Notes For All Chapters Hindi Kshitij Class 10 CBSE
संगतकार – पठन सामग्री और भावार्थ
1. कवि परिचय
- नाम: मंगलेश डबराल
- जन्म: 1948 ई., टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) के काफलपानी गाँव में
- शिक्षा: देहरादून में
- नौकरी / संपादन कार्य:
- दिल्ली में हिंदी पेट्रियट, प्रतिपक्ष और आसपास पत्रिकाओं में कार्य
- भोपाल में पूर्वग्रह पत्रिका (भारत भवन से प्रकाशित) में सहायक संपादक
- अमृत प्रभात (इलाहाबाद व लखनऊ) में कार्य
- 1983 – जनसत्ता अखबार में साहित्य संपादक
- बाद में सहारा समय और नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े
- निधन: 2020
- मुख्य काव्य संग्रह:
- पहाड़ पर लालटेन
- घर का रास्ता
- हम जो देखते हैं
- आवाज़ भी एक जगह है
- सम्मान: साहित्य अकादमी पुरस्कार, पहल सम्मान
- अन्य विशेषताएँ:
- उनकी कविताओं के अनुवाद अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, स्पानी, पोल्स्की, बल्गारी भाषाओं में भी।
- कविता के साथ-साथ साहित्य, सिनेमा, संस्कृति और संचार माध्यम पर लेखन।
- उनकी कविताओं में सामंती सोच और पूँजीवादी छल-छद्म का प्रतिकार झलकता है।
- भाषा – पारदर्शी, सौंदर्यबोध सूक्ष्म।
2. कविता संगतकार – परिचय
- कविता में संगीत प्रस्तुति के दौरान संगतकार की भूमिका को चित्रित किया गया है।
- संगतकार मुख्य गायक के साथ गाता या वाद्य बजाता है।
- वह गायक की सफलता में छिपा हुआ सहयोगी होता है।
- कवि ने इस प्रसंग के माध्यम से यह संदेश दिया है कि समाज और जीवन में भी अनेक लोग ऐसे होते हैं जो सामने न आकर भी महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
3. कविता का भावार्थ
- मुख्य गायक के भारी स्वर के साथ संगतकार की मृदु, काँपती हुई आवाज़ रहती है।
- वह कभी गायक का भाई, शिष्य या रिश्तेदार हो सकता है।
- गायक जब जटिल तानों में उलझ जाता है, या स्वर बिखरने लगता है, तब संगतकार उसे सँभाल लेता है।
- संगतकार गायक को बचपन और उसकी शुरुआती कठिनाइयों की याद दिलाता है।
- जब गायक का स्वर थकने लगता है, तब संगतकार उसे ढाढ़स बँधाता है।
- संगतकार का सहयोग यह जताता है कि गायक अकेला नहीं है।
- उसकी आवाज़ में झलकती हिचक और झिझक विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता है।
4. कविता का संदेश
- किसी भी सफलता के पीछे केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि अनेक सहयोगियों का योगदान होता है।
- संगतकार जैसे लोग समाज में भी हैं – वे सामने नहीं आते, पर उनकी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।
- यह कविता हमें संवेदनशीलता, सहयोग और विनम्रता का संदेश देती है।
5. प्रमुख बिंदु
- संगीत में भूमिका: गायक को सहारा देकर उसकी प्रस्तुति को सफल बनाना।
- प्रतीकात्मक अर्थ: समाज और जीवन में सहयोग देने वाले अनाम व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व।
- कवि का दृष्टिकोण: मनुष्यता, सहयोग और सामूहिक प्रयास का सम्मान।
- शैलीगत विशेषताएँ:
- भाषा – सरल, पारदर्शी, चित्रात्मक।
- दृश्यात्मकता – कविता पढ़ते समय दृश्य आँखों के सामने उभर आता है।
- संवेदनशीलता – संगतकार की भूमिका को मानवीय दृष्टि से प्रस्तुत किया गया है।
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