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हिंदी Hindi Class 10 UP Board यूपी बोर्ड

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Hindi Class 10

लोकभारती हिंदी Summary Chapter 2 Class 10 Lokbharti Part – II Hindi महाराष्ट्र Board

Summary For All Chapters – हिंदी Class 10

दो लघुकथाएँ


Summary in Hindi


दो लघुकथाएँ अध्याय में नरेंद्रकौर छाबड़ा द्वारा लिखित दो छोटी कहानियाँ प्रस्तुत की गई हैं, जो समाज की सच्चाइयों और नैतिक मूल्यों को उजागर करती हैं।

पहली कहानी “कंगाल” में एक पर्यटक का वर्णन है, जो भीषण गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों पर जाता है। वहाँ का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य उसे सुकून देता है। एक दिन, जब वह झील किनारे टहल रहा होता है, तो एक भुट्टेवाला उससे भुट्टा खरीदने का आग्रह करता है। जब भुट्टेवाला पाँच रुपये में भुट्टा देने की बात करता है, तो पर्यटक मोलभाव करने लगता है और कीमत कम करने की कोशिश करता है। लेकिन तभी उसे अहसास होता है कि वह बड़े होटलों और मॉल में बिना मोलभाव किए हजारों रुपये खर्च करता है, लेकिन गरीबों से पैसे कम कराने की आदत रखता है। यह सोचते ही वह तुरंत बिना मोलभाव किए भुट्टा खरीद लेता है और आत्मसंतोष महसूस करता है। कहानी का मुख्य संदेश यह है कि असली कंगाल वे लोग हैं जो गरीबों की मेहनत की कीमत नहीं समझते और उनसे मोलभाव करते हैं, जबकि बड़े दुकानों पर बिना सवाल किए पैसे खर्च कर देते हैं।

दूसरी कहानी “सही उत्तर” भ्रष्टाचार के खिलाफ एक युवक की ईमानदारी को दर्शाती है। एक शिक्षित युवक कई जगह नौकरी के लिए आवेदन करता है, लेकिन रिश्वत और सिफारिश के कारण उसे असफलता ही मिलती है। वह समाज में फैले भ्रष्टाचार से निराश हो चुका था। एक दिन, उसे फिर से एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। वहाँ अधिकारियों ने उससे भ्रष्टाचार पर उसकी राय पूछी। युवक ने पूरी ईमानदारी से जवाब दिया कि भ्रष्टाचार देश के लिए एक घुन की तरह है, जो समाज को खोखला कर रहा है। जब अधिकारियों ने उससे रिश्वत के बारे में पूछा, तो उसने इसे भ्रष्टाचार की बहन बताया, जिससे गलत काम पूरे कराए जाते हैं। युवक को विश्वास था कि उसे फिर से अस्वीकार कर दिया जाएगा, लेकिन अधिकारियों ने उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे नौकरी के लिए चुन लिया। यह कहानी यह संदेश देती है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता।

इन दोनों कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि हमें गरीबों की मेहनत की कद्र करनी चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदारी से खड़े रहना चाहिए। सत्य, नैतिकता और इंसानियत अंततः जीतते हैं।


Summary in Marathi


“दो लघुकथाएँ” या प्रकरणात नरेंद्रकौर छाबड़ा यांच्या दोन लघुकथा समाविष्ट आहेत, ज्या समाजातील वास्तव आणि नैतिक मूल्ये दर्शवतात।

पहिली कथा “कंगाल” एका प्रवाशाची कथा सांगते, जो तीव्र उन्हापासून सुटका मिळवण्यासाठी डोंगराळ भागात जातो. तिथला निसर्गसौंदर्य आणि शांत वातावरण त्याला आनंद देतं. एका संध्याकाळी तो तळ्याकाठी फिरत असताना एक भाजलेल्या मक्याचा विक्रेता त्याला भुट्टा घ्यायला सांगतो. मका पाच रुपयांना मिळणार असल्याचं कळल्यावर तो प्रवासी किंमत कमी करण्याचा प्रयत्न करतो. पण अचानक त्याला जाणवतं की तो मोठ्या दुकानात किंवा हॉटेलमध्ये कोणताही विचार न करता हजारो रुपये खर्च करतो, मात्र एका गरीब विक्रेत्याशी मात्र तो घासाघीस करतो. त्याच वेळी तो स्वतःला खरी गरीबी कशाला म्हणतात हे समजून घेतो आणि कोणतीही घासाघीस न करता भुट्टा विकत घेतो. ह्या कथेतून आपल्याला शिकायला मिळतं की गरीब लोकांच्या श्रमाची किंमत जाणली पाहिजे आणि त्यांच्या कष्टाचा आदर केला पाहिजे.

दुसरी कथा “सही उत्तर” भ्रष्टाचाराविरोधात संघर्ष करणाऱ्या एका प्रामाणिक तरुणाची गोष्ट सांगते. हा तरुण अनेक ठिकाणी नोकरीसाठी अर्ज करतो, पण प्रत्येक ठिकाणी त्याच्याकडून लाच मागितली जाते. तो आपल्या प्रामाणिकतेमुळे नोकरी मिळवू शकत नाही आणि निराश होतो. एक दिवस, त्याला पुन्हा एका मुलाखतीसाठी बोलावलं जातं. तिथे अधिकार्‍यांनी त्याला भ्रष्टाचाराविषयी विचारलं. त्याने स्पष्टपणे सांगितलं की भ्रष्टाचार हा समाजासाठी धोकादायक आहे आणि तो देशाला घुंडासारखा आतून पोखरत आहे. लाच घेणाऱ्यांविषयी विचारलं असता, त्याने सांगितले की लाच ही भ्रष्टाचाराची बहिण आहे, जिला कोणत्याही परिस्थितीत स्वीकारू नये. त्याला वाटलं की यावेळीही त्याला नोकरी मिळणार नाही, पण अधिकाऱ्यांनी त्याच्या प्रामाणिकतेचं कौतुक केलं आणि त्याला नोकरीसाठी निवडले. ही कथा आपल्याला सांगते की सत्य कधीही पराजित होत नाही, जरी काही काळ त्याला संघर्ष करावा लागला तरी शेवटी विजय सत्याचाच होतो.

या दोन्ही कथांमधून आपल्याला शिकायला मिळतं की गरीबांच्या कष्टाची किंमत जाणली पाहिजे आणि भ्रष्टाचाराविरुद्ध नेहमीच सत्य आणि प्रामाणिकतेने उभं राहायला हवं. शेवटी सत्य आणि ईमानदारीचं यशस्वी होतात।

हिंदी Important Questions Poem 13 हल्दीघाटी Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. श्याम नारायण पाण्डेय का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: श्याम नारायण पाण्डेय का जन्म 1907 ई. में डुमराँव गाँव, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ।

2. उनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘हल्दी घाटी’, ‘जौहर’, ‘तुमुल’, ‘आरती’, और ‘जय हनुमान’।

3. उन्हें कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ?

उत्तर: उन्हें ‘देव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

4. वे किस रस के कवि माने जाते हैं?

उत्तर: वे वीर रस के प्रमुख कवि माने जाते हैं।

5. उनकी मृत्यु कब हुई?

उत्तर: उनकी मृत्यु 1991 ई. में हुई।

6. ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य किस पर आधारित है?

उत्तर: यह महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध पर आधारित है।

7. कवि ने किस रस का वर्णन मुख्य रूप से किया है?

उत्तर: वीर रस का वर्णन मुख्य रूप से किया गया है।

8. महाराणा प्रताप का घोड़े का नाम क्या था?

उत्तर: उनका घोड़ा चेतक था।

9. इस कविता में मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: मुख्य उद्देश्य जातीय गौरव और वीरता का उत्साहवर्धन है।

10. हल्दी घाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की भूमिका कैसी दिखाई गई है?

उत्तर: उनकी भूमिका साहसिक, वीरतापूर्ण और प्रेरणादायक दिखाई गई है।

11. कवि ने युद्ध का वर्णन किस शैली में किया है?

उत्तर: युद्ध का वर्णन लयबद्ध और छंदयुक्त शैली में किया गया है।

12. कविता में मुख्य रूप से किन छंदों का प्रयोग किया गया है?

उत्तर: मुक्तक और प्रबंध छंदों का प्रयोग किया गया है।

13. हल्दी घाटी कविता के केंद्र में कौन से गुण हैं?

उत्तर: शौर्य, त्याग, आत्मबलिदान, और स्वातंत्र्य प्रेम।

14. कविता में किस प्रकार के अलंकारों का प्रयोग किया गया है?

उत्तर: रूपक, उपमा, और उत्प्रेक्षा अलंकारों का प्रयोग है।

15. महाराणा प्रताप का संघर्ष किसके साथ था?

