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समाजशास्त्र Class 11 Bihar Board | Menu
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समाजशास्त्र Important Questions Chapter 2 Class 11 Samajshastra Bihar Board बिहार बोर्ड

Important Questions For All Chapters – समाजशास्त्र Class 11

समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्दावली, संकल्पनाएँ एवं उनका उपयोग


Short Questions with Answers


1. समाजशास्त्र का मुख्य कार्य क्या है?

उत्तर : समाजशास्त्र समाज और व्यक्ति की परस्पर क्रियाओं को समझने का प्रयास करता है।

2. व्यक्ति समाज में किसके हिस्से के रूप में रहता है?

उत्तर : व्यक्ति परिवार, जाति, वर्ग, कुल, और राष्ट्र जैसे सामूहिक निकायों का हिस्सा होता है।

3. समाजशास्त्र के लिए विशिष्ट शब्दावली की आवश्यकता क्यों होती है?

उत्तर : समाजशास्त्र जानी-पहचानी सामाजिक संस्थाओं को गहराई से समझने के लिए विशिष्ट शब्दावली का उपयोग करता है।

4. प्रारंभिक समाजों और आधुनिक समाजों में क्या अंतर होता है?

उत्तर : प्रारंभिक समाजों में व्यक्तिगत अंतःक्रिया होती थी, जबकि आधुनिक समाजों में औपचारिक अंतःक्रिया होती है।

5. द्वितीयक समूह किस प्रकार के होते हैं?

उत्तर : द्वितीयक समूह बड़े और औपचारिक संबंधों पर आधारित होते हैं।

6. समूह बनने के लिए आवश्यक प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर : समूह में दीर्घकालीन अंतःक्रिया, साझा रुचि और सामान्य मूल्य होने चाहिए।

7. सामाजिक स्तरीकरण का अर्थ क्या है?

उत्तर : सामाजिक स्तरीकरण समाज में समूहों के बीच संरचनात्मक असमानताओं को दर्शाता है।

8. जाति आधारित समाज में व्यक्ति की स्थिति किस पर निर्भर करती है?

उत्तर : व्यक्ति की स्थिति जन्म द्वारा तय होती है।

9. वर्ग समाज में सामाजिक स्थिति किस पर आधारित होती है?

उत्तर : वर्ग समाज में सामाजिक स्थिति उपलब्धि पर आधारित होती है।

10. प्रस्थिति और भूमिका में क्या अंतर है?

उत्तर : प्रस्थिति सामाजिक स्थिति है, जबकि भूमिका इसका क्रियात्मक पक्ष है।

11. अर्जित प्रस्थिति क्या होती है?

उत्तर : अर्जित प्रस्थिति व्यक्ति की योग्यता, क्षमता और उपलब्धियों पर आधारित होती है।

12. सामाजिक नियंत्रण का उद्देश्य क्या है?

उत्तर : सामाजिक नियंत्रण समाज में व्यवस्था बनाए रखने और विचलित व्यवहार को रोकने के लिए होता है।

13. प्रकार्यवाद क्या है?

उत्तर : प्रकार्यवाद सामाजिक घटनाओं को उनके कार्यों के आधार पर समझाने का दृष्टिकोण है।

14. सामाजिक नियंत्रण अनौपचारिक कैसे हो सकता है?

उत्तर : अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण में उपहास, आलोचना, और सामाजिक दबाव शामिल होते हैं।

15. समवयस्क समूह क्या है?

उत्तर : समवयस्क समूह समान आयु के व्यक्तियों का एक प्राथमिक समूह है।

16. प्राथमिक समूह की एक विशेषता क्या है?

उत्तर : प्राथमिक समूहों में आमने-सामने का संबंध और गहरी घनिष्ठता होती है।

17. संदर्भ समूह का उद्देश्य क्या है?

उत्तर : संदर्भ समूह व्यक्ति को प्रेरित करता है और उसकी महत्त्वाकांक्षाओं का स्रोत होता है।

18. भूमिका संघर्ष कब उत्पन्न होता है?

उत्तर : जब किसी व्यक्ति को अलग-अलग भूमिकाओं से विरोधी अपेक्षाएँ होती हैं।

19. आधुनिक समाज में व्यक्तियों की स्थिति कैसी होती है?

