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भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)

भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy) पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों में संग्रहीत ऊष्मा से उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा स्रोत नवीकरणीय और पर्यावरण-मित्र है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन, हीटिंग, और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। भूतापीय ऊर्जा का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जा रहा है, लेकिन आधुनिक तकनीकों ने इसे अधिक प्रभावी और व्यापक बनाया है।

भूतापीय ऊर्जा के स्रोत

भूतापीय जलाशय (Geothermal Reservoirs):
  • भू-पृथ्वी की सतह के नीचे पाए जाने वाले गर्म पानी और भाप के जलाशय।
  • उच्च तापमान वाले जलाशयों का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है।
गर्म चट्टान (Hot Rocks):
  • सतह के नीचे पाई जाने वाली गर्म चट्टानें।
  • इनसे गर्मी निकालने के लिए जल को पंप किया जाता है।
मैग्मा (Magma):
  • पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से में पाए जाने वाले पिघले हुए चट्टान।
  • अत्यधिक उच्च तापमान वाले ऊर्जा स्रोत, जो भविष्य में अधिक उपयोगी हो सकते हैं।

भूतापीय ऊर्जा के उत्पादन की विधियाँ

1. ड्राई स्टीम पावर प्लांट (Dry Steam Power Plant)
  • प्रक्रिया: भू-गर्भ से सीधे सूखी भाप को निकालकर टर्बाइन घुमाया जाता है, जिससे जनरेटर बिजली उत्पन्न करता है।
  • उदाहरण: गीजर भूतापीय क्षेत्र (कैलिफोर्निया, यूएसए)।
2. फ्लैश स्टीम पावर प्लांट (Flash Steam Power Plant)
  • प्रक्रिया: उच्च दबाव वाले गर्म पानी को भू-गर्भ से निकालकर दबाव कम किया जाता है, जिससे भाप उत्पन्न होती है। यह भाप टर्बाइन को घुमाती है।
  • उदाहरण: कलिना भूतापीय संयंत्र (आइसलैंड)।
3. बाइनरी साइकिल पावर प्लांट (Binary Cycle Power Plant)
  • प्रक्रिया: भू-गर्भ से गर्म पानी को एक द्वितीयक तरल से गुजराया जाता है, जिसका उबालने का बिंदु कम होता है। यह तरल वाष्पित होकर टर्बाइन को घुमाता है।
  • उदाहरण: चेनोट बाइनरी पावर प्लांट (नेवादा, यूएसए)।

भूतापीय ऊर्जा के फायदे

  • नवीकरणीय स्रोत: भूतापीय ऊर्जा सतत और अक्षय है।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: ग्रीनहाउस गैसों का न्यूनतम उत्सर्जन।
  • स्थिर और विश्वसनीय: बिजली उत्पादन में उच्च स्तर की स्थिरता और विश्वसनीयता।
  • स्थानीय ऊर्जा स्रोत: आयातित ईंधनों पर निर्भरता कम होती है।
  • बहुउद्देशीय उपयोग: बिजली उत्पादन के अलावा हीटिंग, औद्योगिक प्रक्रियाओं और कृषि में भी उपयोग।

भूतापीय ऊर्जा के चुनौतियाँ

  • उच्च प्रारंभिक लागत: भूतापीय संयंत्रों की स्थापना महंगी हो सकती है।
  • भूगर्भीय जोखिम: जलाशयों की खोज और दोहन में भूगर्भीय जोखिम शामिल हो सकता है।
  • स्थानिक सीमाएँ: भूतापीय ऊर्जा के स्रोत सभी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होते।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: भू-गर्भीय गतिविधियों से स्थानीय पर्यावरण प्रभावित हो सकता है।

