Main Menu
  • School
    • Close
    • CBSE English Medium
    • CBSE Hindi Medium
    • UP Board
    • Bihar Board
    • Maharashtra Board
    • MP Board
    • Close
  • English
    • Close
    • English Grammar for School
    • Basic English Grammar
    • Basic English Speaking
    • English Vocabulary
    • English Idioms & Phrases
    • Personality Enhancement
    • Interview Skills
    • Close
  • Sarkari Exam Prep
    • Close
    • All Govt Exams Preparation
    • MCQs for Competitive Exams
    • Notes For Competitive Exams
    • NCERT Syllabus for Competitive Exam
    • Close
  • Study Abroad
    • Close
    • Study in Australia
    • Study in Canada
    • Study in UK
    • Study in Germany
    • Study in USA
    • Close
हिन्दी Class 9 बिहार बोर्ड || Menu
  • MCQ Hindi Class 9 Bihar Board
  • Books Hindi Class 9 Bihar Board
  • Solutions Hindi Class 9 Bihar Board
  • Notes Hindi Class 9 Bihar Board
  • Important Questions Hindi Class 9 Bihar Board
  • Previous Year Paper Hindi Class 9 Bihar Board
  • Sample /Model Paper Hindi Class 9 Bihar Board
  • व्याकरण
  • Hindi Class 9

गोधूलि – ग्राम गीत का मर्म Hindi Chapter 3 Important Questions Class 9 Godhuli Bihar Board बिहार बोर्ड

Advertisement

Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 9

1. लक्ष्मीनारायण सुधांशु का साहित्यिक योगदान क्या है?

उत्तर: लक्ष्मीनारायण सुधांशु एक प्रमुख हिंदी लेखक और समीक्षक थे। उनके कार्यों में ‘भ्रातृप्रेम’ उपन्यास और ‘गुलाब की कलियाँ’, ‘रसरंग’ जैसे कहानी संकलन शामिल हैं। उनके प्रमुख ग्रंथ ‘काव्य में अभिव्यंजनावाद’ और ‘जीवन के तत्त्व और काव्य के सिद्धांत’ में उन्होंने मनोविज्ञान और प्राचीन भारतीय काव्यशास्त्र का समन्वय किया। उनके संस्मरण ‘व्यक्तित्व की झाँकियाँ’ भी महत्वपूर्ण हैं।

2. ग्राम-गीतों और कला-गीतों में क्या अंतर है?

उत्तर: ग्राम-गीत जीवन की मौलिकता और सरल भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि कला-गीत अधिक परिष्कृत और शास्त्रीय होते हैं। ग्राम-गीत में हृदय की वाणी होती है, जबकि कला-गीत में बौद्धिकता और शास्त्रीयता का समावेश होता है।

3. ग्राम-गीतों का सामाजिक जीवन पर क्या प्रभाव है?

उत्तर: ग्राम-गीत समाज की धारणाओं और मूल्यवान संवेदनाओं को व्यक्त करते हैं। ये गीत जीवन की विविधता और जटिलताओं को दर्शाते हैं और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाते हैं। ग्राम-गीतों में प्रेम, युद्ध, और जीवन के अन्य पहलुओं का जिक्र होता है, जो समाज में सामंजस्य स्थापित करते हैं।

4. ग्राम-गीतों की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: ग्राम-गीतों की प्रमुख विशेषताएँ हैं: उनकी सरलता, स्पष्टता, और भावनाओं की गहराई। ये गीत जीवन के विभिन्न अनुभवों को सीधे और सहज रूप में प्रस्तुत करते हैं। इनके माध्यम से लोकजीवन की वास्तविकताएँ, सुख-दुख और पारिवारिक संबंध उजागर होते हैं।

5. लेखक ने ग्राम-गीतों में स्त्रियों की भूमिका पर क्या विचार किए हैं?

उत्तर: लेखक ने ग्राम-गीतों में स्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि स्त्रियाँ अपने गार्हस्थ्य कर्मों के दौरान गीत गाती हैं, जो उनकी भावनाओं, संघर्षों और समाज में उनकी स्थिति को व्यक्त करते हैं। ये गीत स्त्री-प्रकृति की संवेदनाओं का अद्भुत उदाहरण हैं।

6. ग्राम-गीत और आधुनिक गीतों के बीच की खाई को कैसे पाटा जा सकता है?

उत्तर: ग्राम-गीतों की सरलता और वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए, आधुनिक गीतों में अधिक गहराई और मानवता का स्पर्श जोड़कर इस खाई को पाटा जा सकता है। लेखक ने सुझाव दिया है कि संगीत और कला को जनजीवन के करीब लाकर, हम इन दोनों के बीच की कड़ी को मजबूत कर सकते हैं।

7. क्या ग्राम-गीत केवल मनोरंजन का साधन हैं?

