भूमंडलीकृत विश्व का बनना
Short Questions and Answer
प्रश्न 1: वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: वैश्वीकरण एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था है जिसमें व्यापार, लोगों और पूंजी की वैश्विक आवाजाही होती है, जो पिछले पचास वर्षों में उभरी।
प्रश्न 2: सिल्क मार्ग के माध्यम से कौन-सी वस्तुएं व्यापार में शामिल थीं?
उत्तर: चीनी रेशम, पॉटरी, भारतीय कपड़े, मसाले और यूरोप से सोना-चांदी।
प्रश्न 3: प्राचीन काल में कौड़ियों का उपयोग कहां-कहां होता था?
उत्तर: मालदीव की कौड़ियां चीन और पूर्वी अफ्रीका में मुद्रा के रूप में उपयोग होती थीं।
प्रश्न 4: आलू के उपयोग से यूरोप में क्या बदलाव आया?
उत्तर: आलू के उपयोग से गरीबों का भोजन बेहतर हुआ और औसत उम्र बढ़ी।
प्रश्न 5: कॉर्न लॉ क्या थे?
उत्तर: कॉर्न लॉ ब्रिटेन में मक्का आयात पर लगाई गई पाबंदी के कानून थे।
प्रश्न 6: रिंडरपेस्ट बीमारी का अफ्रीका पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: रिंडरपेस्ट ने 90% मवेशियों को मार दिया, जिससे अफ्रीकियों की आजीविका नष्ट हुई।
प्रश्न 7: गिरमिटिया मजदूर मुख्य रूप से किन क्षेत्रों से जाते थे?
उत्तर: पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य भारत और तमिलनाडु के सूखे इलाकों से।
प्रश्न 8: ब्रेटन वुड्स सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता और पूर्ण रोजगार बनाए रखना।
प्रश्न 9: जी-77 देशों की मुख्य मांग क्या थी?
उत्तर: संसाधनों पर नियंत्रण, विकास सहायता, कच्चे माल के सही दाम और बाजार पहुंच।
प्रश्न 10: महामंदी का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: आयात-निर्यात आधा हुआ, गेहूं की कीमत 50% गिरी, किसान कर्ज में डूबे।
Long Questions and Answer
प्रश्न 1: सिल्क मार्गों के माध्यम से विश्व के विभिन्न हिस्सों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संपर्कों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: सिल्क मार्ग पूर्व-आधुनिक काल में व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रमुख रास्ते थे। ये जमीन और समुद्र के रास्तों से एशिया को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से जोड़ते थे। इन मार्गों से चीनी रेशम, पॉटरी, भारतीय कपड़े और मसाले व्यापार किए जाते थे, जबकि यूरोप से सोना-चांदी आता था। ये मार्ग ईसा पूर्व से पंद्रहवीं शताब्दी तक सक्रिय रहे। इसके अलावा, ईसाई मिशनरी, मुस्लिम धर्मोपदेशक और बौद्ध धर्म का प्रसार भी इन मार्गों से हुआ, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ा।
प्रश्न 2: भोजन की यात्रा के उदाहरणों से पूर्व-आधुनिक विश्व में सांस्कृतिक लेन-देन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: भोजन की यात्रा सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण उदाहरण है। नूडल्स चीन से पश्चिम पहुंचे, जिससे स्पैगेटी का जन्म हुआ, या संभवतः यह अरब यात्रियों के माध्यम से सिसली पहुंचा। क्रिस्टोफर कोलंबस की खोज के बाद आलू, मक्का, टमाटर, मिर्च आदि अमेरिका से यूरोप और एशिया आए। आलू ने यूरोप के गरीबों की जिंदगी बदली, उनकी औसत उम्र बढ़ी। लेकिन आयरलैंड में 1840 के दशक में आलू की फसल खराब होने से लाखों लोग भुखमरी से मरे। यह दिखाता है कि भोजन के जरिए सांस्कृतिक लेन-देन प्राचीन काल से चल रहा था।
प्रश्न 3: सोलहवीं सदी में बीमारियों के प्रसार ने अमेरिका के उपनिवेशीकरण में कैसे योगदान दिया?