भूतापीय ऊर्जा के अनुप्रयोग

बिजली उत्पादन:
  • भूतापीय पावर प्लांट्स द्वारा बिजली का उत्पादन।
हीटिंग:
  • भूतापीय हीटिंग सिस्टम से घरों, इमारतों और ग्रीनहाउस को गर्म करना।
  • जिला हीटिंग प्रणाली (District Heating Systems) में उपयोग।
औद्योगिक उपयोग:
  • भूतापीय ऊर्जा का उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में।
  • सूखे की प्रक्रियाओं में, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य उद्योगों में।
कृषि और मत्स्य पालन:
  • ग्रीनहाउस हीटिंग और मत्स्य पालन के तालाबों को गर्म करने में।

विश्व में भूतापीय ऊर्जा की स्थिति

प्रमुख देश
  • आइसलैंड: भूतापीय ऊर्जा का व्यापक उपयोग, देश की 90% से अधिक हीटिंग आवश्यकताएं भूतापीय ऊर्जा से पूरी होती हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: कैलिफोर्निया, नेवादा, और हवाई में बड़े पैमाने पर भूतापीय बिजली उत्पादन।
  • न्यूज़ीलैंड: भूतापीय ऊर्जा का महत्वपूर्ण उपयोग, विशेष रूप से बिजली उत्पादन में।
  • फिलीपींस: भूतापीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन में विश्व में अग्रणी।
भविष्य की दिशा
  • प्रौद्योगिकी उन्नति: उच्च दक्षता वाले ड्रिलिंग और ऊर्जा रूपांतरण तकनीकों का विकास।
  • नई खोज और दोहन: नए भूतापीय जलाशयों की खोज और दोहन।
  • गहन भू-तापीय ऊर्जा (Enhanced Geothermal Systems – EGS): प्रौद्योगिकी विकास जिससे कम तापमान वाले क्षेत्रों में भी भूतापीय ऊर्जा का दोहन संभव हो सके।
  • विविध अनुप्रयोग: विभिन्न क्षेत्रों में भूतापीय ऊर्जा के अनुप्रयोग का विस्तार।

भूतापीय ऊर्जा का वैज्ञानिक आधार

1. पृथ्वी की आंतरिक ऊष्मा का स्रोत
  • भू-तापीय ग्रेडिएंट (Geothermal Gradient): पृथ्वी की सतह से नीचे जाने पर तापमान में वृद्धि होती है। औसतन, तापमान हर 100 मीटर की गहराई में 2.5-3°C बढ़ता है।
  • रेडियोधर्मी विघटन (Radioactive Decay): पृथ्वी की आंतरिक ऊष्मा का मुख्य स्रोत, जहां रेडियोधर्मी तत्व जैसे यूरेनियम, थोरियम, और पोटैशियम विघटित होते हैं।
  • मैग्मा गतिविधि (Magma Activity): ज्वालामुखीय क्षेत्रों में मैग्मा की गतिविधि से उत्पन्न ऊष्मा।

उन्नत प्रौद्योगिकियाँ

1. संवर्धित भूतापीय प्रणाली (Enhanced Geothermal Systems – EGS)
  • प्रक्रिया: उन क्षेत्रों में उपयोग होती है जहां पारंपरिक जलाशय नहीं होते। इसमें कृत्रिम जलाशय बनाने के लिए चट्टानों को हाइड्रोलिक फ्रैक्चरिंग के माध्यम से क्रैक किया जाता है।
  • लाभ: संभावित ऊर्जा स्रोतों की संख्या में वृद्धि और उन क्षेत्रों में भी उपयोग संभव जहां तापमान कम है।
  • उदाहरण: यूरोप और अमेरिका में EGS परियोजनाएँ।
2. सहायक ड्रिलिंग तकनीकें (Advanced Drilling Techniques)
  • हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग (Horizontal Drilling): अधिक क्षेत्र कवर करने के लिए क्षैतिज रूप से ड्रिलिंग।
  • हाई-टेम्परेचर ड्रिल बिट्स (High-Temperature Drill Bits): उच्च तापमान पर काम करने के लिए डिज़ाइन किए गए ड्रिल बिट्स।
  • रिमोट सेंसिंग (Remote Sensing): संभावित जलाशयों की पहचान के लिए रिमोट सेंसिंग और जीआईएस (Geographic Information Systems) तकनीकों का उपयोग।
3. बाइनरी साइकिल प्लांट्स (Binary Cycle Plants)
  • प्रक्रिया: कम तापमान वाले भूतापीय स्रोतों का उपयोग। इसमें एक द्वितीयक तरल (जैसे ब्यूटेन) का उपयोग होता है जिसका उबालने का बिंदु कम होता है। यह तरल गर्म पानी से गर्म होकर भाप में बदलता है और टर्बाइन चलाता है।
  • लाभ: 100°C से कम तापमान वाले जलाशयों से भी ऊर्जा उत्पन्न करना।