उत्तर : आधुनिक समाज में व्यक्तियों की स्थिति जटिल और विविध होती है।

20. सामाजिक नियंत्रण का सबसे प्राचीन साधन क्या है?

उत्तर : सामाजिक नियंत्रण का सबसे प्राचीन साधन शारीरिक बल है।


Medium Questions with Answers


1. समाजशास्त्र में ‘प्रस्थिति’ और ‘भूमिका’ का क्या महत्व है?

उत्तर : ‘प्रस्थिति’ व्यक्ति की समाज में स्थान को दर्शाती है, जबकि ‘भूमिका’ उस स्थान से जुड़े व्यवहार को। प्रस्थिति अर्जित या प्रदत्त हो सकती है और भूमिकाएँ इससे संबंधित अपेक्षाएँ होती हैं। इनसे समाज में व्यक्ति की जिम्मेदारियों और अधिकारों का निर्धारण होता है।

2. सामाजिक समूहों के प्रकार क्या हैं?

उत्तर : सामाजिक समूह मुख्यतः प्राथमिक और द्वितीयक होते हैं। प्राथमिक समूह छोटे होते हैं, जैसे परिवार और दोस्त, जिनमें गहरा संबंध होता है। द्वितीयक समूह बड़े और औपचारिक होते हैं, जैसे स्कूल और कार्यस्थल।

3. सामाजिक नियंत्रण क्या है और यह क्यों आवश्यक है?

उत्तर : सामाजिक नियंत्रण समाज के सदस्यों को नियमों के अनुसार व्यवस्थित रखने का तरीका है। यह औपचारिक (कानून) या अनौपचारिक (परिवार व समाज के दबाव) हो सकता है। इससे सामाजिक व्यवस्था और शांति बनाए रखने में मदद मिलती है।

4. ‘स्तरीकरण’ का समाज में क्या महत्व है?

उत्तर : स्तरीकरण समाज में विभिन्न समूहों के बीच असमानताओं को दर्शाता है। यह भौतिक संसाधनों, सामाजिक प्रतिष्ठा और शक्ति तक पहुंच को प्रभावित करता है। इससे व्यक्तियों के अवसर और जीवन शैली पर असर पड़ता है।

5. मार्क्स और दुर्खाइम के समाजशास्त्र में क्या अंतर है?

उत्तर : मार्क्स ने समाज को वर्ग संघर्ष और असमानता के आधार पर देखा, जबकि दुर्खाइम ने सामूहिक चेतना और सामाजिक एकता पर जोर दिया। दोनों के दृष्टिकोण समाज की संरचना और कार्यप्रणाली को अलग-अलग तरीकों से समझाते हैं।

6. समाजशास्त्र में संदर्भ समूह का क्या महत्व है?

उत्तर : संदर्भ समूह वे होते हैं जिनकी जीवनशैली और आदर्शों का अनुसरण किया जाता है। लोग इनसे प्रेरणा लेते हैं, भले ही वे इनका हिस्सा न हों। यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।

7. जाति और वर्ग में क्या अंतर है?

उत्तर : जाति जन्म आधारित और स्थिर होती है, जबकि वर्ग अधिकतर अर्जित और गतिशील होता है। जाति में सामाजिक स्थिति जन्म से तय होती है, जबकि वर्ग आर्थिक स्थिति और उपलब्धियों पर आधारित होता है।

8. समाजशास्त्र में अर्ध समूह किसे कहते हैं?

उत्तर : अर्ध समूह ऐसे लोगों का संयोजन है जिनमें संरचना या संगठन की कमी होती है। उदाहरणस्वरूप, सिनेमा दर्शक या बस स्टॉप पर इंतजार करते यात्री। ये समय और परिस्थिति के आधार पर सामाजिक समूह बन सकते हैं।

9. आधुनिक समाज में सामाजिक गतिशीलता का क्या महत्व है?

उत्तर : सामाजिक गतिशीलता से व्यक्ति अपनी स्थिति को बदल सकता है। यह उपलब्धियों और योग्यताओं पर आधारित होती है। यह लोकतांत्रिक समाजों में व्यक्तिगत विकास और अवसरों की समानता का प्रतीक है।

10. प्राथमिक और द्वितीयक समूहों में मुख्य अंतर क्या है?

