eVidyarthi Exam Preparation
Main Menu
  • MCQ’s English Class 12 UP Board
  • Books English Class 12 UP Board
  • General English Books Class 12 UP Board
  • Notes English Class 12 UP Board
  • Sample Papers English Class 12 UP Board
  • Previous Year Papers English Class 12 UP Board
  • Syllabus English Class 12 UP Board
  • English Class 12
SELECT YOUR LANGUAGE
[gtranslate]

हिन्‍दी Important Questions Class 11 Chapter 2 कविता की परख Hindi Digant Bihar Board बिहार बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिन्‍दी Class 11

छोटे महत्वपूर्ण प्रश्न


1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जन्म 1884 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था।

2. रामचंद्र शुक्ल ने मिडिल की परीक्षा किस विद्यालय से पास की?

  • उन्होंने मिडिल की परीक्षा ऐंग्लो संस्कृत जुबली स्कूल, मिर्जापुर से पास की।

3. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का प्रमुख योगदान किस क्षेत्र में था?

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल का प्रमुख योगदान हिंदी साहित्य और आलोचना के क्षेत्र में था।

4. उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में किस पद पर कार्य किया?

  • उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

5. रामचंद्र शुक्ल का हिंदी आलोचना में क्या योगदान है?

  • उन्होंने हिंदी आलोचना को आधुनिक स्वरूप और गहराई प्रदान की।

6. रामचंद्र शुक्ल ने ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ कब लिखा?

  • उन्होंने ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ 20वीं सदी के आरंभ में लिखा।

7. ‘कविता की परख’ निबंध किस पुस्तक से लिया गया है?

  • यह निबंध ‘चिंतामणि’ भाग-3 से लिया गया है।

8. ‘कविता की परख’ किसके लिए लिखा गया था?

  • यह निबंध हाई स्कूल के छात्रों के लिए लिखा गया था।

9. रामचंद्र शुक्ल ने कविता को किस दृष्टिकोण से देखा?

  • उन्होंने कविता को जीवन और यथार्थ के गहरे संबंध में देखा।

10. रामचंद्र शुक्ल के अनुसार कविता का उद्देश्य क्या है?

  • उनके अनुसार कविता का उद्देश्य हृदय पर प्रभाव डालकर मानवीय भावनाओं को जागृत करना है।

11. कविता के माध्यम से मनुष्य को क्या अनुभव होता है?

  • कविता के माध्यम से मनुष्य सृष्टि-सौंदर्य और जीवन के सुख-दुख का अनुभव करता है।

12. आचार्य शुक्ल ने तुलसीदास की किस रचना का उल्लेख किया है?

  • उन्होंने तुलसीदास की ‘रामचरितमानस’ का उल्लेख किया है।

13. ‘कविता की परख’ में कवि की कौन-सी शक्ति को महत्वपूर्ण बताया गया है?

  • इसमें कवि की कल्पना शक्ति को महत्वपूर्ण बताया गया है।

14. कविता में उपमा का क्या उद्देश्य होता है?

  • उपमा का उद्देश्य भावनाओं को तीव्रता प्रदान करना होता है।

15. रामचरितमानस में कुंभकरण का वर्णन कैसा है?

  • कुंभकरण का वर्णन भयानक और विकराल रूप में किया गया है।

16. शुक्ल जी के अनुसार वाणी का क्या महत्व है?

  • उनके अनुसार वाणी मनुष्य के हृदय के भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति कर सकती है।

17. राम ने लक्ष्मण की शक्ति लगने पर क्या कहा था?

  • राम ने कहा, “जौ जनतेउँ बन बंधु बिछोहू, पिता वचन मनतेउँ नहिं ओहू।”

18. कविता में उपमा कैसी होनी चाहिए?

  • कविता में उपमा भावनाओं को प्रकट करने वाली और प्रभावी होनी चाहिए।

19. आचार्य शुक्ल ने आलोचना को किस प्रकार उपयोगी बताया?

  • उन्होंने आलोचना को जीवन और साहित्य के बीच संबंध स्थापित करने वाला बताया।

20. रामचंद्र शुक्ल की भाषा-शैली कैसी थी?

  • उनकी भाषा-शैली सरल, गंभीर और बोधगम्य थी।

मध्यम महत्वपूर्ण प्रश्न


1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के क्षेत्र में क्यों प्रसिद्ध हैं?

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के महान आलोचक और इतिहासकार थे। उन्होंने साहित्य को यथार्थ, समाज और समय के साथ जोड़ते हुए गहराई प्रदान की। उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य को नई दिशा और पहचान देती हैं।

2. ‘कविता की परख’ निबंध क्यों महत्वपूर्ण है?

