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Sociology Class 12 Notes Chapter 7 Bhartiya Samaj Bihar Board बिहार बोर्ड

परियोजना कार्य के लिए सुधार

शोध पद्धतीतियों की बहुलता

शोध पद्धतियों की बहुलता का तात्पर्य है कि विभिन्न प्रकार की पद्धतियाँ और दृष्टिकोण अनुसंधान प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उपलब्ध हैं। हर अनुसंधान प्रश्न के लिए एक ही पद्धति उपयुक्त नहीं हो सकती, इसलिए शोधकर्ता को विभिन्न पद्धतियों के बीच चयन करने की स्वतंत्रता होती है।

मुख्य बिंदु:

i) विविधता: अनुसंधान में उपयोग की जाने वाली पद्धतियाँ विविध होती हैं—जैसे कि साक्षात्कार, प्रेक्षण, सर्वेक्षण, प्रयोग, केस स्टडी आदि।

ii) संगतता और व्यावहारिकता: शोधकर्ता को प्रश्न और पद्धति के बीच संगतता के साथ-साथ व्यावहारिक पहलुओं को भी ध्यान में रखना होता है, जैसे कि समय, संसाधन और परिस्थितियाँ।

iii) पद्धतियों का चयन: एक ही प्रश्न के उत्तर के लिए विभिन्न पद्धतियाँ अपनाई जा सकती हैं, जैसे कि साक्षात्कार के साथ-साथ प्रेक्षण या सर्वेक्षण का उपयोग करना।

iv) अनुकूलता: पद्धतियों का चयन अनुसंधान के उद्देश्यों, प्रश्नों की प्रकृति, और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किया जाता है।

शोध पद्धतियों की बहुलता से शोधकर्ताओं को विभिन्न दृष्टिकोणों और तकनीकों को अपनाकर अधिक व्यापक और सटीक निष्कर्ष प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

सर्वेक्षण प्रणाली (Survey System)

परिभाषा: सर्वेक्षण प्रणाली एक अनुसंधान पद्धति है जिसमें बड़ी संख्या में लोगों से डेटा एकत्र किया जाता है, आमतौर पर प्रश्नावली या साक्षात्कार के माध्यम से।

उद्देश्य: शोधकर्ताओं को समाज के विभिन्न पहलुओं, व्यक्तियों की राय, या व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए डेटा प्रदान करता है।

प्रक्रिया:
i) प्रश्नावली तैयार करना: सवालों को स्पष्ट और सटीक रूप में तैयार करना।
ii) नमूना चयन: लक्षित जनसंख्या में से एक प्रतिनिधि नमूना चुनना।
iii) डेटा संग्रह: प्रश्नावली वितरण और प्रतिक्रियाएँ एकत्र करना।
iv) विश्लेषण: एकत्रित डेटा का सांख्यिकीय और गुणात्मक विश्लेषण करना।

साक्षात्कार (Interview)

साक्षात्कार क्या है?
साक्षात्कार एक प्रकार की अनुसंधन पद्धति है जिसमें व्यक्तिगत रूप से या समूह में लोगों से प्रश्न पूछे जाते हैं
इसका उद्देश्य लोगों के विचारों, अनुभवों और व्यवहार के बारे में जानकारी प्राप्त करना होता है

साक्षात्कार के प्रकार
i) संरचित साक्षात्कार: इसमें पूर्व निर्धारित प्रश्न पूछे जाते हैं
ii) असंरचित साक्षात्कार: इसमें प्रश्नों का कोई निश्चित क्रम नहीं होता है
iii) समूह साक्षात्कार: इसमें एक समूह में लोगों से प्रश्न पूछे जाते हैं

साक्षात्कार के लाभ
i) व्यक्तिगत अनुभवों और विचारों की गहरी समझ प्राप्त होती है
ii) लोगों के व्यवहार और प्रतिक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है

प्रेक्षण (Observation)

परिभाषा: एक शोध पद्धति जिसमें शोधकर्ता प्राकृतिक या नियंत्रित परिस्थितियों में घटनाओं, व्यवहारों या प्रक्रियाओं को देखता है और दर्ज करता है।

लाभ:
i) वास्तविकता: प्राकृतिक परिस्थितियों में व्यवहार और घटनाओं का वास्तविक अवलोकन संभव होता है।
ii) संदर्भ की समझ: संदर्भ और परिस्थितियों को समझने में मदद करता है।

एक से अधिक पद्धतीतियों का सम्मिश्रण

एक से अधिक पद्धतियों का सम्मिश्रण (Mixed Methods) से हम यह समझते हैं कि अनुसंधन में एक से अधिक पद्धतियों का संयोजन किया जा सकता है ताकि अधिक व्यापक और गहरी समझ प्राप्त की जा सके।

मिश्रित पद्धतियों के लाभ
i) विभिन्न पद्धतियों के द्वारा प्राप्त आंकड़ों का तुलना और सत्यापन किया जा सकता है
ii) एक पद्धति की सीमाओं को दूसरी पद्धति द्वारा पूरा किया जा सकता है
iii) अधिक व्यापक और गहरी समझ प्राप्त की जा सकती है