उत्तर: सोलहवीं सदी में यूरोपीयों द्वारा लाई गई चेचक जैसी बीमारियां अमेरिका के उपनिवेशीकरण में सहायक थीं। अमेरिका लाखों सालों से दुनिया से अलग था, इसलिए वहां के मूल निवासियों में इन बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधी क्षमता नहीं थी। चेचक ने पूरे समुदायों को नष्ट कर दिया, जिससे स्पेनिश विजेताओं की जीत आसान हुई। बीमारी उन क्षेत्रों में भी फैली जहां यूरोपीय नहीं पहुंचे थे। बंदूकों के विपरीत, बीमारियों का जवाबी इस्तेमाल संभव नहीं था, क्योंकि यूरोपीयों में रोग प्रतिरोधी क्षमता थी।
प्रश्न 4: उन्नीसवीं सदी में विश्व अर्थव्यवस्था के उदय में ब्रिटेन की भूमिका को समझाइए।
उत्तर: उन्नीसवीं सदी में विश्व अर्थव्यवस्था वस्तु, श्रम और पूंजी के प्रवाह से बनी। ब्रिटेन में आबादी बढ़ने से भोजन की मांग बढ़ी। कॉर्न लॉ निरस्त होने से सस्ता आयात शुरू हुआ, जिससे ब्रिटिश किसान बेरोजगार हुए और लोग अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया गए। पूर्वी यूरोप, रूस आदि में खेती के लिए जमीन साफ हुई, रेलवे बिछे, और लंदन से पूंजी आई। 1890 तक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था बनी, जहां भोजन हजारों मील दूर से आता था। विश्व व्यापार 25-40 गुना बढ़ा, जिसमें ब्रिटेन का योगदान प्रमुख था।
प्रश्न 5: तकनीक ने उन्नीसवीं सदी में खाद्य उपलब्धता को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: तकनीक ने उन्नीसवीं सदी में खाद्य उपलब्धता को बढ़ाया। रेलवे और भाप के जहाजों ने खेतों से बाजारों तक माल पहुंचाना आसान किया। रेफ्रिजरेशन तकनीक ने मांस व्यापार को बदला; अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया से मांस यूरोप भेजा गया, जिससे लागत और कीमतें कम हुईं। यूरोप के गरीबों को विविध खुराक (मांस, मक्खन, अंडे) मिली, जीवनस्तर सुधरा। तकनीकी प्रगति औपनिवेशीकरण से प्रेरित थी, जिसने यातायात और परिवहन में सुधार किया।
प्रश्न 6: रिंडरपेस्ट के प्रभावों से अफ्रीका में औपनिवेशिक शासन को कैसे लाभ हुआ?
उत्तर: रिंडरपेस्ट, 1880 के दशक में एशियाई मवेशियों से अफ्रीका आई, जिसने 90% मवेशियों को मार दिया। अफ्रीका में जमीन और पशु आधारित आजीविका थी। बीमारी ने लोगों के रोजगार के साधन नष्ट किए। यूरोपीय उपनिवेशकों ने बचे पशुओं पर कब्जा किया, भारी कर लगाए, और उत्तराधिकार कानून बदले, जिससे अफ्रीकियों को बागानों-खदानों में काम करने को मजबूर होना पड़ा। यह बीमारी यूरोपीयों के लिए अफ्रीका को जीतने और गुलाम बनाने का अवसर बनी।
प्रश्न 7: भारत से अनुबंधित श्रमिकों के प्रवास और उनके जीवन की कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: उन्नीसवीं सदी में भारत से गिरमिटिया मजदूर कैरीबियाई द्वीपों, मॉरिशस, फिजी आदि गए। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे क्षेत्रों में कुटीर उद्योग खत्म होने और जमीन भाड़ा बढ़ने से गरीबी बढ़ी। एजेंट झूठी जानकारी देकर अनुबंध कराते थे। बागानों में काम कठोर, कानूनी अधिकार नहीं थे। इसे नई दास प्रथा कहा गया। मजदूरों ने सांस्कृतिक मिश्रण से होसे उत्सव, चटनी म्यूजिक जैसे नए रूप बनाए। 1921 में राष्ट्रवादी दबाव से यह प्रथा खत्म हुई।
प्रश्न 8: महामंदी के कारण और भारत पर इसके प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: महामंदी (1929-1930) के कारण थे: कृषि अति उत्पादन से कीमतें गिरीं, अमेरिकी कर्ज वापसी से यूरोप प्रभावित, बैंक धराशायी, और आयात शुल्क ने व्यापार तोड़ा। भारत में 1928-34 में आयात-निर्यात आधा हुआ, गेहूं की कीमत 50% गिरी। किसान कर्ज में डूबे, सोना निर्यात हुआ। शहरी निश्चित आय वालों की हालत ठीक रही। बंगाल के जूट उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ। मंदी ने ग्रामीण असंतोष बढ़ाया, जिससे सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 9: ब्रेटन वुड्स व्यवस्था का अर्थ और इसके संस्थानों की भूमिका समझाइए।
उत्तर: ब्रेटन वुड्स व्यवस्था 1944 में न्यू हैम्पशर में बनी, जिसका उद्देश्य आर्थिक स्थिरता और पूर्ण रोजगार था। इससे आईएमएफ (विदेश व्यापार संतुलन) और विश्व बैंक (पुनर्निर्माण) बने। निश्चित विनिमय दर पर आधारित, डॉलर सोने से बंधा था। पश्चिमी देशों का नियंत्रण, अमेरिका को वीटो। 1950-70 में व्यापार 8% और आय 5% बढ़ी। विकासशील देशों पर बाद में ध्यान गया, लेकिन औद्योगिक देशों की जरूरतें प्राथमिक थीं।
प्रश्न 10: अनौपनिवेशीकरण के बाद विकासशील देशों की आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: अनौपनिवेशीकरण के बाद एशिया-अफ्रीका के देश स्वतंत्र हुए, लेकिन गरीबी और संसाधन कमी से जूझे। औपनिवेशिक शासन ने उनकी अर्थव्यवस्थाओं को अस्त-व्यस्त किया। आईएमएफ-विश्व बैंक औद्योगिक देशों के लिए बने, विकासशील देशों की जरूरतें पूरी नहीं हुईं। भूतपूर्व उपनिवेशक देशों का संसाधनों पर नियंत्रण रहा। जी-77 ने एनआईईओ की मांग की, जिसमें संसाधन नियंत्रण, सहायता और बाजार पहुंच शामिल थी। सत्तर के दशक में कर्ज संकट बढ़ा, बेरोजगारी बढ़ी।
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