और शिव का त्रिशूल बनाया।

10. सूर्य का दुष्ट रूप कौन-सा है?

उत्तर : सूर्य का दुष्ट रूप ‘भग’ है।

11. भारत में सूर्य पूजा का सबसे बड़ा पर्व कौन-सा है?

उत्तर : भारत में सूर्य पूजा का सबसे बड़ा पर्व ‘छठ’ है।

12. सूर्य के अश्व रूप के बच्चों के नाम क्या थे?

उत्तर : अश्विनी कुमारों के नाम नासत्य और दस्र थे।

13. प्राचीन मिस्र में सूर्य को क्या कहा जाता था?

उत्तर : प्राचीन मिस्र में सूर्य को ‘होरूस’ कहा जाता था।

14. ऋग्वेद में अदिति के लिए कौन-से शब्द प्रयोग किए गए हैं?

उत्तर : अदिति के लिए ‘अद्वय’ और ‘सदावृध’ शब्द प्रयोग किए गए हैं।

15. प्राचीन ग्रीक में सूर्य देवता का नाम क्या था?

उत्तर : प्राचीन ग्रीक में सूर्य देवता को ‘हीलीऔस’ कहा जाता था।

16. सूर्य के लिए ग्रीक शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर : ग्रीक शब्द ‘हीलीऔस’ का अर्थ है सूर्य।

17. सूर्य पूजा किस जनजाति द्वारा की जाती है?

उत्तर : अरुणाचल प्रदेश की एक जनजाति सूर्य की पूजा करती है।

18. रामायण में सूर्य की उपासना के लिए कौन-सा स्तोत्र प्रयोग हुआ?

उत्तर : रामायण में ‘आदित्य हृदय’ स्तोत्र का प्रयोग हुआ।

19. सूर्य के बच्चों में मृत्यु के देवता का नाम क्या है?

उत्तर : मृत्यु के देवता का नाम ‘यम’ है।

20. कोणार्क का सूर्य मंदिर किस राज्य में स्थित है?

उत्तर : कोणार्क का सूर्य मंदिर ओडिशा राज्य में स्थित है।


मध्यम महत्वपूर्ण प्रश्न


1. सूर्य के सात घोड़ों और सारथि का क्या महत्व है?

उत्तर : वेदों के अनुसार, सूर्य के सात घोड़े समय और दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके सारथि अरुण हैं, जो प्रकाश का प्रतीक हैं। ये घोड़े सूर्य के रथ को खींचते हैं और उसे आकाश में घुमाते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन और ऊर्जा बनाए रखने का प्रतीक है।

2. अदिति और कश्यप के आठवें पुत्र का नाम और उसकी कहानी क्या है?

उत्तर : अदिति और कश्यप का आठवां पुत्र “मार्तड” था। इसे मृत अंडे का पुत्र कहा गया और परित्याग कर दिया गया। बाद में मार्तड ने खुद को आसमान में स्थापित कर लिया। यह कहानी जीवन और मृत्यु के चक्र को दर्शाती है।

3. संज्ञा और छाया से सूर्य की संतानों के नाम क्या हैं?

उत्तर : संज्ञा से सूर्य को तीन संताने मिलीं: मनु वैवस्वत, यम, और यमुना। छाया से उन्हें शनि, सावर्णि मनु, और तपत्ति नामक संताने हुईं। संज्ञा सूर्य के तेज को सहन नहीं कर पाई और उन्हें छोड़कर तपस्या करने चली गई। छाया ने संज्ञा का स्थान लिया और सूर्य के साथ रहकर उसकी संताने उत्पन्न कीं।

4. विश्वकर्मा ने सूर्य की आभा से किन वस्तुओं का निर्माण किया?

उत्तर : विश्वकर्मा ने सूर्य की आभा के अंश को काटकर कई दिव्य अस्त्र बनाए। इनमें विष्णु का सुदर्शन चक्र, शिव का त्रिशूल, यम का दंड, और स्कंद का भाला शामिल हैं। इन अस्त्रों का भारतीय पौराणिक कथाओं में विशेष महत्व है।

5. सूर्य के बारह महीनों के नाम क्या हैं?

उत्तर : सूर्य के बारह महीने अलग-अलग नामों से पहचाने जाते हैं, जैसे चैत्र में धाता, वैशाख में अर्यमा, और ज्येष्ठ में मित्र। प्रत्येक महीने का नाम सूर्य के विभिन्न कार्यों और विशेषताओं को दर्शाता है। यह नाम वैदिक परंपरा और पौराणिक कथाओं से जुड़े हैं।

6. कोणार्क के सूर्य मंदिर का महत्व क्या है?

उत्तर : कोणार्क का सूर्य मंदिर सूर्य की पूजा का अद्वितीय केंद्र है। इसे सूर्य के रथ के रूप में बनाया गया है, जिसमें बारह विशाल पहिए और सात घोड़े हैं। यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है और विश्व धरोहर में शामिल है।

7. सूर्य पूजा के प्रतीकों का क्या अर्थ है?

उत्तर : सूर्य पूजा के प्रतीक, जैसे गरुड़, खिला कमल, और स्वस्तिक, सूर्य की शक्ति और प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं। गरुड़ अंधकार का नाश करने वाला माना जाता है। खिला हुआ कमल सूर्य के प्रकाश में खुलता है, और स्वस्तिक शुभता और ऊर्जा का प्रतीक है।

8. मिथराई धर्म में सूर्य का क्या महत्व था?

