Short Questions
प्रश्न 1. जैव विविधता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: पौधों, पशुओं और सूक्ष्म जीवों की विभिन्नता को जैव विविधता कहते हैं।
प्रश्न 2. भारत में विश्व की कुल जैव उपजातियों का लगभग कितना प्रतिशत पाया जाता है?
उत्तर: लगभग 8 प्रतिशत।
प्रश्न 3. भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम कब लागू हुआ?
उत्तर: वर्ष 1972 में।
प्रश्न 4. प्रोजेक्ट टाइगर किस वर्ष प्रारंभ हुआ?
उत्तर: वर्ष 1973 में।
प्रश्न 5. भारत में आरक्षित वनों को क्यों महत्त्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर: क्योंकि ये वन और वन्य जीवों के संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान हैं।
प्रश्न 6. संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत कब हुई?
उत्तर: वर्ष 1988 में।
प्रश्न 7. राजस्थान के अलवर जिले के 5 गाँवों ने किस क्षेत्र को ‘सोंचुरी’ घोषित किया?
उत्तर: 1,200 हेक्टेयर वन भूमि।
प्रश्न 8. हिमालय में प्रसिद्ध चिपको आंदोलन किसके लिए हुआ था?
उत्तर: वनों की कटाई रोकने के लिए।
प्रश्न 9. सरिस्का बाघ रिज़र्व किस राज्य में है?
उत्तर: राजस्थान में।
प्रश्न 10. बिश्नोई समाज किन जीवों को संरक्षण देता है?
उत्तर: काला हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोर।
Long Questions
प्रश्न 1. जैव विविधता मानव जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर: जैव विविधता से हमें वायु, जल, भोजन, औषधियाँ और अन्य संसाधन मिलते हैं। पौधे और पशु पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं। कृषि और मत्स्य पालन भी जैव विविधता पर निर्भर हैं। यह हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 2. भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत कौन-कौन से कदम उठाए गए?
उत्तर:
- शिकार पर रोक लगाई गई।
- संकटग्रस्त जातियों की सूची बनाई गई।
- राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किए गए।
- जंगली जीवों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया गया।
- बाघ, गैंडा, हंगुल, मगरमच्छ, एशियाई शेर आदि को विशेष संरक्षण मिला।
प्रश्न 3. प्रोजेक्ट टाइगर क्यों शुरू किया गया और इसके अंतर्गत कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं?
उत्तर: बाघों की संख्या घटकर 1827 रह जाने पर 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू हुआ। इसका उद्देश्य बाघों और उनके आवास को बचाना था। इसके अंतर्गत कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखण्ड), सुंदरबन (प. बंगाल), बांधवगढ़ (म. प्र.), सरिस्का (राजस्थान), मानस रिज़र्व (असम) और पेरियार रिज़र्व (केरल) शामिल हैं।
प्रश्न 4. भारत में वनों को किन-किन वर्गों में बाँटा गया है?
उत्तर:
- आरक्षित वन – देश के आधे से अधिक क्षेत्र में, सर्वाधिक मूल्यवान।
- रक्षित वन – कुल वन क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई, संरक्षण के लिए सुरक्षित।
- अवर्गीकृत वन – शेष वन क्षेत्र, जो सरकार, व्यक्ति या समुदाय के स्वामित्व में हैं।
प्रश्न 5. समुदायों द्वारा वन और वन्य जीव संरक्षण के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- अलवर जिले के गाँवों ने 1200 हेक्टेयर भूमि ‘सोंचुरी’ घोषित की।
- बिश्नोई समाज हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों को बचाता है।
- सरिस्का बाघ रिज़र्व में ग्रामीणों ने खनन बंद करवाया।
- पवित्र पेड़ों के झुरमटों को सुरक्षित रखा गया।
प्रश्न 6. पवित्र पेड़ों के झुरमटों की परंपरा क्या है?
उत्तर: यह प्रकृति पूजा की परंपरा है। इसमें कुछ वनों को देवी-देवताओं से जोड़ा गया और वहाँ शिकार या कटाई वर्जित रही। छोटानागपुर के मुंडा और संथाल महुआ-कदंब पेड़ों की पूजा करते हैं। ओडिशा और बिहार की जनजातियाँ शादी में इमली और आम के पेड़ पूजती हैं। पीपल और वटवृक्ष भी पवित्र माने जाते हैं।
प्रश्न 7. चिपको आंदोलन का महत्व बताइए।
उत्तर: यह आंदोलन हिमालय में पेड़ों की कटाई रोकने के लिए शुरू हुआ। ग्रामीणों ने पेड़ों से चिपककर उन्हें काटने से बचाया। इससे वनों की रक्षा हुई और सामुदायिक वनीकरण को बढ़ावा मिला। यह पर्यावरण संरक्षण का ऐतिहासिक उदाहरण है।
प्रश्न 8. संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर: 1988 में ओडिशा से शुरू हुआ यह कार्यक्रम क्षरित वनों के संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए ग्रामीणों और वन विभाग के संयुक्त प्रयास पर आधारित है। इसके अंतर्गत ग्रामीणों को गैर-इमारती उत्पादों का अधिकार और इमारती लकड़ी के लाभ में हिस्सा मिलता है।
प्रश्न 9. मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पति और प्राणिजात के हास का कारण बनी हैं?
उत्तर:
- वनों की अंधाधुंध कटाई
- औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
- खनन और बांध निर्माण
- शिकार और व्यापारइनसे वनों का क्षेत्र घटा और अनेक जीव विलुप्ति के कगार पर पहुँच गए।
प्रश्न 10. भारत में विभिन्न समुदाय किस प्रकार वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोग करते हैं?
उत्तर: कई समुदाय पारंपरिक विश्वासों और रीति-रिवाजों से संरक्षण करते हैं। जैसे – बिश्नोई हिरण बचाते हैं, गाँवों ने अपनी भूमि को सोंचुरी बनाया, चिपको आंदोलन ने वन बचाए। पवित्र पेड़ों की पूजा और बीज बचाओ आंदोलन ने भी संरक्षण में योगदान दिया।
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