Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
भूगोल कक्षा 6 बिहार बोर्ड || Menu
  • Videos Bhugol Class 6 Bihar Board
  • MCQ Bhugol Class 6 Bihar Board
  • Solutions Bhugol Class 6 Bihar Board
  • Important Questions Bhugol Class 6 Bihar Board
  • Book Bhugol Class 6 Bihar Board
  • Notes Bhugol Class 6 Bihar Board
  • Question Paper Social Science Class 6 Bihar Board
  • Bhugol Class 6

Geography Class 6 Important Questions Chapter 4 Bhugol Bihar Board बिहार बोर्ड

Advertisement

Important Questions For All Chapters – भूगोल Class 6

पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप

प्रश्न 1: बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में स्थलाकृतियों के आधार पर क्या अंतर पाया जाता है?

उत्तर: बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में स्थलाकृतियों के आधार पर विभिन्नता पाई जाती है। जैसे, सोन नदी के पास और अन्य मैदानी क्षेत्रों में दूर-दूर तक समतल भूमि नजर आती है, जबकि बाल्मीकिनगर और राजगीर जैसे क्षेत्रों में पहाड़ियाँ और घने जंगल दिखाई देते हैं। मैदानी क्षेत्रों में खेती मुख्य रूप से होती है, जबकि पहाड़ी और जंगलों वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधन और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 2: मैदान क्या होते हैं और इनके मुख्य प्रकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर: मैदान वे क्षेत्र होते हैं जो प्रायः समतल और नीची भूमि पर स्थित होते हैं। मैदान तीन मुख्य प्रकार के होते हैं:

i) अपरदन मूलक मैदान: इनकी रचना में अपरदन की क्रिया प्रमुख होती है, जैसे फिनलैंड का मैदान।
ii) निक्षेपण मूलक मैदान: इनकी रचना नदियों, हिमानी, वायु, और सागरीय तरंगों से होती है, जैसे केरल का तटीय मैदान।
iii) रचनात्मक मैदान: इनका निर्माण पृथ्वी की आंतरिक हलचलों द्वारा होता है, जैसे उत्तरी अमेरिका का मध्यवर्ती मैदान।

प्रश्न 3: बिहार का मैदानी भाग कौन-कौन सी नदियों के किनारे फैला हुआ है, और इसका क्या महत्व है?

उत्तर: बिहार का मैदानी भाग मुख्य रूप से गंगा नदी के दोनों किनारों पर फैला हुआ है। यह क्षेत्र कृषि कार्यों के लिए अत्यधिक उपयुक्त है और इसे भारत के उत्तरी विशाल मैदान के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में धान, गेहूं, चना, और अन्य प्रमुख फसलों का उत्पादन किया जाता है, जो इसे कृषि उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाते हैं।

प्रश्न 4: पठार क्या होते हैं और उनके क्या-क्या प्रकार हैं?

उत्तर: पठार वे ऊँची भूमि होती हैं जो आस-पास की भूमि से ऊँची होती हैं और ऊपर का भाग सपाट होता है। पठार की ऊँचाई कुछ सौ मीटर से लेकर हजारों मीटर तक हो सकती है। पठार मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

i) दक्कन का पठार: यह भारत का सबसे प्रसिद्ध पठार है।

ii) छोटा-नागपुर का पठार: यह भारत के झारखंड राज्य में स्थित है और खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है।

iii) तिब्बत का पठार: इसे ‘संसार की छत’ कहा जाता है और यह दुनिया का सबसे ऊँचा पठार है।

प्रश्न 5: पर्वत क्या होते हैं और इनके प्रमुख प्रकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर: पर्वत ऊँची और संकरी भूमि संरचनाएँ होती हैं, जिनके शीर्ष भाग पर बर्फ जमी हो सकती है। पर्वत मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

i) वलित पर्वत: जैसे भारत का हिमालय पर्वत, जो ऊबड़-खाबड़ और शंक्वाकार होते हैं।
ii) भ्रंशोत्थ पर्वत: जैसे भारत का सतपुड़ा पर्वत, जो पृथ्वी की आंतरिक हलचलों से उत्पन्न होता है।
iii) ज्वालामुखी पर्वत: जैसे इटली का विसुवियस पर्वत, जो ज्वालामुखी से निकले लावा और अन्य पदार्थों से बनता है।

प्रश्न 6: मैदानों और पठारों के बीच क्या अंतर है?

