The Planners
Summary in Marathi
“द प्लॅनर्स” ही बोए किम चेंग यांची कविता आहे, जी आधुनिक शहरीकरण आणि त्याच्या परिणामांवर भाष्य करते. ही कविता सिंगापूरच्या जलद विकासावर केंद्रित आहे, जिथे नियोजक (प्लॅनर्स) गणितीय अचूकतेने शहराची रचना करतात. ते रस्ते, इमारती आणि पूल यांची परिपूर्ण रचना करतात, ज्यामुळे सर्व काही व्यवस्थित आणि आकर्षक दिसते. पण या प्रक्रियेत, कवि सांगतात की, जुने शहर, त्याची संस्कृती आणि मानवी भावना नष्ट होतात. कविता “अॅनेस्थेशिया, अॅम्नेशिया, हिप्नोसिस” यासारख्या शब्दांचा वापर करून दाखवते की, नियोजक लोकांना नवीन शहराच्या चकचकीत चित्रांनी भुरळ घालतात, ज्यामुळे लोकांना त्यांच्या भूतकाळाशी असलेला दुवा आणि जुन्या आठवणी विसरतात. कवि यामुळे दुखी आहे आणि त्यांचे हृदय या आधुनिकतेमुळे सुन्न झाल्याचे सांगतात. ही कविता मुक्तछंद शैलीत आहे, जी कवीच्या भावनांना मुक्तपणे व्यक्त करते. शेवटी, कविता आपल्याला विचार करायला भाग पाडते की, आधुनिक विकास कितीही सुंदर असला, तरी तो आपल्या भूतकाळाशी आणि भावनांशी असलेली नाती तोडतो.
Summary in English
“The Planners” is a poem by modernization. Kim Cheng that reflects on the rapid urbanization and its impact on society, particularly in the context of modern Singapore. The poem describes how planners meticulously design the city with mathematical precision, creating perfectly aligned buildings, roads, and bridges that fit into a grid of endless possibilities. However, this relentless planning erases the old city, its history, and the human emotions tied to it. The poet uses terms like “anaesthesia,” “amnesia,” and “hypnosis” to show how planners use the allure of a modern, shiny city to make people forget their past and disconnect from their memories. The poet feels a sense of loss and numbness, as his heart cannot find poetry in this cold, calculated world. Written in free verse, the poem allows the poet to freely express his nostalgic and critical feelings about modernization. It makes readers think about the cost of progress, where beauty and perfection come at the expense of human connections and history.
Summary in Hindi
“द प्लैनर्स” बोए किम चेंग की एक कविता है, जो आधुनिक शहरीकरण और इसके प्रभावों पर प्रकाश डालती है। यह कविता सिंगापुर के तेजी से हो रहे विकास पर केंद्रित है, जहां नियोजक (प्लैनर्स) गणितीय सटीकता के साथ शहर की रचना करते हैं। वे सड़कों, इमारतों और पुलों को पूरी तरह से व्यवस्थित और आकर्षक बनाते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में, पुराना शहर, उसका इतिहास और उससे जुड़ी मानवीय भावनाएं नष्ट हो जाती हैं। कवि “एनेस्थीसिया, एम्नेशिया, हिप्नोसिस” जैसे शब्दों का उपयोग करके दिखाते हैं कि नियोजक लोगो को नए, चमकदार शहर की तस्वीरों से आकर्षित करते हैं, जिससे लोग अपने अतीत और पुरानी यादों को भूल जाते हैं। कवि इस बदलाव से दुखी हैं और कहते हैं कि उनका दिल इस आधुनिकता में सुन्न हो गया है। यह कविता मुक्तछंद शैली में लिखी गई है, जो कवि की भावनाओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करती है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आधुनिक विकास कितना भी सुंदर हो, यह हमारे अतीत और भावनात्मक जुड़ाव को नष्ट कर देता है।
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