वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
अभ्यास
प्रश्न 1: वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न देशों के बाजार और उत्पादन प्रणालियाँ आपस में जुड़ती हैं। यह विदेशी व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और सेवाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से होता है, जिससे देशों के बीच परस्पर संबंध बढ़ते हैं। उदाहरण के लिए, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में कारखाने स्थापित करती हैं और अपने उत्पाद विश्व भर में बेचती हैं।
प्रश्न 2: भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर: भारत सरकार ने स्वतंत्रता के बाद विदेश व्यापार और निवेश पर अवरोधक लगाए ताकि घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षण मिले। उस समय उद्योग प्रारंभिक अवस्था में थे, और आयात से प्रतिस्पर्धा उनके विकास को रोक सकती थी। 1991 से सरकार ने इन अवरोधकों को हटाना शुरू किया क्योंकि भारतीय उत्पादकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार माना गया। प्रतिस्पर्धा से उत्पादकों की गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार होने की उम्मीद थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी समर्थन दिया।
प्रश्न 3: श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर: श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को अस्थायी आधार पर श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है, जिससे वे वर्ष भर वेतन देने के बजाय केवल आवश्यकता के समय श्रमिक रख सकते हैं। इससे श्रम लागत कम होती है, जिससे कंपनियाँ अधिक प्रतिस्पर्धी बनती हैं।
प्रश्न 4: दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?
उत्तर: बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूसरे देशों में उत्पादन पर नियंत्रण निम्न तरीकों से स्थापित करती हैं:
- स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी करके।
- स्थानीय कंपनियों को खरीदकर।
- छोटे उत्पादकों को उत्पादन के ऑर्डर देकर, जैसे वस्त्र, जूते-चप्पल और खेल के सामान के लिए।
प्रश्न 5: विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?
उत्तर: विकसित देश विकासशील देशों से व्यापार और निवेश का उदारीकरण चाहते हैं ताकि उनके उत्पादों को इन देशों के बाजारों में आसानी से प्रवेश मिले और वे अधिक लाभ कमा सकें। हाँ, विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए ताकि उनके उत्पादकों को भी विकसित देशों के बाजारों में समान अवसर मिले और व्यापार अधिक न्यायसंगत हो।
प्रश्न 6: ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है’। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर: वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है क्योंकि यह कुछ लोगों, जैसे धनी उपभोक्ताओं, कुशल और शिक्षित व्यक्तियों, और बड़ी कंपनियों को अधिक लाभ पहुँचाता है, जिन्हें बेहतर उत्पाद, सेवाएँ और अवसर मिलते हैं। वहीं, छोटे उत्पादक और श्रमिक बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण प्रभावित होते हैं, जैसे नौकरी की अनिश्चितता और कम मजदूरी।
प्रश्न 7: व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती हैं?
उत्तर: व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण अवरोधकों, जैसे आयात पर कर और कोटा, को हटाकर वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के मुक्त प्रवाह को संभव बनाता है। इससे विदेशी कंपनियाँ आसानी से कारखाने स्थापित कर सकती हैं और व्यापार बढ़ता है, जो वैश्वीकरण को बढ़ावा देता है।
प्रश्न 8: विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर: विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ता है क्योंकि यह वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाता है, जिससे बाजारों में मूल्य समान होते हैं और प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। उदाहरण: भारत से दक्षिण अफ्रीका को कारों का निर्यात। इससे दोनों देशों के बाजारों में कारों के विकल्प बढ़ते हैं और मूल्य प्रतिस्पर्धी बनते हैं।
प्रश्न 9: वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
उत्तर: आज से बीस वर्ष बाद विश्व और अधिक एकीकृत होगा, जिसमें देशों के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और सेवाओं का आदान-प्रदान और तेज होगा। प्रौद्योगिकी में उन्नति, जैसे तेज इंटरनेट और परिवहन, वैश्वीकरण को और बढ़ाएगी। बाजारों में और अधिक वैश्विक ब्रांड होंगे, और भारतीय कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स और इंफोसिस वैश्विक स्तर पर और मजबूत होंगी। हालांकि, छोटे उत्पादकों और श्रमिकों के लिए प्रतिस्पर्धा की चुनौतियाँ बढ़ेंगी, जिससे रोजगार की अनिश्चितता और असमानता की समस्या बनी रह सकती है।
कारण: वैश्वीकरण की प्रक्रिया प्रौद्योगिकी, उदारीकरण और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा संचालित है। ये कारक भविष्य में और प्रभावी होंगे, लेकिन छोटे उत्पादकों और श्रमिकों पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
प्रश्न 10: मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं – एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब दोगे?
उत्तर: मैं दोनों पक्षों को जवाब दूँगा कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास को बढ़ावा दिया और कुछ नुकसान भी पहुँचाया है। यह सही है कि वैश्वीकरण ने रोजगार सृजन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प लाए, जैसे कार, मोबाइल और सेवाओं में। भारतीय कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स और इंफोसिस वैश्विक स्तर पर उभरी हैं। लेकिन, यह भी सच है कि छोटे उत्पादकों, जैसे संधारित्र निर्माता रवि, और श्रमिकों, जैसे सुशीला, को बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अस्थायी रोजगार के कारण नुकसान हुआ है। इसलिए, वैश्वीकरण के लाभों को सभी तक पहुँचाने के लिए सरकार को श्रम कानूनों का उचित कार्यान्वयन और छोटे उत्पादकों को सहायता देनी चाहिए।
कारण: वैश्वीकरण से धनी उपभोक्ताओं और बड़ी कंपनियों को लाभ हुआ, लेकिन छोटे उत्पादकों और श्रमिकों को प्रतिस्पर्धा के कारण नुकसान हुआ। दोनों पक्षों को संतुलित नीतियों की जरूरत है।
प्रश्न 11: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह ————— की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ ————– बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि ———— जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते ————— और ————– के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम —————-।
उत्तर:
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह वैश्वीकरण की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ विदेश व्यापार बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि सस्ता श्रम और संसाधन उपलब्ध हैं जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते विदेश व्यापार और विदेशी निवेश के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम प्रतिस्पर्धा।
प्रश्न 12: निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं। (अ) मोटर गाड़ियाँ
(ख) आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन (ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान के लिए किया जाता है।
(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ (स) कॉल सेंटर
(घ) आई. टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है। (द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी
(ङ) अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है। (य) व्यापार अवरोधक
उत्तर:
क्रमांक | कथन | सुमेलित उत्तर |
---|---|---|
(क) | बहुराष्ट्रिय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं। | (ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान के लिए किया जाता है। |
(ख) | आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन | (य) व्यापार अवरोधक |
(ग) | विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ | (द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी |
(घ) | आई.टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है। | (स) कॉल सेंटर |
(ङ) | अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है। | (अ) मोटर गाड़ियाँ |
प्रश्न 13. सही विकल्प का चयन कीजिए —
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है —
(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
उत्तर: (ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है —
(क) नये कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
उत्तर: (ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(इ) वैश्वीकरण ने जीवन स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है —
(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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