Question Answer For All Chapters – लोकभारती हिंदी Class 9
वरदान माँगूँगा नहीं
पाठ के आँगन में
(1) सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :-
(क) कवि इन परिस्थितियों में वरदान नहीं माँगना चाहते –
उत्तर:- जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं।
जब उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।
जब उन्हें कर्तव्य पथ से हटने का अवसर मिलता है।
जब उन्हें दया की भीख माँगने के लिए कहा जाता है।
(ख) आकृति पूर्ण कीजिए :
१. सुखद स्मृतियाँ इनके लिए हैं:
उत्तर:- संघर्ष के क्षणों की यादें
बीते हुए स्वर्णिम दिनों की अनुभूति
२. कवी भयभीत नही है
उत्तर:- क्योंकि वे जीवन के संघर्षों से नहीं डरते।
→ वे हर परिस्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
(2) पद्य में पुनरावर्तन हुई पंक्ति लिखिए:
उत्तर:- “वरदान माँगूँगा नहीं।”
3. रेखांकित वाक्यांश के स्थान पर उचित मुहावरा लिखिए:
उत्तर:- रुग्ण शय्या पर पड़ी माता जी को देखकर मोहन का धीरज तिल-तिल मिट रहा था।
भाषा बिंदु
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :-
उत्तर:- लता कितनी मधुर गाती है।
लता बहुत मधुर गाती है।
तितली के पास सुंदर पंख होते हैं।
तितली के सुंदर पंख होते हैं।
यह भोजन दस आदमी के लिए है।
यह भोजन दस आदमियों के लिए है।
कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य है।
कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं।
उसने प्राण की बाजी लगा दी।
उसने प्राणों की बाजी लगा दी।
तुमने मिट्टी से का प्यार।
तुमने मिट्टी से प्यार किया।
यह है न पसीने का धारा।
यह पसीने की धारा है।
आओ सिंहासन में बैठो।
आओ सिंहासन पर बैठो।
हम हँसो कि फूले-फले देश।
हम हँसें ताकि देश फूले-फले।
यह गंगा का है नवल धार।
यह गंगा की नवल धारा है।
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