उत्तर:
मैदान प्रायः समतल और नीची भूमि होती है, जिसमें खेती और अन्य आर्थिक गतिविधियाँ आसानी से की जा सकती हैं। इसके विपरीत, पठार ऊँची और सपाट भूमि होती है, जिसमें खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। मैदानों में जल, आवास, और परिवहन की सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध होती हैं, जबकि पठारों पर परिवहन और कृषि कार्य करना कठिन होता है।

प्रश्न 7: पर्वतों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव है?

उत्तर: पर्वतों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव है। पर्वतों से नदियाँ निकलती हैं जो सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन में उपयोग होती हैं। पर्वत पर्यावरण संरक्षण और वर्षा कराने में सहायक होते हैं। हालांकि, पर्वतों पर जीवन कठिन होता है क्योंकि यहाँ परिवहन और खेती की सुविधा सीमित होती है। पर्वतों पर लकड़ी, औषधियाँ, और अन्य प्राकृतिक संसाधन भी मिलते हैं, जो मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 8: बढ़ती जनसंख्या के कारण मैदानों, पठारों, और पहाड़ों पर क्या प्रभाव पड़ा है?

उत्तर: बढ़ती जनसंख्या के कारण मैदानों, पठारों, और पहाड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पहाड़ों पर बसेरा करने के लिए वनों की कटाई हो रही है, जिससे प्रदूषण बढ़ा है और प्राकृतिक सुंदरता घट रही है। पठारों और पहाड़ों को सड़क निर्माण और खनिज दोहन के लिए काटा जा रहा है, जिससे ये विलुप्त हो रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों में भूजल का अत्यधिक उपयोग होने से जल संकट की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस प्रकार, इन क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन और पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ रहा है।

प्रश्न 9: हिमालय और अरावली पर्वतों में क्या अंतर है?

उत्तर: हिमालय और अरावली पर्वतों में मुख्य अंतर ऊँचाई और जलवायु का है। हिमालय पर्वत ऊँचा है, जहाँ बर्फ जमी रहती है और कई नदियाँ निकलती हैं। इसके विपरीत, अरावली पर्वत की ऊँचाई कम है और यहाँ बर्फ नहीं जमती, लेकिन हाल के दिनों में जलवायु परिवर्तन के कारण वहाँ भी बर्फबारी देखने को मिली है। हिमालय पर्वत का ऊँचाई के कारण पर्यावरणीय महत्व अधिक है, जबकि अरावली का महत्व खनिज और वनस्पतियों के लिए है।

प्रश्न 10: पर्यावरणीय बदलाव के कारण पर्वतों पर क्या असर पड़ रहा है?

उत्तर: पर्यावरणीय बदलाव के कारण पर्वतों पर कई असर पड़ रहे हैं, जैसे ग्लेशियरों का पिघलना, बर्फबारी का असामान्य होना, और वनस्पतियों का घटना। इन बदलावों के कारण नदियों में जल स्तर कम हो रहा है, जो सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन पर असर डालता है। पर्वतों पर तापमान में वृद्धि के कारण वन्य जीवों और वनस्पतियों की जीवन शैली भी प्रभावित हो रही है। पर्यावरणीय असंतुलन के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ गया है।

प्रश्न 11: भारत के उत्तरी विशाल मैदान का क्या महत्व है?

