बिहार भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। यह एक स्थल-रुद्ध राज्य है जो भारत में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड के साथ सीमा साझा करता है। इसके उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखंड, पूरब में पश्चिम बंगाल तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश स्थित है। 94,163 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ, यह क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों के मामले में बारहवां सबसे बड़ा राज्य है। इसके अतिरिक्त, बिहार भारत का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है।
यहाँ बिहार के भौगोलिक इतिहास के प्रमुख पहलुओं का विवरण प्रस्तुत है:
1. प्राचीन काल
सिंधु घाटी सभ्यता:
- स्थान: बिहार का हिस्सा सिंधु घाटी सभ्यता के प्रभाव क्षेत्र में आता है।
- विशेषता: इस काल के दौरान यहाँ कृषि और शहरीकरण की शुरुआत हुई।
वैदिक काल:
- महाजनपद: महाजनपद काल में बिहार में वज्जि, लिच्छवी, और मगध महाजनपद थे।
- भौगोलिक स्थिति: गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों ने कृषि और व्यापार को बढ़ावा दिया।
2. मगध साम्राज्य
हर्यक वंश:
- भौगोलिक विस्तार: हर्यक वंश के दौरान मगध साम्राज्य ने गंगा के उपजाऊ मैदानों में विस्तार किया।
- राजधानी: इस काल में राजगीर और पाटलिपुत्र (पटना) प्रमुख केंद्र थे।
मौर्य वंश:
- चंद्रगुप्त मौर्य: चंद्रगुप्त मौर्य ने पूरे उत्तरी भारत को अपने साम्राज्य में सम्मिलित किया।
- अशोक: अशोक ने अपने साम्राज्य का विस्तार दक्षिण और पश्चिम तक किया और बौद्ध धर्म का प्रसार किया।
3. गुप्त साम्राज्य
चंद्रगुप्त I:
- भौगोलिक स्थिति: गुप्त साम्राज्य का केंद्र बिहार में था, और यह साम्राज्य उत्तरी और मध्य भारत में फैला हुआ था।
- संस्कृति और विज्ञान: इस काल में नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय शिक्षा और संस्कृति के प्रमुख केंद्र बने।
4. मध्यकाल
पाल वंश:
- भौगोलिक विस्तार: पाल वंश ने बिहार और बंगाल के विशाल क्षेत्र पर शासन किया।
- धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान: इस काल में बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान हुआ और बिहार में कई बौद्ध स्तूप और विहार बने।
सेन वंश:
- भौगोलिक सीमा: सेन वंश का शासन बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित था।
5. इस्लामी शासन
मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी:
- भौगोलिक विस्तार: खिलजी ने बिहार और बंगाल के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा किया।
- बिहार में इस्लामी प्रभाव: इस काल में बिहार में इस्लामी संस्कृति और स्थापत्य कला का प्रभाव बढ़ा।
6. मुगल काल
अकबर और औरंगज़ेब:
- प्रशासनिक विभाजन: बिहार को एक महत्वपूर्ण प्रांत के रूप में व्यवस्थित किया गया।
- आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: मुगल शासन के दौरान कृषि, व्यापार, और सांस्कृतिक गतिविधियों में वृद्धि हुई।
7. ब्रिटिश राज
प्रशासनिक केंद्र:
- भौगोलिक विभाजन: ब्रिटिश काल में बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था।
- आर्थिक शोषण: इस काल में बिहार के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण हुआ और कृषि पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
8. स्वतंत्रता के बाद
विभाजन और पुनर्गठन:
- भौगोलिक पुनर्गठन: 1956 में बिहार पुनर्गठित हुआ और झारखंड का हिस्सा बना रहा, जिसे 2000 में एक अलग राज्य बना दिया गया।
- आर्थिक विकास: स्वतंत्रता के बाद बिहार ने कृषि, उद्योग, और शिक्षा के क्षेत्रों में कई सुधार किए।
निष्कर्ष
बिहार का भौगोलिक इतिहास विभिन्न कालों और साम्राज्यों के दौरान अनेक परिवर्तनों और विकासों का साक्षी रहा है। गंगा नदी और उसकी सहायक नदियाँ राज्य की कृषि और व्यापारिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। बिहार की भौगोलिक स्थिति ने इसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया है।
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