परिचय
छठी शताब्दी ई.पू. में भारत में संगठित और विशाल राज्यों का उदय हुआ, जिन्हें बौद्ध ग्रंथों में 16 महाजनपदों और 10 गणराज्यों के रूप में वर्णित किया गया है। ये महाजनपद आधुनिक अफगानिस्तान से बंगाल और महाराष्ट्र तक सिंधु-गंगा के मैदानों में फैले थे। बिहार में तीन प्रमुख महाजनपद – अंग, वज्जि (वृज्जी), और मगध – स्थित थे। वज्जि संघ सबसे शक्तिशाली और प्रतिष्ठित गणराज्य था, जिसमें आठ कुल शामिल थे, जिनमें वैशाली, विदेह, और ज्ञात्रिक सबसे महत्वपूर्ण थे। वैशाली को विश्व का पहला गणतंत्र माना जाता है, जहाँ निर्वाचित सभा द्वारा शासन होता था।
सोलह महाजनपद
- महाजनपदों की सूची: काशी, कोसल, अंग, मगध, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु, पांचाल, मत्स्य, सुरसेन, अश्मक, अवन्ती, गांधार, और कंबोज।
- बिहार के महाजनपद: अंग, वज्जि, और मगध।
1. अंग महाजनपद
- प्रथम उल्लेख: अथर्ववेद में।
- भौगोलिक स्थिति:
- वर्तमान बिहार के खगड़िया, भागलपुर, और मुंगेर जिले।
- मगध के उत्तर-पूर्व में, मगध और राजमहल (वर्तमान झारखंड) की पहाड़ियों के मध्य।
- राजधानी: चम्पा (वर्तमान भागलपुर क्षेत्र)।
- प्रारंभिक नाम: मालिनी, जिसे महागोविंद ने स्थापित किया।
- चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इसे ‘चेनपो’ कहा।
- संस्थापक: महाभारत के अनुसार, राजा बलि के छह पुत्रों में से एक अंग ने इस राज्य की स्थापना की।
- प्रथम राजा: तितिक्षु।
- अंतिम स्वतंत्र राजा: दधिवाहन, द्रधवर्मन, और ब्रह्मदत्त।
- महाभारत में उल्लेख: यह कर्ण का राज्य था।
- अंत: मगध के हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बसार ने अंतिम राजा ब्रह्मदत्त को हराकर अंग को मगध साम्राज्य में मिला लिया, जिससे बिहार का एकीकरण हुआ।
- विशेष टिप्पणी: अंग महाजनपद में वर्तमान बिहार के मुंगेर और भागलपुर जिले शामिल थे।
2. वज्जि संघ
- भौगोलिक स्थिति:
- गंगा के उत्तरी तट पर।
- वर्तमान बिहार के चंपारण, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा जिले, और नेपाल के कुछ क्षेत्र।
- संरचना:
- आठ संघबद्ध कुल: वज्जि, लिच्छवि, ज्ञात्रिक, विदेह, उग्र (हत्थिग्राम), भोग (भोग नगर), कुरु (हस्तिनापुर), और इक्ष्वाकु (अयोध्या)।
- सबसे महत्वपूर्ण: वैशाली (लिच्छवि), विदेह, और ज्ञात्रिक।
- विशेषता:
- विश्व का पहला गणतंत्र (750 ई.पू.), जहाँ प्रतिनिधियों की निर्वाचित सभा द्वारा शासन होता था।
- कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में इसे ‘राजशब्दोपजीवी संघ’ कहा।
- बौद्ध ग्रंथ ‘महापरिनिर्वाण सुत्त’ में वज्जि के लोगों को क्षत्रिय, और मनुस्मृति में व्रत्य क्षत्रिय कहा गया।
- उल्लेख:
- जैन और बौद्ध साहित्य, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, विष्णु पुराण, गरुड़ पुराण, वायु पुराण, और भागवत पुराण में।
- गुप्तकालीन अभिलेखों में लिच्छवियों का उल्लेख।
- पराजय: मगध के राजा अजातशत्रु ने वज्जि संघ को जीतकर मगध साम्राज्य में मिला लिया।
2.1 वैशाली (लिच्छवि)
