Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
हिन्दी Class 10 बिहार बोर्ड || Menu
  • MCQ Hindi Class 10 Bihar Board
  • Solutions Hindi Class 10 Bihar Board
  • Book Hindi Class 10 Bihar Board
  • Question Paper Hindi Class 10 Bihar Board
  • Notes Hindi Class 10 Bihar Board
  • Sample /Model Paper Class Hindi Class 10 Bihar Board
  • Important Questions Hindi Class 10 Bihar Board
  • व्याकरण
  • Hindi Class 10

हिंदी Important Questions Chapter 8 Class 10 Hindi Godhuli Bihar Board बिहार बोर्ड

Advertisement

Important Questions For All Chapters – हिंदी गोधूलि Class 10

जित-जित मैं निरखत हूँ


Short Questions (with Answers)


1. बिरजू महाराज का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर-  बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ के जफरीन अस्पताल में हुआ। उनका जन्म वसंत पंचमी के एक दिन पहले हुआ था।

2. बिरजू महाराज का पूरा नाम क्या है?

उत्तर-  उनका पूरा नाम पंडित बृजमोहन मिश्र है।

3. कथक नृत्य के किस घराने से बिरजू महाराज जुड़े थे?

उत्तर-  वे लखनऊ घराने के नर्तक थे, जो कथक नृत्य की एक प्रसिद्ध शैली है।

4. बिरजू महाराज को कथक का कौन-सा पहलू विशेष रूप से प्रिय था?

उत्तर-  उन्हें कथक का लालित्य (सौंदर्य) और लयबद्धता प्रिय थी, जिसे उन्होंने अपने नृत्य में प्रमुखता दी।

5. बिरजू महाराज के गुरु कौन थे?

उत्तर-  उनके पिता अचन महाराज उनके गुरु थे, जिन्होंने उन्हें नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा दी।

6. बिरजू महाराज का पहला पुरस्कार कब मिला?

उत्तर-  उन्हें 8-9 साल की उम्र में कलकत्ता में उनके पहले नृत्य प्रदर्शन के लिए प्रथम पुरस्कार मिला।

7. उनकी मां ने उनके लिए कौन-सी कठिनाइयाँ झेली?

उत्तर-  उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माँ ने कठिन परिस्थितियों में भी उन्हें नृत्य और शिक्षा में आगे बढ़ाया।

8. बिरजू महाराज का पहला नृत्य प्रदर्शन कब हुआ?

उत्तर-  उनका पहला प्रदर्शन 6 साल की उम्र में रामपुर नवाब के सामने हुआ।

9. बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा कहाँ शुरू की?

उत्तर-  उन्होंने नृत्य की शिक्षा अपने पिता और चाचा (लच्छू महाराज व शंभू महाराज) से ली।

10. बिरजू महाराज का कथक नृत्य में योगदान क्या है?

उत्तर-  उन्होंने कथक नृत्य को नई ऊँचाई दी और इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।

11. बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार कब मिला?

उत्तर-  उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 27 साल की उम्र में मिला।

12. उनके नृत्य में कौन-से तत्व विशेष रूप से देखे जाते हैं?

उत्तर-  उनके नृत्य में कल्पनाशीलता, लयबद्धता, और मूर्त सौंदर्य का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है।

13. बिरजू महाराज ने किस फिल्म निर्देशक के साथ काम किया?

उत्तर-  उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी के लिए नृत्य निर्देशन किया।

14. उन्होंने कितनी भाषाओं के संगीत और नृत्य को सीखा?

उत्तर-  उन्होंने कथक के साथ सितार, तबला, बाँसुरी और हारमोनियम में भी दक्षता हासिल की।

15. बिरजू महाराज का सबसे कठिन समय कौन-सा था?

उत्तर-  उनके पिता की मृत्यु के बाद का समय, जब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी।

16. उनकी माँ ने उनके नृत्य को कैसे प्रोत्साहित किया?

उत्तर-  उनकी माँ ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए कठिन समय में भी उन्हें नृत्य सीखने और प्रदर्शन करने का अवसर दिया।

17. बिरजू महाराज के अनुसार पुराने और नए नर्तकों में क्या अंतर है?

उत्तर-  पुराने नर्तक साधना और अनुशासन में विश्वास रखते थे, जबकि नए नर्तकों में यह थोड़ा कम है।

18. उनके शिष्यों में प्रमुख कौन-कौन हैं?

उत्तर-  उनके प्रमुख शिष्यों में दुर्गा, शाश्वती सेन, और अन्य कई विदेशी कलाकार शामिल हैं।

19. कथक नृत्य में उनके योगदान को कैसे देखा जाता है?

उत्तर-  उन्होंने कथक नृत्य को आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुसार ढालते हुए इसकी परंपरा को संरक्षित रखा।

20. उनकी सादगी और व्यक्तित्व का क्या प्रभाव था?