मिश्रित पद्धतियों के प्रकार
i) गुणात्मक और मात्रात्मक पद्धतियों का संयोजन
ii) विभिन्न गुणात्मक पद्धतियों का संयोजन (जैसे कि साक्षात्कार और प्रेक्षण)
iii) विभिन्न मात्रात्मक पद्धतियों का संयोजन (जैसे कि सर्वेक्षण और प्रयोग)

मिश्रित पद्धतियों की चुनौतियाँ
i) विभिन्न पद्धतियों के आंकड़ों का एकीकरण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है
ii) विभिन्न पद्धतियों के द्वारा प्राप्त परिणामों का तुलना करना मुश्किल हो सकता है

छोटी शोध परियोजनाओं के लिए संभावित प्रकरण एवं विषय

छोटी शोध परियोजनाओं के लिए संभावित प्रकरण और विषय से तात्पर्य है कि ऐसे अनुसंधान प्रश्न या मुद्दे चुने जाएं जो सीमित दायरे में और कम समय में अध्ययन के लिए उपयुक्त हों। ये प्रकरण और विषय प्रायः विशिष्ट, स्थानीय या वर्तमान समस्याओं पर आधारित होते हैं, जिनका गहराई से विश्लेषण किया जा सकता है। इस प्रकार की परियोजनाओं में, शोधकर्ता को छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सवालों पर ध्यान केंद्रित करना होता है, जैसे किसी विशिष्ट वर्ग के व्यवहार, स्कूल के माहौल, या सामुदायिक मुद्दों का अध्ययन। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सूक्ष्म दृष्टिकोण से समस्याओं की समझ को बढ़ाना और व्यावहारिक समाधान प्रदान करना होता है, ताकि सीमित संसाधनों और समय के भीतर प्रभावी और उपयोगी निष्कर्ष प्राप्त किए जा सकें।

सार्वजनिक परिवहन का लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है:

सुविधा और सुलभता
i) लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करता है
ii) शहरों और कस्बों में आवागमन को आसान बनाता है

आर्थिक लाभ
i) यात्रा की लागत को कम करता है
ii) व्यक्तिगत वाहनों की आवश्यकता को कम करता है, जिससे आर्थिक बोझ कम होता है

पर्यावरणीय लाभ
i) वायु प्रदूषण को कम करता है
ii) यातायात की भीड़ को कम करता है, जिससे शहरों की यातायात व्यवस्था में सुधार होता है

सामाजिक लाभ
i) लोगों को सामाजिक और आर्थिक अवसरों तक पहुंचने में मदद करता है
ii) शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

सामाजिक जीवन में संचार माध्यमों की भूमिका

i) जानकारी का प्रसार: समाचार, विचार, और महत्वपूर्ण जानकारियों का त्वरित और व्यापक वितरण।
ii) संबंध निर्माण: लोगों के बीच संवाद और रिश्तों को मजबूत करने में सहायता।
iii) सामाजिक जागरूकता: सामाजिक मुद्दों, आंदोलनों और अभियानों के बारे में जागरूकता फैलाना।
iv) मनोरंजन और शिक्षा: विभिन्न मनोरंजन और शिक्षा सामग्री की उपलब्धता।
v) संघटन और प्रबंधन: सामाजिक और पेशेवर कार्यों की योजना और प्रबंधन में सहायक।

घर-परिवार में काम आने वाले उपकरण और घरेलू कार्य

उपकरण:
i) रसोई:
चूल्हा, ओवन, मिक्सर, टोस्टर।
ii) सफाई: वैक्यूम क्लीनर, झाड़ू, पोछा।
iii) सुधार: टूलकिट, सीढ़ी, ड्रिल।

घरेलू कार्य:
i) खाना बनाना: भोजन तैयार करना और पकाना।
ii) सफाई: घर की सफाई, धुलाई, और व्यवस्थित करना।
iii) लांड्री: कपड़े धोना और सुखाना।
iv) बागवानी: पौधों की देखभाल और बागबानी।

सार्वजनिक स्थान का उपयोग

i) सुलभता:
सभी लोगों के लिए उपलब्ध स्थान जैसे पार्क, पुस्तकालय, और प्लेग्राउंड।
ii) सामाजिक इंटरैक्शन: लोगों के मिलन-जुलन और सामाजिक गतिविधियों के लिए स्थान।
iii) सुविधाएँ: सामान्य सेवाएँ और सुविधाएँ जैसे कि शौचालय, बेंच, और खेल के उपकरण।
iv) स्वास्थ्य और कल्याण: शारीरिक गतिविधियों और मानसिक विश्राम के अवसर।

विभिन्न आयु वर्गों की बदलती हुई आकांक्षाएँ

i) बाल्यकाल: खेल, शिक्षा, और परिवार से ध्यान।
ii) किशोरावस्था: पहचान, आत्म-संवर्धन, और सामाजिक संबंध।
iii) युवावस्था: करियर निर्माण, स्वतंत्रता, और आत्म-निर्भरता।
iv) प्रौढ़ावस्था: परिवार, वित्तीय सुरक्षा, और व्यक्तिगत संतोष।
v) वृद्धावस्था: स्वास्थ्य, आराम, और परिवार के साथ समय।

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