यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
प्रश्न 1. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें –
(क) ज्युसेपे मेत्सिनी
उत्तर: ज्युसेपे मेत्सिनी इटली का प्रसिद्ध क्रांतिकारी था। उसका जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ था।
वह ‘कार्बोनारी’ नामक गुप्त संगठन का सदस्य था।
उसने ‘यंग इटली’ और ‘यंग यूरोप’ संगठनों की स्थापना की।
वह मानता था कि ईश्वर की इच्छा के अनुसार राष्ट्र मनुष्यों की प्राकृतिक इकाई हैं।
उसका उद्देश्य एकीकृत इतालवी गणराज्य की स्थापना करना था।
(ख) काउंट कैमिलो दे कावूर
उत्तर: काउंट कैमिलो दे कावूर सार्डिनिया-पीडमॉण्ट का प्रधानमंत्री था।
वह इटली के एकीकरण आंदोलन का नेता बना।
उसने फ्रांस के साथ समझौता कर 1859 में ऑस्ट्रिया को हराया।
उसके प्रयासों से इटली का एकीकरण हुआ और विक्टर इमेनुएल द्वितीय एकीकृत इटली का राजा बना।
(ग) यूनानी स्वतंत्रता युद्ध
उत्तर: यूनान पंद्रहवीं शताब्दी से ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था।
1821 में यूनानियों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष शुरू किया।
पश्चिमी यूरोप के लोगों और कवि लॉर्ड बायरन ने यूनान का समर्थन किया।
1832 की कुस्तुनतुनिया संधि द्वारा यूनान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली।
(घ) फ्रैंकफर्ट संसद
उत्तर: 1848 में जर्मन राज्यों के प्रतिनिधियों ने फ्रैंकफर्ट में नेशनल एसेंबली बनाई।
इस संसद ने संविधान का प्रारूप तैयार किया और प्रशा के राजा को जर्मनी का सम्राट बनने का प्रस्ताव दिया।
राजा ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया, जिससे संसद असफल हो गई।
फ्रैंकफर्ट संसद जर्मनी के लोकतांत्रिक एकीकरण का असफल प्रयास थी।
(ङ) राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका
उत्तर: 1848 की क्रांतियों में महिलाओं ने सक्रिय भाग लिया।
उन्होंने राजनीतिक संगठन बनाए, अखबार निकाले और प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
फिर भी उन्हें मताधिकार नहीं मिला और संसद में केवल दर्शक दीर्घा में खड़ा होने दिया गया।
उन्होंने समान अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखा।
प्रश्न 2. फ़्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ़्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या क़दम उठाए?
उत्तर:
फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने सामूहिक राष्ट्रीय पहचान पैदा करने के लिए कई कदम उठाए —
- ‘पितृभूमि’ और ‘नागरिक’ के विचार प्रस्तुत किए।
- नया तिरंगा झंडा अपनाया गया।
- नेशनल असेंबली बनाई गई और समान कानून लागू किए गए।
- आंतरिक शुल्क समाप्त कर दिए गए।
- पेरिस की फ्रेंच भाषा को राष्ट्र की साझा भाषा बनाया गया।
इन कदमों से फ्रांसीसी नागरिकों में एकता और समानता की भावना बढ़ी।
प्रश्न 3. मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया, उसका क्या महत्त्व था?
उत्तर:
मारीआन और जर्मेनिया राष्ट्र के प्रतीक रूपक थे।
- मारीआन फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतीक थी। उसे स्वतंत्रता और गणतंत्र की देवी माना गया।
वह लाल टोपी, तिरंगा और कलगी से पहचानी जाती थी।
उसकी मूर्तियाँ और चित्र राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बने। - जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र की प्रतीक देवी थी।
वह बलूत पत्तियों का मुकुट पहनती थी जो बहादुरी और शक्ति का प्रतीक था।
इन प्रतीकों ने लोगों में राष्ट्र के प्रति गर्व और एकता की भावना जगाई।
प्रश्न 4. जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
1848 में जर्मन उदारवादियों ने संविधान आधारित राष्ट्र-राज्य बनाने की कोशिश की पर असफल रहे।
इसके बाद प्रशा ने नेतृत्व किया और ऑटो वॉन बिस्मार्क ने सेना और कूटनीति के बल पर एकीकरण किया।
डेन्मार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के साथ युद्धों में प्रशा की जीत हुई।
1871 में वर्साय के शीशमहल में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया।
इस प्रकार जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ।
प्रश्न 5. अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए?
उत्तर:
नेपोलियन ने शासन व्यवस्था को कुशल बनाने के लिए कई सुधार किए —
- 1804 में ‘नेपोलियन की संहिता’ लागू की, जिससे जन्म आधारित विशेषाधिकार समाप्त हुए।
- कानून के समक्ष समानता और संपत्ति के अधिकार सुनिश्चित किए।
- सामंती व्यवस्था समाप्त की और किसानों को भूदासत्व से मुक्त किया।
- प्रशासनिक विभाजन सरल किए, कर और संचार व्यवस्था में सुधार किया।
इन सुधारों से शासन अधिक तर्कसंगत और आधुनिक बना।
चर्चा करें
प्रश्न 1. उदारवादियों की 1848 की क्रांति का क्या अर्थ लगाया जाता है? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया?
