eVidyarthi
Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • Sarkari Exam Preparation
    • Close
    • Notes For Competitive Exams
    • MCQs for Competitive Exams
    • All Govt Exams Preparation
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
हिन्‍दी Bihar Board Class 12 | Menu
  • MCQ’s Hindi Class 12 Bihar Board
  • Book Hindi Class 12 Bihar Board
  • Solutions Hindi Class 12 Bihar Board
  • Notes Hindi Class 12 Bihar Board
  • Important Questions Hindi Class 12 Bihar Board
  • Sample/ Model Paper Hindi Class 12 Bihar Board
  • Question Papers Hindi Class 12 Bihar Board
  • Hindi Class 12

हिंदी Important Questions Chapter 4 अर्द्धनारीश्वर Class 12 Hindi Bihar Board बिहार बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 12

Short Questions (with Answers)


1. रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर : रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को सिमरिया, बेगूसराय, बिहार में हुआ था।

2. दिनकर जी की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई?

उत्तर : उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव और आसपास के स्कूलों में हुई।

3. उनकी पहली कविता पुस्तक का नाम क्या था और कब प्रकाशित हुई?

उत्तर : पहली कविता पुस्तक “प्रणभंग” 1929 में प्रकाशित हुई।

4. दिनकर को ‘राष्ट्रकवि’ क्यों कहा जाता है?

उत्तर : उनकी कविताएँ ओज, पौरुष, और राष्ट्रीय भावना से भरपूर हैं।

5. ‘अर्धनारीश्वर’ किसका प्रतीक है?

उत्तर : यह शिव और शक्ति के समन्वय का प्रतीक है।

6. दिनकर जी को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?

उत्तर : साहित्य अकादमी, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार और पद्मभूषण।

7. अर्धनारीश्वर में कौन-कौन से गुण होते हैं?

उत्तर : इसमें नर और नारी के गुणों का समन्वय होता है।

8. दिनकर जी ने अपनी पहली कविता कब और कहाँ प्रकाशित की?

उत्तर : 1925 में “छात्र सहोदर” पत्रिका में प्रकाशित हुई।

9. दिनकर जी का निधन कब हुआ?

उत्तर : उनका निधन 24 अप्रैल 1974 को हुआ।

10. “अर्धनारीश्वर” किस परंपरा को दर्शाता है?

उत्तर : यह भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है।

11. अर्धनारीश्वर में नारीत्व के कौन से गुण दिखाए गए हैं?

उत्तर : सहिष्णुता, करुणा और सौंदर्य।

12. दिनकर जी का साहित्य किस शैली में लिखा गया है?

उत्तर : उनका साहित्य ओजस्वी और प्रभावपूर्ण शैली में है।

13. कविता और गद्य में दिनकर जी की क्या विशेषता है?

उत्तर : दोनों में ओज और प्रभावपूर्ण वाणी की समानता है।

14. शिव और शक्ति का क्या महत्व है?

उत्तर : शिव और शक्ति का समन्वय सृष्टि और संतुलन का आधार है।

15. “संस्कृति के चार अध्याय” किस प्रकार की पुस्तक है?

उत्तर : यह संस्कृति और इतिहास पर आधारित है।

16. प्रणभंग का अर्थ क्या है?

उत्तर : प्रणभंग का अर्थ प्रतिज्ञा का टूटना है।

17. “नर और नारी” का क्या संबंध है?

उत्तर : दोनों एक ही द्रव्य की दो प्रतिमाएँ हैं।

18. दिनकर जी को कवि के साथ और क्या माना जाता है?

उत्तर : उन्हें समर्थ गद्यकार भी माना जाता है।

19. महाभारत में कुंती और गांधारी की भूमिका क्या हो सकती थी?

उत्तर : वे संधि कराके युद्ध रोक सकती थीं।

20. दिनकर जी की लेखन शैली कैसी है?

उत्तर : उनकी शैली प्रवाहमयी और सरल है।


Medium Questions (with Answers)


1. रामधारी सिंह दिनकर को ‘अर्धनारीश्वर’ की कल्पना क्यों प्रिय थी?