उत्तर: उनका संघर्ष मुगलों के साथ था।


दीर्घ प्रश्न


1. श्याम नारायण पाण्डेय का साहित्यिक योगदान क्या है?

उत्तर: श्याम नारायण पाण्डेय ने वीर रस की परंपरा को आधुनिक खड़ी बोली में स्थापित किया। उनकी रचनाएँ वीरता, त्याग और स्वाभिमान के आदर्श प्रस्तुत करती हैं। वे हिन्दी कवि सम्मेलनों के मंच पर भी अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित रहे।

2. ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य का क्या महत्व है?

उत्तर: ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध का वर्णन है। इसमें शौर्य, त्याग, आत्मबलिदान और स्वातंत्र्य प्रेम का अद्भुत चित्रण है। इस कृति के माध्यम से कवि ने मध्यकालीन राजपूती मूल्यों को महिमामंडित किया।

3. राणा प्रताप का चरित्र ‘हल्दी घाटी’ कविता में कैसे चित्रित किया गया है?

उत्तर: राणा प्रताप को कवि ने एक वीर योद्धा और राष्ट्रभक्त के रूप में प्रस्तुत किया। वे युद्धभूमि में निर्भीकता से लड़ते हैं और अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तत्पर रहते हैं। उनका स्वाभिमान और उत्साह सेना में जोश भरता है।

4. ‘हल्दी घाटी’ कविता में चेतक का वर्णन कैसे किया गया है?

उत्तर: चेतक, राणा प्रताप का प्रिय घोड़ा, कविता में वीरता और निष्ठा का प्रतीक है। वह युद्धभूमि में निर्भीकता से दौड़ता है और सेना की रक्षा करता है। चेतक की अद्भुत गति और समझ युद्ध को प्रेरक बनाती है।

5. श्याम नारायण पाण्डेय की भाषा-शैली की क्या विशेषता है?

उत्तर: पाण्डेय जी की भाषा तत्सम प्रधान है लेकिन प्रवाहमय है। उन्होंने वीर रस के प्रभाव को बढ़ाने के लिए युद्ध-क्षेत्र से जुड़े शब्दों का प्रभावी उपयोग किया। उनकी शैली में संस्कृतनिष्ठ शब्दावली और खड़ी बोली का समन्वय मिलता है।

6. ‘हल्दी घाटी’ कविता का केंद्रीय भाव क्या है?

उत्तर: कविता का केंद्रीय भाव राष्ट्रभक्ति और वीरता है। इसमें महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान को प्रमुखता दी गई है। यह कविता स्वातंत्र्य प्रेम और राष्ट्रीय गौरव का संदेश देती है।

7. ‘हल्दी घाटी’ में रस और अलंकार का क्या उपयोग है?

उत्तर: इस कविता में वीर रस का मुख्य रूप से प्रयोग हुआ है। अनुप्रास, उपमा और उत्प्रेक्षा जैसे अलंकारों ने कविता की सौंदर्यता को बढ़ाया है। अलंकारों का उपयोग चित्रात्मक और प्रभावशाली बनाता है।

8. श्याम नारायण पाण्डेय के व्यक्तित्व की क्या झलक ‘हल्दी घाटी’ में मिलती है?

उत्तर: कविता में उनकी निर्भीकता, राष्ट्रप्रेम, और वीरता के प्रति आदर झलकता है। पाण्डेय जी ने अपनी रचना में इतिहास और वीरता के भावों को जोड़कर प्रेरक चित्रण किया। उनके विचार राष्ट्रहित और मानवीय मूल्यों से प्रेरित थे।

9. ‘हल्दी घाटी’ के माध्यम से मध्यकालीन समाज का क्या चित्रण होता है?

उत्तर: ‘हल्दी घाटी’ में मध्यकालीन समाज की युद्धकला, राजपूती मूल्यों और स्वाभिमान का वर्णन है। इसमें राष्ट्र की स्वतंत्रता और मान-सम्मान के लिए बलिदान देने की प्रेरणा है। यह कविता समाज में वीरता और गौरव के आदर्श स्थापित करती है।

10. महाराणा प्रताप के सेना नायक के रूप में क्या गुण थे?

उत्तर: महाराणा प्रताप ने एक नायक के रूप में अपने सैनिकों का नेतृत्व उत्साह और साहस के साथ किया। वे रणभूमि में स्वयं लड़ते हुए सेना का मनोबल बढ़ाते थे। उनका कौशल और त्याग उन्हें एक आदर्श नायक बनाता है।

हिंदी Important Questions Poem 12 युवा जंगल, भाषा एकमात्र अनन्त है Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. अशोक वाजपेयी का जन्म कब और कहाँ हुआ?

  • 16 जनवरी 1941, दुर्ग, मध्य प्रदेश।

2. अशोक वाजपेयी ने अपनी उच्च शिक्षा कहाँ से पूरी की?

  • सागर विश्वविद्यालय से बी.ए. और सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए।

3. अशोक वाजपेयी को कौन-कौन से प्रमुख पुरस्कार मिले?

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार, दयावती कवि शिखर सम्मान, कबीर सम्मान।

4. उनकी प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?

  • ‘शहर अब भी संभावना है’, ‘एक पतंग अनंत में’, ‘अगर इतने से’, ‘तत्पुरुष’।

5. अशोक वाजपेयी का साहित्यिक योगदान क्या है?

  • उन्होंने साहित्य, आलोचना, और संपादन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और ‘भारत भवन’ की स्थापना में भूमिका निभाई।

6. कविता ‘युवा जंगल’ का केंद्रीय भाव क्या है?

  • प्रकृति और जीवन के बीच के गहरे संबंध का अनुभव।

7. ‘युवा जंगल’ में कवि स्वयं को क्या कहता है?

  • एक हरा पेड़ और हरी पत्तियों की दीप्त रचना।

8. ‘हरा रक्त’ का अर्थ कविता में क्या है?

  • कवि का प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव।

9. ‘हरी परछाइयाँ’ किसे दर्शाती हैं?

  • जीवन और प्रकृति के प्रभाव।

10. कविता में कवि जंगल से क्या संवाद करता है?

  • वह जंगल के बुलावे को स्वीकार करता है।

11. ‘भाषा एकमात्र अनंत है’ कविता का क्या संदेश है?

  • भाषा का अस्तित्व शाश्वत है, जो व्यक्ति, स्थान, और समय से परे है।

12. ‘फूल झरता है, फूल शब्द नहीं’ का क्या अर्थ है?

  • वस्तुएं नष्ट हो सकती हैं, परंतु उनके प्रतीकात्मक शब्द अमर रहते हैं।

13. कविता में बच्चे की गेंद का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?

  • भाषा की अनंत यात्रा और उसकी पीढ़ी-दर-पीढ़ी निरंतरता।

14. ‘भाषा एकमात्र अनंत है’ में बूढ़े के गीत का क्या अर्थ है?

  • कविता की शाश्वतता और पीढ़ियों के बीच उसका अनवरत प्रवाह।

15. ‘न बच्चा रहेगा, न बूढ़ा’ का भावार्थ क्या है?

  • मानव और वस्तुओं का नाश होता है, परंतु भाषा अमर रहती है।

दीर्घ प्रश्न


1. अशोक वाजपेयी का साहित्यिक योगदान क्या है?

  • अशोक वाजपेयी ने कविता, आलोचना, संपादन और साहित्यिक पत्रकारिता में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनकी कविताएँ परंपरा और आधुनिकता का संगम हैं, जो भारतीय समाज की गहरी समझ प्रस्तुत करती हैं। ‘भारत भवन’ की स्थापना उनके सांस्कृतिक समर्पण को दर्शाती है।

2. ‘युवा जंगल’ कविता का केंद्रीय भाव क्या है?

  • ‘युवा जंगल’ कविता मनुष्य और प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को प्रकट करती है। कवि जंगल को जीवन, हरियाली और सृजनशीलता का प्रतीक मानता है। यह कविता प्रकृति के प्रति गहरे प्रेम और उसमें डूबने की भावना को अभिव्यक्त करती है।

3. ‘हरा रक्त’ और ‘हरी परछाइयाँ’ का क्या महत्व है?

  • ‘हरा रक्त’ कवि के मन में प्रकृति के प्रति गहरे प्रेम और जुड़ाव का प्रतीक है। ‘हरी परछाइयाँ’ जीवन और प्रकृति के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती हैं। ये पंक्तियाँ कवि के प्रकृति से अटूट संबंध को सुंदर रूप में प्रकट करती हैं।

4. ‘भाषा एकमात्र अनंत है’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?

  • कविता बताती है कि भाषा समय और स्थान की सीमाओं से परे होती है। यह मानव सभ्यता के विचारों और भावनाओं को अमर बनाती है। भाषा जीवन की क्षणभंगुरता में स्थायित्व का प्रतीक है।

5. ‘फूल झरता है, फूल शब्द नहीं’ का क्या अर्थ है?

