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भूगोल कक्षा 10 बिहार बोर्ड || Menu
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भूगोल Important Questions Chapter 5 आपदा काल में वैकल्पिक संचार व्यवस्था Class 10 Bhugol Bihar Board बिहार बोर्ड

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Important Questions For All Chapters – भूगोल Class 10

Short Questions (with Answers)


1. भारत में मुख्य प्राकृतिक आपदाएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर:  भारत में बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी, चक्रवात, भूस्खलन, हिमस्खलन, और शीतलहर जैसी आपदाएँ होती हैं।

2. भारत में चक्रवात प्रभावित क्षेत्र कौन से हैं?

उत्तर:  पूर्वी तटीय क्षेत्र, गुजरात का तटीय क्षेत्र, और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह।

3. भारत का कितने प्रतिशत हिस्सा भूकंप से प्रभावित है?

उत्तर:  लगभग 56% भूक्षेत्र भूकंप प्रभावित है।

4. भारत में सूखे से कितने क्षेत्र प्रभावित होते हैं?

उत्तर:  भारत के 6% हिस्से में सूखा प्रभावित क्षेत्र हैं।

5. आपदाओं के दौरान संचार व्यवस्था क्यों बाधित होती है?

उत्तर:  केबल टूटने, बिजली कटने, और संचार टावरों के क्षतिग्रस्त होने के कारण।

6. 2008 में कोसी बाढ़ किस कारण से हुई?

उत्तर:  नेपाल में कुसाहा के पास कोसी बांध टूटने से यह बाढ़ आई।

7. कोसी बाढ़ में कितने गाँव प्रभावित हुए?

उत्तर:  598 गाँव प्रभावित हुए।

8. रेडियो तरंगें किस प्रकार की होती हैं?

उत्तर:  रेडियो तरंगें निम्न, उच्च, और अत्यधिक उच्च आवृत्ति वाली होती हैं।

9. हेम रेडियो का उपयोग किसके लिए किया जाता है?

उत्तर:  अनुसंधान, शिक्षा, और व्यक्तिगत उपयोग के लिए।

10. हेम रेडियो आपदा प्रबंधन में कैसे सहायक होता है?

उत्तर:  यह बिना आधारभूत संरचना के संदेश आदान-प्रदान में मदद करता है।

11. उपग्रह संचार किस प्रकार विश्वसनीय है?

यह प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित नहीं होता।

12. भारत में कौन-से उपग्रह आपदा प्रबंधन में मदद करते हैं?

उत्तर:  इंडियन नेशनल सेटेलाइट (INSAT) और इंडियन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (IRS)।

13. उपग्रह फोन का उपयोग कब किया जाता है?

उत्तर:  आपदा के समय विश्वसनीय डाटा और आवाज संचार के लिए।

14. आपदाओं के समय सामान्य संचार साधन क्यों असफल हो जाते हैं?

उत्तर:  बिजली कटने और नेटवर्क पर अतिरिक्त भार के कारण।

15. वायरलेस सिस्टम किस समय उपयोगी होता है?

उत्तर:  आपदा के दौरान जब अन्य संचार साधन काम नहीं करते।

16. आपदाओं के दौरान संपर्क का टूटना क्या प्रभावित करता है?

उत्तर:  राहत और बचाव कार्य बाधित हो जाते हैं।

17. एमेच्योर रेडियो के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर:  सीमित ऊर्जा और लाइसेंस।

18. भूस्खलन और हिमस्खलन किन क्षेत्रों में अधिक होते हैं?

उत्तर:  हिमालय और पश्चिमी घाट में।

19. संचार उपग्रह का कार्य क्या है?

उत्तर:  डाटा और संदेशों का पृथ्वी पर प्रसारण।

20. आपदा प्रबंधन के लिए कौन-सा फोन सबसे उपयोगी है?

उत्तर:  उपग्रह फोन।


Medium Questions (with Answers)


1. आपदाओं के कारण संचार व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:  आपदाओं के समय केबल टूटने, ट्रांसमीशन टावर गिरने, और बिजली आपूर्ति बाधित होने से सामान्य संचार साधन ठप हो जाते हैं। इससे आपदा प्रभावित क्षेत्र का बाकी दुनिया से संपर्क टूट जाता है। सूचनाओं के आदान-प्रदान की रुकावट राहत और बचाव कार्य में बाधा डालती है। नतीजतन, स्थिति और भी भयावह हो जाती है।

2. 2008 में कोसी बाढ़ ने बिहार में क्या प्रभाव डाला?

उत्तर:  नेपाल में कुसाहा के पास कोसी बांध टूटने से उत्तरी बिहार में भयंकर बाढ़ आई। 6 जिलों, 92 प्रखंडों और 598 गाँव प्रभावित हुए, जिसमें लगभग 27 लाख लोग बेघर हो गए। फसलों और सम्पत्तियों को भारी नुकसान हुआ। संचार व्यवस्था पूरी तरह से बाधित हो गई, जिससे राहत कार्य धीमे पड़े।

3. रेडियो तरंगें आपदा प्रबंधन में कैसे सहायक होती हैं?

