जाति, धर्म और लैंगिक मसले
1. जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमज़ोर स्थिति में होती हैं।
उत्तर भारत में स्त्रियाँ शिक्षा, रोज़गार, वेतन, संपत्ति के अधिकार, स्वास्थ्य, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मामलों में भेदभाव का सामना करती हैं। उनकी साक्षरता दर कम है, काम का अधिक बोझ है पर उन्हें समान मज़दूरी नहीं मिलती, और राजनीति में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है।
2. विभिन्न तरह की सांप्रदायिक राजनीति का ब्यौरा दें और सबके साथ एक-एक उदाहरण भी दें।
उत्तर
1.दैनिक जीवन में सांप्रदायिकता – धार्मिक पूर्वाग्रह और एक धर्म को दूसरे से श्रेष्ठ मानना।
2.राजनीतिक गोलबंदी – धर्म के आधार पर वोट माँगना।
3.हिंसा और दंगे – जैसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय हुए दंगे।
3. बताइए कि भारत में किस तरह अभी भी जातिगत असमानताएँ जारी हैं।
उत्तर भारत में अब भी लोग अपनी जाति में ही शादी करते हैं, छुआछूत की मानसिकता मौजूद है, ऊँची जातियों के पास आर्थिक और शैक्षिक साधन अधिक हैं जबकि निचली जातियों की स्थिति कमजोर है।
4. दो कारण बताएँ कि क्यों सिर्फ़ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते।
उत्तर
(1) किसी एक चुनाव क्षेत्र में एक जाति का बहुमत नहीं होता।
(2) मतदाता केवल जाति नहीं, बल्कि पार्टी, उम्मीदवार की लोकप्रियता और सरकार के कामकाज को देखकर वोट देते हैं।
5. भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है?
उत्तर लोकसभा में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 14% है और राज्य विधानसभाओं में 5% से भी कम। पंचायती राज संस्थाओं में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
6. किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं।
उत्तर
(1) भारत में कोई राजकीय धर्म नहीं है।
(2) संविधान धर्म के आधार पर भेदभाव को अवैधानिक घोषित करता है और सभी धर्मों को मानने-प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।
7. जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय होता है :
(क) स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ
(ग) बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात
(घ) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना
उत्तर (ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ।
8. भारत में यहाँ औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है:
(क) लोकसभा
(ख) विधानसभा
(ग) मंत्रिमंडल
(घ) पंचायती राज की संस्थाएँ
उत्तर (घ) पंचायती राज की संस्थाएँ।
9. सांप्रदायिक राजनीति के अर्थ संबंधी निम्नलिखित कथनों पर गौर करें। सांप्रदायिक राजनीति इस धारणा पर आधारित है कि :
(अ) एक धर्म दूसरों से श्रेष्ठ है।
(ब) विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिक के रूप में खुशी-खुशी साथ रह सकते हैं।
(स) एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
(द) एक धार्मिक समूह का प्रभुत्व बाकी सभी धर्मों पर कायम करने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इनमें से कौन या कौन-कौन सा कथन सही है?
- अ, ब, स और द (ख) अ, ब और द (ग) अ और स (घ) ब और द
उत्तर (ग) अ और स – यानी एक धर्म दूसरों से श्रेष्ठ है, और एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
10. भारतीय संविधान के बारे में इनमें से कौन सा कथन गलत है?
(क) यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
(ग) सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आज़ादी देता है।
(घ) किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।
उत्तर (ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
11. जाति पर आधारित सामाजिक विभाजन सिर्फ़ भारत में ही है।
12. सूची I और सूची II का सही मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब खोजें।
सूची I | सूची II |
---|---|
1. अधिकारों और अवसरों के मामले में स्त्री और पुरुष की बराबरी मानने वाला व्यक्ति | (ख) नारीवादी |
2. धर्म को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति | (क) सांप्रदायिक |
3. जाति को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति | (घ) जातिवादी |
4. व्यक्तियों के बीच धार्मिक आस्था के आधार पर भेदभाव न करने वाला व्यक्ति | (ग) धर्मनिरपेक्ष |
उत्तर :- सही विकल्प: (सा) -: ख ग क घ
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