  • यह पंक्ति बताती है कि भौतिक वस्तुएं नष्ट हो सकती हैं, लेकिन उनके विचार और प्रतीक भाषा में हमेशा जीवित रहते हैं। ‘फूल शब्द’ भाषा की अमरता का प्रतीक है। यह भाषा की स्थायित्व और शक्ति को उजागर करता है।

6. ‘न बच्चा रहेगा, न बूढ़ा’ का क्या संदेश है?

  • यह पंक्ति जीवन की क्षणभंगुरता और भाषा की अनश्वरता को दर्शाती है। व्यक्ति और वस्तुएं समय के साथ खत्म हो जाते हैं, लेकिन भाषा पीढ़ियों को जोड़ते हुए हमेशा जीवित रहती है।

7. ‘युवा जंगल’ में कवि जंगल को कैसे देखता है?

  • कवि जंगल को जीवन और हरियाली का प्रतीक मानता है, जो उसे प्रेरणा और ऊर्जा देता है। जंगल की सुंदरता कवि को आकर्षित करती है और वह उसमें डूबने की इच्छा व्यक्त करता है। यह कविता प्रकृति के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाती है।

8. अशोक वाजपेयी को समकालीन कवि क्यों माना जाता है?

  • अशोक वाजपेयी की कविताएँ आधुनिक समाज की संवेदनाओं और विचारों को सजीव रूप में प्रकट करती हैं। उनकी रचनाएँ परंपरा और आधुनिकता का समन्वय करती हैं। उन्होंने समकालीन कविता को गहराई और नया दृष्टिकोण दिया है।

9. ‘भाषा’ कविता में भाषा को अनंत क्यों कहा गया है?

  • भाषा मानव सभ्यता के विचारों, भावनाओं और परंपराओं को संरक्षित रखती है। यह समय और स्थान की सीमाओं से परे होती है और पीढ़ियों के बीच संबंध बनाए रखती है। भाषा की शक्ति अनंत और अनश्वर है।

10. ‘युवा जंगल’ कविता में कवि किस भाव को जागृत करना चाहता है?

  • कवि पाठकों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम, सृजनशीलता और जागरूकता का भाव उत्पन्न करना चाहता है। जंगल की हरियाली और ऊर्जा जीवन के सुंदर पहलुओं को उजागर करती है। यह कविता मनुष्य और प्रकृति के बीच गहरे संबंध का प्रतीक है।

हिंदी Important Questions Poem 11 नदी Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. केदारनाथ सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ?

  • 7 जुलाई 1934, चकिया गाँव, बलिया, उत्तर प्रदेश।

2. केदारनाथ सिंह का निधन कब और कहाँ हुआ?

  • 19 मार्च 2018, नई दिल्ली।

3. केदारनाथ सिंह की शिक्षा कहाँ पूरी हुई?

  • प्रारंभिक शिक्षा गाँव में, और उच्च शिक्षा बनारस में।

4. उनकी प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?

  • ‘अभी बिल्कुल अभी’, ‘जमीन पक रही है’, ‘अकाल में सारस’, ‘यहाँ से देखो’।

5. केदारनाथ सिंह की भाषा-शैली की क्या विशेषता है?

  • सरल, बोली आधारित और भोजपुरी शब्दावली का प्रभाव।

6. कविता का शीर्षक क्या है?

  • ‘नदी’।

7. कविता में नदी को क्या दर्शाया गया है?

  • जीवन के प्रवाह और प्रेम का प्रतीक।

8. नदी किस प्रकार गतिशील है?

  • वह हर परिस्थिति में आगे बढ़ती है, चाहे कठिन समय ही क्यों न हो।

9. कविता में नदी को कौन-सी ध्वनि से जोड़ा गया है?

  • मादा घड़ियाल की कराह की तरह।

10. नदी कहाँ-कहाँ मौजूद हो सकती है?

  • चटाई या फूलदान के नीचे, प्रतीकात्मक रूप से।

11. कविता में नदी का प्रेम किसके प्रति बताया गया है?

  • मनुष्य और जीवन के प्रति।

12. नदी को कब सुना जा सकता है?

  • जब पूरा शहर सो जाए, तब।

13. नदी क्या बनाती है?

  • एक समूची दुनिया, जैसे छोटे से घोंघे में।

14. कविता का मुख्य संदेश क्या है?

  • जीवन में प्रवाह और प्रेम बनाए रखना।

15. कविता में नदी के माध्यम से कौन-सा जीवन दर्शन दिया गया है?

  • कठिनाइयों में भी आगे बढ़ने और सृजनशील बने रहने का।

दीर्घ प्रश्न


1. केदारनाथ सिंह का साहित्यिक योगदान क्या है?

  • केदारनाथ सिंह आधुनिक हिंदी साहित्य में ग्रामीण और आधुनिक जीवन के संगम को दर्शाते हैं। उनकी कविताएँ आम जनजीवन की संवेदनाओं, भावनाओं, और संघर्षों को सजीव करती हैं। उनके लेखन ने हिंदी साहित्य में गहराई और नवीनता का समावेश किया।

2. ‘नदी’ कविता में नदी का क्या महत्व है?

  • ‘नदी’ कविता में नदी को जीवन, प्रेम और सृजन का प्रतीक माना गया है। यह कविता बताती है कि नदी हर परिस्थिति में गतिशील रहती है और सृजनशीलता का प्रतीक बनती है। कठिन समय में भी नदी प्रेम और जीवन का संदेश देती है।

3. केदारनाथ सिंह की भाषा-शैली की विशेषताएँ क्या हैं?

  • उनकी भाषा सरल और सजीव है, जिसमें भोजपुरी शब्दावली का प्रभाव स्पष्ट है। उनके शब्द आम बोलचाल से जुड़े हैं, जिससे कविताएँ पाठकों के करीब लगती हैं। उन्होंने भाषा को गहराई और संवेदनशीलता से भर दिया है।

4. ‘घोंघे’ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

  • ‘घोंघा’ यहाँ सृजन और छोटे साधनों में बड़ी संभावनाओं का प्रतीक है। कविता में नदी एक छोटे-से घोंघे में दुनिया रच लेती है, जो सृजन की अनंत क्षमता को दर्शाता है। यह प्रतीक सरलता और गहराई को साथ लाता है।

5. ‘नदी’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?

  • इस कविता का संदेश है कि जीवन में कठिनाई के बावजूद प्रेम और प्रवाह बनाए रखें। यह बताती है कि नदी जैसी चीज़ें जीवन को सृजनशील और गतिशील बनाती हैं। प्रेम और धैर्य से जीवन की हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

6. नदी का ‘मादा घड़ियाल की कराह’ से क्या संबंध है?

  • कविता में यह वाक्य नदी के दर्द और संघर्ष का प्रतीक है। यह दिखाता है कि नदी जीवन के गहरे अनुभवों को अपने अंदर समेटे हुए है। यह प्राकृतिक और मानवीय संवेदनाओं का संगम है।

7. नदी कविता में प्रेम की अवधारणा कैसे व्यक्त हुई है?

  • कविता में नदी हर परिस्थिति में मनुष्य के प्रति प्रेम जताती है। यह प्रेम कठिन समय में भी अपना स्वरूप नहीं छोड़ता और हर पल प्रेरणा देता है। यह प्रेम जीवन के हर कोने में व्याप्त है।

8. केदारनाथ सिंह की कविताओं में ग्रामीण जीवन का प्रभाव कैसे दिखता है?

  • उनकी कविताओं में गाँव के दृश्य, गंगा-घाघरा की लहरें और ग्रामीण शब्दावली का व्यापक उपयोग है। यह उनकी रचनाओं को यथार्थ और संवेदनशील बनाता है। उनके कविताओं में ग्रामीण जीवन का सजीव चित्रण मिलता है।

9. कविता में ‘कबाड़ी की दुकान’ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

  • ‘कबाड़ी की दुकान’ साधारण जीवन और सामान्यता का प्रतीक है। यह दिखाता है कि नदी हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है और हर स्थिति में सृजन का प्रतीक बनती है। इससे जीवन की हर चीज़ में सुंदरता खोजने की प्रेरणा मिलती है।

10. केदारनाथ सिंह को आधुनिक कवि क्यों कहा जाता है?

  • केदारनाथ सिंह ने आधुनिक युग की संवेदनाओं, समस्याओं, और विचारों को अपनी कविताओं में बारीकी से उकेरा। उनकी सरल भाषा और गहन भावनाएँ उन्हें पाठकों के करीब लाती हैं। उनके लेखन ने परंपरा और आधुनिकता को जोड़ने का काम किया।

हिंदी Important Questions Poem 10 भारत माता का मंदिर यह Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

  • 3 अगस्त 1886, चिरगाँव, झाँसी।

2. मैथिलीशरण गुप्त को किस उपाधि से सम्मानित किया गया?