उत्तर : मिथराई धर्म में सूर्य को चार घोड़ों द्वारा खींचे गए रथ पर सवार देवता माना गया। इसे सुरक्षा, दया, और विजय का प्रतीक माना गया। यह धर्म मध्य पूर्व से यूरोप तक फैला और रोम साम्राज्य का मुख्य धर्म बना।

9. सूर्य के लिए वैदिक ऋचाओं का क्या महत्व है?

उत्तर : वैदिक ऋचाओं में सूर्य को जीवन का संचालक और प्रकाश का स्रोत बताया गया है। सूर्य को त्रिदेव का प्रतीक भी माना गया है: ब्रह्मा, शिव, और विष्णु। ऋग्वेद में सूर्य की संप्रभुता और ऊर्जा के लिए श्रद्धा व्यक्त की गई है।

10. छठ पर्व का महत्व क्या है?

उत्तर : छठ पर्व बिहार में सूर्योपासना का प्रमुख त्योहार है। इसमें लोग सूर्य को अर्घ्य देकर जीवन में प्रकाश और ऊर्जा की कामना करते हैं। यह पर्व प्रकृति और मानव के संबंध का प्रतीक है। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व आर्य संस्कृति की महिमा को दर्शाता है।


लंबे महत्वपूर्ण प्रश्न


1. सूर्य के विभिन्न पौराणिक कथाओं में क्या महत्व है?

उत्तर : सूर्य को विभिन्न पौराणिक कथाओं में सृजन, शक्ति, और ऊर्जा का स्रोत माना गया है। वैदिक कथा में सूर्य को त्रिदेव—ब्रह्मा, शिव, और विष्णु का प्रतिनिधि बताया गया है। अदिति और कश्यप के पुत्र सूर्य का जीवन चक्र को संचालित करने में महत्व है। उनकी संतानों, जैसे मनु, यम, और यमुना, ने भारतीय संस्कृति में गहरा प्रभाव डाला। सूर्य का तेज उनकी दिव्यता और ऊर्जा का प्रतीक है।

2. सूर्य की पूजा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है?

उत्तर : सूर्य की पूजा वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक प्रचलित है। प्राचीन मिस्र, बेबीलोन, और फारस में सूर्य प्रमुख देवता थे। भारत में सूर्य मंदिर, जैसे कोणार्क और मार्तड, सूर्य आराधना का प्रतीक हैं। छठ पर्व जैसे त्योहार सूर्य के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता को व्यक्त करते हैं। यह पूजा ऊर्जा, प्रकाश, और जीवन के प्रति सम्मान का संकेत है।

3. सूर्य के प्रतीकात्मक महत्व को कैसे समझा जा सकता है?

उत्तर : सूर्य को गरुड़, कमल, और स्वस्तिक के रूप में प्रतीकात्मक रूप से पूजा जाता है। गरुड़ अंधकार के नाश और प्रकाश के आगमन का संकेत देता है। खिला हुआ कमल सूर्य की कृपा और जीवन के खिलने का प्रतीक है। स्वस्तिक शुभता और ऊर्जा का प्रतिनिधि है, जो जीवन में सकारात्मकता लाता है। इन प्रतीकों से सूर्य की आराधना विश्व स्तर पर जुड़ती है।

4. सूर्य के घोड़ों और उनके सारथि का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?

उत्तर : सूर्य के सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों और दिशाओं का प्रतीक हैं। ये समय और जीवन चक्र को दर्शाते हैं। अरुण, उनके सारथि, सूर्य के प्रकाश और ज्ञान के संदेशवाहक माने जाते हैं। यह संयोजन संसार के सभी क्रियाकलापों को संतुलित रखने का संकेत देता है। यह व्यवस्था प्रकृति के संतुलन और जीवन की निरंतरता को भी दर्शाती है।

5. सूर्य की पूजा में छठ पर्व का क्या विशेष स्थान है?

उत्तर : छठ पर्व सूर्य की विधिवत पूजा का एक अनूठा त्योहार है। यह बिहार और पूर्वांचल में धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें व्रतधारी नदी या तालाब किनारे सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देना जीवन और मृत्यु के संतुलन का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।

6. सूर्य के विभिन्न नाम और उनके कार्य क्या हैं?

उत्तर : सूर्य के विभिन्न नाम उनके कार्यों के आधार पर रखे गए हैं। वे सविता के रूप में उत्प्रेरित करते हैं और पृषण के रूप में कल्याण करते हैं। उगते सूर्य को वैवस्वत और दुष्ट रूप को भग कहा जाता है। बारह महीनों में उनके नाम बदलते हैं, जैसे चैत्र में धाता और आषाढ़ में वरुण। ये नाम वैदिक परंपरा और उनकी विशेषताओं से जुड़े हुए हैं।

7. सूर्य का विभिन्न सभ्यताओं में क्या महत्व है?

उत्तर : सूर्य को मिस्र, बेबीलोन, फारस, और रोमन सभ्यताओं में प्रमुख देवता माना गया। मिस्र में सूर्य को “होरूस” और फारस में “मिथरा” कहा जाता था। ग्रीक और रोमन सभ्यताओं में सूर्य को सृष्टिकर्ता और योद्धाओं का देवता माना गया। मध्य एशिया और यूरोप में भी सूर्य पूजा प्रचलित रही। यह सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सूर्य के सार्वभौमिक महत्व को दर्शाता है।

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