Short Questions Answer
प्रश्न 1: निदा फ़ाज़ली का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: 12 अक्तूबर 1938 को दिल्ली में।
प्रश्न 2: निदा फ़ाज़ली का बचपन कहाँ बीता?
उत्तर: ग्वालियर में।
प्रश्न 3: निदा फ़ाज़ली को किस किताब के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला?
उत्तर: खोया हुआ सा कुछ।
प्रश्न 4: निदा फ़ाज़ली की आत्मकथा के पहले भाग का नाम क्या है?
उत्तर: दीवारों के बीच।
प्रश्न 5: निदा फ़ाज़ली का निधन कब हुआ?
उत्तर: 8 फ़रवरी 2016 को।
प्रश्न 6: सुलेमान कौन थे?
उत्तर: मानव जाति और पशु-पक्षियों के राजा।
प्रश्न 7: शेख अयाज़ के पिता ने भोजन क्यों छोड़ दिया?
उत्तर: बाजू पर चींटी देखकर, उसे घर छोड़ने के लिए।
प्रश्न 8: लेखक ने कबूतरों की मदद कैसे की?
उत्तर: उन्हें पकड़कर डिब्बे में रखा और शाम को छोड़ा।
प्रश्न 9: लेखक के अनुसार नेचर के गुस्से का नमूना कहाँ देखा गया?
उत्तर: कुछ साल पहले बंबई में।
प्रश्न 10: लेखक के अनुसार जो जितना बड़ा होता है, उसे क्या आता है?
उत्तर: उतना ही कम गुस्सा।
Long Questions Answer
प्रश्न 1: निदा फ़ाज़ली के जीवन और उनके साहित्यिक योगदान के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर: निदा फ़ाज़ली का जन्म 12 अक्तूबर 1938 को दिल्ली में हुआ था। उनका बचपन ग्वालियर में बीता। वे उर्दू की साठोत्तरी पीढ़ी के महत्त्वपूर्ण कवि थे। आम बोलचाल की भाषा में सरल कविता करने में उन्हें महारत थी। गद्य में शेर-ओ-शायरी पिरोकर थोड़े में बहुत कहने में वे अकेले गद्यकार थे। उनकी पहली कविता पुस्तक लफ़्ज़ों का पुल है। शायरी की किताब खोया हुआ सा कुछ के लिए 1999 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला। उनकी आत्मकथा का पहला भाग दीवारों के बीच और दूसरा दीवारों के पार है। उनका निधन 8 फ़रवरी 2016 को हुआ। यहाँ तमाशा मेरे आगे किताब का अंश है।
प्रश्न 2: सुलेमान और चींटियों की घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। वे मानव जाति और पशु-पक्षियों के राजा थे। वे सबकी भाषा जानते थे। एक बार वे लश्कर के साथ गुज़र रहे थे। चींटियों ने घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनकर डरकर बिलों में जाने को कहा। सुलेमान ने बात सुनकर रुक गए और चींटियों से कहा कि घबराओ नहीं, वे सबका रखवाला हैं, मुसीबत नहीं मुहब्बत हैं। चींटियों ने दुआ की और सुलेमान आगे बढ़ गए।
प्रश्न 3: शेख अयाज़ के पिता और चींटी की घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर: शेख अयाज़ ने आत्मकथा में लिखा कि एक दिन उनके पिता कुएँ से नहाकर लौटे। माँ ने भोजन परोसा। रोटी का कौर तोड़ा तो बाजू पर काला चींटा रेंगता देखा। वे भोजन छोड़कर उठे। माँ ने पूछा तो बोले कि उन्होंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।
प्रश्न 4: लेखक के अनुसार मानव ने अन्य जीवधारियों के साथ क्या किया है?
उत्तर: लेखक कहते हैं कि कुदरत ने धरती सब जीवधारियों के लिए दी थी। लेकिन आदमी ने धीरे-धीरे पूरी धरती को अपनी जागीर बना लिया। अन्य जीवधारियों को दरबदर किया। उनकी नस्लें खत्म हो गईं या ठौर-ठिकाना छोड़ना पड़ा। वे आशियाने की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। आदमी अब अपनी जात को भी बेदखल करता है। उसे किसी के सुख-दुख की चिंता नहीं।
प्रश्न 5: लेखक ने कबूतरों की घटना का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: लेखक ने देखा कि दो कबूतर परेशानी में फड़फड़ा रहे थे। एक छत पर खड़ा चोंच खोलकर इधर-उधर देख रहा था। लेखक को लगा कि वे परेशान हैं। शाम को लेखक ने उन्हें पकड़कर डिब्बे में रखा। अगली सुबह उन्हें छोड़ा। लेखक सोचते हैं कि यह बस्ती ने कितने परिंदों-चरिंदों से घर छीना है। कुछ शहर छोड़ गए, जो नहीं जा सके उन्होंने डेरा डाल लिया।
प्रश्न 6: लेखक ने नेचर की सहनशक्ति के बारे में क्या कहा है?
उत्तर: लेखक कहते हैं कि नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखा गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
प्रश्न 7: निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले,
दुनिया वाले तू भी क्या रंग बदलने वाले।’
उत्तर: इन पंक्तियों में लेखक कहता है कि अब दूसरे के दुख से दुखी होने वाले कहाँ हैं। दुनिया वाले अब रंग बदलने वाले हो गए हैं। लोग अब स्वार्थी हैं, किसी के दुख से प्रभावित नहीं होते।
प्रश्न 8: निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले।
जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।’
उत्तर: इन पंक्तियों में लेखक कहता है कि अब दूसरे के दुख से दुखी होने वाले नहीं हैं। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। अर्थात बड़े लोग सहनशील होते हैं, लेकिन अब लोग असहनशील और स्वार्थी हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
‘इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।’
उत्तर: इन पंक्तियों में लेखक कहता है कि शहर ने कितने परिंदों-चरिंदों से घर छीना है। कुछ शहर छोड़कर चले गए। जो नहीं जा सके, उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया। अर्थात urbanization ने जानवरों को बेघर किया।
प्रश्न 10: निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
‘शेख अयाज के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।”
उत्तर: इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता कहते हैं कि उन्होंने चींटी को बेघर कर दिया है। वे उसे कुएँ पर छोड़ने जा रहे हैं। यह उनकी भावना दर्शाती है कि वे सब जीवों के प्रति दयालु हैं और किसी को दुख नहीं देना चाहते।
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