  • राष्ट्रकवि।

3. मैथिलीशरण गुप्त की प्रमुख रचनाओं में कौन-कौन सी शामिल हैं?

  • भारत-भारती, साकेत, यशोधरा, द्वापर।

4. मैथिलीशरण गुप्त की कविता की भाषा क्या थी?

  • शुद्ध साहित्यिक और परिमार्जित खड़ीबोली।

5. गुप्त जी की मृत्यु कब हुई?

  • 12 दिसंबर 1964।

6. कविता का शीर्षक क्या है?

  • भारत माता का मंदिर।

7. कविता में किस भावना का चित्रण है?

  • समानता और कल्याण की भावना।

8. ‘भारत माता का मंदिर’ में किसका स्वागत है?

  • सभी का, जाति-धर्म से परे।

9. कविता में किन महापुरुषों का ध्यान किया गया है?

  • राम, रहीम, बुद्ध, ईसा।

10. कविता में वर्णित हृदय पवित्र कैसे बनता है?

  • प्रेम और समानता के विचारों को अपनाकर।

11. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?

  • सबका कल्याण और समानता।

12. ‘रेखाएँ प्रस्तुत हैं’ से कवि क्या कहना चाहता है?

  • अपने जीवन को आदर्शों से सजाने का संदेश।

13. कविता में किन आदर्शों पर जोर दिया गया है?

  • एकता और भाईचारे पर।

14. कविता में धर्म और संप्रदाय के प्रति क्या दृष्टिकोण है?

  • कोई भेदभाव नहीं।

15. कविता का समापन किस संदेश से होता है?

  • सबका कल्याण और प्रसाद प्राप्ति।

दीर्घ प्रश्न


1. मैथिलीशरण गुप्त का साहित्यिक योगदान क्या है?

  • मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि कहा जाता है। उन्होंने खड़ीबोली को काव्य की भाषा के रूप में स्थापित किया और उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता और मानवता के संदेश प्रमुख हैं। उनकी रचनाएँ भारतीय संस्कृति, इतिहास और समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं।

2. ‘भारत माता का मंदिर’ कविता का केन्द्रीय भाव क्या है?

  • यह कविता समानता, प्रेम, और समस्त मानव जाति के कल्याण की भावना का संदेश देती है। कवि ने इसमें भेदभाव से मुक्त समाज की कल्पना की है। सभी धर्म, जातियों और संस्कृतियों का आदर करने की प्रेरणा दी गई है।

3. गुप्तजी की भाषा और शैली की विशेषता क्या है?

  • गुप्तजी की भाषा शुद्ध, परिष्कृत खड़ीबोली है, जिसमें संगीत, लय और सरलता का समावेश है। उन्होंने अपने काव्य में लोकोक्तियों और मुहावरों का स्वाभाविक प्रयोग किया। उनकी शैली प्रबन्धात्मक और भावप्रधान है।

4. ‘भारत माता का मंदिर’ कविता में धर्मों के प्रति कवि का दृष्टिकोण क्या है?

  • कवि ने धर्मों के बीच समानता और सम्मान का संदेश दिया है। राम, रहीम, बुद्ध और ईसा जैसे महापुरुषों का ध्यान समान रूप से किया गया है। यह कविता सभी धर्मों को प्रेम और मानवता के सूत्र में पिरोती है।

5. मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि क्यों कहा जाता है?

  • उनकी कविताओं में राष्ट्रप्रेम और भारतीय संस्कृति का वर्णन है। उन्होंने अपनी रचनाओं से लोगों में राष्ट्रीय चेतना जगाई। उनके काव्य में भारतीय समाज की समस्याओं और समाधान का भी उल्लेख है।

6. कविता में ‘अजातशत्रु’ का क्या अर्थ है?

  • ‘अजातशत्रु’ का अर्थ है वह व्यक्ति जिसका कोई शत्रु न हो। कविता में यह संदेश दिया गया है कि हमें प्रेम और समानता की भावना से सभी को मित्र बनाना चाहिए। यह मानवता की सबसे बड़ी पहचान है।

7. गुप्तजी की रचनाओं में नारी का स्थान क्या है?

  • उनकी रचनाओं में नारी के त्याग, करुणा और सहनशीलता को प्रमुखता दी गई है। ‘यशोधरा’ और ‘साकेत’ में उर्मिला और यशोधरा को आदर्श नारी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने नारी को समाज की शक्ति और प्रेरणा बताया है।

8. ‘भारत माता का मंदिर’ में ‘रेखाएँ प्रस्तुत हैं’ का अर्थ क्या है?

  • कवि कहता है कि जीवन के आदर्शों को अपनाकर हम अपने चरित्र का निर्माण कर सकते हैं। यह रेखाएँ हमारे विचारों और कर्मों का प्रतीक हैं। कविता प्रेरणा देती है कि हम उच्च आदर्शों का पालन करें।

9. मैथिलीशरण गुप्त की कविताओं पर गाँधीवाद का क्या प्रभाव है?

  • गुप्तजी की कविताओं में गाँधीवाद के सिद्धांत—अहिंसा, सत्य और स्वदेश प्रेम—स्पष्ट रूप से दिखते हैं। उनकी कविताएँ सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय एकता के विचारों से प्रेरित हैं। गाँधी जी के विचारों ने उनकी रचनाओं में नई दिशा दी।

10. ‘भारत माता का मंदिर’ कविता का क्या संदेश है?

  • कविता एकता, समानता, और भाईचारे का संदेश देती है। यह जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर सभी के कल्याण की बात करती है। इसमें प्रेम और मानवता को प्राथमिकता दी गई है।

हिंदी Important Questions Poem 9 झाँसी की रानी की समाधि पर Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: उनका जन्म 16 अगस्त 1904 को निहालपुर, प्रयागराज में हुआ।

2. सुभद्राजी की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: ‘मुकुल,’ ‘त्रिधारा,’ ‘बिखरे मोती,’ और ‘उन्मादिनी।’

3. सुभद्राजी के काव्य का मुख्य स्वर क्या है?

उत्तर: उनके काव्य का मुख्य स्वर वीर और वात्सल्य रस है।

4. सुभद्राजी ने किन आंदोलनों में भाग लिया?

उत्तर: उन्होंने असहयोग आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।

5. सुभद्राजी की भाषा शैली की विशेषता क्या है?

उत्तर: उनकी भाषा सरल, स्पष्ट, और ओजस्वी खड़ीबोली थी।

6. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में किसकी प्रशंसा की गई है?

उत्तर: झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की।

7. कवयित्री ने झाँसी की रानी को किन विशेषणों से अलंकृत किया है?

उत्तर: वीर, मरदानी, और आहुति-सी।

8. रानी की समाधि को कवयित्री ने क्यों अधिक प्रिय बताया है?

उत्तर: क्योंकि इसमें स्वतंत्रता की आशा की चिनगारी निहित है।

9. कविता में रानी के बलिदान को किससे तुलना की गई है?

उत्तर: यज्ञ की आहुति और ज्वाला से।

10. रानी की समाधि के बारे में कवयित्री का क्या दृष्टिकोण है?

उत्तर: यह स्वतंत्रता संग्राम का पवित्र प्रतीक है।

11. ‘झाँसी की रानी’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?

उत्तर: उपमा और श्लेष अलंकार।

12. कवयित्री ने झाँसी की रानी के बलिदान को कैसे चित्रित किया है?

उत्तर: इसे स्वर्ण से अधिक मूल्यवान बताया है।

13. झाँसी की रानी की समाधि पर कवयित्री का क्या संदेश है?

उत्तर: बलिदान से राष्ट्र का गौरव बढ़ता है।

14. कवयित्री ने झाँसी की रानी की विजय माला को किससे तुलना की है?

उत्तर: भग्न विजय माला-सी।

15. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: स्वतंत्रता के लिए आत्मोत्सर्ग की प्रेरणा।


दीर्घ प्रश्न


1. सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्यिक योगदान क्या है?

उत्तर: सुभद्राकुमारी चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम में कविता के माध्यम से योगदान दिया। उनकी कविताएँ राष्ट्रीयता, वीरता, और वात्सल्य रस से ओत-प्रोत हैं। ‘झाँसी की रानी’ और ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ उनकी प्रसिद्ध कविताएँ हैं।

2. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का केन्द्रीय भाव क्या है?

उत्तर: कविता का केन्द्रीय भाव झाँसी की रानी के बलिदान का गुणगान है। कवयित्री ने रानी की समाधि को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बताया। यह कविता बलिदान और देशभक्ति की प्रेरणा देती है।

3. सुभद्राजी की भाषा-शैली की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: उनकी भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण, और खड़ीबोली में है। कवयित्री ने नारी-सुलभ ममता और वीरता को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। उनकी शैली में ओज और भावात्मकता प्रमुख हैं।

4. कवयित्री ने झाँसी की रानी के बलिदान को कैसे चित्रित किया है?

