Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
हिन्दी Class 8 बिहार बोर्ड || Menu
  • MCQ Hindi Class 8 Bihar Board
  • Book Hindi Class 8 Bihar Board
  • Solutions Hindi Class 8 Bihar Board
  • Notes Hindi Class 8 Bihar Board
  • Important Questions Hindi Class 8 Bihar Board
  • Question Paper Hindi Class 8 Bihar Board
  • Sample paper Hindi Class 8 Bihar Board
  • व्याकरण
  • Hindi Class 8

हिंदी – ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से Chapter 10 Important Questions Hindi Class 8 Kislay Bihar Board बिहार बोर्ड

Advertisement

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 8

प्रश्न 1 : ‘ईर्ष्या’ निबंध का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस निबंध का मुख्य उद्देश्य ईर्ष्या के दुष्प्रभावों को उजागर करना है। लेखक बताता है कि कैसे ईर्ष्या व्यक्ति की मानसिक शांति को नष्ट करती है और उसके जीवन में कड़वाहट भर देती है।

प्रश्न 2 : वकील साहब सुखी क्यों नहीं थे?

उत्तर: वकील साहब सुखी इसलिए नहीं थे क्योंकि उनके पड़ोसी बीमा एजेंट की संपन्नता से उन्हें ईर्ष्या होती थी। वे अपनी सुख-सुविधाओं से संतुष्ट न होकर, दूसरों की चीज़ों की लालसा में जलते रहते थे।

प्रश्न 3 : ईर्ष्या को अनोखा वरदान क्यों कहा गया है?

उत्तर: ईर्ष्या को अनोखा वरदान इसलिए कहा गया है क्योंकि यह मनुष्य को उन चीज़ों से दुखी करती है जो उसके पास नहीं हैं, और उसे इस बात का आनंद नहीं लेने देती जो उसके पास पहले से मौजूद हैं।

प्रश्न 4 : ईर्ष्या की बेटी किसे कहा गया है?

उत्तर: ईर्ष्या की बेटी निंदा को कहा गया है। ईर्ष्यालु व्यक्ति दूसरों की निंदा करके उन्हें गिराने की कोशिश करता है, जिससे उसे संतोष मिलता है कि वह स्वयं ऊपर उठ जाएगा।

प्रश्न 5 : ईर्ष्यालु व्यक्तियों से बचने का क्या उपाय है?

उत्तर: ईर्ष्यालु व्यक्तियों से बचने का उपाय यह है कि हम अपनी उन्नति और कर्म पर ध्यान केंद्रित करें। हमें नकारात्मकता और दूसरों की निंदा से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 6 : चिंता को चिता समान क्यों कहा गया है?

उत्तर: चिंता को चिता समान कहा गया है क्योंकि जिस प्रकार चिता शरीर को नष्ट करती है, वैसे ही चिंता मनुष्य की मानसिक शांति को नष्ट करती है और उसे जीते-जी मरने के समान बना देती है।

प्रश्न 7 : ईर्ष्या मनुष्य के जीवन में कैसे बाधा डालती है?

उत्तर: ईर्ष्या मनुष्य के जीवन में इस प्रकार बाधा डालती है कि वह उन वस्तुओं का आनंद नहीं उठा पाता जो उसके पास हैं। इसके कारण वह दूसरों की सफलता और सुख से दुखी रहता है।

प्रश्न 8 : ईर्ष्या के कारण मनुष्य का स्वभाव कैसे बदलता है?

उत्तर: ईर्ष्या के कारण मनुष्य का स्वभाव नकारात्मक हो जाता है। वह दूसरों की बुराई करने और उनकी निंदा करने में समय बिताता है, जिससे उसका चरित्र भी गिरता जाता है।

प्रश्न 9 : निबंध में ईर्ष्यालु लोगों को किससे तुलना की गई है?

उत्तर: निबंध में ईर्ष्यालु लोगों की तुलना बाजार की मक्खियों से की गई है, जो बेवजह भिनभिनाती रहती हैं और अपने जीवन का कोई सार्थक उद्देश्य नहीं रखती हैं।

प्रश्न 10 : ईर्ष्या से बचने का एक उपाय क्या है?

उत्तर: ईर्ष्या से बचने का एक उपाय मानसिक अनुशासन है। व्यक्ति को फालतू बातों के बारे में सोचना बंद करना चाहिए और सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए।

प्रश्न 11 : ईर्ष्यालु व्यक्ति के जीवन में खुशी क्यों नहीं होती?

उत्तर: ईर्ष्यालु व्यक्ति के जीवन में खुशी इसलिए नहीं होती क्योंकि वह हमेशा दूसरों की संपत्ति और सफलता से जलता रहता है और अपनी उपलब्धियों का आनंद नहीं ले पाता।

प्रश्न 12 : निंदा का क्या प्रभाव होता है?