उत्तर: नहीं, ग्राम-गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं। ये जीवन के कठिन अनुभवों, खुशियों, और सांस्कृतिक मान्यताओं का भी चित्रण करते हैं। इन गीतों के माध्यम से लोग अपने भावनात्मक और सामाजिक संबंधों को व्यक्त करते हैं, जो उन्हें एकत्रित करता है।

8. कला-गीतों में ग्राम-गीतों की क्या महत्ता है?

उत्तर: कला-गीतों में ग्राम-गीतों की महत्ता इस बात में है कि वे ग्राम-गीतों से प्रेरित होकर विकसित हुए हैं। ग्राम-गीतों की सरलता और गहराई कला-गीतों को एक नया दिशा देती है, जिससे वे अधिक अर्थपूर्ण और सारगर्भित बनते हैं।

9. ग्राम-गीतों में प्रेम की अभिव्यक्ति कैसे होती है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में प्रेम की अभिव्यक्ति स्वाभाविक और सरल होती है। इन गीतों में प्रेमिका अपने प्रेमी की खोज में जानवरों से पूछती है, जो प्रेम की गहराई और निस्वार्थता को दर्शाता है। यह प्रकृति के साथ प्रेम का अटूट संबंध स्थापित करता है।

10. निबंध में सुधांशु जी ने कला-गीत की परिभाषा कैसे की है?

उत्तर: सुधांशु जी ने कला-गीत को ग्राम-गीत का विकसित रूप बताया है, जिसमें अधिक शास्त्रीयता और कलात्मकता होती है। उन्होंने इसे जीवन के अनुभवों को समझने और व्यक्त करने का एक माध्यम माना है, जो समाज की मान्यताओं को चुनौती देता है।

11. ग्राम-गीतों में व्यक्तिवाद और समष्टिवाद का संतुलन कैसे बनाया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में व्यक्तिवाद और समष्टिवाद का संतुलन इस प्रकार बनाया गया है कि व्यक्तिगत भावनाएँ सामाजिक संदर्भ में प्रकट होती हैं। ये गीत व्यक्ति की हृदयगत भावनाओं को दर्शाते हैं, लेकिन साथ ही वे समाज के विविध पहलुओं को भी प्रतिबिंबित करते हैं।

12. ग्राम-गीतों के विकास में समाज का क्या योगदान है?

उत्तर: ग्राम-गीतों के विकास में समाज की विभिन्न संवेदनाओं, संस्कारों और परंपराओं का योगदान है। ये गीत समाज के अनुभवों और मान्यताओं को व्यक्त करते हैं, जिससे वे सामूहिक पहचान और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन जाते हैं।

13. ग्राम-गीतों में मानवता का चित्रण कैसे किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में मानवता का चित्रण सरलता और वास्तविकता के माध्यम से किया गया है। इन गीतों में मानव के मूल भावनाओं, संघर्षों और सुख-दुख को दर्शाया गया है, जो उन्हें संवेदनशील और मानवीय बनाते हैं।

14. ग्राम-गीतों में यथार्थवाद का कितना महत्व है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में यथार्थवाद का महत्व अत्यधिक है। ये गीत जीवन की वास्तविकताओं को बिना किसी कृत्रिमता के प्रस्तुत करते हैं, जिससे वे सुनने वाले के दिल को छूते हैं और जीवन की गहरी सच्चाइयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

15. ग्राम-गीतों का सांस्कृतिक धरोहर में क्या स्थान है?

उत्तर: ग्राम-गीतों का सांस्कृतिक धरोहर में महत्वपूर्ण स्थान है। ये गीत हमारी परंपराओं, रिवाजों और सामाजिक संबंधों का जीवंत दस्तावेज हैं। इन गीतों के माध्यम से पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक पहचान और मान्यताएँ संरक्षित होती हैं।

16. सुधांशु जी ने ग्राम-गीतों में मानव जीवन की किस प्रकार की धारा का निरूपण किया है?

उत्तर: सुधांशु जी ने ग्राम-गीतों में मानव जीवन की सहजता, सरलता और स्वाभाविक भावनाओं का निरूपण किया है। ये गीत मानव की मूल प्रवृत्तियों—जैसे प्रेम, घृणा, उल्लास, और विषाद—को दर्शाते हैं। उनके अनुसार, ग्राम-गीतों में जीवन की गहराई और विविधता का सजीव चित्रण मिलता है, जो व्यक्ति के भीतर के भावों को व्यक्त करता है।

17. क्या लेखक ने ग्राम-गीतों को केवल ग्रामीण जीवन तक सीमित रखा है?

