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भारत में लोक वित्त Public Finance in India

लोक वित्त वह प्रणाली है जिसके माध्यम से सरकारें सार्वजनिक संसाधनों का संग्रह, व्यय और प्रबंधन करती हैं। इसमें सरकारी बजट, कर व्यवस्था, सार्वजनिक खर्च, और वित्तीय नीतियाँ शामिल होती हैं।

बजट (Budget)

बजट सरकार का वार्षिक वित्तीय बयान है जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व और व्यय का विवरण होता है। यह संसद में प्रस्तुत किया जाता है और अनुमोदन के बाद लागू होता है।

बजट के आंकड़े (Budget Figures)

बजट में शामिल प्रमुख आंकड़े:

  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP): देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।
  • कुल राजस्व: कर और गैर-कर प्राप्तियों का कुल योग।
  • कुल व्यय: विकासात्मक और गैर-विकासात्मक खर्चों का कुल योग।
  • घाटे का वित्त पोषण: राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा आदि का विवरण।

विकासात्मक तथा गैर-विकासात्मक व्यय (Developmental and Non-Developmental Expenditure)

  • विकासात्मक व्यय: आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए खर्च, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे पर व्यय।
  • गैर-विकासात्मक व्यय: प्रशासनिक और रक्षा खर्च जैसे नियमित खर्च।

योजनागत तथा गैर-योजनागत व्यय (Planned and Non-Planned Expenditure)

  • योजनागत व्यय: पंचवर्षीय योजनाओं के तहत स्वीकृत खर्च।
  • गैर-योजनागत व्यय: योजनाओं से बाहर का नियमित खर्च।

राजस्व (Revenue)

सरकार द्वारा प्राप्त धनराशि, जो कर और गैर-कर स्रोतों से आती है।

गैर राजस्व (Non-Revenue)

उधारी, ऋण, और अन्य वित्तीय साधनों से प्राप्त धन।

प्राप्तियां (Receipts)

  • राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts): कर और गैर-कर राजस्व।
  • कर राजस्व प्राप्तियां (Tax Revenue Receipts): प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से प्राप्तियां।
  • गैर-कर राजस्व प्राप्तियां (Non-Tax Revenue Receipts): लाभांश, शुल्क, और अन्य स्रोतों से आय।

राजस्व व्यय (Revenue Expenditure)

सरकार द्वारा सार्वजनिक सेवाओं, प्रशासनिक खर्च, और अनुदानों पर व्यय। यह सामान्यतः पुनरावर्ती होता है और संपत्ति निर्माण में नहीं जाता।

राजस्व घाटा (Revenue Deficit)

राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बीच का अंतर, जब व्यय अधिक होता है।

प्रभावी राजस्व घाटा (Effective Revenue Deficit)

राजस्व घाटा माइनस अनुदान जो पूंजी निर्माण में जाता है।

राजस्व बजट (Revenue Budget)

राजस्व प्राप्तियों और व्यय का विवरण।

पूँजी बजट (Capital Budget)

पूंजीगत प्राप्तियों और व्यय का विवरण।

पूँजी प्राप्तियाँ (Capital Receipts)

ऋण, उधारी, और संपत्ति की बिक्री से प्राप्त धन।

पूँजी व्यय (Capital Expenditure)

बुनियादी ढांचे और संपत्ति निर्माण पर व्यय।

पूँजी घाटा (Capital Deficit)

पूंजी प्राप्तियों और पूंजी व्यय के बीच का अंतर, जब व्यय अधिक होता है।

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)

कुल प्राप्तियों और कुल व्यय के बीच का अंतर, जब व्यय अधिक होता है।

प्राथमिक घाटा (Primary Deficit)

राजकोषीय घाटा माइनस ब्याज भुगतान।

मौद्रीकृत घाटा (Monetized Deficit)

राजकोषीय घाटा जिसे केंद्रीय बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

बजट घाटा तथा बजट अधिशेष (Budget Deficit and Budget Surplus)

