2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार की कुल आबादी 10.41 करोड़ है। यह भारत की तीसरी सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है।
लिंग अनुपात: बिहार में लिंग अनुपात 919 महिला प्रति 1000 पुरुष है, जो राष्ट्रीय औसत 943 से कम है।
बिहार का जनसंख्या और सांस्कृतिक विविधता राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाते हैं। यहाँ बिहार की जनसंख्या और सांस्कृतिक विविधता के प्रमुख पहलुओं का विवरण है:
2021 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या
1. जनसंख्या आंकड़े
- वर्तमान जनसंख्या: 2021 की जनगणना के अनुसार, बिहार की जनसंख्या लगभग 12.5 करोड़ है। बिहार भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में से एक है।
- जनसंख्या घनत्व: बिहार का जनसंख्या घनत्व भी बहुत उच्च है, जो कि लगभग 1,106 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है (2021 की जनगणना के अनुसार)।
2. जनसंख्या वृद्धि
- वृद्धि दर: बिहार की जनसंख्या वृद्धि दर पिछले दशकों में उच्च रही है, हालांकि हाल के वर्षों में इसमें कुछ कमी आई है। जनसंख्या वृद्धि दर के कारण राज्य की बुनियादी ढाँचे और सेवाओं पर दबाव पड़ा है।
3. भौगोलिक और सांस्कृतिक भिन्नता
- आबादी के घनत्व के कारण: बिहार के कुछ क्षेत्र जैसे कि पटना और भागलपुर अधिक जनसंख्या घनत्व वाले हैं, जबकि कुछ ग्रामीण क्षेत्र कम घनत्व वाले हैं।
सांस्कृतिक विविधता
1. भाषाएँ
- मुख्य भाषाएँ: बिहार की प्रमुख भाषाएँ हिंदी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही और अंगिका हैं।
- हिंदी: यह राज्य की मुख्य और सरकारी भाषा है।
- उर्दू: बिहार में उर्दू भी महत्वपूर्ण भाषा है, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के बीच।
- मैथिली: मिथिला क्षेत्र की प्रमुख भाषा, जिसे 2003 में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
- भोजपुरी, मगही, अंगिका: ये भाषाएँ बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाती हैं और इनकी सांस्कृतिक पहचान महत्वपूर्ण है।
2. धर्म और जातियाँ
- धर्म: बिहार में प्रमुख धर्म हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और सिख हैं। हिंदू धर्म बहुसंख्यक है, जबकि मुस्लिम धर्म एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक समुदाय है।
- जातियाँ: बिहार में विभिन्न जातियाँ और उपजातियाँ रहती हैं, जिनमें अनुसूचित जातियाँ (SCs), अनुसूचित जनजातियाँ (STs), और अन्य पिछड़ी जातियाँ (OBCs) शामिल हैं। ये जातियाँ सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
3. त्योहार और उत्सव
- धार्मिक त्योहार: बिहार में मुख्य धार्मिक त्योहारों में छठ पूजा, दिवाली, होली, ईद, और क्रिसमस शामिल हैं। छठ पूजा विशेष रूप से बिहार की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।
- सांस्कृतिक उत्सव: बिहार में विभिन्न सांस्कृतिक उत्सव भी मनाए जाते हैं, जैसे कि मिथिला की कृतियाँ और कर्नाटक संस्कृति का आदान-प्रदान।
4. संस्कृति और कला
- लोक कला और संगीत: बिहार की लोक कला और संगीत में विभिन्न परंपराएँ शामिल हैं, जैसे कि भोजपुरी और मैथिली संगीत, लिट्टी-चोखा, और मल्लाह के गीत।
- हस्तशिल्प: बिहार की हस्तशिल्प संस्कृति में मिथिला पेंटिंग, सत्तू, और बनारसी साड़ी प्रमुख हैं।
5. खानपान
- विशेष भोजन: बिहार का खानपान विविध और समृद्ध है। यहां के प्रमुख व्यंजनों में लिट्टी-चोखा, सत्तू, मछली, और विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ शामिल हैं।
6. सामाजिक जीवन
- पारंपरिक रीति-रिवाज: बिहार की सामाजिक जीवन में पारंपरिक रीति-रिवाज और प्रथाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विवाह, जन्म, और मृत्यु के अवसर पर विशिष्ट पारंपरिक समारोह और अनुष्ठान होते हैं।
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