उत्तर: रानी के बलिदान को यज्ञ की आहुति और स्वर्ण भस्म से तुलना की गई है। यह बलिदान देश के लिए सबसे पवित्र और मूल्यवान बताया गया है। कविता में यह प्रेरणा और श्रद्धा का प्रतीक है।

5. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?

उत्तर: कविता में उपमा और श्लेष अलंकार हैं। उदाहरण: “आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर” और “भग्न विजय माला-सी।” ये अलंकार कविता के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

6. झाँसी की रानी की समाधि को कवयित्री ने क्यों अधिक प्रिय बताया है?

उत्तर: समाधि में स्वतंत्रता की आशा की चिनगारी और बलिदान की गाथा छिपी है। यह समाधि प्रेरणा और सम्मान का प्रतीक है। रानी से अधिक यह समाधि देशभक्ति का प्रतीक है।

7. सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं में राष्ट्रीयता का क्या महत्व है?

उत्तर: उनकी कविताएँ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों में जोश और उत्साह भरती थीं। राष्ट्रीयता, त्याग, और बलिदान उनकी कविताओं के मूल तत्व हैं। ‘झाँसी की रानी’ जैसी कविताएँ युवाओं को प्रेरित करती हैं।

8. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में बलिदान को कैसे महत्व दिया गया है?

उत्तर: बलिदान को यज्ञ की आहुति और राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अनिवार्य बताया गया है। रानी के बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। यह कविता बलिदान को सर्वोच्च कर्तव्य मानती है।

9. सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं में वीर रस का क्या योगदान है?

उत्तर: वीर रस उनकी कविताओं का मुख्य रस है, जो जोश और साहस भरता है। ‘झाँसी की रानी’ में वीर रस का ओजस्वी प्रयोग स्वतंत्रता संग्राम की महत्ता दर्शाता है। उनकी कविताएँ बलिदान की प्रेरणा देती हैं।

10. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का संदेश क्या है?

उत्तर: कविता बलिदान, स्वतंत्रता के प्रति निष्ठा, और देशभक्ति का संदेश देती है। कवयित्री ने बलिदान को राष्ट्र का सबसे पवित्र कर्तव्य बताया है। यह कविता स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को रेखांकित करती है।

11. कवयित्री ने झाँसी की रानी को किन विशेषणों से अलंकृत किया है?

उत्तर: रानी को ‘वीर बाला,’ ‘मरदानी,’ और ‘आहुति-सी’ जैसे विशेषणों से अलंकृत किया है। ये विशेषण रानी की वीरता और बलिदान को दर्शाते हैं। कविता में ये विशेषण राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाते हैं।

12. झाँसी की रानी की समाधि का कवयित्री के दृष्टिकोण से महत्व क्या है?

उत्तर: समाधि स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, जो आशा और बलिदान का संदेश देती है। इसमें रानी का यश और राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण निहित है। यह समाधि देशभक्ति और प्रेरणा का स्रोत है।

हिंदी Important Questions Poem 8 पुष्प की अभिलाषा, जवानी Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: 4 अप्रैल 1889 को बावई, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में।

2. चतुर्वेदीजी की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: ‘हिमतरंगिणी,’ ‘माता,’ ‘युगचरण,’ ‘साहित्य देवता,’ और ‘समर्पण।’

3. चतुर्वेदीजी ने कौन-कौन से पत्रों का संपादन किया?

उत्तर: उन्होंने ‘प्रभा’ और ‘कर्मवीर’ पत्रों का संपादन किया।

4. चतुर्वेदीजी को कौन-कौन से सम्मान मिले?

उत्तर: उन्हें ‘पद्मभूषण’ और डी.लिट् की उपाधि मिली।

5. चतुर्वेदीजी की भाषा-शैली की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: उनकी भाषा खड़ीबोली, सरल, और ओजपूर्ण थी।

6. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में फूल की कौन-सी इच्छाएँ नहीं हैं?

उत्तर: देवताओं के सिर पर चढ़ने और सम्राटों की माला बनने की।

7. फूल की अंतिम अभिलाषा क्या है?

उत्तर: मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले वीरों के पथ पर बिछने की।

8. कवि ने फूल की अभिलाषा के माध्यम से क्या व्यक्त किया है?

उत्तर: देशभक्ति और बलिदान का महत्व।

9. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: मातृभूमि के लिए त्याग और समर्पण।

10. फूल ने सम्राटों के शव पर चढ़ने की इच्छा क्यों नहीं की?

उत्तर: क्योंकि यह शाश्वत सेवा नहीं है।

11. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?

उत्तर: रूपक और अनुप्रास अलंकार।

12. फूल किसे बनमाली कहकर संबोधित करता है?

उत्तर: भगवान को।

13. कवि ने मातृभूमि को क्या कहा है?

उत्तर: वीरों की भूमि और बलिदान की धरा।

14. ‘जवानी’ कविता का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: युवाओं में बलिदान और क्रांति की भावना जागृत करना।

15. कवि ने युवाओं को किस बात के लिए प्रेरित किया है?

उत्तर: अपने प्राण मातृभूमि के लिए अर्पित करने के लिए।

16. ‘जवानी’ कविता में साहसहीन युवक को किससे तुलना की गई है?

उत्तर: कुत्ते से।

17. कवि ने क्रांति को जीवन का क्या रूप बताया है?

उत्तर: जीवन को नया मोड़ देने वाला।

18. ‘जवानी’ कविता में मरण को क्या कहा गया है?

उत्तर: जीवन का त्योहार।

19. ‘जवानी’ कविता में युवकों के पथ को क्या कहा गया है?

उत्तर: धरती पर तीर्थ समान।

20. फूल मातृभूमि के लिए वीरों के पथ पर क्यों बिछना चाहता है?

उत्तर: क्योंकि यह मातृभूमि के लिए सर्वोच्च सेवा है।


दीर्घ प्रश्न


1. माखनलाल चतुर्वेदी का साहित्यिक योगदान क्या है?

उत्तर: माखनलाल चतुर्वेदी ने कविता, नाटक, कहानी, और निबंध लेखन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताओं में राष्ट्रीयता, त्याग, और बलिदान का भाव प्रबल है। ‘पुष्प की अभिलाषा’ और ‘हिमतरंगिणी’ उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।

2. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता का केन्द्रीय भाव क्या है?

उत्तर: इस कविता का केन्द्रीय भाव मातृभूमि के लिए त्याग और समर्पण है। कवि ने फूल के माध्यम से देशभक्ति और बलिदान का संदेश दिया है। मातृभूमि के प्रति प्रेम कवि के भावों का आधार है।

3. चतुर्वेदीजी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: उनकी भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण, और खड़ीबोली में थी। उन्होंने संस्कृत और फारसी के शब्दों का भी प्रभावी प्रयोग किया। उनकी शैली में ओज और भावात्मकता प्रमुख हैं।

4. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में फूल की इच्छाएँ क्या हैं?

उत्तर: फूल ने देवताओं, सम्राटों, और प्रेमिकाओं के गहनों का हिस्सा बनने से इनकार किया। उसकी इच्छा मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले वीरों के पथ पर बिछने की है। यह उसकी सच्ची देशभक्ति को दर्शाता है।

5. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में फूल ने समर्पण को कैसे व्यक्त किया है?

उत्तर: फूल ने भगवान से प्रार्थना की कि उसे वीरों के पथ पर बिछा दिया जाए। यह समर्पण मातृभूमि के प्रति उसके सच्चे प्रेम और त्याग को दर्शाता है।

6. ‘जवानी’ कविता में कवि ने युवाओं को क्या प्रेरणा दी है?

उत्तर: कवि ने युवाओं को साहस, बलिदान, और कर्तव्य की प्रेरणा दी है। उन्होंने युवाओं से मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति देने का आह्वान किया है। कविता में जोश और उत्साह का संचार है।

7. ‘जवानी’ कविता में मरण को जीवन का त्योहार क्यों कहा गया है?

उत्तर: मरण को मातृभूमि के लिए किए गए बलिदान का प्रतीक माना गया है। इसे जीवन के उच्चतम उद्देश्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। बलिदान से ही जीवन को महान बनाया जा सकता है।

8. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?

उत्तर: कविता में रूपक और अनुप्रास अलंकार प्रमुख हैं। ‘फूल’ का रूपक मातृभूमि के प्रति त्याग और समर्पण का प्रतीक है। अलंकार कविता के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

9. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में राष्ट्र-प्रेम को कैसे दर्शाया गया है?