उत्तर : “अर्धनारीश्वर” में नर और नारी के गुणों का समन्वय दिखाया गया है। दिनकर इसे मानव जीवन का आदर्श मानते थे, क्योंकि इसमें समानता, संतुलन और परस्पर सम्मान के गुण निहित हैं। यह उनका प्रिय प्रतीक था जो उनके गद्य और काव्य में स्पष्ट रूप से झलकता है।

2. दिनकर जी की कविता और गद्य में कौन-कौन से प्रमुख गुण हैं?

उत्तर : दिनकर जी की कविताओं और गद्य में ओज, पौरुष, प्रभावशीलता और रूपकधर्मिता के गुण मिलते हैं। उनकी भाषा सरल, प्रभावशाली और प्रवाहपूर्ण है। उनकी रचनाएँ सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने का प्रयास करती हैं।

3. अर्धनारीश्वर के माध्यम से दिनकर जी क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर : अर्धनारीश्वर का विचार यह बताता है कि नर और नारी समान हैं और दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। दिनकर जी ने इस प्रतीक के माध्यम से सामाजिक समानता और संतुलित जीवन का संदेश दिया।

4. दिनकर जी की प्रमुख गद्य रचनाओं का महत्व क्या है?

उत्तर : उनकी गद्य रचनाएँ जैसे “अर्धनारीश्वर” और “संस्कृति के चार अध्याय” भारतीय संस्कृति और मानवतावाद पर आधारित हैं। इन रचनाओं में उन्होंने सामाजिक मुद्दों, दर्शन और परंपराओं को नया दृष्टिकोण दिया।

5. ‘अर्धनारीश्वर’ निबंध का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर : यह निबंध पुरुष और स्त्री के बीच समानता और संतुलन पर आधारित है। इसमें सामाजिक असमानताओं की आलोचना करते हुए एक नए आदर्श समाज की कल्पना की गई है, जहाँ दोनों के गुणों का समन्वय हो।

6. दिनकर ने नारी को कमजोर मानने की धारणा पर क्या टिप्पणी की है?

उत्तर : दिनकर जी ने नारी की कमजोरी को सामाजिक परंपराओं का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि नारी को भी पुरुष के समान स्वतंत्रता और अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह अपने भीतर छिपी शक्ति को पहचान सके।

7. दिनकर जी ने ‘निवृत्ति मार्ग’ और ‘प्रवृत्ति मार्ग’ की चर्चा क्यों की?

उत्तर : उन्होंने निवृत्ति मार्ग को संन्यास और प्रवृत्ति मार्ग को गृहस्थ जीवन से जोड़ा। उनका मानना था कि इन मार्गों की अवधारणाओं ने समाज में पुरुष और नारी के कर्तव्यों को अलग कर दिया।

8. दिनकर ने आधुनिकता को कैसे परिभाषित किया है?

उत्तर : उन्होंने आधुनिकता को अंधविश्वास से बाहर निकलने और समानता की दिशा में बढ़ने की प्रक्रिया बताया। उनके अनुसार, आधुनिकता मनुष्य को उसके कर्मों से आंकने की दृष्टि प्रदान करती है।

9. अर्धनारीश्वर का प्रतीक कैसे पुरुष और स्त्री के संबंधों को दर्शाता है?

उत्तर : यह प्रतीक पुरुष और स्त्री के समन्वय और समानता का द्योतक है। इसमें शक्ति और संवेदना का ऐसा सामंजस्य दिखता है, जो मानव समाज के लिए आदर्श है।

10. दिनकर ने नारी की पराधीनता का कारण क्या बताया है?

उत्तर : उन्होंने नारी की पराधीनता का कारण कृषि के आविष्कार और सामाजिक बंटवारे को बताया। उनके अनुसार, यह पराधीनता नारी को घर तक सीमित करके उसे उसके अधिकारों से वंचित करती है।

11. दिनकर जी को किन कवियों और लेखकों से असहमति थी और क्यों?

उत्तर : उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर और प्रसाद जैसे कवियों से असहमति थी, क्योंकि वे नारी को केवल कोमलता और आकर्षण तक सीमित रखते थे। दिनकर नारी को स्वतंत्र और कर्मक्षेत्र में समान अधिकार का समर्थक मानते थे।

12. ‘अर्धनारीश्वर’ में नारीत्व और पौरुष के संतुलन का क्या महत्व है?