वैश्विक परियोजनाएँ

1. आइसलैंड
  • हेकला परियोजना (Hellisheiði Power Plant): दुनिया का सबसे बड़ा भूतापीय पावर प्लांट, जो 303 मेगावाट बिजली और 400 मेगावाट थर्मल ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  • रेकजाविक हीटिंग सिस्टम (Reykjavik District Heating System): रेकजाविक की लगभग सभी इमारतों को भूतापीय ऊर्जा से गर्म किया जाता है।
2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  • गीजर भूतापीय क्षेत्र (The Geysers Geothermal Field): कैलिफोर्निया में स्थित, यह दुनिया का सबसे बड़ा भूतापीय ऊर्जा उत्पादक क्षेत्र है।
  • नेवादा प्रोजेक्ट्स (Nevada Projects): नेवादा राज्य में कई भूतापीय पावर प्लांट्स, जो लाखों घरों को बिजली प्रदान करते हैं।
3. फिलीपींस
  • मालिटबोग भूतापीय पावर प्लांट (Malitbog Geothermal Power Plant): यह संयंत्र 232.5 मेगावाट बिजली उत्पादन करता है और विश्व के सबसे बड़े भूतापीय पावर प्लांट्स में से एक है।
4. केन्या
  • ओलकारिया भूतापीय पावर प्लांट (Olkaria Geothermal Power Plant): यह अफ्रीका का सबसे बड़ा भूतापीय पावर प्लांट है, जो 700 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पन्न करता है।

भविष्य की संभावनाएँ

1. वैश्विक विस्तार
  • नए क्षेत्रों की खोज: तकनीकी उन्नति और भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के माध्यम से नए भूतापीय जलाशयों की खोज।
  • विकासशील देशों में विस्तार: अफ्रीका, एशिया, और दक्षिण अमेरिका में भूतापीय परियोजनाओं का विकास।
2. तकनीकी नवाचार
  • हाइब्रिड सिस्टम: भूतापीय ऊर्जा को अन्य नवीकरणीय स्रोतों (जैसे सौर और पवन) के साथ संयोजन करके ऊर्जा उत्पादन की दक्षता बढ़ाना।
  • दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण (Long-Term Energy Storage): अतिरिक्त ऊर्जा को संग्रहीत करने और आवश्यकता के समय उपयोग के लिए उन्नत भंडारण समाधान।
3. पर्यावरणीय स्थिरता
  • न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव: पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए नए संयंत्रों का डिज़ाइन और संचालन।
  • कार्बन कैप्चर (Carbon Capture): भूतापीय संयंत्रों से CO2 को पकड़ने और संग्रहित करने की तकनीकें।
4. नीति और वित्तपोषण
  • नीतिगत समर्थन: सरकारों द्वारा भूतापीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए नीतिगत समर्थन और प्रोत्साहन।
  • निवेश और वित्तपोषण: भूतापीय ऊर्जा परियोजनाओं में निजी और सार्वजनिक निवेश का विस्तार।
निष्कर्ष

भूतापीय ऊर्जा एक महत्वपूर्ण और स्थायी ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरणीय, आर्थिक, और सामाजिक लाभ प्रदान करता है। इसके वैश्विक उपयोग और विस्तार से न केवल ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। तकनीकी नवाचार, नीतिगत समर्थन, और वैश्विक सहयोग भूतापीय ऊर्जा की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भविष्य में, यह ऊर्जा स्रोत एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की सीमाएँ हैं।

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