उत्तर: कविता में फूल ने मातृभूमि के प्रति असीम प्रेम और त्याग को व्यक्त किया। वीरों के पथ पर बिछने की उसकी इच्छा राष्ट्र-प्रेम का प्रतीक है। यह बलिदान की महत्ता को दर्शाता है।

10. ‘जवानी’ कविता में साहसहीन युवक पर कवि ने क्या व्यंग्य किया है?

उत्तर: कवि ने साहसहीन युवक की तुलना कुत्ते से की है। उन्होंने इसे व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत किया, ताकि युवाओं में जोश और बलिदान की भावना जागे। यह कविता उन्हें आत्मसम्मान की प्रेरणा देती है।

11. चतुर्वेदीजी की कविताओं में राष्ट्रीयता का क्या महत्व है?

उत्तर: उनकी कविताएँ राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति जागरूकता लाती हैं। उन्होंने देशभक्ति, त्याग, और समर्पण को अपने साहित्य का मुख्य आधार बनाया। उनकी कविताएँ राष्ट्रीयता के ओज से परिपूर्ण हैं।

12. ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता का संदेश क्या है?

उत्तर: इस कविता का संदेश है कि मातृभूमि के लिए त्याग और बलिदान ही सबसे बड़ा धर्म है। फूल की अभिलाषा के माध्यम से कवि ने देशभक्ति और कर्तव्य पर बल दिया। यह कविता प्रेम और समर्पण की प्रेरणा देती है।

हिंदी Important Questions Poem 7 स्वदेश – प्रेम Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. रामनरेश त्रिपाठी का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: 4 मार्च 1889 को कोइरीपुर, जौनपुर में।

2. त्रिपाठीजी की प्रमुख रचनाओं में कौन-कौन सी शामिल हैं?

उत्तर: ‘पथिक’, ‘मिलन’, ‘स्वप्न’, ‘ग्राम्य गीत’।

3. त्रिपाठीजी ने किन-किन भाषाओं का अध्ययन किया?

उत्तर: हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, संस्कृत, और गुजराती।

4. त्रिपाठीजी की भाषा-शैली की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: सरल, प्रवाहपूर्ण, वर्णनात्मक, और उपदेशात्मक।

5. त्रिपाठीजी को कौन सा पुरस्कार प्राप्त हुआ?

उत्तर: हिन्दुस्तान अकादमी पुरस्कार।

6. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: मातृभूमि के प्रति प्रेम और निष्ठा।

7. कवि ने मातृभूमि को किससे तुलना की है?

उत्तर: स्वर्ग-सी सुखद और पूजनीय बताया।

8. कवि ने मृत्यु को किस रूप में देखा है?

उत्तर: विश्राम स्थल और नया जीवन।

9. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में कौन सा अलंकार है?

उत्तर: रूपक और अनुप्रास।

10. कवि ने हिमालय को क्या कहा है?

उत्तर: सत्यरूप हिमगिरिवर।

11. कविता में मातृभूमि के जल को क्या कहा गया है?

उत्तर: जीवनदायिनी और अमूल्य।

12. मातृभूमि के प्रति निष्ठा क्यों आवश्यक है?

उत्तर: यह जीवन और संस्कार का आधार है।

13. कवि ने अतीत के गौरव को किससे जोड़ा है?

उत्तर: हिमालय, नदियों, और समुद्र से।

14. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में किस रस का प्रयोग हुआ है?

उत्तर: राष्ट्र-प्रेम रस।

15. कविता में किस प्रकार की प्राकृतिक छवियाँ चित्रित हैं?

उत्तर: हिमालय, नदियाँ, और समुद्र।

16. मातृभूमि का जल और अन्न मनुष्य को क्या देता है?

उत्तर: जीवन और पोषण।

17. कवि ने मृत्यु को कैसे स्वागत करने योग्य बताया है?

उत्तर: निर्भय होकर और तृप्ति के साथ।

18. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में मातृभूमि को क्या विशेषण दिया गया है?

उत्तर: धरा-शिरोमणि।

19. मातृभूमि के प्रति मनुष्य का क्या कर्तव्य है?

उत्तर: उसका संरक्षण और सेवा।

20. कवि ने जीवन और त्याग का क्या संबंध बताया है?

उत्तर: त्याग को सच्चे प्रेम का आधार।


दीर्घ प्रश्न


1. त्रिपाठीजी का साहित्यिक योगदान क्या है?

उत्तर: रामनरेश त्रिपाठी ने हिंदी साहित्य में कविता, कहानी, नाटक, निबंध, और आलोचना में योगदान दिया। उनकी रचनाओं में राष्ट्र-प्रेम, मानवता, और आदर्शवाद के भाव प्रमुख हैं। ‘पथिक’ और ‘मिलन’ जैसे खंडकाव्य उनकी सर्वश्रेष्ठ कृतियाँ हैं।

2. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता का केन्द्रीय भाव लिखिए।

उत्तर: ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता का केन्द्रीय भाव मातृभूमि के प्रति निष्ठा और बलिदान है। कवि ने मातृभूमि के अतीत के गौरव और राष्ट्र की महिमा को व्यक्त किया है। यह कविता देशभक्ति और सेवा के लिए प्रेरित करती है।

3. त्रिपाठीजी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: त्रिपाठीजी की भाषा सरल, स्वाभाविक और प्रवाहपूर्ण थी। उन्होंने खड़ीबोली का प्रयोग करते हुए उसमें मधुरता और ओज भरा। उनकी शैली वर्णनात्मक और उपदेशात्मक थी, जो पाठकों को आकर्षित करती है।

4. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में अतीत के गौरव का वर्णन करें।

उत्तर: इस कविता में हिमालय, नदियों, और समुद्र के माध्यम से अतीत के गौरव का चित्रण है। कवि ने मातृभूमि की विजय-गाथाओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया है। यह अतीत के गौरव की प्रेरणा देती है।

5. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में मृत्यु को कैसे दर्शाया गया है?

उत्तर: कवि ने मृत्यु को जीवन का विश्राम स्थल और नवजीवन का आरंभ बताया है। इसे डरने की बजाय निर्भय होकर स्वीकार करने योग्य कहा गया है। यह मृत्यु को एक प्राकृतिक और आवश्यक प्रक्रिया मानता है।

6. त्रिपाठीजी की रचनाओं में प्रकृति का योगदान बताइए।

उत्तर: त्रिपाठीजी की रचनाओं में प्रकृति का सुंदर और सजीव चित्रण है। हिमालय, नदियाँ, और समुद्र जैसी प्राकृतिक छवियों को उन्होंने राष्ट्र के गौरव से जोड़ा। प्रकृति का उपयोग उन्होंने आलंबन और उद्दीपन के रूप में किया है।

7. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में राष्ट्र-प्रेम का संदेश क्या है?

उत्तर: ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता राष्ट्र-प्रेम, त्याग, और निष्ठा का संदेश देती है। कवि ने मातृभूमि के प्रति कर्तव्य और सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया है। यह कविता बलिदान और मानवता के विकास को प्रेरित करती है।

8. त्रिपाठीजी के साहित्य में आदर्शवाद कैसे प्रकट होता है?

उत्तर: उनके साहित्य में आदर्शवाद राष्ट्र-प्रेम, मानवता और त्याग के रूप में प्रकट होता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज के लिए आदर्श जीवन और सेवा की प्रेरणा दी। उनकी रचनाएँ नई चेतना और नवयुग का संकेत देती हैं।

9. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में हिमालय और नदियों का क्या महत्व है?

उत्तर: कविता में हिमालय को सत्यरूप और गौरव का प्रतीक माना गया है। नदियाँ मातृभूमि की जीवनदायिनी शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हैं। ये छवियाँ राष्ट्र के गौरव और उसकी अडिगता को व्यक्त करती हैं।

10. त्रिपाठीजी की रचनाओं में त्याग और प्रेम का क्या महत्व है?

उत्तर: उनकी रचनाओं में त्याग और प्रेम को मानवता और सच्चे जीवन का आधार बताया गया है। उन्होंने बलिदान को प्रेम की पराकाष्ठा के रूप में प्रस्तुत किया। यह संदेश उनकी कविताओं को प्रेरणादायक बनाता है।

11. ‘स्वदेश-प्रेम’ कविता में बलिदान को कैसे चित्रित किया गया है?

उत्तर: बलिदान को मातृभूमि के प्रति सबसे बड़ा कर्तव्य बताया गया है। कवि ने इसे स्वाभाविक और राष्ट्र-प्रेम का अनिवार्य अंग माना है। बलिदान के बिना प्रेम को अधूरा बताया गया है।

12. त्रिपाठीजी का व्यक्तित्व उनकी कविताओं में कैसे झलकता है?