उत्तर : दिनकर मानते थे कि नारी में पौरुष और पुरुष में नारीत्व का संतुलन होना चाहिए। इससे समाज में कोमलता और साहस का समन्वय स्थापित हो सकता है।

13. दिनकर जी ने पुरुषों और स्त्रियों में गुणों के बंटवारे की बात क्यों की?

उत्तर : उन्होंने इस बात की आलोचना की कि समाज ने पुरुषों और स्त्रियों के गुणों को अलग-अलग बांट दिया। उनका मानना था कि यह विभाजन दोनों के विकास में बाधा डालता है।

14. ‘अर्धनारीश्वर’ में लेखक ने महाभारत का उदाहरण क्यों दिया?

उत्तर : दिनकर जी ने महाभारत का उदाहरण देकर यह बताया कि यदि कुंती और गांधारी जैसी स्त्रियाँ वार्तालाप में सक्रिय होतीं, तो युद्ध टल सकता था। यह स्त्रियों की सामाजिक भागीदारी की आवश्यकता को दर्शाता है।

15. दिनकर के साहित्य में भारतीय और पाश्चात्य विचारों का क्या प्रभाव है?

उत्तर : उनके साहित्य में भारतीय सांस्कृतिक परंपरा और पाश्चात्य आधुनिकता का संतुलित समावेश है। यह उन्हें एक वैश्विक दृष्टिकोण और गहन सामाजिक चेतना प्रदान करता है।


Long Questions (with Answers)


1. रामधारी सिंह दिनकर को ‘राष्ट्रकवि’ क्यों कहा जाता है?

उत्तर : दिनकर को ‘राष्ट्रकवि’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनकी कविताएँ राष्ट्रीयता और ओज से भरपूर थीं। उनकी रचनाओं में स्वतंत्रता संग्राम, समाज सुधार और भारतीय संस्कृति की गहराई झलकती है। उनकी भाषा में प्रवाह, पौरुष और प्रेरणा के गुण थे। “हुंकार” और “रश्मिरथी” जैसी कविताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को प्रेरित किया। उनके साहित्य ने भारतीय चेतना को जागृत करने का कार्य किया।

2. ‘अर्धनारीश्वर’ निबंध का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर : ‘अर्धनारीश्वर’ निबंध नर और नारी के समानता और संतुलन का प्रतीक है। दिनकर जी ने इस निबंध में सामाजिक असमानताओं की आलोचना की और एक नए समाज की कल्पना की है। उनका मानना है कि नारी और पुरुष दोनों को एक-दूसरे के गुण अपनाने चाहिए। यह निबंध समाज में संतुलन और समरसता का संदेश देता है। इसमें उन्होंने पौरुष और नारीत्व को समान महत्व देने की बात कही है।

3. दिनकर ने नारी की पराधीनता के लिए कौन से ऐतिहासिक कारण बताए हैं?

उत्तर : दिनकर ने नारी की पराधीनता को कृषि के आविष्कार से जोड़ा है। कृषि के चलते पुरुष बाहर और नारी घर तक सीमित हो गई। इससे नारी की स्वतंत्रता और समानता समाप्त हो गई। इसके बाद सामाजिक संरचना ने पुरुष को सत्ता का केंद्र बना दिया। दिनकर ने इसे नारी की प्राचीन स्थिति से एक बड़ा परिवर्तन माना।

4. दिनकर जी ने प्रवृत्तिमार्ग और निवृत्तिमार्ग की चर्चा क्यों की है?

उत्तर : प्रवृत्तिमार्ग गृहस्थ जीवन को स्वीकार करता है, जबकि निवृत्तिमार्ग संसार से अलग होने की बात करता है। दिनकर ने दिखाया कि प्रवृत्तिमार्ग ने नारी को पुरुष के लिए आवश्यक बना दिया। निवृत्तिमार्ग में नारी को त्याज्य मानकर समाज में उसकी उपेक्षा हुई। इस संदर्भ में उन्होंने नारी की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता पर बल दिया। यह चर्चा समाज की मान्यताओं पर सवाल उठाती है।

5. अर्धनारीश्वर की कल्पना का सांस्कृतिक महत्व क्या है?