उत्तर:  रेडियो तरंगें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक होती हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचारित होती हैं। उच्च और अत्यधिक उच्च आवृत्ति वाली तरंगें लंबी और छोटी दूरी के संपर्क के लिए उपयुक्त होती हैं। बिना तार वाले उपकरण, जैसे वॉकी-टॉकी, ऐसे समय में सबसे प्रभावी साधन होते हैं। इनका उपयोग आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संचार के लिए होता है।

4. हेम रेडियो का आपदा प्रबंधन में क्या योगदान है?

उत्तर:  हेम रेडियो बिना आधारभूत संरचना के भी काम करता है। यह सीमित ऊर्जा पर चलता है और बैटरी या जनरेटर से इसे संचालित किया जा सकता है। 2004 की सुनामी और 1999 के उड़ीसा चक्रवात में हेम रेडियो ने संपर्क बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके माध्यम से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के बीच संदेश पहुंचाए गए।

5. संचार उपग्रह आपदा प्रबंधन में कैसे मदद करते हैं?

उत्तर:  संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थित रेडियो रिले स्टेशन के रूप में कार्य करते हैं। ये डाटा और संदेशों को ग्रहण करके अन्यत्र भेजते हैं। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित न होने के कारण, इनका उपयोग आपदा के समय सबसे विश्वसनीय होता है। भारत में INSAT और IRS उपग्रह आपदा चेतावनी और प्रबंधन में मदद करते हैं।

6. वैकल्पिक संचार साधनों का उपयोग आपदाओं में क्यों आवश्यक है?

उत्तर:  आपदाओं के दौरान सामान्य संचार व्यवस्था नष्ट हो जाती है। वैकल्पिक साधन, जैसे हेम रेडियो, उपग्रह फोन, और वॉकी-टॉकी, राहत और बचाव कार्यों के लिए जरूरी सूचना पहुंचाने में सहायक होते हैं। ये साधन बिजली आपूर्ति पर निर्भर नहीं होते और कम संसाधनों में काम कर सकते हैं। इसलिए इन्हें आपदाओं में सबसे भरोसेमंद माना जाता है।

7. उपग्रह फोन का महत्व आपदा प्रबंधन में क्या है?

उत्तर:  उपग्रह फोन प्राकृतिक आपदाओं में बहुत विश्वसनीय होते हैं क्योंकि ये संचार उपग्रह के माध्यम से काम करते हैं। इनका उपयोग बिजली और नेटवर्क बाधित होने पर भी किया जा सकता है। ये साफ आवाज और डाटा ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करते हैं। भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए इन्हें जिलों और राज्यों में उपलब्ध कराया है।

8. भारत के भूकंप और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर:  भारत का लगभग 56% भूभाग भूकंप प्रभावित है, जिसमें हिमालय और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र प्रमुख हैं। पूर्वी तटीय क्षेत्र, गुजरात का तट, और अंडमान-निकोबार द्वीप चक्रवात से अधिक प्रभावित होते हैं। इन क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण जान-माल की भारी क्षति होती है। इसलिए इन इलाकों में वैकल्पिक संचार व्यवस्था बेहद जरूरी है।

9. INSAT और IRS उपग्रहों की भूमिका क्या है?

उत्तर:  INSAT उपग्रहों का उपयोग दूरदर्शन, मौसम विज्ञान, और आपदा चेतावनी में होता है। IRS उपग्रह संसाधन खोज और प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी पर आपदा के समय डेटा और जानकारी पहुंचाने में मदद करते हैं। इनका प्रभाव आपदा प्रबंधन में सबसे विश्वसनीय माना गया है।

10. आपदाओं के दौरान संचार में सबसे बड़ी चुनौती क्या होती है?

उत्तर:  आपदाओं के दौरान संचार साधन जैसे टेलीफोन, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट ठप हो जाते हैं। ट्रांसमीशन टावर गिरने और बिजली कटने से सामान्य संपर्क व्यवस्था खत्म हो जाती है। इस स्थिति में सूचना का आदान-प्रदान रुक जाता है। राहत और बचाव कार्य बाधित हो जाने से लोगों की स्थिति और खराब हो जाती है।


Long Questions (with Answers)


1. आपदा काल में सामान्य संचार व्यवस्था क्यों विफल हो जाती है?