- राजधानी: वैशाली (वर्तमान मुजफ्फरपुर जिला, बसाढ़)।
- संस्थापक: मनु के पुत्र नमोदिष्ट ने वैशालिका राजवंश की स्थापना की।
- विशाल: 24वें राजा, जिन्होंने वैशाली शहर की स्थापना की।
- कुल राजा: 33 राजा, अंतिम राजा सुमति (प्रगति)।
- महत्व:
- बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र, गौतम बुद्ध की प्रिय नगरी।
- भगवान महावीर का जन्म वैशाली के कुंडग्राम में हुआ।
- लिच्छवियों ने बुद्ध के लिए महावन में कट्टागारशाल बनवाया, जहाँ वे उपदेश देते थे।
- 383 ई.पू. में कालाशोक के शासनकाल में वैशाली में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ।
- प्रसिद्ध नर्तकी आम्रपाली को वैशाली की नगरवधू की पदवी दी गई। बुद्ध के उनके घर भोजन करने के बाद, आम्रपाली ने बौद्ध संघ को एक उद्यान समर्पित किया।
- विशेष टिप्पणी:
- पाणिनि ने वज्जि के लिए ‘व्रिज’ शब्द का प्रयोग किया।
- जैन साहित्य में लिच्छवियों का वर्णन।
- वैशाली के राजा चेटक की बहन त्रिशला महावीर की माता थीं। चेटक की पुत्री चेलन्ना का विवाह मगध के बिम्बसार से हुआ।
2.2 विदेह (मिथिला)
- स्थान: गंगा के उत्तरी भाग, वर्तमान उत्तरी बिहार और नेपाल का पूर्वी तराई क्षेत्र।
- राजधानी: जनकपुर (वर्तमान नेपाल)।
- प्रथम उल्लेख: यजुर्वेद में; रामायण और महाभारत में भी उल्लेख।
- संस्थापक: सूर्यवंशी इक्ष्वाकु के पुत्र निमि विदेह।
- मिथिजनक: मिथिला राज्य की स्थापना।
- प्रसिद्ध राजा: सिरध्वज जनक (25वें राजा), जिनकी पुत्री सीता का विवाह कोसल के राम से हुआ।
- अंतिम राजा: करल जनक।
- अंत: मगध के राजा महापद्मनंद ने विदेह को मगध में मिला लिया।
- वर्तमान नाम: मिथिलांचल।
2.3 ज्ञात्रिक
- विशेषता:
- जैन तीर्थंकर महावीर ज्ञात्रिक वंश से थे।
- उनके पिता ज्ञात्रिक वंश के प्रमुख थे, और माता त्रिशला लिच्छवी राजकुमारी थीं।
- उल्लेख: जैन साहित्य में।
3. मगध महाजनपद
- प्रथम उल्लेख: अथर्ववेद में।
- भौगोलिक स्थिति:
- गंगा के दक्षिण से विंध्य पर्वत, पूर्व में चंपा, और पश्चिम में सोन नदी तक।
- राजधानी:
- प्रारंभ में गिरिव्रज (राजगीर), जो पांच पहाड़ियों से घिरी थी।
- बाद में पाटलिपुत्र में स्थानांतरित।
- वंश: बृहद्रथ ने बृहद्रथ वंश की स्थापना की।
- महत्व:
- बुद्ध काल में शक्तिशाली गणराज्य, जो बाद में एक मजबूत साम्राज्य बना।
- भारत के दो महान साम्राज्य – मौर्य और गुप्त – मगध से उत्पन्न हुए।
- विजय:
- बिम्बसार ने अंग को और अजातशत्रु ने वज्जि को मगध में मिलाकर इसकी शक्ति बढ़ाई।
वैशाली: अतिरिक्त महत्वपूर्ण तथ्य
- प्रथम गणतंत्र: 750 ई.पू. में स्थापित, विश्व का पहला गणतंत्र।
- बौद्ध और जैन महत्व:
- भगवान महावीर ने वैशाली में चतुर्मांस व्यतीत किया।
- बुद्ध ने कट्टागारशाल में उपदेश दिए।
- पुराणों में उल्लेख: विष्णु, गरुड़, वायु, और भागवत पुराण।
- गुप्तकाल: लिच्छवियों का उल्लेख अभिलेखों में।
- आम्रपाली: वैशाली की नगरवधू, जिन्होंने बुद्ध के साथ भोजन के बाद बौद्ध संघ को उद्यान दान किया।
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