Short Questions Answer
प्रश्न 1. मंगलेश डबराल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सन् 1948 में टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) के काफलपानी गाँव में।
प्रश्न 2. मंगलेश डबराल की शिक्षा कहाँ हुई?
उत्तर: देहरादून में।
प्रश्न 3. मंगलेश डबराल का निधन कब हुआ?
उत्तर: सन् 2020 में।
प्रश्न 4. मंगलेश डबराल के चार प्रमुख कविता संग्रहों के नाम लिखिए।
उत्तर: पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं और आवाज़ भी एक जगह है।
प्रश्न 5. मंगलेश डबराल को कौन-सा प्रमुख पुरस्कार मिला?
उत्तर: साहित्य अकादेमी पुरस्कार।
प्रश्न 6. “संगतकार” कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर: मुख्य गायक के साथ देने वाले संगतकार की महत्ता।
प्रश्न 7. मुख्य गायक को जब स्वर बिखरने लगे तब कौन सँभालता है?
उत्तर: संगतकार।
प्रश्न 8. कवि के अनुसार संगतकार की आवाज़ कैसी होती है?
उत्तर: सुंदर, कमज़ोर और काँपती हुई।
प्रश्न 9. कविता में संगतकार किसका प्रतीक है?
उत्तर: सहयोग और मानवीयता का।
प्रश्न 10. संगतकार की आवाज़ में दिखाई देने वाली हिचक को कवि क्या मानता है?
उत्तर: विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता।
Long Questions Answer
प्रश्न 1. मंगलेश डबराल का जीवन परिचय लिखिए।
उत्तर: मंगलेश डबराल का जन्म 1948 में टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गाँव में हुआ। शिक्षा देहरादून में हुई। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं में संपादन कार्य किया और जनसत्ता में साहित्य संपादक रहे। उनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हुए। उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार और पहल सम्मान मिला। 2020 में उनका निधन हुआ।
प्रश्न 2. मंगलेश डबराल की कविताओं की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: उनकी कविताओं में सामंती बोध और पूँजीवादी छल-छद्म का प्रतिकार है। वे बिना शोर-शराबे के प्रतिपक्ष में सुंदर सपना रचते हैं। उनकी भाषा पारदर्शी और सौंदर्यबोध सूक्ष्म है।
प्रश्न 3. “संगतकार” कविता का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस कविता में कवि ने दिखाया है कि संगतकार मुख्य गायक का सहयोगी होता है। जब गायक का स्वर टूटने लगता है, तब संगतकार उसे संभालता है और यह बताता है कि वह अकेला नहीं है। यह सहयोग मानवीयता का प्रतीक है।
प्रश्न 4. संगतकार की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: संगतकार मुख्य गायक की गरज में अपनी गूँज मिलाता है। जब गायक कठिन तानों में उलझ जाता है, तब स्थायी को सँभालता है। वह गायक को ढाँढ़स बँधाता है और सहयोग देकर उसकी प्रस्तुति को सफल बनाता है।
प्रश्न 5. कवि संगतकार के माध्यम से किन लोगों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: कवि उन साधारण लोगों की ओर संकेत करता है जो सामने नहीं आते पर सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका योगदान नायक को ऊँचाई तक पहुँचाने में होता है।
प्रश्न 6. संगतकार की आवाज़ में हिचक को कवि ने विफलता क्यों नहीं माना?
उत्तर: क्योंकि यह हिचक उसकी मनुष्यता है। हर व्यक्ति में संकोच और कमजोरी हो सकती है। इसे कमी नहीं, बल्कि इंसान होने की पहचान माना जाना चाहिए।
प्रश्न 7. प्रसिद्धि पाने वालों की सफलता में सहयोगियों का क्या योगदान होता है?
उत्तर: किसी भी क्षेत्र में मुख्य व्यक्ति की सफलता के पीछे अनेक सहयोगी होते हैं। वे मंच के पीछे रहकर, सलाह, समर्थन और कार्य करके उस व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित करते हैं।
प्रश्न 8. यदि मुख्य गायक तारसप्तक में स्वर बिखेर देता है तो संगतकार कैसे मदद करता है?
उत्तर: उस समय संगतकार स्थायी को सँभालता है, स्वर मिलाता है और मुख्य गायक को आश्वस्त करता है कि प्रस्तुति आगे बढ़ सकती है।
प्रश्न 9. कविता से संगतकार के मानवीय गुणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: संगतकार धैर्यवान, सहयोगी, संवेदनशील और निःस्वार्थ है। वह केवल सहयोग देने के लिए मौजूद रहता है और यह बताता है कि कोई भी अकेला नहीं है।
प्रश्न 10. “संगतकार” कविता से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: यह कविता सिखाती है कि सफलता केवल नायक की नहीं होती, उसके पीछे सहयोगियों का भी योगदान होता है। हमें दूसरों के योगदान की महत्ता समझनी चाहिए और उसे विफलता नहीं, मानवीयता मानना चाहिए।
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