उत्तर:  प्राकृतिक आपदाओं में संचार भवन और टॉवर गिरने से संपर्क साधन ठप हो जाते हैं। बिजली कटने और केबल टूटने से टेलीफोन और मोबाइल सेवाएँ रुक जाती हैं। बाढ़ में उपकरण जलमग्न हो जाते हैं और सड़क व रेल संपर्क टूटने से स्थिति और खराब हो जाती है। राहत और बचाव कार्य बाधित होने से प्रभावित लोगों को तत्काल मदद नहीं मिल पाती। इस वजह से आपदाओं का प्रभाव और भयावह हो जाता है।

2. कोसी बाढ़ में राहत और बचाव कार्य कैसे बाधित हुए?

उत्तर:  2008 की कोसी बाढ़ में कुसाहा बांध टूटने से बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया। टेलीफोन तारों के क्षतिग्रस्त होने और सड़क-रेल संपर्क बाधित होने से राज्य मुख्यालय से जिलों का संपर्क टूट गया। लगभग 27 लाख लोग बेघर हो गए, और 6 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई। वैकल्पिक संचार साधनों की अनुपस्थिति में राहत कार्य धीमा पड़ गया। इसने स्थिति को और विकट बना दिया।

3. वैकल्पिक संचार माध्यमों के प्रकार और उनकी उपयोगिता क्या है?

उत्तर:  वैकल्पिक संचार माध्यमों में रेडियो संचार, हेम रेडियो, और उपग्रह फोन शामिल हैं। रेडियो संचार कम दूरी और लंबी दूरी दोनों के लिए उपयोगी है। हेम रेडियो बिना आधारभूत संरचना के काम करता है और आपदा प्रबंधन में मदद करता है। उपग्रह फोन अत्यधिक विश्वसनीय है और बिजली आपूर्ति पर निर्भर नहीं करता। ये साधन आपदाओं के दौरान सूचना पहुंचाने में प्रभावी साबित होते हैं।

4. आपदाओं में हेम रेडियो का ऐतिहासिक योगदान क्या है?

उत्तर:  1999 के उड़ीसा चक्रवात और 2004 की सुनामी के दौरान हेम रेडियो ने संचार साधनों के नष्ट होने पर भी काम किया। हेम ऑपरेटरों ने प्रभावित क्षेत्रों से संदेशों का आदान-प्रदान कर राहत कार्यों को गति दी। अंडमान-निकोबार में फँसे लोगों को मुख्य भूमि से जोड़ने में यह प्रभावी रहा। सीमित ऊर्जा में काम करने वाला यह साधन आपदा प्रबंधन में अद्वितीय है।

5. रेडियो संचार के लिए कौन-सी आवृत्तियाँ उपयुक्त होती हैं?

उत्तर:  रेडियो संचार में निम्न, उच्च, और अत्यधिक उच्च आवृत्तियों का उपयोग होता है। लंबी दूरी के लिए उच्च आवृत्ति, और छोटी दूरी (5-50 किमी) के लिए अत्यधिक उच्च आवृत्तियों का उपयोग किया जाता है। वॉकी-टॉकी जैसे उपकरण अल्प दूरी के संपर्क के लिए सहायक हैं। इनकी उपयोगिता आपदाओं के समय अधिक होती है, क्योंकि यह तार पर निर्भर नहीं होते।

6. उपग्रह आधारित संचार व्यवस्था की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर:  संचार उपग्रह पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष में स्थित होते हैं, जिससे वे प्राकृतिक आपदाओं से अप्रभावित रहते हैं। ये डाटा, टीवी इमेज, और संदेशों को ग्रहण कर पुनः प्रसारित करते हैं। “ट्रांसपोंडर” संचार प्रक्रिया को गति देता है। इस प्रणाली का उपयोग मोबाइल और उपग्रह फोन के लिए होता है। भारत सरकार ने इसे आपदा प्रबंधन में विशेष रूप से लागू किया है।

7. INSAT और IRS उपग्रह आपदा प्रबंधन में कैसे सहायक हैं?

उत्तर:  INSAT का उपयोग मौसम विज्ञान, दूरदर्शन, और आपदा चेतावनी के लिए होता है। IRS उपग्रह संसाधन खोज और प्रबंधन में सहायक हैं। ये उपग्रह भूस्खलन, बाढ़, और चक्रवात की जानकारी एकत्र कर राहत कार्यों में मदद करते हैं। उनकी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता के कारण इन्हें आपदा प्रबंधन का अभिन्न अंग माना गया है।

8. आपदा के दौरान उपग्रह फोन कैसे काम करता है?

उत्तर:  उपग्रह फोन संचार उपग्रह के माध्यम से कार्य करता है, जो पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित नहीं होता। यह बिजली और टेलीफोन नेटवर्क की आवश्यकता के बिना साफ आवाज और डाटा ट्रांसफर की सुविधा देता है। इसे राहत और बचाव कार्यों के लिए उपयोगी माना गया है। भारत सरकार ने इसे राज्यों और जिलों में उपलब्ध कराया है।

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