उत्तर-  उनकी सरलता, मिलनसारिता और सहज स्वभाव ने उन्हें लोगों के बीच अत्यंत प्रिय बना दिया।


Medium Questions (with Answers)


1. लखनऊ घराने से बिरजू महाराज का क्या संबंध है?

उत्तर-  बिरजू महाराज लखनऊ घराने के सातवीं पीढ़ी के नर्तक थे। इस घराने की स्थापना उनके पूर्वज बिंदादीन महाराज और कलीकादीन महाराज ने की थी। इस घराने की विशेषता कथक नृत्य में लय, भाव और गति का संतुलित प्रयोग है। बिरजू महाराज ने इस परंपरा को जीवित रखते हुए इसे नई ऊँचाई पर पहुँचाया।

2. बिरजू महाराज के पिता के साथ उनका संबंध कैसा था?

उत्तर-  उनके पिता अचन महाराज उनके पहले गुरु और प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने बिरजू महाराज को बचपन से ही नृत्य के प्रति समर्पित किया। पिता की मृत्यु के बाद बिरजू महाराज ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन उन्होंने अपने पिता की परंपरा और कला को आगे बढ़ाने का काम जारी रखा।

3. उनके शुरुआती जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ क्या थीं?

उत्तर-  उनके पिता की मृत्यु के बाद उनका परिवार आर्थिक संकट में आ गया। बिरजू महाराज ने कठिन परिस्थितियों में 50 रुपए की ट्यूशन करके अपने परिवार का भरण-पोषण किया। इस संघर्ष ने उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि उनके नृत्य के प्रति समर्पण को और दृढ़ किया।

4. बिरजू महाराज को पहली बार किस मंच पर पहचान मिली?

उत्तर-  8-9 साल की उम्र में कलकत्ता में आयोजित एक नृत्य प्रतियोगिता में उन्होंने प्रथम पुरस्कार जीता। इस मंच पर उनके प्रदर्शन को सराहा गया, जिसने उनकी प्रतिभा को निखारने और पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

5. रामपुर नवाब के साथ उनके अनुभव क्या थे?

उत्तर-  बचपन में बिरजू महाराज ने रामपुर नवाब के दरबार में नृत्य किया। नवाब उनके प्रदर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनके परिवार को स्थायी रूप से वहाँ रहने के लिए कहा। हालांकि, उनके पिता ने बाद में नौकरी छोड़ दी, जिससे परिवार को स्वतंत्र रूप से कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिला।

6. संगीत भारती में उनकी दिनचर्या कैसी थी?

उत्तर-  संगीत भारती में काम करते समय बिरजू महाराज सुबह 4 बजे उठकर रियाज करते थे। इसके बाद 9 बजे से क्लास लेते और शाम तक नृत्य और सिखाने में व्यस्त रहते। इस कठोर दिनचर्या ने उनके नृत्य कौशल को और निखारा और उन्हें अनुशासन का महत्व सिखाया।

7. उनकी माँ का उनके जीवन पर क्या प्रभाव था?

उत्तर-  उनकी माँ ने हमेशा उनका समर्थन किया और उनके नृत्य के प्रति उनके समर्पण को बनाए रखा। उन्होंने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद बिरजू महाराज को प्रेरित किया और उन्हें परिवार के साथ-साथ अपनी कला को भी संभालने की सीख दी।

8. शंभू महाराज के साथ उनके संबंध कैसे थे?

उत्तर-  शंभू महाराज उनके चाचा और गुरु थे। उन्होंने बिरजू महाराज को कथक नृत्य के कई जटिल पहलू सिखाए। दोनों के संबंध बेहद मधुर थे, और शंभू महाराज ने उनके नृत्य को नई दिशा दी।

9. बिरजू महाराज के नृत्य में कौन-से तत्व प्रमुख थे?

उत्तर-  उनके नृत्य में लयबद्धता, गति और भाव का अद्भुत संतुलन था। उन्होंने कथक में काव्यात्मक सौंदर्य को जोड़ा और इसे परंपरागत सीमाओं से परे ले जाकर नई ऊँचाइयाँ दीं। उनके नृत्य में आधुनिकता और परंपरा का उत्कृष्ट संयोजन देखने को मिलता है।

10. उनके विवाह से उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर-  18 साल की उम्र में उनका विवाह हुआ, जिसने उनके जीवन में अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ जोड़ दीं। उन्होंने गृहस्थ जीवन के साथ-साथ अपनी कला को भी प्राथमिकता दी। उनके लिए यह समय चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी प्रेरणा का स्रोत बनाया।

11. कथक नृत्य के लिए उनकी क्या दृष्टि थी?

उत्तर-  बिरजू महाराज कथक को केवल परंपरागत शैली तक सीमित नहीं रखना चाहते थे। उन्होंने इसे आधुनिक दृष्टिकोण से विकसित किया और नृत्य में नए प्रयोग जोड़े। उनकी दृष्टि कथक को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की थी।

12. विदेशों में उनके नृत्य को कैसी प्रतिक्रिया मिली?