उत्तर : प्राथमिक समूह व्यक्तिगत और घनिष्ठ संबंधों पर आधारित होते हैं, जैसे परिवार। द्वितीयक समूह बड़े और औपचारिक होते हैं, जैसे स्कूल। प्राथमिक समूह भावनात्मक संतोष देते हैं, जबकि द्वितीयक लक्ष्य प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

11. समाज में भूमिकाओं का स्थिरीकरण क्यों होता है?

उत्तर : भूमिकाओं का स्थिरीकरण समाज में क्रमबद्धता और स्थिरता लाने के लिए होता है। इससे लोग सामाजिक अपेक्षाओं को समझते और उनका पालन करते हैं। यह समाज में जिम्मेदारियों और कार्य विभाजन को सुनिश्चित करता है।

12. अर्जित और प्रदत्त प्रस्थिति में क्या अंतर है?

उत्तर : अर्जित प्रस्थिति व्यक्ति की योग्यता और प्रयासों से मिलती है, जैसे डॉक्टर या वैज्ञानिक। प्रदत्त प्रस्थिति जन्म से निर्धारित होती है, जैसे जाति, लिंग या उम्र। आधुनिक समाज अर्जित प्रस्थिति को अधिक महत्व देता है।

13. सामाजिक समूह कैसे बदलते और विकसित होते हैं?

उत्तर : सामाजिक समूह समय और परिस्थितियों के अनुसार विकसित होते हैं। जैसे, आंदोलन, सामाजिक संघर्ष और राजनीतिक बदलाव नए समूहों को जन्म देते हैं। ये समूह सामूहिक पहचान और साझा हितों के आधार पर गठित होते हैं।

14. स्तरीकरण का प्रभाव व्यक्तिगत जीवन पर कैसे पड़ता है?

उत्तर : स्तरीकरण व्यक्ति की शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और अवसरों को प्रभावित करता है। उच्च वर्ग के पास अधिक सुविधाएँ होती हैं, जबकि निम्न वर्ग सीमित संसाधनों से जूझता है। यह सामाजिक असमानता को दर्शाता है।

15. समुदाय और समाज में क्या अंतर है?

उत्तर : समुदाय घनिष्ठ और व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित होता है, जैसे ग्रामीण क्षेत्र। समाज औपचारिक और व्यावसायिक संबंधों पर केंद्रित होता है, जैसे शहरी क्षेत्र। दोनों के सामाजिक मूल्यों और संरचनाओं में अंतर होता है।


Long Questions with Answers


1. समाजशास्त्र में ‘सामाजिक नियंत्रण’ के औपचारिक और अनौपचारिक साधनों का क्या महत्व है?

उत्तर : औपचारिक सामाजिक नियंत्रण कानून, न्याय व्यवस्था, और पुलिस जैसे संगठनों के माध्यम से कार्य करता है। यह नियमों और नीतियों के पालन को सुनिश्चित करता है। अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण परिवार, धर्म, और समुदाय के सामाजिक दबावों पर निर्भर करता है। यह व्यवहार को स्वाभाविक और व्यक्तिगत तरीकों से नियंत्रित करता है। दोनों साधन समाज में स्थिरता और अनुशासन बनाए रखने में सहायक होते हैं।

2. समाज में ‘सामाजिक स्तरीकरण’ किस प्रकार व्यक्तियों और समूहों को प्रभावित करता है?

उत्तर : सामाजिक स्तरीकरण समूहों के बीच भौतिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक असमानता को परिभाषित करता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और अवसरों तक पहुंच को प्रभावित करता है। उच्च वर्ग को अधिक संसाधन और अवसर मिलते हैं, जबकि निम्न वर्ग संघर्ष करता है। इससे सामाजिक गतिशीलता सीमित हो सकती है और वर्ग भेद बढ़ सकता है। इस प्रक्रिया से समाज के संरचनात्मक असमानताओं को समझा जा सकता है।

3. प्राथमिक और द्वितीयक समूहों का समाज में क्या महत्व है?