उत्तर: नहीं, लेखक ने ग्राम-गीतों को केवल ग्रामीण जीवन तक सीमित नहीं रखा है। उन्होंने बताया कि ग्राम-गीतों में न केवल ग्रामीण जीवन, बल्कि मानवता की सामान्य भावनाएँ और अनुभव भी शामिल हैं। ये गीत सामाजिक मुद्दों, प्रेम, विरह, और मानवीय संवेदनाओं का भी गहन अध्ययन करते हैं, जिससे उनका प्रभाव व्यापक होता है।

18. ग्राम-गीतों की रचना की प्रक्रिया में कौन से कारक प्रमुख होते हैं?

उत्तर: ग्राम-गीतों की रचना में प्रमुख कारक हैं—जीवन के अनुभव, सामाजिक परिवेश, और सांस्कृतिक मान्यताएँ। ये गीत विभिन्न जीवन स्थितियों से उत्पन्न होते हैं, जैसे कि विवाह, त्योहार, कृषि कार्य, और अन्य सामाजिक गतिविधियाँ। इनकी रचना में लोकजीवन की वास्तविकताएँ और भावनाएँ प्रमुख रूप से शामिल होती हैं।

19. ग्राम-गीतों के माध्यम से सामाजिक संबंधों का किस प्रकार का चित्रण किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों के माध्यम से सामाजिक संबंधों का चित्रण निकटता, सहानुभूति, और आपसी प्रेम के रूप में किया गया है। इनमें पारिवारिक संबंधों, मित्रता, और समाज में एकजुटता के भाव उजागर होते हैं। ये गीत सामाजिक मान्यताओं और मूल्यों को प्रतिबिंबित करते हैं, जिससे समाज में सामंजस्य की भावना प्रबल होती है।

20. ग्राम-गीतों में प्रकृति का क्या स्थान है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में प्रकृति का एक विशेष स्थान है। इन गीतों में प्राकृतिक सौंदर्य और मानव जीवन के बीच के संबंध को गहराई से प्रस्तुत किया गया है। प्रकृति के विभिन्न तत्वों, जैसे पेड़-पौधे, नदियाँ, और मौसम, का जिक्र इन गीतों में जीवन की गहराई और संवेदनाओं को दर्शाने के लिए किया गया है।

21. ग्राम-गीतों के माध्यम से भावनात्मक संचार का कैसे वर्णन किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों के माध्यम से भावनात्मक संचार स्वाभाविक और वास्तविकता के रूप में किया गया है। ये गीत व्यक्तियों की अंदरूनी भावनाओं को प्रकट करते हैं और एक व्यक्ति की भावनाओं को दूसरे तक पहुँचाने का माध्यम बनते हैं। लेखक ने बताया कि ग्राम-गीतों में मानव की मानसिकता और संवेदनाओं का गहरा अध्ययन किया गया है।

22. ग्राम-गीतों में किस प्रकार की सांस्कृतिक विविधता देखने को मिलती है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में सांस्कृतिक विविधता विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रों के अनुभवों और मान्यताओं को दर्शाती है। ये गीत विभिन्न त्योहारों, रिवाजों और परंपराओं का भाग होते हैं, जो भारतीय समाज की बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं।

23. ग्राम-गीतों के माध्यम से सदियों से चली आ रही परंपराओं को कैसे संरक्षित किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों के माध्यम से सदियों से चली आ रही परंपराओं को संरक्षित करने के लिए, इन गीतों में सांस्कृतिक रिवाजों, धार्मिक मान्यताओं, और सामाजिक मूल्यांकन को शामिल किया गया है। ये गीत पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहे हैं और समाज में अपनी जड़ें मजबूत करते हैं।

24. ग्राम-गीतों का शैक्षणिक महत्व क्या है?

उत्तर: ग्राम-गीतों का शैक्षणिक महत्व इस संदर्भ में है कि ये न केवल सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, बल्कि इनमें जीवन की विविधताओं और भावनात्मक स्थितियों का गहन अध्ययन किया गया है। ये गीत बच्चों और युवा पीढ़ी को अपने समाज और संस्कृति से जोड़ने में मदद करते हैं।

25. क्या ग्राम-गीतों में बदलाव की आवश्यकता है?