उत्तर: भारत के उत्तरी विशाल मैदान का कृषि, आवास, और परिवहन के लिए अत्यधिक महत्व है। यह मैदान गंगा, सतलज, और ब्रह्मपुत्र नदियों के किनारे फैला हुआ है, जहाँ प्रचुर मात्रा में अन्न उत्पादन होता है। यह क्षेत्र भारत का कृषि हृदय स्थल माना जाता है, जहाँ धान, गेहूँ, और अन्य फसलों की खेती होती है। इसके अलावा, यहाँ परिवहन और आवास की सुविधाएँ भी अच्छी हैं, जिससे यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है।

प्रश्न 12: ज्वालामुखी पर्वत कैसे बनते हैं और इनके क्या उदाहरण हैं?

उत्तर: ज्वालामुखी पर्वत ज्वालामुखी से निकले लावा और अन्य पदार्थों के ठंडा होकर जम जाने से बनते हैं। जब पृथ्वी के भीतर से लावा, राख, और गैसें बाहर निकलती हैं, तो ये सतह पर ठंडा होकर ठोस रूप ले लेते हैं, जिससे पर्वत का निर्माण होता है। इस प्रकार के पर्वतों का एक उदाहरण इटली का विसुवियस पर्वत है। भारत के अण्डमान निकोबार द्वीपसमूह में बैरन आइलैंड सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत का उदाहरण है।

प्रश्न 13: क्यों कहा जाता है कि मैदान, पठार, और पहाड़ पहले जैसे नहीं रह गए हैं?

उत्तर: यह कहा जाता है कि मैदान, पठार, और पहाड़ पहले जैसे नहीं रह गए हैं क्योंकि मानव गतिविधियों के कारण इनमें बदलाव आ गए हैं। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, और औद्योगिकीकरण के कारण इन क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है। वनों की कटाई, प्रदूषण, और भूमि का अतिक्रमण इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन, भूजल स्तर में गिरावट, और पर्यावरणीय असंतुलन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।

प्रश्न 14: पर्वतारोहण का खेल और इसके आकर्षण क्या हैं?

उत्तर: पर्वतारोहण का खेल पर्वतों पर चढ़ने का एक रोमांचक खेल है, जो साहसिक खेलों में आता है। इस खेल में पर्वतारोही उच्च पर्वतों पर चढ़ते हैं, जहाँ उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह खेल शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है और साहसिक खेल प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है। भारत के शिमला और कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में पर्वतारोहण और स्कीईंग जैसे खेलों के लिए विशेष आकर्षण होता है, जहाँ पर्यटक इनका भरपूर आनंद लेते हैं।

प्रश्न 15: पठारों पर खनिज भंडार का क्या महत्व है?

उत्तर: पठारों पर खनिज भंडार का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि ये क्षेत्र खनिज संसाधनों से समृद्ध होते हैं। भारत के दक्कन और छोटा-नागपुर पठारों में विभिन्न प्रकार के खनिज जैसे लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट, और तांबा पाया जाता है, जो देश के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये खनिज भंडार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि उद्योगों को कच्चा माल भी उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार, पठारों पर खनिज भंडार का महत्व औद्योगिक विकास के लिए अनिवार्य है।

प्रश्न 16: पर्वतों से निकलने वाली नदियाँ किस प्रकार उपयोगी होती हैं?

उत्तर: पर्वतों से निकलने वाली नदियाँ सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, और पेयजल के लिए अत्यधिक उपयोगी होती हैं। ये नदियाँ पर्वतीय क्षेत्रों से होकर मैदानों में पहुँचती हैं और कृषि के लिए जल प्रदान करती हैं। इसके अलावा, इन नदियों पर बांध बनाकर जल विद्युत उत्पन्न की जाती है, जो ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। पर्वतीय नदियाँ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि ये वनों और वन्यजीवों को जल प्रदान करती हैं।

प्रश्न 17: मैदानी क्षेत्रों में खेती के क्या लाभ होते हैं और ये क्षेत्र कृषि के लिए क्यों उपयुक्त होते हैं?

