भूमंडलीकृत विश्व का बनना
संक्षेप में लिखें
1. सत्रहवीं सदी से पहले होने वाले आदान-प्रदान के दो उदाहरण दीजिए। एक उदाहरण एशिया से और एक उदाहरण अमेरिका महाद्वीपों के बारे में चुने।
उत्तर:
- एशिया से उदाहरण: प्राचीन काल में ‘रेशम मार्ग’ (Silk Route) के माध्यम से चीन से रेशम, भारत से मसाले और दक्षिण-पूर्व एशिया के कपड़े यूरोप और उत्तरी अफ्रीका तक पहुँचते थे।
- अमेरिका से उदाहरण: क्रिस्टोफर कोलंबस की अमेरिका यात्रा के बाद आलू, मक्का, टमाटर, मिर्च, और मूँगफली जैसी फ़सलें यूरोप और एशिया पहुँचीं।
2. बताएँ कि पूर्व-आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरिकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद दी।
उत्तर:अमेरिका में यूरोपीयों के पहुँचने से चेचक (Smallpox) जैसी बीमारियाँ फैलीं। वहाँ के मूल निवासियों में इन बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं थी, जिससे लाखों लोग मर गए। इससे यूरोपीय विजेताओं को बहुत आसानी से अमेरिकी भूभागों पर कब्ज़ा करने का अवसर मिल गया।
3. निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें:
(क) कॉर्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार का फैसला।
उत्तर:कॉर्न लॉ समाप्त होने के बाद विदेशों से सस्ता अनाज ब्रिटेन में आने लगा। परिणामस्वरूप, वहाँ के किसानों की हालत खराब हो गई, परंतु उद्योगपतियों और उपभोक्ताओं को सस्ता भोजन मिलने लगा। इससे ब्रिटेन में औद्योगिक विकास तेज़ हुआ।
(ख) अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना।
उत्तर:1890 के दशक में रिंडरपेस्ट नामक मवेशी रोग अफ्रीका में फैला, जिससे लगभग 90 प्रतिशत पशु मर गए। अफ्रीकियों की रोजी-रोटी छिन गई और वे यूरोपीय उपनिवेशकारों के बागानों व खदानों में मजदूरी करने को मजबूर हुए।
(ग) विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत।
उत्तर:प्रथम विश्वयुद्ध में 90 लाख से अधिक लोग मारे गए और 2 करोड़ घायल हुए। अधिकांश कामकाजी उम्र के पुरुष थे। इससे उत्पादन घट गया, आय कम हुई और समाज में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया।
(घ) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव।
उत्तर:1929 की महामंदी में भारत का निर्यात और आयात आधा रह गया। कृषि उत्पादों की कीमतें बहुत गिर गईं, पर लगान की वसूली जारी रही। किसान कर्ज़ में डूब गए और ग्रामीण भारत में असंतोष फैल गया।
(ङ) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फैसला।
उत्तर:बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने उत्पादन केंद्र एशियाई देशों में स्थानांतरित किए ताकि सस्ता श्रम और कम लागत मिले। इससे इन देशों में रोजगार के अवसर बढ़े, परंतु काम की परिस्थितियाँ कठिन और वेतन कम रहे।
4. खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदाहरण दें।
उत्तर:
- रेफ्रिजरेशन तकनीक के आने से मांस को लंबे सफ़र तक सुरक्षित रखा जा सका, जिससे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से मांस यूरोप भेजा जाने लगा।
- रेलवे और भाप के जहाजों ने अनाज और खाद्य पदार्थों को दूर-दराज़ तक पहुँचाना संभव किया, जिससे वैश्विक खाद्य आपूर्ति में वृद्धि हुई।
5. ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है।
उत्तर:ब्रेटन वुड्स समझौता (1944) के तहत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की स्थापना हुई। इसका उद्देश्य था –
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना,
- देशों को कर्ज़ और पुनर्निर्माण सहायता देना,
- और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना।
चर्चा करें
6. कल्पना कीजिए कि आप कैरीबियाई क्षेत्र में काम करने वाले गिरमिटिया मजदूर हैं। इस अध्याय में दिए गए विवरणों के आधार पर अपने हालात और अपनी भावनाओं का वर्णन करते हुए अपने परिवार के नाम एक पत्र लिखें।
