1. प्रस्तावना
- हमारे जीवन की आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ हर जगह उपलब्ध नहीं होतीं।
- वस्तुओं और सेवाओं को आपूर्ति स्थल से माँग स्थल तक पहुँचाने हेतु परिवहन आवश्यक है।
- परिवहन और संचार किसी देश के विकास की रीढ़ हैं।
- परिवहन के तीन प्रमुख आधार – स्थल, जल और वायु।
- परिवहन, संचार और व्यापार – एक-दूसरे के पूरक हैं।
2. परिवहन के साधन
(क) स्थल परिवहन
1.सड़क परिवहन
- भारत – विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल (62.16 लाख किमी, 2020-21)।
- सड़कें रेलमार्ग से अधिक सुविधाजनक व सस्ती।
- सड़क परिवहन की विशेषताएँ :
- कम लागत।
- पहाड़ी/ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में भी संभव।
- कम दूरी व हल्के सामान के लिए उपयुक्त।
- घर-घर सेवा।
- अन्य परिवहन साधनों से जोड़ने वाली कड़ी।
2.सड़कों का वर्गीकरण
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (Golden Quadrilateral) – दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता को जोड़ती है।
- उत्तर-दक्षिण गलियारा: श्रीनगर-कन्याकुमारी।
- पूर्व-पश्चिम गलियारा: सिलचर (असम)-पोरबंदर (गुजरात)।
- राष्ट्रीय राजमार्ग – CPWD द्वारा संचालित, दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं।
- NH-1: दिल्ली-अमृतसर (शेरशाह सूरी मार्ग)।
- राज्य राजमार्ग – राजधानी को जिला मुख्यालयों से जोड़ते हैं (PWD द्वारा)।
- जिला मार्ग – जिले के प्रशासनिक केंद्रों को जोड़ते हैं।
- ग्रामीण सड़कें – प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गाँवों को जोड़ना।
- सीमांत सड़कें – सीमा सड़क संगठन (1960) द्वारा निर्मित।
- उदाहरण: अटल टनल (9.02 किमी, हिमाचल)।
- सड़कें – कच्ची व पक्की (कंक्रीट, तारकोल)।
1. रेल परिवहन
- वस्तुओं और यात्रियों के लिए मुख्य साधन।
- पहली रेल: 1853, मुंबई-थाणे (34 किमी)।
- भारतीय रेल – विश्व का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र प्राधिकरण।
- कुल लंबाई: 67,956 किमी।
- बड़ी लाइन: 63,950 किमी।
- मीटर लाइन: 2,402 किमी।
- छोटी लाइन: 1,604 किमी।
- रेलवे प्रखंड: 16।
- विकास के कारण – समतल मैदान, संसाधन, घनी आबादी।
- कठिनाइयाँ – नदियों पर पुल, पहाड़ी क्षेत्रों में सुरंग, हिमालय व रेगिस्तानी क्षेत्र में कठिनाई।
- कोंकण रेलवे – पश्चिमी तट पर महत्वपूर्ण (लेकिन भूस्खलन जैसी चुनौतियाँ)।
- समस्याएँ – बिना टिकट यात्रा, चोरी, गाड़ियों का विलंब।
2. पाइपलाइन परिवहन
- तरल व गैस पदार्थों का परिवहन।
- पहला – हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) गैस पाइपलाइन।
- कुल लंबाई: 18,500 किमी।
(ख) जल परिवहन
- सबसे सस्ता, ऊर्जा-सक्षम व पर्यावरण अनुकूल साधन।
- कुल अंतर्देशीय जलमार्ग: 14,500 किमी (5,685 किमी नौगम्य)।
राष्ट्रीय जलमार्ग
- गंगा (हल्दिया-इलाहाबाद, 1620 किमी) – NW-1
- ब्रह्मपुत्र (सदिया-धुबरी, 891 किमी) – NW-2
- पश्चिमी तटीय नहर, केरल (205 किमी) – NW-3
- गोदावरी-कृष्णा डेल्टा, आंध्र प्रदेश (1078 किमी) – NW-4
- महानदी-ब्राह्मणी-पूर्वी तटीय नहर (588 किमी) – NW-5
समुद्री पत्तन
- तटरेखा: 7,516.6 किमी।
- प्रमुख पत्तन: 12 (95% विदेशी व्यापार संभालते हैं)।
- पश्चिमी तट:
- कांडला (पहला, दीनदयाल पत्तन, गुजरात)।
- मुंबई (सबसे बड़ा, प्राकृतिक पत्तन)।
- जवाहरलाल नेहरू पत्तन (Navi Mumbai)।
- मारमागाओ (लौह अयस्क निर्यात)।
- न्यू मैंगलोर (कर्नाटक)।
- कोचीन (केरल, प्राकृतिक पत्तन)।
- पूर्वी तट:
- तूतीकोरिन (तमिलनाडु)।
- चेन्नई (प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन)।
- विशाखापत्तनम (सबसे गहरा व सुरक्षित)।
- पारादीप (ओडिशा, लौह अयस्क निर्यात)।
- कोलकाता (नदीय पत्तन, ज्वारीय)।
- हल्दिया (सहायक पत्तन)।
(ग) वायु परिवहन
- सबसे तेज़, आरामदायक, कठिन क्षेत्रों (पहाड़, रेगिस्तान, जंगल) के लिए उपयुक्त।
- राष्ट्रीयकरण: 1953।
- एयर इंडिया – घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय सेवाएँ।
- पवन हंस हेलीकॉप्टर – तेल उत्खनन, उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर व हिमाचल में।
- महँगा साधन, सभी की पहुँच में नहीं।
3. संचार सेवाएँ
- डाक तंत्र – विश्व का सबसे बड़ा।
- प्रथम श्रेणी – पत्र, कार्ड (हवाई डाक द्वारा)।
- द्वितीय श्रेणी – किताबें, अखबार (स्थलीय/जलमार्ग से)।
- जनसंचार माध्यम – रेडियो, दूरदर्शन, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, फिल्में।
- आकाशवाणी (AIR) – अनेक भाषाओं में प्रसारण।
- दूरदर्शन – विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क।
- डिजिटल भारत कार्यक्रम – IT + IT = IT (India Talent + Information Technology = India Tomorrow)।
4. व्यापार
1.वस्तुओं का आदान-प्रदान = व्यापार।
प्रकार:
- स्थानीय व्यापार – गाँव/शहरों में।
- राज्यस्तरीय व्यापार – राज्यों के बीच।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार – देशों के बीच।
2.महत्व: आर्थिक समृद्धि का बैरोमीटर।
3.निर्यात वस्तुएँ – रत्न-जवाहरात, रसायन, कृषि उत्पाद।
4.आयात वस्तुएँ – पेट्रोलियम, रत्न-जवाहरात, मशीनें, धातुएँ।
5.भारत – सूचना प्रौद्योगिकी व सॉफ्टवेयर में महाशक्ति।
5. पर्यटन – एक व्यापार
1. 150 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े।
2. राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा।
3. हस्तकला व संस्कृति को संरक्षण।
प्रकार:
- विरासत पर्यटन
- पर्यावरण पर्यटन
- रोमांचकारी पर्यटन
- सांस्कृतिक पर्यटन
- चिकित्सा पर्यटन
- व्यापारिक पर्यटन
6. निष्कर्ष
- परिवहन व संचार साधन किसी भी देश की आर्थिक जीवन रेखा हैं।
- ये व्यापार, पर्यटन, उद्योग और कृषि के विकास में सहायक हैं।
- भारत आज विश्व से जुड़ा हुआ है और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रहा है।
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