Notes For All Chapters – हिन्दी Class 8
प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण ‘अल्मोड़ा’
1. परिचय
यह पाठ उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल अल्मोड़ा के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत का वर्णन करता है। लेखक अपने परिवार के साथ इस रमणीय स्थान की यात्रा करता है और अपने अनुभवों को इस पाठ में साझा करता है।
2. यात्रा की योजना और तैयारी
- गर्मी की छुट्टियों में लेखक और उसके बच्चे घूमने की योजना बनाते हैं।
 - बच्चों की इच्छा थी कि वे किसी पहाड़ी स्थान पर जाएं।
 - मानचित्र देखकर उन्होंने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल को यात्रा के लिए चुना।
 - कुमाऊं मंडल में कई प्रमुख स्थल आते हैं जैसे – अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, और उधम सिंह नगर।
 - यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि और विशिष्ट परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
 
3. नैनीताल से अल्मोड़ा की यात्रा
- परिवार सबसे पहले नैनीताल पहुँचा और झीलों, पहाड़ों व मौसम का आनंद लिया।
 - फिर वे अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए।
 - यात्रा के दौरान देवदार और चीड़ के पेड़ों से ढकी पहाड़ियाँ, सीढ़ीनुमा खेतों और मेहनती किसानों का सुंदर दृश्य देखने को मिला।
 - इस क्षेत्र के लोग मेहनती, सरल और आनंदित जीवन जीने वाले होते हैं।
 
4. अल्मोड़ा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
- अल्मोड़ा शहर राजा कल्याणचंद द्वारा स्थापित किया गया था।
 - यह घोड़े की नाल के आकार के पहाड़ों पर स्थित है।
 - यहाँ की सुंदरता को हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ और घने जंगल चार चाँद लगाते हैं।
 - गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय – यहाँ कुमाऊं के इतिहास और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
 - अल्मोड़ा की खासियत –
- पारंपरिक रीति-रिवाज
 - लोकगीत एवं लोकनृत्य
 - विशिष्ट वेशभूषा
 - पहाड़ी खानपान
 - मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों का समृद्ध संग्रह
 
 
5. अल्मोड़ा के प्रमुख दर्शनीय स्थल
(क) मंदिर एवं धार्मिक स्थल
- कसार देवी मंदिर – यह मंदिर ध्यान और शांति के लिए प्रसिद्ध है।
 - नंदा देवी मंदिर – यह अल्मोड़ा की संस्कृति का प्रतीक है।
 - सूर्य मंदिर – यह तीन सौ वर्ष पुराना मंदिर है, और भारत में कोणार्क के बाद सबसे महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर माना जाता है।
 - जागेश्वर धाम – देवदार के वृक्षों से घिरा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
 
(ख) अन्य महत्वपूर्ण स्थल
- ब्राइट एंड कॉर्नर – यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।
 - बिनसर – यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
 - कालिमठ – यहाँ से अल्मोड़ा की सुंदरता का भव्य दृश्य दिखाई देता है।
 - गोलू देवता मंदिर – कुमाऊं के लोगों की आस्था का प्रतीक यह मंदिर पीतल की घंटियों के लिए प्रसिद्ध है।
 
6. अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विशेषताएँ
- लोकसंस्कृति – यहाँ के लोकगीत और लोकनृत्य बहुत प्रसिद्ध हैं।
 - भाषा – यहाँ कुमाऊँनी भाषा बोली जाती है।
 - वेशभूषा – पारंपरिक परिधानों में रंगीनता और सांस्कृतिक विविधता दिखाई देती है।
 - खानपान – यहाँ का पारंपरिक पहाड़ी भोजन, मिठाइयाँ और खासतौर पर सिंगौड़ी बहुत प्रसिद्ध है।
 
7. अल्मोड़ा से जुड़ी महान हस्तियाँ
- स्वामी विवेकानंद – उन्हें अल्मोड़ा में आध्यात्मिक शांति का अनुभव हुआ।
 - रवींद्रनाथ टैगोर – उन्होंने भी इस स्थान को बहुत पसंद किया था।
 - उदयशंकर – प्रसिद्ध नर्तक उदयशंकर ने अपनी ‘नृत्यशाला’ यहीं स्थापित की थी।
 
8. यात्रा का समापन और निष्कर्ष
- लेखक और उनके परिवार ने अल्मोड़ा के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक सौंदर्य का पूरा आनंद लिया।
 - उन्होंने अपने कैमरे और दिल में इन यादों को संजोया।
 - यात्रा समाप्त होने के बाद वे गांधीजी के प्रिय स्थल कौसानी के लिए रवाना हुए।
 - यह पाठ यात्रा के महत्व, प्रकृति प्रेम और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की प्रेरणा देता है।
 
9. शब्दार्थ (महत्वपूर्ण शब्द और उनके अर्थ)
| शब्द | अर्थ | 
|---|---|
| सुषमा | सुंदरता | 
| पुरातन | प्राचीन | 
| वैभव | समृद्धि | 
| धरोहर | विरासत | 
| रमणीय | मनमोहक | 
| आध्यात्मिक | आत्मिक शांति से जुड़ा हुआ | 
| संस्कृति | परंपरा, रीति-रिवाज | 
| संजोना | सुरक्षित रखना | 
10. निष्कर्ष
यह पाठ हमें प्रकृति से प्रेम करने, पर्यटन के लाभ समझने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की प्रेरणा देता है। अल्मोड़ा जैसे स्थानों की यात्रा न केवल हमें नई जानकारियाँ देती है बल्कि हमें अपनी जड़ों से भी जोड़ती है।

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