प्रश्न 1.आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।
उत्तर:आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के चार प्रमुख तरीके हैं –
1.क्षैतिज वितरण:इसमें शासन की शक्ति विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बाँटी जाती है।
उदाहरण: भारत में संसद (विधायिका), सरकार (कार्यपालिका) और न्यायपालिका – तीनों संस्थाएँ एक-दूसरे पर नियंत्रण रखती हैं।
2.ऊर्ध्वाधर वितरण:इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।
उदाहरण: भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान द्वारा निर्धारित हैं।
3.सामाजिक समूहों के बीच साझेदारी:इसमें भाषायी, धार्मिक या जातीय समूहों को शासन में भागीदारी दी जाती है।
उदाहरण: बेल्जियम में डच, फ्रेंच और जर्मन बोलने वालों की अपनी-अपनी सामुदायिक सरकारें हैं।
4.राजनीतिक दलों के बीच साझेदारी:जब कई राजनीतिक दल मिलकर शासन करते हैं तो इसे गठबंधन सरकार कहा जाता है।
उदाहरण: जर्मनी में दो प्रमुख दलों की गठबंधन सरकार है।
प्रश्न 2.भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।
उत्तर:
उदाहरण: भारत में पंचायती राज व्यवस्था।
- युक्तिपरक कारण:पंचायती राज से निर्णय जनता के स्तर पर लिए जाते हैं, जिससे प्रशासन अधिक कुशल बनता है और भ्रष्टाचार कम होता है।
- नैतिक कारण:लोकतंत्र का अर्थ है जनता की भागीदारी। सत्ता का विकेंद्रीकरण नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार देता है।
प्रश्न 3.इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
थम्मन – जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ़ वही सत्ता की साझेदारी ज़रूरी है।
मथाई – सत्ता की साझेदारी सिर्फ़ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
औसेफ – हर समाज में सत्ता की साझेदारी की ज़रूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।
उत्तर:मैं औसेफ से सहमत हूँ क्योंकि सत्ता की साझेदारी हर समाज में आवश्यक है।भले ही समाज छोटा हो या उसमें कोई विभाजन न हो, सत्ता की साझेदारी से लोकतंत्र मज़बूत होता है।यह सभी वर्गों और समूहों को शासन में समान अवसर देता है, जिससे एकता और स्थिरता बनी रहती है।
प्रश्न 4.बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फ़ैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर:नहीं, यह फ़ैसला बेल्जियम की सत्ता साझेदारी की भावना से मेल नहीं खाता।बेल्जियम की व्यवस्था का उद्देश्य सभी भाषाओं और समुदायों को समान अधिकार देना है।किसी भाषा पर रोक लगाना समानता और आपसी सम्मान की भावना के विपरीत है।
प्रश्न 5.नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं, उनमें से किसी एक का चुनाव करें।
“महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों
को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही
वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके
हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का
एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और
लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे
भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव
को मज़बूत करेगा।”
उत्तर:उद्धरण में बताया गया है कि पंचायतों को अधिकार देना सत्ता की साझेदारी का युक्तिपरक कारण है।यह भ्रष्टाचार को कम करता है, प्रशासन को कुशल बनाता है और लोगों की भागीदारी बढ़ाता है।जब लोग योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में भाग लेते हैं, तो लोकतंत्र की नींव और मजबूत होती है।
प्रश्न 6.सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(घ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमज़ोर करती है।
(सा) | क | ख | घ | च |
---|---|---|---|---|
(रे) | क | ग | ड | च |
(गा) | क | ख | घ | छ |
(मा) | ख | ग | घ | छ |
उत्तर:सत्ता के बँटवारे के पक्ष में सही तर्क हैं -(क), (ख), (घ), और (च)।
सही कोड: (सा) – क, ख, घ और च।
प्रश्न 7.बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें :
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा और रोज़गार में समान अवसरों के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
उत्तर:सही कथन हैं -(ख), (ग) और (घ)।
सही कोड: (मा) – ख, ग और घ।
प्रश्न 8.सूची I [सत्ता के बँटवारे के स्वरूप] और सूची II [शासन के स्वरूप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें :
सूची I | सूची II |
---|---|
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा | (ख) अधिकारों का वितरण |
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा | (घ) संघीय सरकार |
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी | (क) सामुदायिक सरकार |
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी | (ग) गठबंधन सरकार |
1 | 2 | 3 | 4 | |
---|---|---|---|---|
(सा) | घ | क | ख | ग |
(रे) | ख | ग | घ | क |
(गा) | ख | घ | क | ग |
(मा) | ग | घ | क | ख |
सही कोड: (गा) – ख, घ, क, ग।
प्रश्न 9.सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें :
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है।
इस बयानों में कौन सही है और कौन गलत ?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख) अ और ब दोनों सही हैं।
(ग) अ और ब दोनों गलत हैं।
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है।
उत्तर:दोनों कथन सही हैं।
सही विकल्प: (ख) – अ और ब दोनों सही हैं।
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