उत्तर: लेखक ने यह सुझाव दिया है कि ग्राम-गीतों में समय के साथ बदलाव आवश्यक है, ताकि ये आधुनिक जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकें। हालांकि, इनकी मूल भावनाएँ और संदेश बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि ये अपनी प्रासंगिकता को खो न दें।

26. ग्राम-गीतों में प्रेम और युद्ध के तत्वों का चित्रण कैसे किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में प्रेम और युद्ध के तत्वों का चित्रण बहुत गहराई से किया गया है। प्रेम की भक्ति और युद्ध की आवश्यकता को संतुलित किया गया है। इन गीतों में प्रेम के प्रति मानव की निष्ठा और संघर्ष के समय साहस को भी दर्शाया गया है।

27. ग्राम-गीतों में जीवन के विभिन्न अनुभवों को कैसे प्रस्तुत किया गया है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में जीवन के विभिन्न अनुभवों को सहजता और सरलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। ये गीत व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों को स्पष्ट रूप में दिखाते हैं, जैसे कि विवाह, मातृत्व, और कामकाज के दौरान होने वाले संघर्ष।

28. ग्राम-गीतों का अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में क्या महत्व है?

उत्तर: ग्राम-गीतों का अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में महत्व इस दृष्टि से है कि ये भारतीय संस्कृति और समाज की मूलभूत भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इन गीतों का अध्ययन अन्य संस्कृतियों के साथ तुलनात्मक अध्ययन करने में मदद करता है, जिससे वैश्विक सांस्कृतिक समझ बढ़ती है।

29. ग्राम-गीतों में व्यक्तिवाद और समष्टिवाद के बीच का संतुलन क्या है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में व्यक्तिवाद और समष्टिवाद के बीच संतुलन इस तरह से स्थापित किया गया है कि व्यक्तिगत भावनाएँ सामाजिक संदर्भ में प्रकट होती हैं। ये गीत व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभवों को दर्शाते हैं, लेकिन समाज की सामूहिक भावनाओं और संवेदनाओं को भी सामने लाते हैं।

30. ग्राम-गीतों में धार्मिक तत्वों का क्या स्थान है?

उत्तर: ग्राम-गीतों में धार्मिक तत्वों का महत्वपूर्ण स्थान है। ये गीत धार्मिक पर्वों, अनुष्ठानों और मान्यताओं का जिक्र करते हैं, जो समाज के धार्मिक जीवन को दर्शाते हैं। धार्मिक गीतों के माध्यम से समाज में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक पहचान को प्रकट किया जाता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

Patna Bihar Board कक्षा के सभी अध्याय के प्रश्न उत्तर एव नोट्स Download in Hindi PDF

सभी Kaksha की Kitab के अध्याय की Abhyas Pustika के Prashn Uttar, Objective Question or Question Answer in Hindi Medium - Patna Bihar Board Secondary Online Examination

BSEB | Bihar Board Online com BSEB क्लास की बुक (पुस्तक), MCQ, नोट्स इन हिंदी PDF FREE Download

Bihar Board Official Website BSEB Download एनसीईआरटी समाधान, नोट्स, सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र in PDF Free Download in Hindi from Bihar Board Official Website

Advertisement

Maharashtra Board Marathi & English Medium

Just Launched! Access Maharashtra Board Exam MCQs, Previous Year Papers, Textbooks, Solutions, Notes, Important Questions, and Summaries—available in both Marathi and English mediums—all in one place Maharashtra Board

Android APP

सरकारी Exam Preparation

Sarkari Exam Preparation Youtube

CBSE – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान & हरियाणा Board हिंदी माध्यम

कक्षा 6 to 8 हिंदी माध्यम
कक्षा 9 & 10 हिंदी माध्यम
कक्षा 11 हिंदी माध्यम

State Board

यूपी बोर्ड 6,7 & 8
बिहार बोर्ड हिंदी माध्यम

CBSE Board

Mathematics Class 6
Science Class 6
Social Science Class 6
हिन्दी Class 6
सामाजिक विज्ञान कक्षा 6
विज्ञान कक्षा 6

Mathematics Class 7
Science Class 7
SST Class 7
सामाजिक विज्ञान कक्षा 7
हिन्दी Class 7

Mathematics Class 8
Science Class 8
Social Science Class 8
हिन्दी Class 8

Mathematics Class 9
Science Class 9
English Class 9

Mathematics Class 10
SST Class 10
English Class 10

Mathematics Class XI
Chemistry Class XI
Accountancy Class 11

Accountancy Class 12
Mathematics Class 12

Learn English
English Through हिन्दी
Job Interview Skills
English Grammar
हिंदी व्याकरण - Vyakaran
Microsoft Word
Microsoft PowerPoint
Adobe PhotoShop
Adobe Illustrator
Learn German
Learn French
IIT JEE
Privacy Policies, Terms and Conditions, About Us, Contact Us
Copyright © 2025 eVidyarthi and its licensors. All Rights Reserved.