उत्तर: उनकी कविताओं में राष्ट्र-प्रेम, मानवता, और सेवा के भाव प्रकट होते हैं। उनका व्यक्तित्व एक आदर्शवादी और परिश्रमी साहित्यकार का था। उनकी रचनाएँ उनके जीवन के आदर्शों और मान्यताओं को प्रतिबिंबित करती हैं।

हिंदी Important Questions Poem 6 हिमालय से, वर्षा सुन्दरी के प्रति Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. महादेवी वर्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: 24 मार्च 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश में।

2. महादेवी वर्मा को किस उपाधि से जाना जाता है?

उत्तर: उन्हें “आधुनिक मीरा” कहा जाता है।

3. महादेवी वर्मा ने किस पत्रिका का संपादन किया?

उत्तर: उन्होंने “चाँद” पत्रिका का संपादन किया।

4. महादेवी वर्मा को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?

उत्तर: ज्ञानपीठ, भारत भारती और पद्मभूषण।

5. महादेवी वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कहाँ प्राप्त की?

उत्तर: उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया।

6. महादेवी वर्मा का साहित्यिक योगदान किस क्षेत्र में अधिक है?

उत्तर: काव्य और गद्य दोनों में।

7. महादेवी वर्मा की मृत्यु कब हुई?

उत्तर: 11 सितंबर 1987 को।

8. ‘हिमालय’ कविता में कवयित्री हिमालय को क्या कहती हैं?

उत्तर: वह उसे “चिर महान” कहती हैं।

9. ‘हिमालय’ कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: प्रकृति के प्रति मानव का दृष्टिकोण बदलना।

10. ‘हिमालय से’ कविता में हिमालय का कौन सा गुण वर्णित है?

उत्तर: वह सुख और दुःख में समान रहता है।

11. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में कवयित्री वर्षा को किससे उपमित करती हैं?

उत्तर: सजल अंग और मलयज बयार से।

12. ‘रूपसि तेरा घन-केश पाश’ का क्या अर्थ है?

उत्तर: यह वर्षा के घने बादलों की सुंदरता दर्शाता है।

13. कवयित्री ने “घन-केश” में कौन सा अलंकार प्रयोग किया है?

उत्तर: रूपक अलंकार।

14. ‘जगती जगती की मूक प्यास’ पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

उत्तर: यमक अलंकार।

15. ‘हिमालय’ कविता में “शीश नभ में गर्वित” का क्या अर्थ है?

उत्तर: हिमालय का गर्व से ऊँचा खड़ा होना।

16. कवयित्री ने “वर्षा” को कौन-कौन से विशेषण दिए हैं?

उत्तर: सद्यस्नात, सुरभित, शीतल।

17. “हिमालय” और “वर्षा” कविताओं का मुख्य स्वर क्या है?

उत्तर: प्रकृति के सौंदर्य और उसके महत्व का वर्णन।

18. महादेवी वर्मा की भाषा शैली कैसी थी?

उत्तर: चित्रमय, कोमल, और संस्कृतनिष्ठ।


दीर्घ प्रश्न


1. महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय दीजिए।

उत्तर: महादेवी वर्मा छायावाद युग की प्रमुख कवयित्री थीं। उनकी भाषा कोमल, चित्रमय और संवेदनशील है। उन्होंने “नीहार,” “यामा,” और “दीपशिखा” जैसी कृतियाँ लिखीं और नारी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।

2. ‘हिमालय से’ कविता का सारांश लिखिए।

उत्तर: कविता में हिमालय को महान और अडिग शक्ति का प्रतीक माना गया है। कवयित्री ने हिमालय के धैर्य, त्याग, और करुणा की प्रशंसा की है। यह मानव को दृढ़ता और सहनशीलता की प्रेरणा देता है।

3. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में वर्षा का सौंदर्य कैसे चित्रित किया गया है?

उत्तर: कवयित्री ने वर्षा को “सद्यस्नात,” “सुरभित,” और “मलयज बयार” से अलंकृत किया है। उन्होंने इसे प्रकृति के सौंदर्य का प्रतीक माना है। यह कविता वर्षा के मधुर प्रभाव और उसकी ऊर्जा को व्यक्त करती है।

4. महादेवी वर्मा की भाषा की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: उनकी भाषा मधुर, चित्रात्मक और संस्कृतनिष्ठ खड़ीबोली है। उन्होंने कोमल और संवेदनशील भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सांकेतिकता और प्रतीकों का प्रयोग किया। उनकी भाषा में संगीतात्मकता और प्रवाह है।

5. ‘हिमालय’ कविता में हिमालय के कौन-कौन से गुण दर्शाए गए हैं?

उत्तर: कविता में हिमालय को धैर्य, त्याग, और करुणा का प्रतीक बताया गया है। वह सुख-दुःख में समान रहता है और पूरे विश्व को प्रेरणा देता है। कवयित्री ने इसे प्रकृति का महान संरक्षक माना है।

6. ‘वर्षा सुंदरी’ में “बक-पाँतों का अरविंद हार” का क्या अर्थ है?

उत्तर: इसका अर्थ है बगुलों की पंक्ति को कमल के हार से उपमित करना। यह वर्षा के वातावरण को चित्रमय और सुंदर बनाता है। कवयित्री ने प्रकृति के सौंदर्य को बिंब के माध्यम से व्यक्त किया है।

7. महादेवी वर्मा को “आधुनिक मीरा” क्यों कहा जाता है?

उत्तर: महादेवी वर्मा के काव्य में करुणा और वेदना की प्रधानता है। उनके गीतों में ईश्वर के प्रति गहन प्रेम और आत्मसमर्पण व्यक्त हुआ है। उनके भक्ति और भावना ने उन्हें “आधुनिक मीरा” बना दिया।

8. ‘हिमालय से’ कविता का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: यह कविता मानव को प्रकृति से प्रेरणा लेने की सीख देती है। कवयित्री ने हिमालय को धैर्य और सहनशीलता का प्रतीक माना है। यह कविता मनुष्य को धीर और स्थिर रहने की प्रेरणा देती है।

9. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में कवयित्री ने किस अलंकार का प्रयोग किया है?

उत्तर: कविता में रूपक, उपमा, और यमक अलंकार का सुंदर उपयोग हुआ है। “घन-केश” और “बक-पाँतों का अरविंद हार” इसके प्रमुख उदाहरण हैं। अलंकारों ने कविता को अधिक प्रभावशाली बनाया है।

10. ‘हिमालय’ कविता के आधार पर हिमालय के व्यक्तित्व का वर्णन कीजिए।

उत्तर: हिमालय को कवयित्री ने गर्व, धैर्य और करुणा का प्रतीक बताया है। वह अटल और स्थिर है, लेकिन उसकी करुणा सभी के लिए समान है। हिमालय प्रकृति की शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक है।

11. महादेवी वर्मा ने “वर्षा” को किस रूप में देखा है?

उत्तर: उन्होंने वर्षा को ऊर्जा, सौंदर्य, और सजीवता का प्रतीक माना है। वह इसे बादलों, झरनों और बयार के माध्यम से व्यक्त करती हैं। वर्षा जीवन का पुनर्निर्माण करती है।

12. ‘हिमालय’ कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर: कविता हमें धैर्य, सहनशीलता, और स्थिरता की प्रेरणा देती है। हिमालय की भांति हमें अपने कर्तव्यों में अडिग और करुणामय होना चाहिए। यह प्रकृति के साथ सामंजस्य की सीख भी देती है।

13. ‘जगती जगती की मूक प्यास’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति में कवयित्री ने संसार की इच्छाओं और प्यास को व्यक्त किया है। यह मानवीय जरूरतों और उनकी पूर्णता की प्रतीक है। यहाँ यमक अलंकार का सुंदर उपयोग हुआ है।

14. महादेवी वर्मा के साहित्यिक योगदान का वर्णन कीजिए।

उत्तर: महादेवी वर्मा ने छायावादी काव्य में करुणा और भावना की अभिव्यक्ति दी। उन्होंने नारी स्वतंत्रता पर लेखन किया और गद्य-लेखन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी रचनाएँ “नीरजा,” “यामा,” और “दीपशिखा” प्रसिद्ध हैं।

15. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता का मूल भाव क्या है?

उत्तर: कविता प्रकृति के सौंदर्य और वर्षा के प्रभाव को चित्रित करती है। इसमें वर्षा को पृथ्वी के नवजीवन और उर्वरता का प्रतीक बताया गया है। कवयित्री ने वर्षा की कोमलता और ऊर्जा का सुंदर वर्णन किया है।

हिंदी Important Questions Poem 5 चींटी, चंद्रलोक मई प्रथम बार Class 10 Hindi UP Board यूपी बोर्ड

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10

लघु प्रश्न


1. सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: 20 मई 1900 को कौसानी, अल्मोड़ा में हुआ।

2. पंत जी का वास्तविक नाम क्या था?