उत्तर: मैदानी क्षेत्रों में खेती के कई लाभ होते हैं, जैसे कि भूमि समतल होती है, जिससे खेती करना आसान होता है। इन क्षेत्रों में जल की उपलब्धता भी अधिक होती है, क्योंकि नदियाँ और नहरें आसानी से बनाई जा सकती हैं। यहाँ की मिट्टी उपजाऊ होती है, जो फसल उत्पादन के लिए अनुकूल होती है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में परिवहन और बाजार की सुविधा भी अच्छी होती है, जिससे उत्पादित फसलों को बाजार तक पहुँचाना आसान हो जाता है। इस प्रकार, मैदानी क्षेत्र कृषि के लिए अत्यधिक उपयुक्त होते हैं।

प्रश्न 18: पठारी क्षेत्रों में जीवन कैसा होता है और वहाँ की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

उत्तर: पठारी क्षेत्रों में जीवन अपेक्षाकृत कठिन होता है। यहाँ की भूमि ऊँची और सपाट होती है, लेकिन खेती करना मुश्किल होता है क्योंकि जल की उपलब्धता कम होती है। पठारों पर खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में होते हैं, लेकिन इनका दोहन करने के लिए औद्योगिक विकास की आवश्यकता होती है। परिवहन की सुविधाएँ सीमित होती हैं, जिससे वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान मुश्किल हो जाता है। पठारी क्षेत्रों में घने जंगल भी होते हैं, जहाँ वन्यजीवों का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, यहाँ मौसम भी कठिन होता है, जिससे जीवन यापन में चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 19: पर्वतों पर रहने वाले लोगों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

उत्तर: पर्वतों पर रहने वाले लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परिवहन की सुविधाएँ सीमित होती हैं, जिससे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता कठिन हो जाती है। खेती के लिए जमीन कम होती है और उसे सीढ़ीदार खेतों में बदलना पड़ता है, जिससे उत्पादन कम होता है। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएँ भी पर्वतीय क्षेत्रों में कम होती हैं। मौसम कठिन होता है, खासकर सर्दियों में, जब बर्फबारी से जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसके अलावा, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बना रहता है।

प्रश्न 20: हिमालय पर्वत श्रृंखला का भारत के लिए क्या महत्व है?

उत्तर: हिमालय पर्वत श्रृंखला का भारत के लिए अत्यधिक महत्व है। यह देश की उत्तरी सीमा को प्राकृतिक रूप से सुरक्षित करता है और शत्रुओं से रक्षा करता है। हिमालय से कई महत्वपूर्ण नदियाँ निकलती हैं, जैसे गंगा, यमुना, और ब्रह्मपुत्र, जो उत्तर भारत की जीवनरेखा मानी जाती हैं। हिमालय का पर्यावरण संरक्षण और जलवायु पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव है, क्योंकि यह मानसून को प्रभावित करता है और पूरे देश में वर्षा का वितरण करता है। इसके अलावा, हिमालय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जो देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

प्रश्न 21: बढ़ती जनसंख्या का मैदानी क्षेत्रों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

उत्तर: बढ़ती जनसंख्या का मैदानी क्षेत्रों पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं। अधिक जनसंख्या के कारण कृषि भूमि पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे जमीन का अत्यधिक उपयोग हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप, मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और भूजल का स्तर गिर रहा है। शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण मैदानी क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे वायु, जल, और भूमि प्रदूषित हो रही हैं। इसके अलावा, बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संसाधनों का अति-उपयोग हो रहा है, जिससे जल संकट उत्पन्न हो रहा है।

प्रश्न 22: पर्वतों पर बर्फबारी के क्या फायदे और नुकसान हैं?

उत्तर: पर्वतों पर बर्फबारी के कई फायदे और नुकसान हैं। फायदे के रूप में, बर्फबारी से जल संसाधनों का भंडारण होता है, जो नदियों और जलाशयों के रूप में पिघलने पर उपलब्ध होता है। बर्फबारी से पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि यह स्कीइंग और अन्य साहसिक खेलों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। दूसरी ओर, बर्फबारी के नुकसान में, ठंड के कारण जीवन कठिन हो जाता है, और परिवहन बाधित होता है। बर्फबारी से भूस्खलन और हिमस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

प्रश्न 23: मैदानों में जल प्रबंधन के लिए कौन-कौन सी विधियाँ अपनाई जाती हैं?

