Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 8
छोटे प्रश्न
1. इस एकांकी का नाम क्या है और यह किसके द्वारा लिखी गई है?
उत्तर: इस एकांकी का नाम “जूलिया वासिल्देवना” है और इसे अंतोन चेखोव ने लिखा है।
2. गृहस्वामी ने जूलिया को कितने महीने की तनख्वाह का हिसाब दिया?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया के दो महीने की तनख्वाह का हिसाब दिया।
3. गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह कितनी तय की थी?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह 30 रूबल प्रति महीना तय की थी।
4. जूलिया ने अपनी तनख्वाह कितनी बताई?
उत्तर: जूलिया ने अपनी तनख्वाह 40 रूबल प्रति महीना बताई।
5. गृहस्वामी ने जूलिया के पैसे क्यों काटे?
उत्तर: गृहस्वामी ने छुट्टियों, बच्चों की गलतियों, और सामान टूटने के कारण पैसे काटे।
6. जूलिया ने गृहस्वामी को धन्यवाद क्यों कहा?
उत्तर: क्योंकि अन्य जगहों पर उसे पैसे नहीं मिले थे, लेकिन गृहस्वामी ने कुछ पैसे दिए।
7. गृहस्वामी ने अंत में जूलिया को कितने रूबल दिए?
उत्तर: गृहस्वामी ने अंत में जूलिया को 80 रूबल दिए।
8. गृहस्वामी ने जूलिया को किस बात का सबक सिखाया?
उत्तर: गृहस्वामी ने सिखाया कि अन्याय सहने की बजाय विरोध करना चाहिए।
9. जूलिया का स्वभाव कैसा था?
उत्तर: जूलिया का स्वभाव सरल, भोला और सहनशील था।
10. गृहस्वामी ने अंत में जूलिया को क्या सलाह दी?
उत्तर: गृहस्वामी ने सलाह दी कि वह इस दुनिया में अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीखे।
लंबे प्रश्न
1. इस एकांकी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस एकांकी का उद्देश्य शोषण और अन्याय का विरोध करने की शिक्षा देना है। लेखक ने जूलिया की पीड़ा और विवशता को दिखाते हुए यह संदेश दिया कि दब्बू बनने के बजाय, अन्याय का डटकर सामना करना चाहिए।
2. गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह कैसे तय की?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह पहले 30 रूबल तय की, लेकिन बाद में छुट्टियाँ, बच्चों की गलतियों, और सामान टूटने के बहाने पैसे काटे। उसने झूठे आरोप लगाकर उसकी तनख्वाह से 19 रूबल घटा दिए।
3. जूलिया ने गृहस्वामी को धन्यवाद क्यों कहा?
उत्तर: जूलिया ने धन्यवाद इसलिए कहा क्योंकि उसे पहले की जगहों पर काम के बदले एक पैसा भी नहीं मिला था। उसने गृहस्वामी द्वारा कुछ पैसे देने को भी उपकार समझा और कृतज्ञता जताई।
4. गृहस्वामी ने जूलिया को क्या सिखाने की कोशिश की?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया को यह सिखाने की कोशिश की कि दब्बू और कमजोर बनकर अन्याय सहना गलत है। उसे अपने अधिकारों के लिए लड़ने और अन्याय का विरोध करने की आवश्यकता है।
5. जूलिया की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: जूलिया एक भोली-भाली और दब्बू गवर्नेस है, जो अन्याय का विरोध नहीं करती। वह गरीबी और विवशता में अपने काम की सही कीमत भी नहीं मांग पाती।
6. गृहस्वामी ने तनख्वाह काटने के कौन-कौन से कारण बताए?
उत्तर: गृहस्वामी ने छुट्टियों, बच्चों की जैकेट फटने, जूते चोरी होने, और चाय की प्लेट टूटने जैसे बहाने बनाकर जूलिया की तनख्वाह से पैसे काटे।
7. गृहस्वामी ने जूलिया के साथ कैसा मजाक किया?
उत्तर: गृहस्वामी ने जानबूझकर झूठे बहाने बनाकर जूलिया की तनख्वाह काटी और उसे 11 रूबल देने का नाटक किया। बाद में उसने असली रकम 80 रूबल देकर उसे सिखाया कि अन्याय का विरोध करना चाहिए।
8. जूलिया के साथ अन्याय की कहानी क्या सिखाती है?
उत्तर: यह कहानी सिखाती है कि अन्याय का डटकर सामना करना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। दब्बू और भीरु लोग इस क्रूर दुनिया में सम्मान नहीं पाते।
9. गृहस्वामी ने जूलिया को कितने पैसे लौटाए?
उत्तर: गृहस्वामी ने पहले मजाक में 11 रूबल दिए और अंत में असली तनख्वाह के 80 रूबल लौटा दिए। उसने ऐसा उसे एक सबक सिखाने के लिए किया।
10. गृहस्वामी ने अंत में जूलिया से क्या सवाल किया?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया से पूछा कि क्या भला बनने के लिए दब्बू और भीरु बनना जरूरी है। उसने जूलिया को समझाया कि अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।
11. जूलिया के अन्य नियोक्ता उसके साथ कैसा व्यवहार करते थे?
उत्तर: जूलिया के अन्य नियोक्ताओं ने उसे उसके काम का उचित मेहनताना नहीं दिया। उन्होंने उसे पूरी तरह शोषित किया और उसकी मेहनत का मूल्य नहीं समझा।
12. गृहस्वामी ने जूलिया की कौन-कौन सी कमजोरियों का फायदा उठाया?
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया की दब्बू प्रवृत्ति और विरोध न करने की आदत का फायदा उठाया। उसने झूठे आरोप लगाकर उसकी तनख्वाह काट ली।
13. जूलिया की परिस्थिति के पीछे कौन-सी सामाजिक समस्या है?
उत्तर: जूलिया की परिस्थिति का कारण गरीबी, असमानता, और शोषण है। समाज में कमजोर और निर्धन लोगों का शोषण होना आम बात है।
14. गृहस्वामी ने डायरी का उल्लेख क्यों किया?
उत्तर: गृहस्वामी ने झूठे बहाने बनाने और जूलिया को भ्रमित करने के लिए डायरी का उल्लेख किया। उसने दिखाने की कोशिश की कि उसके सारे तर्क सही हैं।
15. इस कहानी का नैतिक संदेश क्या है?
उत्तर: कहानी का नैतिक संदेश है कि व्यक्ति को अन्याय का डटकर विरोध करना चाहिए। कमजोर और दब्बू बनने से कोई सम्मान या अधिकार नहीं मिलता।
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