  • बजट घाटा: जब कुल व्यय कुल प्राप्तियों से अधिक होता है।
  • बजट अधिशेष: जब कुल प्राप्तियां कुल व्यय से अधिक होती हैं।

घाटे का वित्त पोषण (Deficit Financing)

घाटे को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई विधियां।

घाटे के वित्त पोषण की आवश्यकता (Need for Deficit Financing)

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सार्वजनिक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए।

घाटे के वित्त पोषण के साधन (Means of Deficit Financing)

उधारी, केंद्रीय बैंक से ऋण, और विदेशी निवेश।

राजकोषीय घाटे के संघटक (Components of Fiscal Deficit)

राजस्व घाटा, पूंजी घाटा, और प्राथमिक घाटा।

राजकोषीय नीति (Fiscal Policy)

सरकार की कराधान, व्यय, और उधारी की नीतियाँ।

भारत में घाटे का वित्त पोषण (Deficit Financing in India)

  • प्रथम चरण (1947-70): योजना आधारित विकास, उधारी पर निर्भरता।
  • द्वितीय चरण (1970-1991): राजकोषीय अनुशासन में कमी, बढ़ता हुआ घाटा।
  • तृतीय चरण (1991 के बाद): आर्थिक सुधार, उदारीकरण, और वित्तीय समेकन।

भारत की राजकोषीय स्थिति: एक परिचर्चा (Discussion on India’s Fiscal Condition)

भारत की वर्तमान राजकोषीय स्थिति, चुनौतियाँ, और सुधार के उपाय।

एफ.आर.बी.एम. अधिनियम, 2003 (FRBM Act, 2003)

राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित करने और घाटे को नियंत्रित करने के लिए अधिनियमित।

सरकारी खर्च को सीमित करना (Limiting Government Expenditure)

अनावश्यक खर्चों में कटौती और संसाधनों का समुचित उपयोग।

भारत में राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation in India)

घाटे को कम करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए उपाय।

शून्य आधारित बजट (Zero-Based Budgeting)

हर बजट सत्र में सभी खर्चों की नई सिरे से समीक्षा।

प्रभारित व्यय (Charged Expenditure)

संविधान द्वारा अनिवार्य व्यय, जो संसद की स्वीकृति के बिना नहीं बदला जा सकता।

बजट के प्रकार (Types of Budget)

  • संतुलित बजट (Balanced Budget): प्राप्तियां और व्यय बराबर।
  • असंतुलित बजट (Unbalanced Budget): प्राप्तियों और व्यय में अंतर।

‘गोल्डन रूल’ (Golden Rule)

केवल पूंजी व्यय के लिए उधारी लेना, राजस्व व्यय के लिए नहीं।

‘जेंडर बजटिंग’ (Gender Budgeting)

महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए बजट प्रावधान।

‘आउटकम’ एवं ‘परफॉर्मेन्स’ बजट (Outcome and Performance Budgeting)

बजट के लक्ष्यों और उनकी प्राप्तियों की समीक्षा।

कटौती प्रस्ताव (Cut Motion)

संसद में पेश बजट के किसी विशेष हिस्से को हटाने का प्रस्ताव।

त्रिविध (Miscellaneous)

राजकोषीय नीतियों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे।

राजकोषीय कंप्यूटरीकरण (Fiscal Computerization)

बजट और वित्तीय प्रबंधन में आईटी का उपयोग।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer – DBT)

सरकारी सब्सिडी और लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा करना।

व्यय प्रबंधन आयोग (Expenditure Management Commission)

सरकारी व्यय की समीक्षा और सुधार के लिए स्थापित।

सार्वजनिक निवेश की आवश्यकता (Need for Public Investment)

आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए आवश्यक।

सार्वजनिक निवेश की भूमिका (Role of Public Investment)

बुनियादी ढांचे का विकास, सामाजिक कल्याण, और समग्र आर्थिक विकास।

वर्तमान राजकोषीय स्थिति (Current Fiscal Situation)

भारत की वर्तमान राजकोषीय स्थिति, चुनौतियाँ, और सुधार के संभावित उपाय।

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