The Last Leaf
Summary in Marathi
न्यूयॉर्कच्या गरीब भागात कलाकारांची एक वसाहत होती, जिथे स्यू आणि जॉन्सी नावाच्या दोन मैत्रिणी राहत होत्या. त्या दोघींना कला आवडायची म्हणून त्या एकत्र राहून चित्रकला करत होत्या. जॉन्सी ही नाजूक आणि कमजोर होती. काही महिन्यांनंतर तिला न्यूमोनिया झाला, जो त्या काळात बरा करणे कठीण होते. स्यूने तिची खूप काळजी घेतली, पण जॉन्सीची प्रकृती सुधारली नाही. डॉक्टरांनी सांगितले की जॉन्सीला जगण्याची इच्छा नसेल तर औषधेही उपयोगी पडणार नाहीत. जॉन्सी खिडकीबाहेर भिंतीवर वाढलेल्या आयव्ही वेलीकडे पाहत असे आणि त्या वेलीवरील पानं मोजत असे. ती म्हणायची, “शेवटचे पान पडले की मीही मरेन.” स्यूला हे मूर्खपणाचे वाटले, पण जॉन्सीला समजवणे कठीण होते. त्याच वसाहतीत राहणारा म्हातारा चित्रकार बेहरमन याला स्यूने ही गोष्ट सांगितली. बेहरमनला हे ऐकून धक्का बसला. एका रात्री जोरदार पाऊस आणि वारा आला, पण सकाळी जॉन्सीने पाहिले तेव्हा एकच पान भिंतीवर शिल्लक होते. हे पान पाहून जॉन्सीला जगण्याची आशा वाटली आणि ती म्हणाली, “मला आता बरे व्हायचे आहे.” नंतर कळले की बेहरमनने त्या रात्री पावसात भिंतीवर एक पान रंगवले होते, जे त्याचे शेवटचे चित्र ठरले. त्याला न्यूमोनिया झाला आणि तो मरण पावला. त्याच्या या कृतीमुळे जॉन्सीचे प्राण वाचले. ही कथा दाखवते की प्रेम आणि त्याग यामुळे एखाद्याला नवीन जीवन मिळू शकते.
Summary in English
In a poor part of New York, there was a colony of struggling artists where two friends, Sue and Johnsy, lived together. They had come from different places but bonded over their love for art and shared a flat to work as artists. Johnsy was frail and weak, and after a few months, she fell ill with pneumonia, a disease hard to cure in those days. Despite Sue’s care, Johnsy didn’t improve. The doctor said her recovery depended on her will to live, but Johnsy had lost hope. She kept staring out the window at an old ivy vine on the wall, counting its falling leaves. She believed that when the last leaf fell, she would die too. Sue thought this was nonsense and tried to cheer her up, but Johnsy was fixated on the leaves. One day, Sue told Behrman, an old painter who lived downstairs, about Johnsy’s strange belief. Behrman, a failed artist who always dreamed of painting a masterpiece, was shocked by this. That night, a storm raged with rain and wind, but the next morning, one leaf still hung on the vine. Seeing it, Johnsy found hope and decided she wanted to live. Later, it was revealed that Behrman had painted the leaf on the wall during the stormy night to give Johnsy hope. He caught pneumonia from being out in the rain and died two days later. His painted leaf, his masterpiece, saved Johnsy’s life. This story shows how love and sacrifice can inspire someone to keep living.
Summary in Hindi
न्यूयॉर्क के एक गरीब इलाके में कलाकारों की एक बस्ती थी, जहाँ स्यू और जॉन्सी नाम की दो सहेलियाँ रहती थीं। वे अलग-अलग जगहों से आई थीं, लेकिन कला के प्रति अपने प्यार की वजह से दोस्त बन गईं और साथ में एक फ्लैट में रहकर चित्रकारी करती थीं। जॉन्सी कमजोर और नाजुक थी। कुछ महीनों बाद उसे न्यूमोनिया हो गया, जो उस समय ठीक करना मुश्किल था। स्यू ने उसकी बहुत देखभाल की, लेकिन जॉन्सी की हालत में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टर ने कहा कि अगर जॉन्सी को जीने की इच्छा नहीं होगी, तो दवाइयाँ भी काम नहीं करेंगी। जॉन्सी खिड़की से बाहर दीवार पर उगी एक पुरानी आइवी बेल की ओर देखती थी और उसके पत्तों को गिनती थी। उसका मानना था कि जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तो वह भी मर जाएगी। स्यू को यह बात बेवकूफी लगी, लेकिन जॉन्सी को समझाना मुश्किल था। स्यू ने यह बात बेहरमन को बताई, जो उसी बस्ती में रहने वाला एक बूढ़ा चित्रकार था। बेहरमन ने चालीस साल तक चित्र बनाए, लेकिन कभी सफल नहीं हुआ और हमेशा एक महान कृति बनाने की बात करता था। एक रात तेज बारिश और हवा चली, लेकिन सुबह जॉन्सी ने देखा कि एक पत्ता अभी भी बेल पर था। इसे देखकर उसे जीने की उम्मीद जगी और उसने कहा, “मुझे अब ठीक होना है।” बाद में पता चला कि बेहरमन ने उस रात बारिश में दीवार पर एक पत्ता बनाया था, जो उसकी आखिरी कृति थी। इस काम के दौरान उसे न्यूमोनिया हो गया और वह मर गया। उसके इस बलिदान ने जॉन्सी की जान बचाई। यह कहानी बताती है कि प्यार और त्याग से किसी को नया जीवन मिल सकता है।
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