1. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न (i): निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है?
(क) कोयला,
(ख) बॉक्साइट,
(ग) सोना,
(घ) जस्ता
उत्तर: (ख) बॉक्साइट
प्रश्न (ii): झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बॉक्साइट,
(ख) अभ्रक,
(ग) लौह अयस्क,
(घ) ताँबा
उत्तर: (ख) अभ्रक
प्रश्न (iii): निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(क) तलछटी चट्टानें,
(ख) कायांतरित चट्टानें,
(ग) आग्नेय चट्टानें,
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क) तलछटी चट्टानें
प्रश्न (iv): मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल,
(ख) यूरेनियम,
(ग) थोरियम,
(घ) कोयला
उत्तर: (ग) थोरियम
2.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न (i): निम्नलिखित में अंतर बताइए (30 शब्दों से अधिक न दें) –
(क) लौह और अलौह खनिज
(ख) परंपरागत तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा साधन
उत्तर:
(क) लौह खनिजों में लोहा पाया जाता है जैसे लौह अयस्क, मैंगनीज। अलौह खनिजों में लोहा नहीं होता जैसे ताँबा, बॉक्साइट।
(ख) परंपरागत ऊर्जा साधन – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस। गैर-परंपरागत ऊर्जा साधन – सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस।
प्रश्न (ii): खनिज क्या हैं?
उत्तर: खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ठोस तत्त्व हैं जिनकी आंतरिक संरचना निश्चित होती है। ये कठोर हीरे से लेकर नरम चूना पत्थर तक विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं।
प्रश्न (iii): आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर: भ्रंश, दरारों और विदरों में खनिज तरल या गैसीय अवस्था में ऊपर आते हैं और ठंडा होकर जम जाते हैं। ताँबा, सीसा, जस्ता जैसे खनिज इसी तरह बनते हैं।
प्रश्न (iv): हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर: खनिज सीमित और अनवीकरणीय हैं। इनके बनने में लाखों वर्ष लगते हैं, पर उपयोग तेज़ी से हो रहा है। भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षण आवश्यक है।
3.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न (i): भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में कोयला मुख्यतः दो युगों से प्राप्त होता है – गोंडवाना (200 मिलियन वर्ष पुराना) और टरशियरी (55 मिलियन वर्ष पुराना)।गोंडवाना कोयला धातुशोधन योग्य है और दामोदर घाटी (झारखंड व पश्चिम बंगाल), झरिया, बोकारो, रानीगंज क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अलावा गोदावरी, महानदी, सोन और वर्धा घाटियों में भी यह मिलता है।टरशियरी कोयला मुख्यतः उत्तर-पूर्व भारत – मेघालय, असम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है। तमिलनाडु के नैवेली में लिग्नाइट कोयले का भंडार है। इसलिए भारत में कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है।
प्रश्न (ii): भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। क्यों?
उत्तर: भारत उष्णकटिबंधीय देश है, यहाँ पूरे वर्ष धूप प्रचुर मात्रा में मिलती है। फोटोवोल्टाइक तकनीक से सूर्य के प्रकाश को सीधे विद्युत में बदला जा सकता है।ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है। कई राज्यों में बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इससे लकड़ी और उपलों पर निर्भरता घटेगी, पर्यावरण की रक्षा होगी और किसानों को खाद भी उपलब्ध होगी। इसलिए भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
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