मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया
Short Questions with Answers
प्रश्न 1. मुद्रण की पहली तकनीक कहाँ विकसित हुई?
उत्तर: मुद्रण की पहली तकनीक चीन, जापान और कोरिया में विकसित हुई थी।
प्रश्न 2. जापान की सबसे पुरानी छपी पुस्तक कौन-सी है?
उत्तर: जापान की सबसे पुरानी छपी पुस्तक ‘डायमंड सूत्र’ है।
प्रश्न 3. गुटेन्बर्ग ने कौन-सी पहली पुस्तक छापी थी?
उत्तर: गुटेन्बर्ग ने पहली पुस्तक ‘बाइबिल’ छापी थी।
प्रश्न 4. मुद्रण क्रांति से कौन-सा नया वर्ग पैदा हुआ?
उत्तर: मुद्रण क्रांति से नया ‘पाठक वर्ग’ पैदा हुआ।
प्रश्न 5. मार्टिन लूथर किस आंदोलन से जुड़े थे?
उत्तर: मार्टिन लूथर प्रोटेस्टेंट धर्म-सुधार आंदोलन से जुड़े थे।
प्रश्न 6. भारत में पहला प्रिंटिंग प्रेस कहाँ स्थापित हुआ था?
उत्तर: भारत में पहला प्रिंटिंग प्रेस गोवा में स्थापित हुआ था।
प्रश्न 7. ‘बंगाल गजट’ किसने प्रकाशित किया था?
उत्तर: ‘बंगाल गजट’ जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने प्रकाशित किया था।
प्रश्न 8. देवबंद सेमिनरी ने किस प्रकार की रचनाएँ प्रकाशित कीं?
उत्तर: देवबंद सेमिनरी ने इस्लामी सिद्धांतों और जीवन के सलीके पर आधारित हजारों फ़तवे जारी किए।
प्रश्न 9. भारत में ‘रामचरितमानस’ का पहला मुद्रित संस्करण कब निकला?
उत्तर: ‘रामचरितमानस’ का पहला मुद्रित संस्करण 1810 में कलकत्ता से निकला था।
प्रश्न 10. ‘अमार जीवन’ आत्मकथा किसने लिखी?
उत्तर: ‘अमार जीवन’ आत्मकथा रशसुन्दरी देवी ने लिखी थी।
Long Questions with Answers
प्रश्न 1. मुद्रण क्रांति क्या थी और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: मुद्रण क्रांति केवल तकनीकी परिवर्तन नहीं थी, बल्कि इसने समाज की सोच बदल दी। इससे ज्ञान का प्रसार हुआ, सूचना सुलभ हुई, लोकचेतना जागी और लोगों का दृष्टिकोण बदला। इससे धर्म, राजनीति और समाज में नए विचार पनपे।
प्रश्न 2. गुटेन्बर्ग प्रेस का आविष्कार कैसे हुआ और इसका क्या महत्त्व था?
उत्तर: गुटेन्बर्ग ने तेल और जैतून पेरने वाली मशीनों से प्रेरणा लेकर धातु के अक्षरों की चल प्रकार (मूवेबल टाइप) प्रेस बनाई। इससे पुस्तकों का उत्पादन तेज़ और सस्ता हुआ, जिसने यूरोप में ज्ञान के प्रसार को गति दी।
प्रश्न 3. मुद्रण संस्कृति ने धर्म-सुधार आंदोलन को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: छपाई के प्रसार से लोगों तक नए धार्मिक विचार पहुँचे। मार्टिन लूथर के विचार छपकर फैले और प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन शुरू हुआ। इससे लोगों में धार्मिक रूढ़ियों के विरुद्ध सोच बढ़ी।
प्रश्न 4. मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रांति में क्या भूमिका निभाई?
उत्तर: छपाई से वॉल्तेयर और रूसो जैसे चिंतकों के विचार फैले। तर्क, विवेक और समानता के विचारों ने जनता को राजशाही और अंधविश्वास के खिलाफ सोचने पर मजबूर किया, जिससे क्रांति की जमीन तैयार हुई।
प्रश्न 5. भारत में मुद्रण संस्कृति के आने से धार्मिक बहसें कैसे शुरू हुईं?
उत्तर: उन्नीसवीं सदी में मुद्रित पुस्तिकाओं और अखबारों ने धर्म, मूर्तिपूजा, विधवा-दाह, एकेश्वरवाद जैसे मुद्दों पर बहसें शुरू कीं। इससे समाज में सुधार आंदोलनों को बल मिला और जनता विचार-विमर्श में शामिल हुई।
प्रश्न 6. भारत में महिलाओं पर मुद्रण संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: मुद्रण से महिलाओं को पढ़ने-लिखने का अवसर मिला। उन्होंने आत्मकथाएँ, लेख और उपन्यास लिखे। रशसुन्दरी देवी, ताराबाई शिंदे और पंडिता रमाबाई जैसी महिलाओं ने समाज में अपनी पहचान बनाई।
प्रश्न 7. मुद्रण संस्कृति ने गरीब और मजदूर वर्ग को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: सस्ती किताबों और पुस्तकालयों के कारण गरीब जनता भी पढ़ने लगी। मजदूरों ने आत्मकथाएँ और कविताएँ लिखीं। मुद्रण ने उन्हें शिक्षित और जागरूक बनाया।
प्रश्न 8. भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का क्या महत्त्व था?
उत्तर: प्रेस स्वतंत्रता से लोगों को औपनिवेशिक नीतियों की आलोचना करने का मंच मिला। हिक्की का बंगाल गजट इस स्वतंत्र प्रेस का उदाहरण था जिसने अंग्रेजी शासन की नीतियों पर खुलकर लिखा।
प्रश्न 9. मुद्रण तकनीक में उन्नीसवीं सदी में कौन-कौन से परिवर्तन हुए?
उत्तर: उन्नीसवीं सदी में धातु के प्रेस, बेलनाकार शक्ति चालित प्रेस, ऑफसेट प्रेस और बिजली से चलने वाले प्रेस आए। इनसे छपाई तेज़, रंगीन और सस्ती हो गई।
प्रश्न 10. मुद्रण संस्कृति ने भारतीय समाज में राष्ट्रवाद के विकास में क्या योगदान दिया?
उत्तर: मुद्रण से समाचार पत्र और पत्रिकाएँ फैलीं जिन्होंने लोगों को एकजुट किया। राष्ट्रीय विचारों और आज़ादी के संदेश जन-जन तक पहुँचे। गांधीजी ने भी कहा कि स्वराज की लड़ाई अभिव्यक्ति और प्रेस की आज़ादी की लड़ाई है।
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