1. परिचय
- लोकतंत्र क्या करता है और उससे क्या परिणाम मिलते हैं, यह समझना आवश्यक है।
- लोकतंत्र से हम समानता, गरिमा, सही निर्णय, टकरावों का समाधान और गलतियों को सुधारने की उम्मीद करते हैं।
- परंतु व्यवहार में सभी अपेक्षाएँ पूरी नहीं होतीं।
- लोकतंत्र शासन का एक स्वरूप है जो परिस्थितियाँ तैयार करता है, पर परिणाम नागरिकों के प्रयासों पर निर्भर करते हैं।
2. उत्तरदायी, ज़िम्मेवार और वैध शासन
- लोकतंत्र में लोगों को अपने शासक चुनने और निर्णय-प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार होता है।
- यह सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।
- लोकतंत्र में निर्णय नियम और कानून के अनुसार लिए जाते हैं।
- नागरिकों को जानकारी पाने का अधिकार होता है – इसे पारदर्शिता कहते हैं।
- लोकतांत्रिक सरकारें चुनाव, सार्वजनिक चर्चा और सूचना के अधिकार के माध्यम से जवाबदेही निभाती हैं।
- इन व्यवस्थाओं का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है, लेकिन गैर-लोकतांत्रिक शासन से बेहतर है।
- लोकतांत्रिक सरकारें भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं होतीं, पर यह जनता की अपनी सरकार होती है, इसलिए वैध होती है।
- पूरी दुनिया में लोकतंत्र के विचार को समर्थन मिला है क्योंकि लोग अपने चुने प्रतिनिधियों की सरकार चाहते हैं।
3. आर्थिक संवृद्धि और विकास
- लोकतंत्र से विकास की उम्मीद की जाती है।
- 1950 से 2000 के बीच तानाशाही शासन की आर्थिक विकास दर थोड़ी अधिक रही, पर लोकतंत्र का अंतर बहुत कम है।
- आर्थिक विकास जनसंख्या, वैश्विक स्थिति और नीतिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
- गरीब लोकतांत्रिक और गरीब तानाशाही देशों में विकास का अंतर बहुत कम है।
- लोकतंत्र तानाशाही से पीछे नहीं है क्योंकि यह लोगों को अन्य लाभ देता है जैसे अधिकार, गरिमा और समानता।
4. लोकतंत्र की आर्थिक उपलब्धियाँ
- अध्ययन बताते हैं कि लोकतंत्र में भी आर्थिक असमानता बनी रहती है।
- दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में ऊपर के 20% लोगों के पास राष्ट्रीय आय का लगभग 60% हिस्सा है।
- डेनमार्क और हंगरी जैसे देशों में असमानता कम है।
- आर्थिक विकास के साथ आय का समान वितरण आवश्यक है।
5. असमानता और गरीबी में कमी
- लोकतंत्र राजनीतिक समानता देता है पर आर्थिक समानता नहीं।
- अमीर वर्ग के पास ज़्यादा संपत्ति होती है, जबकि गरीबों को बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने में कठिनाई होती है।
- लोकतांत्रिक सरकारें गरीबी घटाने में सफल नहीं रहीं।
- भारत में गरीब मतदाताओं की संख्या अधिक है, फिर भी गरीबी पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
- बांग्लादेश और अन्य गरीब देशों में आधी से ज़्यादा आबादी गरीबी में जीवन गुज़ारती है।
6. सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य
- लोकतंत्र सामाजिक टकरावों को शांतिपूर्ण ढंग से संभालता है।
- बेल्जियम जैसे देश में जातीय विविधताओं के बीच संतुलन स्थापित किया गया।
- लोकतंत्र में बहुमत को अल्पमत का सम्मान करना होता है।
- बहुमत का शासन धर्म, नस्ल या भाषा पर आधारित नहीं होना चाहिए।
- लोकतंत्र तभी सफल होता है जब हर नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का मौका मिले।
7. नागरिकों की गरिमा और आज़ादी
- व्यक्ति की गरिमा और आज़ादी लोकतंत्र की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
- लोकतंत्र में सभी व्यक्तियों को समान सम्मान और अवसर मिलते हैं।
- स्त्रियों के लंबे संघर्ष के बाद समानता का सिद्धांत स्वीकार किया गया।
- लोकतंत्र ने कमजोर वर्गों को समान अधिकार और अवसर दिए हैं।
- लोकतांत्रिक समाजों में लोग अपने अधिकारों को लेकर अधिक सजग हैं और सत्ता की आलोचना करने में सक्षम हैं।
8. लोकतंत्र की निरंतर परीक्षा
- लोकतंत्र की जाँच और मूल्यांकन कभी समाप्त नहीं होता।
- लोग लगातार नई अपेक्षाएँ और सुधार की माँग करते हैं।
- शिकायतें लोकतंत्र की सफलता का प्रमाण हैं क्योंकि ये जनता की जागरूकता दिखाती हैं।
- लोग मानते हैं कि उनके वोट से सरकार की नीतियों पर असर पड़ता है।
- लोकतंत्र ने प्रजा को नागरिक बना दिया है – जो अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझता है।
9. निष्कर्ष
- लोकतंत्र उत्तरदायी, पारदर्शी और वैध शासन प्रदान करता है।
- यह सामाजिक सामंजस्य, गरिमा और समानता की भावना को बढ़ाता है।
- लोकतंत्र की निरंतर समीक्षा और आलोचना उसकी सबसे बड़ी शक्ति है।
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