उत्तर: निंदा का प्रभाव यह होता है कि निंदा करने वाला व्यक्ति दूसरों को गिराने की कोशिश करता है, लेकिन इससे उसे स्वयं का विकास नहीं हो पाता और उसकी नकारात्मकता बढ़ती जाती है।

प्रश्न 13 : ‘राक्षस की हंसी’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: ‘राक्षस की हंसी’ से अभिप्राय है उस खुशी से जो किसी की बुराई या असफलता देखकर होती है। यह खुशी विनाशकारी और अनैतिक होती है, जिसे लेखक ने ईर्ष्यालु व्यक्ति की हंसी कहा है।

प्रश्न 14 : निबंध में ‘उन्नति’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: निबंध में ‘उन्नति’ से तात्पर्य व्यक्ति के चारित्रिक और नैतिक विकास से है। व्यक्ति की उन्नति तभी हो सकती है जब वह ईर्ष्या और निंदा से दूर रहकर अपने गुणों का विकास करे।

प्रश्न 15 : ईर्ष्या और चिंता में क्या अंतर है?

उत्तर: ईर्ष्या और चिंता में अंतर यह है कि चिंता व्यक्ति के मन में तनाव और घबराहट पैदा करती है, जबकि ईर्ष्या उसके मन में द्वेष और क्रोध उत्पन्न करती है। ईर्ष्या व्यक्ति को दूसरों से जलने पर मजबूर करती है।

Long Questions

प्रश्न 1 : ईर्ष्या मनुष्य के जीवन में किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करती है?

उत्तर: ईर्ष्या मनुष्य के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न करती है। यह उसके मन में द्वेष और असंतोष पैदा करती है, जिससे वह अपने सुखों का आनंद नहीं ले पाता। ईर्ष्यालु व्यक्ति हमेशा दूसरों की संपत्ति, सफलता और खुशियों से जलता है, जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड़ता है और उसकी उन्नति भी रुक जाती है। ईर्ष्या न केवल मनुष्य के आनंद में बाधा डालती है, बल्कि उसका चरित्र भी गिरा देती है, क्योंकि वह दूसरों की निंदा करने में समय बर्बाद करने लगता है।

प्रश्न 2 : लेखक ने ईर्ष्या से बचने के कौन-कौन से उपाय बताए हैं?

उत्तर: लेखक ने ईर्ष्या से बचने के कई उपाय बताए हैं। सबसे पहले, व्यक्ति को अपनी सोच को सकारात्मक बनाना चाहिए और बेकार की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उसे यह जानना चाहिए कि दूसरों की सफलता से उसे जलन क्यों हो रही है और उसे अपनी कमजोरी को कैसे सुधारना है। मानसिक अनुशासन और रचनात्मकता ईर्ष्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। व्यक्ति को अपने गुणों और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि दूसरों से तुलना करनी चाहिए।

प्रश्न 3 : ईर्ष्या और निंदा का संबंध क्या है?

उत्तर: ईर्ष्या और निंदा का गहरा संबंध है। जब व्यक्ति दूसरों से जलता है, तो वह उनकी निंदा करना शुरू कर देता है। निंदा का उद्देश्य होता है दूसरों को गिराना ताकि स्वयं को श्रेष्ठ साबित किया जा सके। ईर्ष्यालु व्यक्ति यह सोचता है कि निंदा करके वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को समाज की नजरों में गिरा देगा और स्वयं को ऊंचा बना सकेगा, जबकि वास्तव में ऐसा कभी नहीं होता। निंदा से व्यक्ति का चरित्र गिरता है और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी घट जाती है।

प्रश्न 4 : ‘बाजार की मक्खियों’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: ‘बाजार की मक्खियों’ से तात्पर्य उन ईर्ष्यालु लोगों से है जो बिना किसी कारण के दूसरों की निंदा और आलोचना करते रहते हैं। वे दूसरों की सफलता और अच्छाई से जलते हैं और बेवजह उनके बारे में बुरा सोचते रहते हैं। ऐसे लोग केवल नकारात्मकता फैलाते हैं और उनका जीवन बिना किसी उद्देश्य के व्यतीत होता है। लेखक ने सुझाव दिया है कि ऐसे लोगों से दूर रहकर व्यक्ति को एकांत में रहकर अपने उद्देश्यों पर काम करना चाहिए।

