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हिंदी Important Questions Chapter 7 परंपरा का मूल्यांकन Class 10 Hindi Godhuli Bihar Board बिहार बोर्ड

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Important Questions For All Chapters – हिंदी गोधूलि Class 10

Short Questions (with Answers)


1. अमरकांत का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर-  अमरकांत का जन्म जुलाई 1925 में नागरा, बलिया (उत्तर प्रदेश) में हुआ था।

2. अमरकांत ने अपनी शिक्षा कहाँ पूरी की?

उत्तर-  उन्होंने बलिया से हाईस्कूल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए, और 1946 में सतीशचंद्र कॉलेज से इंटरमीडिएट किया।

3. अमरकांत की कहानियों की मुख्य विशेषता क्या है?

उत्तर-  उनकी कहानियों में निम्न मध्यवर्गीय जीवन के यथार्थ का प्रभावी चित्रण होता है।

4. ‘बहादुर’ कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

उत्तर-  ‘बहादुर’ कहानी का मुख्य पात्र एक नेपाली लड़का है, जिसे लेखक नौकर के रूप में रखता है।

5. लेखक ने बहादुर को क्यों अपनाया?

उत्तर-  बहादुर का स्वच्छंद स्वभाव और काम के प्रति उसकी मेहनत ने लेखक को प्रभावित किया।

6. बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द क्यों हटाया गया?

उत्तर-  निर्मला ने व्यावहारिक कारणों से बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द हटाकर उसे सरल कर दिया।

7. निर्मला का बहादुर के प्रति आरंभिक व्यवहार कैसा था?

उत्तर-  निर्मला ने बहादुर को अपने बच्चे की तरह प्यार और सम्मान से रखा।

8. बहादुर ने घर का कौन-कौन सा काम किया?

उत्तर-  वह सफाई, कपड़े धोना, बर्तन साफ करना, और अन्य घरेलू कार्य करता था।

9. बहादुर अपनी माँ से क्यों नाराज था?

उत्तर-  उसकी माँ उसे मारती थी और जबरन काम करवाती थी, जिससे वह असंतुष्ट था।

10. किशोर का बहादुर के प्रति व्यवहार कैसा था?

उत्तर-  किशोर ने बहादुर पर कठोर अनुशासन लागू किया और कई बार उसे मारा भी।

11. बहादुर पर चोरी का आरोप क्यों लगा?

उत्तर-  रिश्तेदारों ने अपने पैसे गायब होने का दोष बहादुर पर मढ़ दिया।

12. बहादुर ने चोरी का आरोप कैसे झेला?

उत्तर-  बहादुर ने अपने ऊपर लगे आरोप को नकार दिया और चुपचाप सहा।

13. निर्मला को बहादुर के चले जाने का क्या अफसोस था?

उत्तर-  उसे अफसोस था कि बहादुर बिना कुछ लिए चला गया, जबकि वह उसे प्यार से विदा करना चाहती थी।

14. कहानी के अंत में लेखक को कैसा महसूस हुआ?

उत्तर-  लेखक को अपने व्यवहार पर पछतावा हुआ और उसने खुद को दोषी माना।

15. ‘बहादुर’ कहानी का शीर्षक क्यों उपयुक्त है?

उत्तर-  यह शीर्षक बहादुर के संघर्षशील, ईमानदार और संवेदनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।


Medium Questions (with Answers)


1. रामविलास शर्मा के साहित्यिक दृष्टिकोण की विशेषता क्या है?

उत्तर-  रामविलास शर्मा ने साहित्यिक आलोचना को तर्क और तथ्यों पर आधारित किया। उन्होंने साहित्य में मार्क्सवादी दृष्टिकोण और ऐतिहासिक भौतिकवाद का उपयोग कर परंपरागत भ्रांतियों का खंडन किया। उनकी भाषा पारदर्शी और वैज्ञानिक है, जो साहित्य की सामाजिक भूमिका को उजागर करती है।

2. प्रगतिशील आलोचना का विकास कैसे होता है?

उत्तर-  प्रगतिशील आलोचना साहित्य की परंपरा के मूर्त ज्ञान से उत्पन्न होती है। यह पुराने साहित्य के विश्लेषण और मूल्यांकन पर आधारित होती है। यह अमूर्त सिद्धांतों पर नहीं, बल्कि साहित्य की ऐतिहासिक विकास प्रक्रिया पर केंद्रित रहती है और नए साहित्य को दिशा देती है।

3. साहित्य की परंपरा का मूल्यांकन क्यों आवश्यक है?

