परिभाषा:
प्राचीन भारत का मतलब है भारतीय उपमहाद्वीप की वह ऐतिहासिक अवधि जो लगभग 2500 ईसा पूर्व से शुरू होकर 1200 ईस्वी तक फैली हुई थी। यह काल भारतीय सभ्यता के विकास की शुरुआत से लेकर मध्यकालीन युग के प्रारंभ तक का है। इसमें विभिन्न प्राचीन सभ्यताएँ, साम्राज्य और संस्कृति शामिल हैं। प्राचीन भारत का इतिहास उस समय के धार्मिक, राजनीतिक, और सामाजिक संरचनाओं का भी वर्णन करता है।
क्षेत्र:
प्राचीन भारत के क्षेत्र का आकार और दायरा समय-समय पर बदलता रहा, लेकिन आमतौर पर इसे निम्नलिखित भौगोलिक सीमाओं के भीतर रखा जाता है:
- उत्तर में: हिमालय पर्वत श्रृंखला ने प्राचीन भारत के उत्तरी सीमा को सीमित किया। इसमें वर्तमान के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, और कुछ हिस्से नेपाल और तिब्बत शामिल थे।
- दक्षिण में: दक्कन पठार और नीलगिरी की पर्वत श्रृंखला ने दक्षिण की सीमा को निर्धारित किया। इस क्षेत्र में आज के कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं।
- पूर्व में: गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के संगम क्षेत्र से लेकर बांग्लादेश और पूर्वी बिहार तक। पूर्वी सीमा में असम और बंगाल का क्षेत्र शामिल था।
- पश्चिम में: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिस्से, सिंध और बलूचिस्तान तक। पश्चिमी सीमा में वर्तमान के पाकिस्तान, राजस्थान, और गुजरात शामिल थे।
प्राचीन भारत के प्रमुख काल/ सभ्यताएँ और साम्राज्य:
प्राचीन भारत का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण है। इस कालखंड को विभिन्न प्रमुख कालों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं हैं:
1. सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1300 ईसा पूर्व): यह भारत में पहली ज्ञात शहरी सभ्यता थी। यह सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे विकसित हुई थी। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो इस सभ्यता के दो प्रमुख शहर थे। इस सभ्यता की विशेषताएं शहरी नियोजन, उन्नत जल निकासी व्यवस्था, व्यापक व्यापार और लिपि का उपयोग थीं।
2. वैदिक काल (1500-500 ईसा पूर्व): इस काल में, आर्य भारत आए और उन्होंने वैदिक धर्म और संस्कृति को स्थापित किया। वेद इस काल के प्रमुख ग्रंथ हैं। इस काल में, वर्ण व्यवस्था और जटिल सामाजिक रीति-रिवाजों का विकास हुआ।
3. महाजनपद काल (600-322 ईसा पूर्व): इस काल में, भारत में 16 महाजनपदों का उदय हुआ। इनमें मगध, कौशल, वत्स, अवंति, मत्स्य, सौराष्ट्र, गांधार, कम्बोज आदि प्रमुख थे। इस काल में राजनीतिक अस्थिरता और युद्धों का दौर रहा।
4. मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व): यह भारत का पहला बड़ा साम्राज्य था। इसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। अशोक इस साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध सम्राट था। इस काल में कला, स्थापत्य, व्यापार और शिक्षा में प्रगति हुई।
5. गुप्त साम्राज्य (320-550 ईस्वी): यह भारत का स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और शिक्षा में अद्भुत प्रगति हुई। कालिदास, भवभूति, बाणभट्ट जैसे महान साहित्यकार और वैज्ञानिक Aryabhata इस काल में हुए।
6. हर्षवर्धन का शासन (606-647 ईस्वी): हर्षवर्धन ने उत्तरी भारत के अधिकांश भागों को एकजुट किया। वह एक महान योद्धा और प्रशासक था। इस काल में बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान हुआ।
7. मध्यकालीन भारत (8वीं-18वीं शताब्दी): इस काल में, भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारी आए, जैसे कि तुर्क, अफगान और मुगल। इस काल में कई नए धर्मों का उदय हुआ, जैसे कि इस्लाम और ईसाई धर्म।
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