उत्तर : प्राथमिक समूह जैसे परिवार और मित्रता समूह व्यक्ति को भावनात्मक सहारा और पहचान प्रदान करते हैं। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व और मूल्यों के विकास में सहायक होते हैं। द्वितीयक समूह, जैसे स्कूल और कार्यस्थल, सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। ये समूह औपचारिक और उद्देश्य-आधारित होते हैं। दोनों प्रकार के समूह समाज में सामूहिकता और व्यक्तिगत संतुलन बनाए रखते हैं।

4. जाति और वर्ग आधारित स्तरीकरण समाज में कैसे काम करता है?

उत्तर : जाति आधारित स्तरीकरण जन्म से निर्धारित होता है और सामाजिक स्थिति में सीमाएं लगाता है। इसमें जाति के आधार पर शुद्धता, पेशे, और सामाजिक संपर्क पर जोर दिया जाता है। वर्ग आधारित स्तरीकरण आर्थिक स्थिति और अर्जित उपलब्धियों पर आधारित होता है। यह व्यक्तिगत प्रयास और योग्यता के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता की अनुमति देता है। दोनों ही असमानता के कारण बनते हैं, लेकिन उनके स्वरूप और प्रभाव अलग-अलग हैं।

5. समाजशास्त्र में संदर्भ समूह की भूमिका क्या होती है?

उत्तर : संदर्भ समूह वे होते हैं जिनकी जीवनशैली और आदर्शों का अनुसरण किया जाता है। यह व्यक्ति को प्रेरित करता है और उसकी आकांक्षाओं को आकार देता है। उदाहरणस्वरूप, औपनिवेशिक भारत में भारतीय मध्य वर्ग ने अंग्रेजों को अपने संदर्भ समूह के रूप में देखा। यह प्रक्रिया सामाजिक मानकों और सांस्कृतिक आदर्शों को प्रभावित करती है। संदर्भ समूह व्यक्ति और समाज के बीच संपर्क स्थापित करने का माध्यम बनते हैं।

6. प्रस्थिति और भूमिका का समाजशास्त्रीय महत्व क्या है?

उत्तर : प्रस्थिति एक व्यक्ति की समाज में सामाजिक स्थिति को दर्शाती है, जबकि भूमिका उसके व्यवहार से जुड़ी होती है। एक व्यक्ति कई प्रस्थितियों और भूमिकाओं का निर्वहन करता है, जैसे छात्र, माता-पिता, या कर्मचारी। प्रदत्त प्रस्थिति जन्म के आधार पर होती है, जबकि अर्जित प्रस्थिति योग्यता और प्रयास से प्राप्त होती है। भूमिकाएँ सामाजिक अपेक्षाओं को पूरा करने में सहायक होती हैं। ये समाज में संबंधों और जिम्मेदारियों को व्यवस्थित करती हैं।

7. आधुनिक समाज में ‘समाज’ और ‘समुदाय’ में क्या अंतर है?

उत्तर : ‘समुदाय’ में व्यक्तिगत, घनिष्ठ और स्थायी संबंध होते हैं, जैसे ग्रामीण क्षेत्र। इसमें लोग एक-दूसरे को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और सामूहिकता का अनुभव करते हैं। ‘समाज’ औपचारिक और व्यावसायिक संबंधों पर आधारित होता है, जैसे शहरी जीवन। इसमें व्यक्ति अक्सर अनाम होता है और व्यक्तिगत संपर्क कम होता है। दोनों के मूल्य और संरचनाएँ उनकी सामाजिक स्थितियों और आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर करती हैं।

8. सामाजिक नियंत्रण के संघर्षवादी और प्रकार्यवादी दृष्टिकोण में क्या अंतर है?

उत्तर : प्रकार्यवादी दृष्टिकोण में सामाजिक नियंत्रण को व्यवस्था और सामंजस्य बनाए रखने का साधन माना जाता है। यह मूल्यों और नियमों के पालन से समाज की स्थिरता सुनिश्चित करता है। संघर्षवादी दृष्टिकोण इसे समाज के प्रभावशाली वर्ग द्वारा वर्चस्व बनाए रखने का साधन मानता है। इसमें कानून और नियमों को कमजोर वर्गों के दमन के रूप में देखा जाता है। दोनों दृष्टिकोण समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं।

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