वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
Short Questions Answer
1. वैश्वीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर: देशों के बीच उत्पादन और बाज़ार का तीव्र एकीकरण ही वैश्वीकरण है।
2. बहुराष्ट्रीय कंपनी क्या है?
उत्तर: वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण या स्वामित्व रखती है।
3. विदेशी निवेश क्या है?
उत्तर: बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा दूसरे देशों में किया गया निवेश विदेशी निवेश कहलाता है।
4. व्यापार अवरोधक का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: आयात पर लगाया गया कर।
5. WTO का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization)।
6. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर: विदेशी निवेश आकर्षित करने और विश्व स्तरीय सुविधाएँ देने के लिए।
7. भारत में विदेशी खिलौनों से किस उद्योग को नुकसान हुआ?
उत्तर: भारतीय खिलौना उद्योग।
8. वैश्वीकरण का उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और सस्ते दाम पर वस्तुएँ मिलने लगीं।
9. उदारीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर: व्यापार और विदेशी निवेश पर लगाए गए अवरोधों को हटाने की प्रक्रिया।
10. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का वैश्वीकरण में क्या योगदान है?
उत्तर: इससे दूर-दराज़ देशों में सेवाओं और सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हुआ।
Long Questions Answer
1. भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा किया गया निवेश किस प्रकार वैश्वीकरण का उदाहरण है?
उत्तर: फोर्ड मोटर्स ने भारत में 1,700 करोड़ रुपये का निवेश करके संयंत्र लगाया। यहाँ बनी कारें भारत में भी बेची जाती हैं और कई देशों में निर्यात भी होती हैं। इससे विदेशी निवेश, उत्पादन और बाज़ार का एकीकरण स्पष्ट होता है।
2. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्पादन को फैलाने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाती हैं?
उत्तर:
(अ) स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी करना,
(ब) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना,
(स) छोटे उत्पादकों से माल बनवाना,
(द) सस्ता श्रम और संसाधन वाले देशों में कारखाने लगाना।
3. विदेशी व्यापार से विभिन्न देशों के बाज़ार कैसे एकीकृत होते हैं?
उत्तर: विदेशी व्यापार से एक देश के उत्पाद दूसरे देश में बेचे जाते हैं और प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। इससे बाज़ारों में समान वस्तुओं के मूल्य और विकल्प बढ़ जाते हैं, जिससे विभिन्न देशों के बाज़ार आपस में जुड़ जाते हैं।
4. भारत सरकार ने 1991 से पहले विदेशी व्यापार और निवेश पर अवरोध क्यों लगाए थे?
उत्तर: नवोदित भारतीय उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए। लेकिन बाद में इन्हें हटाया गया ताकि भारतीय उत्पादक प्रतिस्पर्धा में आकर गुणवत्ता सुधार सकें।
5. WTO की क्या भूमिका है?
उत्तर: WTO का ध्येय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। यह व्यापार से संबंधित नियम बनाता है और उनके पालन की निगरानी करता है। परंतु व्यवहार में विकसित देश किसानों को भारी सहायता देते हैं, जिससे विकासशील देशों को नुकसान होता है।
6. वैश्वीकरण का उपभोक्ताओं और उत्पादकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प, सस्ते दाम और बेहतर गुणवत्ता मिली। बड़े उत्पादकों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नए अवसर मिले, जबकि छोटे उत्पादक और श्रमिक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गए।
7. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण में कैसे सहायक है?
उत्तर: इंटरनेट, ई-मेल, मोबाइल और उपग्रह संचार से तत्काल संपर्क, डिज़ाइनिंग, कॉल सेंटर सेवाएँ और इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन संभव हुआ। इसने सेवाओं का वैश्विक स्तर पर विस्तार किया।
8. छोटे उत्पादकों को वैश्वीकरण से कौन-सी चुनौतियाँ मिलीं?
उत्तर: विदेशी वस्तुओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा से कई छोटे उद्योग बंद हो गए। रोजगार घटा और श्रमिक असुरक्षित हो गए। जैसे, इलेक्ट्रॉनिक पुर्ज़े और खिलौना उद्योग पर बुरी मार पड़ी।
9. न्यायसंगत वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: न्यायसंगत वैश्वीकरण वह है जिसमें केवल अमीर और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ही नहीं बल्कि छोटे उत्पादक, श्रमिक और गरीब वर्ग भी लाभान्वित हों। इसके लिए सरकार, WTO और कंपनियों को उचित कदम उठाने चाहिए।
10. ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है’ – कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: वैश्वीकरण से संपन्न वर्ग और बड़ी कंपनियाँ लाभान्वित हुईं, जबकि छोटे उत्पादकों और श्रमिकों को नुकसान हुआ। इससे जीवन स्तर में असमानता बढ़ी। यही कारण है कि इसका प्रभाव सब पर समान नहीं है।
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