1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1. इनमें से कौन-सा संरक्षण तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता?
(क) संयुक्त वन प्रबंधन
(ख) चिपको आंदोलन
(ग) बीज बचाओ आंदोलन
(घ) वन्य जीव पशुविहार (sanctuary) का परिसीमन
उत्तर: (घ) वन्य जीव पशुविहार (sanctuary) का परिसीमन
प्रश्न 2. निम्नलिखित का मेल करें।
आरक्षित वन – सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि।
रक्षित वन – वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन।
अवर्गीकृत वन – वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है।
सही उत्तर:
- आरक्षित वन → वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन
- रक्षित वन → वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है
- अवर्गीकृत वन → सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 3 (i). जैव विविधता क्या है? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर: जैव विविधता पौधों, पशुओं और सूक्ष्मजीवों की विभिन्न जातियों का समूह है। यह मानव जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह वायु, जल, भोजन और मृदा जैसे संसाधनों को बनाए रखती है।
प्रश्न 3 (ii). विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के हास के कारक हैं?
उत्तर: मानव द्वारा वनों की अंधाधुंध कटाई, शिकार, खनन, खेती के लिए भूमि विस्तार और औद्योगिक गतिविधियाँ प्राकृतिक वनस्पति और प्राणिजात को नष्ट करती हैं तथा उनकी विविधता घटाती हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 4 (i). भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया है?
उत्तर: भारत में विभिन्न समुदायों ने वनों और वन्य जीवों के संरक्षण में योगदान दिया है।
- राजस्थान के अलवर जिले के पाँच गाँवों ने 1200 हेक्टेयर वन भूमि को ‘भैरोंदेव डाकव सोंचुरी’ घोषित किया।
- छोटानागपुर की मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करती हैं।
- ओडिशा और बिहार की जनजातियाँ शादी में इमली और आम के पेड़ों की पूजा करती हैं।
- बिश्नोई समाज काले हिरण, चिंकारा और नीलगाय जैसे जीवों की रक्षा करता है।
- चिपको आंदोलन ने वनों की कटाई रोकने में योगदान दिया।
प्रश्न 4 (ii). वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर: भारत में कई सहयोगी रीति-रिवाज वनों और वन्य जीव संरक्षण में सहायक रहे हैं।
- अनेक क्षेत्रों में वनों को ‘देव वन’ मानकर संरक्षित किया जाता है।
- लोग वहाँ पेड़ नहीं काटते और न ही जानवरों को नुकसान पहुँचाते।
- पीपल, वट, इमली और आम जैसे पेड़ों की पूजा की जाती है।
- मंदिरों के पास बंदरों और लंगूरों को लोग भोजन कराते हैं।
- बिश्नोई समाज हिरण, चिंकारा और मोरों को अपना परिवार मानकर उनकी रक्षा करता है।
ये रीति-रिवाज वनों और वन्य जीव संरक्षण को सामाजिक और धार्मिक आधार प्रदान करते हैं।
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