उत्तर:
1848 की क्रांति को “उदारवादियों की क्रांति” कहा जाता है क्योंकि इसमें शिक्षित मध्यवर्ग के लोगों ने सक्रिय भाग लिया।
इस क्रांति का उद्देश्य था — संविधान आधारित शासन, प्रतिनिधि सरकार और राष्ट्रीय एकीकरण की स्थापना करना।
उदारवादियों ने जिन विचारों को बढ़ावा दिया, वे थे —
- राजनीतिक विचार: संवैधानिक शासन, प्रेस की स्वतंत्रता और संगठन बनाने की आज़ादी।
- सामाजिक विचार: व्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष समानता।
- आर्थिक विचार: व्यापार और वस्तुओं के मुक्त आवागमन, आंतरिक शुल्कों की समाप्ति और आर्थिक एकता।
हालाँकि यह क्रांति असफल रही, लेकिन इसने पूरे यूरोप में स्वतंत्रता और समानता के विचारों को मजबूत किया।
प्रश्न 2. यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को दर्शाने के लिए तीन उदाहरण दें।
उत्तर:
संस्कृति ने यूरोप में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इसके तीन प्रमुख उदाहरण हैं —
- रूमानी आंदोलन (Romanticism):
इसने लोगों की भावनाओं, लोककथाओं और परंपराओं को राष्ट्र की पहचान से जोड़ा।
कवि और कलाकारों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को अपनी रचनाओं के माध्यम से फैलाया। - लोकगीत, लोकनृत्य और लोककथा:
जर्मनी के ग्रिम बंधुओं ने पुरानी लोककथाएँ इकट्ठी कीं, जिससे जर्मन संस्कृति को पहचान मिली और एकता की भावना जागी। - भाषा का योगदान:
पोलैंड में रूसी शासन के विरुद्ध लोगों ने पोलिश भाषा को विरोध के प्रतीक के रूप में अपनाया।
पोलिश चर्चों में धार्मिक शिक्षा पोलिश भाषा में दी गई, जिससे राष्ट्रवादी भावना जीवित रही।
प्रश्न 3. किन्हीं दो देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बताएँ कि उन्नीसवीं सदी में राष्ट्र किस प्रकार विकसित हुए।
उत्तर:
उन्नीसवीं सदी में राष्ट्रों का निर्माण संघर्ष और एकीकरण के माध्यम से हुआ। इसके दो प्रमुख उदाहरण हैं —
- जर्मनी:
1848 में जर्मनी को एकजुट करने का उदारवादी प्रयास असफल हुआ।
बाद में प्रशा ने नेतृत्व किया और ऑटो वॉन बिस्मार्क ने सेना और युद्धों के माध्यम से एकीकरण किया।
1871 में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को वर्साय में जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। - इटली:
इटली सात राज्यों में बँटा हुआ था।
ज्युसेपे मेत्सिनी ने ‘यंग इटली’ संगठन बनाकर एकीकरण की मांग की।
बाद में काउंट कावूर और गैरीबॉल्डी के प्रयासों से 1861 में इटली का एकीकरण हुआ और विक्टर इमेनुएल द्वितीय राजा बने।
प्रश्न 4. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था?
उत्तर:
ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का विकास अन्य यूरोपीय देशों से अलग था क्योंकि यहाँ एकीकरण युद्ध या क्रांति से नहीं, बल्कि राजनीतिक समझौते से हुआ।
- अठारहवीं सदी में इंग्लैंड ने धीरे-धीरे स्कॉटलैंड, वेल्स और आयरलैंड को अपने नियंत्रण में लिया।
- 1707 में ऐक्ट ऑफ यूनियन से “यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन” का गठन हुआ।
- स्कॉटलैंड की संस्कृति और राजनीतिक संस्थाएँ दबा दी गईं।
- 1801 में आयरलैंड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंगडम में मिला लिया गया।
इस प्रकार ब्रिटेन का राष्ट्रवाद अन्य देशों की तरह संघर्ष से नहीं, बल्कि इंग्लैंड के प्रभुत्व से विकसित हुआ।
प्रश्न 5. बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा?
उत्तर:
बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवादी तनाव के कई कारण थे —
- यहाँ जातीय और सांस्कृतिक विविधता बहुत थी, जैसे सर्ब, बुल्गार, यूनानी, रोमानियाई आदि।
- यह क्षेत्र ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था और लोग स्वतंत्र होना चाहते थे।
- रूमानी राष्ट्रवाद के विचारों से प्रेरित होकर लोग अपने स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहते थे।
- बड़ी शक्तियाँ (रूस, ऑस्ट्रिया, ब्रिटेन, जर्मनी) यहाँ राजनीतिक लाभ के लिए हस्तक्षेप करने लगीं।
इन कारणों से बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवादी टकराव बढ़ता गया और अंततः यह प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि बना।
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