मौर्य वंश, जिसे चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित किया गया था, ने 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक, लगभग 137 वर्षों तक भारत पर शासन किया। यह वंश भारतीय इतिहास में सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण राजवंशों में से एक है। इस वंश ने भारत को एकजुट किया और कला, संस्कृति, धर्म और व्यापार के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति की।
मौर्य वंश के प्रमुख शासक:
- चंद्रगुप्त मौर्य (322-298 ईसा पूर्व):
- इस वंश के संस्थापक, जिन्होंने मगध साम्राज्य को हराकर पूरे भारत को एकजुट किया।
- सेल्यूकस निकेटर (यूनानी सम्राट) के साथ युद्ध में विजय प्राप्त की।
- कौटिल्य (चाणक्य) के मार्गदर्शन में शासन किया, जिन्होंने अर्थशास्त्र (राजनीति विज्ञान पर ग्रंथ) लिखा।
मौर्य वंश, जिसे चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित किया गया था, ने 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक, लगभग 137 वर्षों तक भारत पर शासन किया। यह वंश भारतीय इतिहास में सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण राजवंशों में से एक है। इस वंश ने भारत को एकजुट किया और कला, संस्कृति, धर्म और व्यापार के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति की।
मौर्य वंश के प्रमुख शासक:
- चंद्रगुप्त मौर्य (322-298 ईसा पूर्व):
- इस वंश के संस्थापक, जिन्होंने मगध साम्राज्य को हराकर पूरे भारत को एकजुट किया।
- सेल्यूकस निकेटर (यूनानी सम्राट) के साथ युद्ध में विजय प्राप्त की।
- कौटिल्य (चाणक्य) के मार्गदर्शन में शासन किया, जिन्होंने अर्थशास्त्र (राजनीति विज्ञान पर ग्रंथ) लिखा।
- बिन्दुसार (298-272 ईसा पूर्व):
- चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र।
- दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त की।
- अशोक (272-232 ईसा पूर्व):
- मौर्य साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासक।
- कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
- स्तंभों और शिलालेखों पर अनेक धार्मिक और नैतिक शिक्षाएँ (धम्म) प्रतिष्ठित करवायीं।
- दशरथ (232-224 ईसा पूर्व):
- अशोक का पुत्र।
- कम समय तक शासन किया।
- सम्प्रति (224-215 ईसा पूर्व):
- दशरथ का पुत्र।
- विद्रोहों का सामना करना पड़ा।
- शालिशूक (215-202 ईसा पूर्व):
- सम्प्रति का पुत्र।
- कमजोर शासक माना जाता है।
- देवदत्त (202-195 ईसा पूर्व):
- शालिशूक का पुत्र।
- हत्या कर दी गई थी।
- ध्रुवदत्त (195-185 ईसा पूर्व):
- मौर्य साम्राज्य का अंतिम शासक।
- पुष्यमित्र शुंग द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने शुंग वंश की स्थापना की।
मौर्य वंश का महत्व:
- राजनीतिक एकता: मौर्य वंश ने लगभग 500 वर्षों के बाद भारत को एकजुट किया।
- सुदृढ़ प्रशासन: चाणक्य (कौटिल्य) द्वारा लिखित अर्थशास्त्र ग्रंथ के आधार पर एक मजबूत और कुशल प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की गई थी।
- कला और संस्कृति: मौर्य काल में कला और संस्कृति का अभूतपूर्व विकास हुआ। स्तूप, मूर्तियां, चित्रकला और स्थापत्य कला के अनेक उत्कृष्ट नमूने इस काल में निर्मित हुए।
- धर्म: मौर्य काल में बौद्ध धर्म का भारत में प्रचार-प्रसार हुआ। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसके प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- व्यापार और वाणिज्य: मौर्य काल में व्यापार और वाणिज्य फल-फूले।
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