उत्तर: मैदानों में जल प्रबंधन के लिए कई विधियाँ अपनाई जाती हैं। नहरों और तालाबों का निर्माण किया जाता है, जिससे सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी विधियाँ अपनाई जाती हैं, जिससे वर्षा जल का संग्रहण और उपयोग किया जा सके। बोरवेल और ट्यूबवेल का उपयोग भी जल प्रबंधन के लिए किया जाता है, जिससे भूजल का दोहन किया जा सके। इसके अलावा, नदियों पर बांध बनाकर जल का संग्रहण और वितरण किया जाता है, जिससे कृषि और पेयजल की जरूरतें पूरी हो सकें।

प्रश्न 24: पठारी क्षेत्रों में खनिज संसाधनों का दोहन कैसे किया जाता है, और इसके क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर: पठारी क्षेत्रों में खनिज संसाधनों का दोहन खनन द्वारा किया जाता है। खनिजों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर खनन कार्य किए जाते हैं, जिससे औद्योगिक विकास और आर्थिक वृद्धि होती है। हालांकि, खनन के परिणामस्वरूप पर्यावरणीय क्षति भी होती है, जैसे जंगलों की कटाई, भूमि का कटाव, और प्रदूषण का बढ़ना। इसके अलावा, खनन कार्यों के कारण स्थानीय लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ता है और उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार, खनिज संसाधनों का दोहन आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियाँ भी उत्पन्न करता है।

प्रश्न 25: पर्वत श्रृंखलाओं का जलवायु और पर्यावरण पर क्या प्रभाव होता है?

उत्तर: पर्वत श्रृंखलाओं का जलवायु और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव होता है। पर्वत श्रृंखलाएँ जलवायु के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि वे मानसून की हवाओं को रोककर वर्षा का कारण बनती हैं। पर्वतों पर वनस्पति और जंगल होते हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में सहायक होते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित करके वायु को शुद्ध करते हैं। इसके अलावा, पर्वत श्रृंखलाओं से निकलने वाली नदियाँ जल संसाधनों का मुख्य स्रोत होती हैं, जो कृषि, पेयजल, और जल विद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। इस प्रकार, पर्वत श्रृंखलाओं का जलवायु और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होता है, जो जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाए रखता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

Patna Bihar Board कक्षा के सभी अध्याय के प्रश्न उत्तर एव नोट्स Download in Hindi PDF

सभी Kaksha की Kitab के अध्याय की Abhyas Pustika के Prashn Uttar, Objective Question or Question Answer in Hindi Medium - Patna Bihar Board Secondary Online Examination

सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF Download

सभी Kaksha के Paath के Prashn Uttar, Objective Question, सैंपल पेपर, नोट्स और प्रश्न पत्र Download Free in PDF for Hindi Medium

BSEB | Bihar Board Online com BSEB क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स इन हिंदी PDF FREE Download

Bihar Board Official Website BSEB Download एनसीईआरटी समाधान, नोट्स, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र in PDF Free Download in Hindi from Bihar Board Official Website

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE

Study Abroad

Study in Australia: Australia is known for its vibrant student life and world-class education in fields like engineering, business, health sciences, and arts. Major student hubs include Sydney, Melbourne, and Brisbane. Top universities: University of Sydney, University of Melbourne, ANU, UNSW.

Study in Canada: Canada offers affordable education, a multicultural environment, and work opportunities for international students. Top universities: University of Toronto, UBC, McGill, University of Alberta.

Study in the UK: The UK boasts prestigious universities and a wide range of courses. Students benefit from rich cultural experiences and a strong alumni network. Top universities: Oxford, Cambridge, Imperial College, LSE.

Study in Germany: Germany offers high-quality education, especially in engineering and technology, with many low-cost or tuition-free programs. Top universities: LMU Munich, TUM, University of Heidelberg.

Study in the USA: The USA has a diverse educational system with many research opportunities and career advancement options. Top universities: Harvard, MIT, Stanford, UC Berkeley.

Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.