उत्तर-  साहित्य की परंपरा का मूल्यांकन इसलिए आवश्यक है ताकि यह समझा जा सके कि कौन-सा साहित्य जनता के हित में है और कौन-सा शोषक वर्ग का पक्षधर। परंपरा का विवेक साहित्य की दिशा तय करने और नए विचारों को जन्म देने में सहायक होता है।

4. साहित्य और मनुष्य के जीवन का क्या संबंध है?

उत्तर-  साहित्य मानव जीवन के अनुभवों, आदिम भावनाओं और इंद्रिय-बोध को व्यक्त करता है। यह केवल विचारों का संकलन नहीं, बल्कि मानव की संवेदनाओं का दर्पण है। साहित्य मनुष्य की चेतना और सांस्कृतिक अस्मिता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

5. साहित्य में विकास प्रक्रिया सामाजिक विकास से भिन्न कैसे है?

उत्तर-  साहित्य में विकास केवल तकनीकी उन्नति पर आधारित नहीं होता, बल्कि यह रचनात्मकता, कलात्मक सौंदर्य और मानव संवेदनाओं पर केंद्रित होता है। सामाजिक विकास में आर्थिक और तकनीकी प्रगति हो सकती है, लेकिन साहित्य में हमेशा मौलिकता और संवेदनशीलता का महत्व है।

6. श्रमिक वर्ग का साहित्य कैसे उपयोगी है?

उत्तर-  श्रमिक वर्ग का साहित्य उनके जीवन, संघर्ष और श्रम को अभिव्यक्त करता है। यह साहित्य जनता के लिए प्रेरणादायक होता है और समाज में बदलाव लाने में भूमिका निभाता है। साथ ही, यह साहित्य वर्गीय शोषण के खिलाफ जागरूकता भी फैलाता है।

7. साहित्य और औद्योगिक उत्पादन में क्या अंतर है?

उत्तर-  औद्योगिक उत्पादन दोहराव पर आधारित होता है, लेकिन साहित्य मौलिकता और कलात्मकता की मांग करता है। जहाँ एक वस्तु को कई बार एक जैसे रूप में बनाया जा सकता है, वहीं साहित्य में हर रचना अपनी विशेषता और अनूठेपन से मूल्यवान होती है।

8. जातीय और राष्ट्रीय अस्मिता में क्या अंतर है?

उत्तर-  जातीय अस्मिता किसी विशेष जाति की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से जुड़ी होती है, जबकि राष्ट्रीय अस्मिता पूरे राष्ट्र की एकता और समृद्धि को व्यक्त करती है। राष्ट्रीय अस्मिता का निर्माण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक परंपराओं के आधार पर होता है।

9. परंपरा और आधुनिकता के बीच क्या संबंध है?

उत्तर-  परंपरा और आधुनिकता में द्वंद्वात्मक संबंध है। परंपरा का ज्ञान आधुनिकता के लिए आधार प्रदान करता है, और आधुनिकता परंपरा को नई दिशा देती है। साहित्य में परंपरा को अपनाकर आधुनिक दृष्टिकोण विकसित किया जाता है।

10. रामविलास शर्मा के अनुसार समाजवादी व्यवस्था साहित्य के लिए क्यों आवश्यक है?

उत्तर-  समाजवादी व्यवस्था साहित्य की महान उपलब्धियों को अधिकतम लोगों तक पहुँचाने में सहायक होती है। यह व्यवस्था न केवल साहित्य को व्यापक बनाती है, बल्कि इसे समाज के वंचित वर्ग तक भी पहुँचाती है। इससे साहित्य की सामाजिक उपयोगिता बढ़ती है।


Long Questions (with Answers)


1.  रामविलास शर्मा ने साहित्य की परंपरा और आलोचना के बीच क्या संबंध बताया है?

उत्तर-  रामविलास शर्मा के अनुसार, साहित्य की परंपरा आलोचना का आधार होती है। आलोचना परंपरा के मूर्त ज्ञान पर आधारित होती है और साहित्य की प्रगतिशील धारा को दिशा देती है। आलोचना केवल पुराने साहित्य के मूल्यांकन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वर्तमान और भविष्य के साहित्य को नई दृष्टि प्रदान करती है। साहित्य की परंपरा का विकास आलोचना के विवेक पर निर्भर करता है, जो शोषित जनता के हितों और समाज के प्रगतिशील उद्देश्यों को सामने रखती है।

2. साहित्य के स्थायी और अस्थायी पक्षों पर रामविलास शर्मा के विचार क्या हैं?