  • ‘कविता की परख’ निबंध में कविता के उद्देश्य और गुणों की विस्तार से चर्चा की गई है। यह निबंध स्कूली छात्रों के लिए लिखा गया था, लेकिन इसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। आचार्य शुक्ल ने इसे सरल भाषा में प्रस्तुत किया।

3. रामचंद्र शुक्ल के अनुसार कविता का उद्देश्य क्या है?

  • कविता का उद्देश्य हृदय पर प्रभाव डालकर प्रेम, करुणा, आनंद और आश्चर्य जैसे भाव उत्पन्न करना है। यह मनुष्य को सृष्टि-सौंदर्य और जीवन के सुख-दुख का अनुभव कराती है। इसके माध्यम से हृदय को संवेदनशील बनाया जाता है।

4. कविता में कल्पना शक्ति का क्या महत्व है?

  • आचार्य शुक्ल के अनुसार, कल्पना कविता की आत्मा होती है। यह कवि को नए दृश्य और भावनाओं की योजना करने में सहायक होती है। बिना कल्पना के न तो कविता संभव है और न उसका आनंद।

5. कविता में उपमा का क्या महत्व है?

  • उपमा कविता में भावनाओं की गहराई और प्रभाव को बढ़ाती है। यह वर्णन को अधिक सजीव और आकर्षक बनाती है। उपमा पाठकों के मन में भावनाओं को तीव्रता से जागृत करती है।

6. आचार्य शुक्ल ने तुलसीदास की रचना से कौन-सा उदाहरण दिया है?

  • उन्होंने तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ में चित्रकूट और राम-वन-गमन प्रसंग का उदाहरण दिया। इन प्रसंगों से सौंदर्य, करुणा और भावना का उत्कृष्ट चित्रण मिलता है। यह पाठकों के मन पर गहरा प्रभाव डालता है।

7. रामचरितमानस में राम और लक्ष्मण के स्वभाव का अंतर क्या है?

  • राम का स्वभाव शांत और संयमी है, जबकि लक्ष्मण का स्वभाव उग्र और अधीर है। यह उनके क्रोध और अन्य भावनाओं की अभिव्यक्ति में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

8. ‘कविता की परख’ में उपमा की महत्ता कैसे समझाई गई है?

  • निबंध में उपमा को भावनाओं को तीव्रता और गहराई देने वाला बताया गया है। जैसे, नेत्रों की उपमा मीन या कमल से दी जाती है, जिससे उनकी कोमलता और चंचलता व्यक्त होती है।

9. रामचंद्र शुक्ल ने कल्पना को कवि के लिए क्यों आवश्यक बताया?

  • उन्होंने कहा कि कल्पना के बिना कवि कोई सुंदर या प्रभावशाली चित्रण नहीं कर सकता। कल्पना से कवि जीवन की अद्भुत और रमणीय वस्तुओं को शब्दों में पिरोता है।

10. ‘कविता की परख’ में भय का भाव कैसे वर्णित किया गया है?

  • भय का भाव विकराल और भयानक रूपों से प्रकट होता है। जैसे, रामचरितमानस में कुंभकरण का वर्णन ऐसा है, जो पाठक के मन में डर उत्पन्न करता है।

11. रामचंद्र शुक्ल ने वाणी का महत्व कैसे समझाया है?

  • वाणी के माध्यम से मनुष्य के हृदय की भावनाएँ व्यक्त होती हैं। प्रेम, शोक, क्रोध और उत्साह जैसे भाव वाणी से ही प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किए जाते हैं।

12. कविता का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

  • कविता मानव को संवेदनशील बनाती है और उसे सृष्टि-सौंदर्य का अनुभव कराती है। यह मानवीय मूल्यों, करुणा और प्रेम की भावना को जागृत करती है।

13. आचार्य शुक्ल ने साहित्य को जीवन से कैसे जोड़ा?

  • उन्होंने साहित्य को यथार्थ और सामाजिक परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया। उनके अनुसार साहित्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह जीवन को बेहतर बनाने का साधन भी है।

14. रामचंद्र शुक्ल ने आलोचना को किस प्रकार उपयोगी बताया?

  • उन्होंने कहा कि आलोचना पाठकों और साहित्य के बीच सेतु का कार्य करती है। यह साहित्य को गहराई से समझने और उसकी प्रासंगिकता को जानने में मदद करती है।

15. कविता में भावों की अभिव्यक्ति कैसे की जाती है?

