Leisure
Summary in Marathi
“लेझर” (मोकळा वेळ) हे आठवीच्या विद्यार्थ्यांसाठी एक रोचक धडा आहे जे आपल्याला मोकळ्या वेळेत काय करतो आणि निसर्गाचे सौंदर्य कसे अनुभवतो यावर विचार करायला लावते. या धड्यात सुरुवातीला गटचर्चेसाठी प्रश्न आहेत: आई-वडिलांचे कामाच्या दिवसातील रोजचे जीवन, शनिवार-रविवार कसे घालवता, सहलीला गेल्यावर काय आवडते आणि निसर्गाच्या सुंदरतेवर विचार करता का? यानंतर डब्ल्यू. एच. डेव्हिस यांची “लेझर” ही कविता आहे, जी सांगते की आपण इतके व्यस्त झालो आहोत की गायी, खारुटी, झरे किंवा निसर्गाचे नृत्य पाहायलाही वेळ नाही. कवी विचारतो, “जर आपल्याकडे थांबून पाहायला वेळच नसेल तर हे जीवन काय आहे?” हा प्रश्न आपल्याला दाखवतो की आपण धावपळीत निसर्ग गमावतो. धड्यात “इमेजरी” (प्रतिमा) हा शब्दप्रयोग समजावला आहे-जसे “सोन्याच्या डॅफोडिल्सचा समूह”-ज्याद्वारे कवी आपल्या पंचेंद्रियांना (दृष्टी, गंध, श्रवण, स्पर्श, चव) जागृत करतो. विद्यार्थ्यांना इतर कवितांमधून अशा ओळी शोधायला सांगितले आहे. “लेझर” या शब्दाचा अॅक्रॉस्टिक बनवायचा आहे, ज्यात मोकळ्या वेळेतील आवडी लिहायच्या आहेत. धड्यात व्यक्तिरूपण (निसर्गाला मानवी गुण देणे, उदा., नृत्य), अलंकार (समान ध्वनी), उपमा (तुलना) आणि रूपक (थेट तुलना) यांसारखे अलंकार शिकवले आहेत. कवितेतील प्रश्नांची उत्तरे द्यायची आहेत-उदा., खारुटी अन्न कुठे लपवते?-आणि कवी का म्हणतो की आपले जीवन “गरीब” आहे. शेवटी, कवितेचा साध्या शब्दांत अर्थ लिहायचा आहे, ज्याचा संदेश आहे: निसर्गाचा आनंद घ्यायला वेळ नसेल तर जीवन अपूर्ण आहे.
Summary in English
“Leisure” is an exciting lesson that encourages students to think about how they spend their free time and appreciate the beauty of nature. The chapter begins with group discussion questions about daily routines, family relaxation habits, picnic experiences, and thoughts on nature’s wonders. It introduces the poem “Leisure” by W.H. Davies, which talks about how busy modern life stops us from enjoying simple things like watching cows, squirrels, streams, or the dance of nature. The poet asks, “What is this life if, full of care, we have no time to stand and stare?” This question makes us think about how we miss nature’s beauty due to our hectic schedules. The chapter explains “Imagery,” a way poets use words to make us see, hear, smell, touch, or taste things-like “a host of golden daffodils.” Students are asked to find more examples of imagery from other poems. There’s also a fun activity to create an acrostic using the word “Leisure” with words related to free-time activities. The chapter dives into figures of speech like Personification (giving human traits to non-human things, e.g., nature dancing), Alliteration (repeating sounds), Simile (comparing with “like” or “as”), and Metaphor (direct comparison). Students analyze the poem to find examples of these and answer questions about where things happen in nature (e.g., squirrels hide nuts in grass) and why the poet calls our busy life “poor.” Finally, they paraphrase the poem in simple words to understand its message: life is incomplete if we don’t take time to enjoy nature.
Summary in Hindi
“लेझर” (अवकाश या फुर्सत) आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए एक मजेदार और विचारशील पाठ है जो हमें अपनी खाली समय की आदतों और प्रकृति की सुंदरता पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है। पाठ की शुरुआत समूह चर्चा के सवालों से होती है: माता-पिता की काम के दिनों की दिनचर्या, सप्ताहांत में परिवार कैसे आराम करता है, पिकनिक पर क्या और कैसे मजा करते हैं, और क्या आप प्रकृति की सुंदरता पर विचार करते हैं? इसके बाद डब्ल्यू. एच. डेव्हिस की कविता “लेझर” है, जो बताती है कि हमारी व्यस्त जिंदगी में गायों, गिलहरियों, झरनों या प्रकृति के नृत्य को देखने का समय नहीं है। कवि पूछता है, “अगर हमारे पास रुककर देखने का समय न हो तो यह जीवन क्या है?” यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम भागदौड़ में प्रकृति को भूल जाते हैं। पाठ में “इमेजरी” (चित्रण) समझाया गया है-जैसे “सुनहरे डैफोडिल्स का समूह”-जो कवि की वह शैली है जिसमें शब्दों से हमारी पांच इंद्रियों (दृष्टि, गंध, श्रवण, स्पर्श, स्वाद) को छूआ जाता है। छात्रों को दूसरी कविताओं से ऐसे उदाहरण ढूंढने हैं। “लेझर” शब्द से एक अॅक्रॉस्टिक बनाना है, जिसमें खाली समय की पसंद लिखनी है। पाठ में अलंकार जैसे व्यक्तिरूपण (प्रकृति को मानवी गुण देना, जैसे नृत्य), समान ध्वनि (अनुप्रास), उपमा (तुलना), और रूपक (सीधी तुलना) सिखाए गए हैं। कविता से सवालों के जवाब देने हैं-जैसे, गिलहरी अपना भोजन कहां छिपाती है?-और यह समझाना है कि कवि हमारी जिंदगी को “गरीब” क्यों कहता है। अंत में, कविता को अपने आसान शब्दों में लिखना है, जिसका संदेश है: अगर प्रकृति का आनंद लेने का समय न हो तो जीवन अधूरा है।
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