उत्तर-  रामविलास शर्मा ने साहित्य को दो पक्षों में विभाजित किया: स्थायी और अस्थायी। स्थायी पक्ष मनुष्य की आदिम भावनाएँ और इंद्रिय बोध हैं, जो हर युग में समान रहते हैं। अस्थायी पक्ष सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तनों से प्रभावित होते हैं। साहित्य का स्थायी पक्ष उसे सार्वभौमिक बनाता है, जबकि अस्थायी पक्ष समय और समाज के अनुसार बदलता रहता है।

3. प्रगतिशील आलोचना को साहित्यिक परंपरा के साथ कैसे जोड़ा गया है?

उत्तर-  प्रगतिशील आलोचना साहित्यिक परंपरा का आधुनिक मूल्यांकन है। यह आलोचना साहित्य में वर्गीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शोषक और श्रमिक वर्ग के साहित्य का अंतर स्पष्ट करती है। प्रगतिशील आलोचना का उद्देश्य साहित्य को जनता के जीवन और हितों से जोड़ना है, ताकि यह समाज में बदलाव लाने का माध्यम बने।

4. साहित्य में वर्गीय दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर-  वर्गीय दृष्टिकोण साहित्य में यह पहचानने में सहायक होता है कि कौन-सा साहित्य श्रमिक वर्ग के हित में है और कौन-सा शोषक वर्ग का पक्षधर। यह दृष्टिकोण साहित्य को जनता के जीवन और संघर्ष से जोड़ता है, जिससे साहित्य समाज में क्रांति लाने का माध्यम बनता है।

5. रामविलास शर्मा ने समाजवादी व्यवस्था को राष्ट्रीय आवश्यकता क्यों माना?

उत्तर-  उनके अनुसार, समाजवादी व्यवस्था में संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग संभव है, जिससे सभी वर्गों को समान अवसर मिलते हैं। यह व्यवस्था साहित्य और शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने में सहायक होती है। इससे राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विकास को बल मिलता है।

6. साहित्य और इतिहास में क्या संबंध है?

उत्तर-  साहित्य इतिहास का प्रतिबिंब है, जो समाज की परिस्थितियों और मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करता है। यह इतिहास की घटनाओं और प्रवृत्तियों का विश्लेषण करता है और समाज को एक नई दिशा प्रदान करता है। साहित्य इतिहास की स्थायी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है।

7. साहित्य के उत्पादन और औद्योगिक उत्पादन में क्या मूलभूत अंतर है?

उत्तर-  औद्योगिक उत्पादन यांत्रिक और पुनरावृत्ति पर आधारित है, जबकि साहित्य रचनात्मकता और मौलिकता पर। साहित्य मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं का दर्पण है, जिसे दोहराना संभव नहीं। औद्योगिक उत्पादन वस्त्र और यंत्रों का निर्माण करता है, जबकि साहित्य समाज की आत्मा को अभिव्यक्त करता है।

8. साहित्य और समाजवादी व्यवस्था का परस्पर संबंध क्या है?

उत्तर-  समाजवादी व्यवस्था साहित्य को व्यापक जनसमुदाय तक पहुँचाने में सहायक होती है। यह व्यवस्था साहित्यिक परंपरा को सहेजते हुए नई पीढ़ी को प्रेरित करती है। समाजवाद शिक्षा और साक्षरता के माध्यम से साहित्य को जनसामान्य की संपत्ति बनाता है, जिससे सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय गौरव में वृद्धि होती है।

9. ‘परंपरा का मूल्यांकन’ निबंध का समापन लेखक कैसे करता है?

उत्तर-  लेखक ने निबंध का समापन साहित्य के भविष्य के स्वप्न के साथ किया है, जहाँ समाज की सभी जातियाँ और वर्ग साहित्य की महान उपलब्धियों से लाभान्वित होंगी। वे उम्मीद करते हैं कि समाजवादी व्यवस्था में साहित्य हर व्यक्ति तक पहुँचेगा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी।

10. निबंध के शीर्षक ‘परंपरा का मूल्यांकन’ की सार्थकता स्पष्ट करें।

उत्तर-  शीर्षक इस निबंध की मूल थीम को दर्शाता है, जिसमें परंपरा, साहित्य और समाज के संबंध का विश्लेषण है। यह निबंध परंपरा के ज्ञान और मूल्यांकन की आवश्यकता पर जोर देता है, ताकि साहित्य प्रगतिशील हो और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए। शीर्षक निबंध के उद्देश्यों और तर्कों को सटीक रूप से प्रस्तुत करता है।

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