Short Questions Answer
प्रश्न 1. लेखक क्यों लिखते हैं?
उत्तर: लेखक अपने भीतर की विवशता से मुक्ति पाने और उसे पहचानने के लिए लिखते हैं।
प्रश्न 2. लेखक को लिखने की सच्ची प्रेरणा कहाँ से मिलती है?
उत्तर: लेखक को भीतर की आंतरिक विवशता और अनुभूति से प्रेरणा मिलती है।
प्रश्न 3. बाहरी दबाव से लिखने का उदाहरण क्या है?
उत्तर: संपादक का आग्रह, प्रकाशक का तकाज़ा और आर्थिक आवश्यकता।
प्रश्न 4. अनुभव और अनुभूति में क्या अंतर है?
उत्तर: अनुभव प्रत्यक्ष घटना का होता है, जबकि अनुभूति संवेदना और कल्पना से गहराई में उतर जाती है।
प्रश्न 5. लेखक ने हिरोशिमा की कविता कब लिखी?
उत्तर: भारत लौटते समय रेलगाड़ी में बैठे-बैठे।
प्रश्न 6. लेखक के अनुसार सच्चा लेखन किसे कहा जा सकता है?
उत्तर: जो भीतरी प्रेरणा और अनुभूति से उत्पन्न हो वही सच्चा लेखन है।
प्रश्न 7. हिरोशिमा की घटना ने लेखक को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: उस घटना ने लेखक के भीतर संवेदना जगाई और कविता लिखने की विवशता उत्पन्न की।
प्रश्न 8. लेखक विज्ञान का विद्यार्थी किस विषय में रहे?
उत्तर: लेखक अणु और रेडियम-धर्मी तत्वों का अध्ययन करने वाले विज्ञान के विद्यार्थी रहे।
प्रश्न 9. बम से मारे गए लोगों की छाया कहाँ दर्ज हुई थी?
उत्तर: जले हुए पत्थरों पर।
प्रश्न 10. लेखक के अनुसार कृति और सामान्य लेखन में क्या फर्क है?
उत्तर: कृति भीतर की प्रेरणा का फल होती है, जबकि सामान्य लेखन बाहरी दबाव से भी हो सकता है।
Long Questions Answer
प्रश्न 1. लेखक कहते हैं कि “मैं क्यों लिखता हूँ” इस प्रश्न का उत्तर कठिन क्यों है?
उत्तर: क्योंकि यह प्रश्न लेखक के आंतरिक जीवन और अनुभूतियों से जुड़ा है। उन भावनाओं को कुछ वाक्यों में बाँधना आसान नहीं है। लेखक लिखकर ही अपनी भीतरी विवशता को पहचानते और उससे मुक्त होते हैं।
प्रश्न 2. भीतरी विवशता क्या है? लेखक ने इसे किस प्रकार समझाया है?
उत्तर: भीतरी विवशता वह आंतरिक दबाव है जो रचनाकार को लिखने के लिए प्रेरित करता है। यह ऐसी गहरी संवेदना है जिसे शब्दों में कहना कठिन है। उदाहरण के लिए, हिरोशिमा की जली हुई छाया देखकर लेखक को गहरी अनुभूति हुई और उसी विवशता से कविता लिखी।
प्रश्न 3. अनुभव और अनुभूति के बीच अंतर को लेखक ने कैसे स्पष्ट किया है?
उत्तर: अनुभव प्रत्यक्ष घटना का होता है, परंतु अनुभूति कल्पना और संवेदना से गहराई में उतरकर उसे आत्मसात कर लेती है। हिरोशिमा देखने के बाद भी लेखक तुरंत नहीं लिख पाए, लेकिन छाया देखकर गहरी अनुभूति हुई और कविता बनी।
प्रश्न 4. हिरोशिमा की घटना ने लेखक के मन पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर: हिरोशिमा जाकर लेखक ने पीड़ित लोगों को देखा, लेकिन जब एक पत्थर पर जली हुई छाया देखी तो उनके भीतर गहरी संवेदना जगी। उन्होंने महसूस किया मानो वे स्वयं उस विस्फोट के भोक्ता हों और इसी से कविता लिखने की प्रेरणा मिली।
प्रश्न 5. लेखक बाहरी दबाव को किस रूप में देखते हैं?
उत्तर: लेखक मानते हैं कि बाहरी दबाव (जैसे संपादक, प्रकाशक, आर्थिक कारण) कभी-कभी सहायक यंत्र की तरह काम करते हैं। परंतु वास्तविक कृति तभी बनती है जब भीतरी प्रेरणा मौजूद हो।
प्रश्न 6. हिरोशिमा की कविता लेखक के अंतः और बाह्य दोनों दबाव का परिणाम कैसे है?
उत्तर: हिरोशिमा का प्रत्यक्ष अनुभव और पीड़ितों को देखने का बाहरी दबाव था, वहीं भीतर की संवेदना और विवशता आंतरिक दबाव थे। दोनों मिलकर कविता का आधार बने।
प्रश्न 7. लेखक ने हिरोशिमा पर तत्काल कविता क्यों नहीं लिखी?
उत्तर: क्योंकि उन्हें गहरी अनुभूति की प्रतीक्षा थी। केवल अनुभव पर्याप्त नहीं था। जली हुई छाया देखकर ही वह संवेदना जागी जिसने उन्हें लिखने को विवश किया।
प्रश्न 8. लेखक के अनुसार किसी रचनाकार की सच्ची पहचान किससे होती है?
उत्तर: उसकी सच्ची पहचान इस बात से होती है कि वह भीतर की प्रेरणा से लिखता है या केवल बाहरी दबाव में। सच्चा रचनाकार हमेशा भीतरी विवशता से प्रेरित होकर कृति रचता है।
प्रश्न 9. विज्ञान के दुरुपयोग पर लेखक का क्या दृष्टिकोण है?
उत्तर: लेखक मानते हैं कि हिरोशिमा की घटना विज्ञान का सबसे भयानक दुरुपयोग है। विज्ञान का उद्देश्य जीवन का विकास है, परंतु उसका गलत उपयोग विनाशकारी सिद्ध होता है।
प्रश्न 10. इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें समझ में आता है कि सच्ची रचना भीतर की अनुभूति से पैदा होती है। साथ ही विज्ञान का उपयोग मानवता की भलाई के लिए होना चाहिए, उसका दुरुपयोग विनाशकारी है।
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