उत्तर: उनका वास्तविक नाम गुसाईंदत्त था।

3. सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख कृति कौन-सी है?

उत्तर: उनकी प्रमुख कृति “चिदंबरा” है।

4. सुमित्रानंदन पंत को कौन-सा सम्मान मिला?

उत्तर: उन्हें “पद्मभूषण” और “ज्ञानपीठ पुरस्कार” मिला।

5. सुमित्रानंदन पंत को प्रकृति का कवि क्यों कहा जाता है?

उत्तर: क्योंकि उन्होंने प्रकृति का सुंदर वर्णन किया।

6. चींटी को कवि ने किसका प्रतीक माना है?

उत्तर: संगठन, श्रम और सामाजिकता का प्रतीक।

7. कवि ने चींटी की काया को किससे उपमित किया है?

उत्तर: भूरे बालों की कतरन से।

8. चींटी का जीवन किस प्रकार का बताया गया है?

उत्तर: अथक और मेहनती।

9. कवि ने चींटी के श्रम की क्या विशेषता बताई है?

उत्तर: वह बिना थके लगातार काम करती है।

10. चींटी पृथ्वी पर किस प्रकार विचरण करती है?

उत्तर: निर्भय और स्वतंत्र रूप से।

11. चींटी अपने दल के साथ क्या-क्या करती है?

उत्तर: गाय चराती, घर-आँगन बुहारती और शत्रुओं से लड़ती है।

12. ‘प्राणों की रिलमिल-झिलमिल’ का अर्थ क्या है?

उत्तर: जीवन की अद्भुत ऊर्जा और गतिशीलता।

13. कवि ने चींटी के जीवन से क्या सीखने को कहा है?

उत्तर: सामाजिकता, अनुशासन और श्रम की महत्ता।

14. चींटी का छोटापन कवि को क्यों नहीं दिखता?

उत्तर: क्योंकि वह अपने श्रम और साहस से बड़ी लगती है।

15. कवि ने चींटी के जीवन में कौन-सी स्थिरता दिखाई है?

उत्तर: सतत और अनुशासित कार्यशीलता।

16. चंद्रलोक में मानव का प्रथम पदार्पण कब हुआ?

उत्तर: 20वीं सदी में।

17. कवि ने चंद्रलोक में मानव के प्रवेश को क्या कहा है?

उत्तर: महत् ऐतिहासिक क्षण।

18. चंद्रमा पर मानव के पहुंचने से कवि की क्या आशा है?

उत्तर: देशों के बीच शांति और सहयोग।

19. कवि ने चंद्रलोक पर पहुंचने को युग-युग का स्वप्न क्यों कहा?

उत्तर: क्योंकि यह पुराणकाल से मानव की कल्पना रही है।

20. ‘अमरीका-सोवियत बनें नव दिक् रचना के वाहन’ का अर्थ क्या है?

उत्तर: दोनों देश विश्व शांति और प्रगति में योगदान दें।

21. अणु-युग को कवि ने क्या बनाने का सुझाव दिया है?

उत्तर: मानवता के कल्याण और स्वर्गीय सृजन का साधन।

22. ‘धरा-चंद्र की प्रीति’ का क्या अर्थ है?

उत्तर: पृथ्वी और चंद्रमा के बीच पुराना संबंध।

23. चंद्रमा को देखकर समुद्र में क्या होता है?

उत्तर: ज्वार उठता है।

24. कवि ने चंद्रलोक पर पहुंचने को किसकी शुरुआत कहा है?

उत्तर: नए चंद्रयुग की।

25. ‘हृदय सिंधु में उठता स्वर्गिक ज्वार’ का अर्थ क्या है?

उत्तर: चंद्रलोक पर मानव की विजय से आनंद।


दीर्घ प्रश्न


1. सुमित्रानंदन पंत का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: सुमित्रानंदन पंत छायावाद के प्रमुख स्तंभ थे। उनकी भाषा चित्रमय, सरल और सुकोमल खड़ीबोली थी। उन्होंने बिंब और प्रतीकों का सुंदर उपयोग कर खड़ीबोली को ब्रजभाषा जैसा माधुर्य प्रदान किया।

2. सुमित्रानंदन पंत का जीवन-वृत्त लिखकर उनके साहित्यिक योगदान का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: पंत जी का जन्म 20 मई 1900 को कौसानी, अल्मोड़ा में हुआ। उन्होंने “चिदंबरा,” “पल्लव,” और “कला और बूढ़ा चाँद” जैसी कृतियाँ लिखीं। उनकी कविताएँ मानवता, प्रकृति, और आध्यात्मिकता का सुंदर समावेश हैं।

3. पंत जी ने अपनी कविता ‘चींटी’ में चींटी को किसका प्रतीक माना है?

उत्तर: ‘चींटी’ कविता में पंत जी ने श्रम, सामाजिकता, और संगठन का प्रतीक प्रस्तुत किया है। उन्होंने चींटी को समाज में श्रमजीवी और सुनागरिक के रूप में देखा। यह कविता कड़ी मेहनत और सामूहिक प्रयास की महत्ता को उजागर करती है।

4. पंत जी ने ‘चींटी’ में चींटी के जीवन को कैसे चित्रित किया है?

उत्तर: कवि ने चींटी के जीवन को श्रमशील, अनुशासित, और संगठनप्रिय बताया। चींटी दिनभर मेहनत करती है और सामाजिकता का पालन करती है। वह अपनी लघु काया में भी जीवन की अद्भुत शक्ति का प्रतीक है।

5. ‘प्राणों की रिलमिल-झिलमिल सी’ पंक्ति का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने उपमा और अनुप्रास अलंकार का प्रयोग किया है। चींटी के जीवन की छोटी-छोटी हरकतों को झिलमिलाती रोशनी जैसा दर्शाया गया है। यह उसके जीवन की ऊर्जावान गति और श्रमशीलता को व्यक्त करता है।

6. ‘चंद्रलोक में प्रथम बार’ कविता का सारांश लिखिए।

उत्तर: इस कविता में मानव के चंद्रमा पर पहले कदम का वर्णन है। कवि इसे ऐतिहासिक क्षण मानते हुए विज्ञान और मानवता के कल्याण की उम्मीद करता है। कविता में विश्व शांति, एकता, और विकास का संदेश है।

7. चंद्रलोक पर मानव के प्रथम पदार्पण को कवि ने ऐतिहासिक क्षण क्यों कहा है?

उत्तर: कवि ने इसे ऐतिहासिक क्षण कहा क्योंकि इसने युग-युग के स्वप्न को साकार किया। चंद्रमा पर पहुंचकर मानव ने देश, काल और बाधाओं को पार किया। यह उपलब्धि मानव सभ्यता की प्रगति का प्रतीक है।

8. ‘अमरीका-सोवियत बनें नव दिक् रचना के वाहन’ का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने शीत युद्ध की स्थिति को समाप्त करने की आशा व्यक्त की। उन्होंने अमरीका और सोवियत संघ को विश्व शांति और विकास के लिए नए प्रयास करने का संदेश दिया। यह एकता और सहयोग का प्रतीक है।

9. पंत जी ने ‘अणु-युग’ को किस दृष्टि से देखा है?

उत्तर: पंत जी ने ‘अणु-युग’ को विज्ञान और प्रगति का साधन बताया है। वे चाहते हैं कि अणु-शक्ति मानवता के कल्याण और स्वर्गीय सृजन में प्रयुक्त हो। यह उनकी आशावादी दृष्टि को दर्शाता है।

10. ‘धरा-चंद्र की प्रीति परस्पर’ का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने चंद्रमा और पृथ्वी के पुरातन प्रेम का वर्णन किया है। उन्होंने इसे प्राकृतिक प्रेम का प्रतीक बताया, जैसे पूर्णिमा पर चंद्रमा को देखकर समुद्र में ज्वार आता है। यह प्रकृति के संतुलन और प्रेम को दर्शाता है।

11. ‘चींटी’ कविता में सामाजिकता और संगठन का महत्व कैसे बताया गया है?

उत्तर: ‘चींटी’ कविता में कवि ने सामाजिकता और संगठन को चींटी के माध्यम से प्रस्तुत किया है। चींटी सामूहिक कार्य करती है और अनुशासन का पालन करती है। यह कविता सामूहिक प्रयासों की उपयोगिता पर बल देती है।

12. ‘चंद्रलोक में मानव’ कविता में कवि ने विज्ञान के प्रति क्या दृष्टिकोण व्यक्त किया है?

उत्तर: कवि ने विज्ञान को मानवता के कल्याण का साधन माना है। उन्होंने विज्ञान से विश्व शांति, समृद्धि और सहयोग की आशा व्यक्त की। यह कविता वैज्ञानिक उपलब्धियों के सकारात्मक उपयोग का संदेश देती है।

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