उत्तर : अर्धनारीश्वर का सांस्कृतिक महत्व शिव और शक्ति के समन्वय में है। यह प्रतीक यह बताता है कि नर और नारी एक-दूसरे के पूरक हैं। इसका संदेश आधुनिक समाज में भी प्रासंगिक है, जहाँ समानता और संतुलन आवश्यक हैं। दिनकर ने इसे मानव जीवन का आदर्श बताया है। यह हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक सोच का संगम है।

6. दिनकर जी ने पुरुषों और स्त्रियों के गुणों के विभाजन की आलोचना क्यों की?

उत्तर : दिनकर ने इस विभाजन को सामाजिक प्रगति में बाधा माना। उनके अनुसार, पुरुष और स्त्रियाँ एक-दूसरे के गुण अपनाकर ही पूर्ण हो सकते हैं। गुणों का बँटवारा दोनों की स्वतंत्रता और विकास में रुकावट डालता है। यह न केवल नारी को कमजोर करता है बल्कि समाज में असंतुलन भी पैदा करता है। इसलिए, उन्होंने इस धारणा का विरोध किया।

7. दिनकर के गद्य और काव्य में समानताएँ क्या हैं?

उत्तर : दिनकर के गद्य और काव्य दोनों में ओज, प्रभावशीलता और संवेदनशीलता है। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीय भावना और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित होती हैं। भाषा की प्रवाहपूर्ण शैली और गहन विचार उनकी दोनों विधाओं की विशेषता है। उनके गद्य में विषयों की विविधता और कविता में भावनाओं की गहराई स्पष्ट दिखती है। उनकी लेखनी ने साहित्य में नई ऊँचाई स्थापित की।

8. दिनकर के अनुसार नारी की स्वतंत्रता क्यों आवश्यक है?

उत्तर : दिनकर के अनुसार, नारी की स्वतंत्रता समाज में संतुलन और विकास के लिए आवश्यक है। नारी केवल पुरुष को प्रेरणा देने के लिए नहीं बनी, बल्कि वह खुद एक स्वतंत्र इकाई है। उसे घर और बाहर दोनों क्षेत्रों में बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए। नारी की स्वतंत्रता से समाज में कोमलता और सहिष्णुता का समावेश होगा। यह सामाजिक असमानताओं को भी समाप्त करेगा।

9. महाभारत के संदर्भ में दिनकर का स्त्री-पुरुष संबंधों पर दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर : दिनकर ने महाभारत में कुंती और गांधारी जैसे पात्रों की निष्क्रियता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएँ निर्णायक भूमिका निभातीं, तो महाभारत जैसी त्रासदी टल सकती थी। उनका मानना था कि पुरुषों और स्त्रियों का सामूहिक योगदान समाज को संतुलित बनाता है। स्त्रियों को केवल शोभा का प्रतीक बनकर नहीं रहना चाहिए। यह दृष्टिकोण स्त्री-पुरुष समानता की वकालत करता है।

10. दिनकर के साहित्य में भारतीय और पाश्चात्य विचारों का समन्वय कैसे दिखाई देता है?

उत्तर : दिनकर ने भारतीय परंपराओं और पाश्चात्य आधुनिकता को अपने साहित्य में संतुलित किया। उन्होंने भारतीय महाकाव्यों, संस्कृति और इतिहास का अध्ययन किया और आधुनिकता के साथ जोड़ा। उनके साहित्य में सामाजिक समानता, मानवता और स्वतंत्रता की भावना पाई जाती है। पाश्चात्य विचारों ने उनकी रचनाओं में तर्क और प्रगतिशीलता का समावेश किया। यह उनके साहित्य को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ads

Bihar Board सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF

NCERT Question Answer in Hindi Medium

Bihar Board Question Answer in Hindi Medium

Download एनसीईआरटी सलूशन, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र इन पीडीएफ

क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स इन हिंदी

Download एनसीईआरटी सलूशन, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र इन पीडीएफ

CBSE, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley

Privacy Policies, Terms and Conditions, Contact Us
eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.