उत्तर-  बिरजू महाराज ने अमेरिका, जापान, रूस, और अन्य देशों में कथक प्रस्तुत किया। उनके नृत्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और उन्हें भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि माना गया। उनकी कला ने भारत की सांस्कृतिक छवि को और सशक्त किया।

13. बिरजू महाराज ने अपने शिष्यों के लिए क्या दृष्टिकोण अपनाया?

उत्तर-  वे अपने शिष्यों को पूरी मेहनत और निष्पक्षता से सिखाते थे। उनके लिए सभी शिष्य समान थे, और वे अपनी कला को उनके साथ पूरी उदारता से साझा करते थे। उन्होंने कई शिष्यों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में मदद की।

14. उनकी बहुमुखी प्रतिभा का उदाहरण क्या है?

उत्तर-  बिरजू महाराज कथक के अलावा सितार, बाँसुरी, तबला और हारमोनियम बजाने में भी निपुण थे। उनकी रुचि संगीत, कविता, और कला के अन्य रूपों में भी थी, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

15. उनके बचपन के अनुभवों ने उन्हें कैसे प्रभावित किया?

उत्तर-  बचपन में नवाबों और जमींदारों के सामने नृत्य करना और कठिन परिस्थितियों का सामना करना उनके व्यक्तित्व को मजबूत बनाने में सहायक रहा। इन अनुभवों ने उनके नृत्य में गहराई और समर्पण का भाव जोड़ा।


Long Questions (with Answers)


1. बिरजू महाराज के नृत्य जीवन की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर-  बिरजू महाराज ने 6 साल की उम्र में नवाब रामपुर के दरबार में अपना पहला नृत्य प्रदर्शन किया। उनके पिता अचन महाराज ने उन्हें बचपन से नृत्य का प्रशिक्षण दिया। छोटी उम्र में ही वे नवाबों और जमींदारों के महलों में प्रदर्शन करने लगे। उनके चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज ने भी उन्हें नृत्य के उन्नत तकनीकी पहलू सिखाए। बचपन में उनके प्रदर्शन को काफी सराहा गया, जिसने उन्हें नृत्य के प्रति और अधिक समर्पित किया।

2. बिरजू महाराज का कथक नृत्य में योगदान क्या है?

उत्तर-  बिरजू महाराज ने कथक को नई ऊँचाई दी। उन्होंने परंपरागत शैली का पालन करते हुए उसमें आधुनिकता का समावेश किया। कथक के माध्यम से उन्होंने नृत्य में कथा, संगीत और भाव का संतुलन बनाया। उनकी कृतियाँ ‘गोवर्धन लीला’ और ‘कुमारसंभव’ जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कथाओं को नृत्य में प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कथक को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।

3. संगीत भारती और भारतीय कला केंद्र में उनका अनुभव कैसा था?

उत्तर-  संगीत भारती में उन्होंने अपने नृत्य को निखारने के लिए कठोर दिनचर्या अपनाई। सुबह 4 बजे से रियाज शुरू होता था, जो उनकी कला को और उत्कृष्ट बनाने में सहायक था। भारतीय कला केंद्र में उन्होंने कई ऐतिहासिक प्रस्तुतियाँ दीं। इन केंद्रों में काम करते हुए उन्होंने अपने नृत्य को नई दिशा दी और नए शिष्यों को प्रशिक्षित किया।

4. उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आए?

उत्तर-  पिता की मृत्यु के बाद बिरजू महाराज के परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। उन्होंने 50 रुपए की ट्यूशन करके परिवार का समर्थन किया। इन कठिनाइयों ने उनके जीवन में अनुशासन और संघर्ष करने की क्षमता को बढ़ाया। उन्होंने नृत्य को अपनी पहचान और जीविका का माध्यम बनाया।

5. विदेशों में उनके नृत्य प्रदर्शन का क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर-  विदेशों में उनके नृत्य को विशेष रूप से सराहा गया। उनके प्रदर्शन से भारतीय संस्कृति की गरिमा बढ़ी और कथक को वैश्विक पहचान मिली। रूस, जापान, अमेरिका और अन्य देशों में उनके नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान मिली।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

CBSE Delhi Question Answer of Chapters in PDF

Free Sample Papers and Previous Years' Question Papers for CBSE Exams from the Official CBSE Academic Website (CBSE.nic.in) in Delhi, Rajasthan, Uttar Pradesh and Bihar

Patna Bihar Board कक्षा के सभी अध्याय के प्रश्न उत्तर एव नोट्स Download in Hindi PDF

सभी Kaksha की Kitab के अध्याय की Abhyas Pustika के Prashn Uttar, Objective Question or Question Answer in Hindi Medium - Patna Bihar Board Secondary Online Examination

BSEB | Bihar Board Online com BSEB क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स इन हिंदी PDF FREE Download

Bihar Board Official Website BSEB Download एनसीईआरटी समाधान, नोट्स, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र in PDF Free Download in Hindi from Bihar Board Official Website

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley.

Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.