उत्तर:प्रिय परिवार,
मैं यहाँ त्रिनिदाद के एक बागान में काम करता हूँ। जब मैं भारत से निकला था, मुझे बताया गया था कि यहाँ पाँच साल काम करके मैं वापस लौट सकूँगा, परंतु यहाँ की जीवन और कार्य स्थितियाँ बहुत कठिन हैं।हमें लंबे समय तक धूप में मेहनत करनी पड़ती है, और अगर काम पूरा न हो तो वेतन काट लिया जाता है या सजा दी जाती है। एजेंटों ने जो बातें कही थीं, वे सब झूठी निकलीं। बहुत से साथी मजदूर बीमार या थके हुए हैं, पर कोई सुनने वाला नहीं है।फिर भी, मैं उम्मीद करता हूँ कि एक दिन हम अपने वतन लौट सकेंगे। यहाँ के लोग अपने त्योहारों और संगीत के माध्यम से अपना दुःख भूलने की कोशिश करते हैं। मैं भी मुहर्रम और ‘होसे’ मेले में शामिल होकर अपने घर की याद ताजा करता हूँ।
आपका,आपका बेटा – एक गिरमिटिया मजदूर
7. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियों या प्रवाहों की व्याख्या करें। तीनों प्रकार की गतियों के भारत और भारतीयों से संबंधित एक-एक उदाहरण दें और उनके बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर:अर्थशास्त्रियों के अनुसार उन्नीसवीं सदी में तीन प्रकार की आर्थिक गतियाँ (प्रवाह) थीं –
- वस्तुओं का प्रवाह (Flow of Goods):
- देशों के बीच सामान और खाद्य पदार्थों का व्यापार।
- उदाहरण: भारत से कपास, नील और अफ़ीम का निर्यात ब्रिटेन और चीन को किया जाता था।
- श्रम का प्रवाह (Flow of Labour):
- लोग काम की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते थे।
- उदाहरण: भारत से अनुबंधित श्रमिकों (गिरमिटिया मजदूरों) को मॉरिशस, फ़िजी और कैरीबियाई द्वीपों में भेजा गया।
- पूँजी का प्रवाह (Flow of Capital):
- निवेश के लिए एक देश से दूसरे देश में धन भेजा जाता था।
- उदाहरण: ब्रिटिश पूँजी भारत के रेलवे और बागानों में लगाई गई, जिससे भारत औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन गया।
8. महामंदी के कारणों की व्याख्या करें।
उत्तर:1929 से 1934 तक चली महामंदी (Great Depression) के मुख्य कारण थे –
- कृषि उत्पादों का अत्यधिक उत्पादन:
- किसानों ने अधिक उत्पादन किया, जिससे कीमतें गिर गईं और उनकी आय कम हो गई।
- अमेरिकी पूँजी का हटना:
- 1920 के दशक में कई देशों ने अमेरिका से कर्ज़ लिया था। संकट आने पर अमेरिका ने कर्ज़ वसूलना शुरू किया, जिससे कई देशों की अर्थव्यवस्था ढह गई।
- विश्व व्यापार में गिरावट:
- अमेरिका ने आयातित वस्तुओं पर भारी सीमा शुल्क लगाया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ठप पड़ गया।
- बैंकों और उद्योगों का बंद होना:
- मांग घटने और कीमतें गिरने से हजारों बैंक बंद हुए और लाखों लोग बेरोजगार हो गए।
इस प्रकार, महामंदी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया।
9. जी-77 देशों से आप क्या समझते हैं? जी-77 को किस आधार पर ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है? व्याख्या करें।
उत्तर: जी-77 (Group of 77) विकासशील देशों का एक संगठन है, जिसकी स्थापना 1964 में हुई थी। इसका उद्देश्य था –
- अमीर और गरीब देशों के बीच आर्थिक असमानता को कम करना,
- और नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (NIEO) की माँग करना।
इसे ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों (IMF और विश्व बैंक) की प्रतिक्रिया इसलिए कहा गया क्योंकि –
- IMF और विश्व बैंक विकसित देशों के हितों की रक्षा करते थे।
- इसके जवाब में जी-77 देशों ने अपनी एकता बनाकर वैश्विक आर्थिक नीति में समान भागीदारी की माँग की।
- उन्होंने कहा कि व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में न्यायपूर्ण अवसर दिए जाएँ।
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