  • कविता में भावों की अभिव्यक्ति पात्रों की वाणी, उपमा और वर्णन के माध्यम से की जाती है। यह पाठकों के हृदय को छूने और उनमें भावनाएँ जागृत करने का कार्य करती है।

लंबे महत्वपूर्ण प्रश्न


1. रामचंद्र शुक्ल का हिंदी साहित्य और आलोचना में क्या योगदान है?

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के महान आलोचक, निबंधकार और इतिहासकार थे। उन्होंने साहित्य को जीवन और यथार्थ के साथ जोड़ा और उसे नई गहराई प्रदान की। उनकी पुस्तक ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ हिंदी आलोचना की नींव मानी जाती है। उन्होंने भाषा और साहित्य को प्रगतिशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया।

2. ‘कविता की परख’ निबंध का उद्देश्य और महत्व क्या है?

  • ‘कविता की परख’ निबंध का उद्देश्य कविता के गुण, उद्देश्य और प्रभाव को समझाना है। इसमें आचार्य शुक्ल ने बताया कि कविता हृदय पर प्रभाव डालकर मानवीय भावनाओं को जागृत करती है। यह निबंध विशेष रूप से छात्रों के लिए लिखा गया, लेकिन इसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। यह कविता के प्रति सही दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है।

3. आचार्य शुक्ल ने कविता में कल्पना शक्ति को क्यों आवश्यक बताया?

  • आचार्य शुक्ल ने कल्पना को कविता की आत्मा बताया, जो कवि को अद्भुत और सुंदर चित्रण करने में मदद करती है। कल्पना के माध्यम से कवि पाठकों के मन में जीवंत चित्र प्रस्तुत करता है। इसके बिना न तो अच्छी कविता संभव है और न उसका आनंद लिया जा सकता है। उन्होंने इसे कविता का सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना।

4. कविता के माध्यम से मनुष्य और सृष्टि का संबंध कैसे प्रकट होता है?

  • कविता मनुष्य को सृष्टि-सौंदर्य का अनुभव कराती है और उसके रागात्मक संबंध को जीवित रखती है। यह जीवन के सुख-दुख, आनंद और क्लेश का यथार्थ अनुभव कराती है। इसके माध्यम से हृदय की कठोरता दूर होती है और मानवीय भावनाएँ जागृत होती हैं। कविता मनुष्य को सुंदरता से प्रेम करना और कुरूपता से दूर रहना सिखाती है।

5. कविता में उपमा का क्या महत्व है, और इसे कैसे चुना जाना चाहिए?

  • कविता में उपमा का उपयोग भावनाओं को गहराई और तीव्रता प्रदान करने के लिए किया जाता है। अच्छी उपमा वही होती है जो वर्णित वस्तु की भावना को और अधिक प्रभावी बनाती है। उदाहरण के लिए, आँखों की उपमा मीन या खंजन से देकर कोमलता और चंचलता व्यक्त की जाती है। शुक्ल जी ने उपमा को प्रभाव की समानता पर आधारित बताया है।

6. आचार्य शुक्ल ने तुलसीदास की रामचरितमानस में किस प्रसंग को महत्वपूर्ण बताया?

  • आचार्य शुक्ल ने रामचरितमानस में राम के वन-गमन और अयोध्या की स्थिति का उल्लेख किया। इस प्रसंग में करुणा और दुख का ऐसा वर्णन है कि पाठक का हृदय द्रवित हो जाता है। तुलसीदास ने राम और अन्य पात्रों के भावनात्मक संघर्ष को बड़ी कुशलता से व्यक्त किया है। यह प्रसंग हिंदी साहित्य में करुण रस का उत्कृष्ट उदाहरण है।

7. राम और लक्ष्मण के स्वभाव को आचार्य शुक्ल ने कैसे व्यक्त किया?

  • आचार्य शुक्ल ने राम को गंभीर और संयमी बताया, जबकि लक्ष्मण को उग्र और अधीर। राम अपने क्रोध को नियंत्रित रखते हैं और गंभीरता से प्रकट करते हैं। वहीं लक्ष्मण अपने क्रोध और उत्साह को तीव्रता से व्यक्त करते हैं। यह अंतर दोनों पात्रों के भावनात्मक गहराई को उजागर करता है।

8. कविता का समाज और व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

  • कविता समाज और व्यक्ति में सृष्टि-सौंदर्य की भावना जागृत करती है। यह मानवीय मूल्यों, करुणा और प्रेम को बढ़ावा देती है। कविता व्यक्तियों को संवेदनशील बनाकर जीवन के यथार्थ का अनुभव कराती है। यह समाज में सौंदर्य और नैतिकता का प्रसार करने का साधन है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sarkari Exam Preparation Youtube
Subscribe
Privacy Policies, Terms and Conditions, Contact Us
eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.