प्रश्न 5 : ईर्ष्या से व्यक्ति के नैतिक और चारित्रिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: ईर्ष्या व्यक्ति के नैतिक और चारित्रिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। ईर्ष्यालु व्यक्ति अपनी कमियों को स्वीकार करने के बजाय दूसरों की सफलता से जलता है और उनकी निंदा करता है। इससे उसका चरित्र कमजोर हो जाता है और वह समाज में अपनी प्रतिष्ठा खो देता है। ईर्ष्या व्यक्ति को दूसरों की हानि पहुंचाने की ओर ले जाती है, जिससे उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ता है। यह व्यक्ति के गुणों को कुंठित कर देती है और उसकी उन्नति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बन जाती है।

प्रश्न 6 : ‘चिंता चिता समान है’ इस कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘चिंता चिता समान है’ इस कथन का अर्थ है कि जिस प्रकार चिता शरीर को नष्ट कर देती है, उसी प्रकार चिंता मनुष्य की मानसिक शांति को नष्ट कर देती है। चिंता से व्यक्ति का मन हमेशा बेचैन रहता है और वह जीवन के सुखों का आनंद नहीं उठा पाता। चिंता व्यक्ति को धीरे-धीरे मानसिक रूप से कमजोर कर देती है और उसे निराशा की ओर ले जाती है। इस कथन के माध्यम से लेखक ने चिंता की गंभीरता को व्यक्त किया है।

प्रश्न 7 : ईर्ष्या का कोई लाभदायक पक्ष भी हो सकता है, लेखक ने इसे कैसे समझाया है?

उत्तर: लेखक ने बताया है कि ईर्ष्या का एक लाभदायक पक्ष भी हो सकता है। यदि व्यक्ति ईर्ष्या को सकारात्मक रूप से ले, तो वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से प्रेरणा लेकर अपने विकास की दिशा में काम कर सकता है। प्रतिस्पर्धा की भावना से व्यक्ति अपनी कमियों को दूर करने और खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित हो सकता है। हालांकि, यह तभी संभव है जब व्यक्ति ईर्ष्या के दुष्प्रभावों से बचकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए।

प्रश्न 8 : लेखक ने ईर्ष्यालु लोगों को क्या सलाह दी है?

उत्तर: लेखक ने ईर्ष्यालु लोगों को यह सलाह दी है कि उन्हें अपनी ऊर्जा दूसरों की निंदा और आलोचना में बर्बाद करने के बजाय अपने विकास और उन्नति पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह समझना चाहिए कि दूसरों को गिराने से स्वयं की उन्नति नहीं होती। इसके बजाय, उन्हें अपने गुणों का विकास करना चाहिए और सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए। ईर्ष्या को छोड़कर रचनात्मक तरीके से जीवन जीने से ही व्यक्ति सही मायनों में सफल हो सकता है।

प्रश्न 9 : निबंध में लेखक ने ईर्ष्या की तुलना किससे की है?

उत्तर: निबंध में लेखक ने ईर्ष्या की तुलना आग से की है, जो सबसे पहले उस व्यक्ति को जलाती है जिसके हृदय में यह उत्पन्न होती है। ईर्ष्या व्यक्ति के मन में द्वेष और जलन की भावना पैदा करती है, जिससे वह खुद ही दुखी और परेशान रहता है। ईर्ष्या व्यक्ति को नकारात्मक बनाकर उसकी मानसिक शांति को नष्ट कर देती है और उसकी उन्नति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बन जाती है।

प्रश्न 10 : ईर्ष्या को मानसिक अनुशासन से कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

उत्तर: ईर्ष्या को मानसिक अनुशासन से नियंत्रित किया जा सकता है। व्यक्ति को अपनी सोच को सकारात्मक बनाना चाहिए और बेकार की तुलना और जलन से बचना चाहिए। उसे अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए रचनात्मक उपाय अपनाने चाहिए। मानसिक अनुशासन के जरिए व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर सकता है और ईर्ष्या से उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता को दूर कर सकता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

Patna Bihar Board कक्षा के सभी अध्याय के प्रश्न उत्तर एव नोट्स Download in Hindi PDF

सभी Kaksha की Kitab के अध्याय की Abhyas Pustika के Prashn Uttar, Objective Question or Question Answer in Hindi Medium - Patna Bihar Board Secondary Online Examination

सभी कक्षा के अध्याय के प्रश्न उत्तर in Hindi PDF Download

सभी Kaksha के Paath के Prashn Uttar, Objective Question, सैंपल पेपर, नोट्स और प्रश्न पत्र Download Free in PDF for Hindi Medium

BSEB | Bihar Board Online com BSEB क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स इन हिंदी PDF FREE Download

Bihar Board Official Website BSEB Download एनसीईआरटी समाधान, नोट्स, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र in PDF Free Download in Hindi from Bihar Board Official Website

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE
Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.