प्रश्न 1: कैफ़ी आज़मी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: 19 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के मजमां गाँव में।
प्रश्न 2: कैफ़ी आज़मी का असली नाम क्या था?
उत्तर: अतहर हुसैन रिजवी।
प्रश्न 3: कैफ़ी आज़मी की कविताओं की क्या विशेषता है?
उत्तर: सामाजिक और राजनैतिक जागरूकता के साथ हृदय की कोमलता।
प्रश्न 4: कैफ़ी आज़मी के कितने कविता संग्रह प्रकाशित हुए?
उत्तर: पाँच।
प्रश्न 5: कैफ़ी आज़मी को कौन-सा प्रमुख पुरस्कार मिला?
उत्तर: साहित्य अकादेमी पुरस्कार।
प्रश्न 6: कविता ‘कर चले हम फ़िदा’ किस फिल्म के लिए लिखी गई थी?
उत्तर: हकीकत।
प्रश्न 7: कविता में सैनिकों ने किसे नहीं झुकने दिया?
उत्तर: हिमालय का सर।
प्रश्न 8: कविता में धरती को किस रूप में बताया गया है?
उत्तर: दुलहन।
प्रश्न 9: कविता में ‘साथियो’ संबोधन किसके लिए है?
उत्तर: देशवासियों के लिए।
प्रश्न 10: कैफ़ी आज़मी का देहावसान कब हुआ?
उत्तर: 10 मई 2002 को।
Long Questions Answer
प्रश्न 1: कैफ़ी आज़मी के जीवन और उनके साहित्यिक योगदान के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर: कैफ़ी आज़मी का जन्म 19 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के मजमां गाँव में हुआ था। उनका असली नाम अतहर हुसैन रिजवी था। वे प्रगतिशील उर्दू कवियों में प्रमुख थे। उनकी कविताओं में सामाजिक-राजनैतिक जागरूकता और हृदय की कोमलता दिखती है। उन्होंने मुशायरों में खूब वाहवाही बटोरी और फिल्मों के लिए सैकड़ों गीत लिखे। उनके पाँच कविता संग्रह—झंकार, आखिर-ए-शब, आवारा सजदे, सरमाया और मेरी आवाज़ सुनो—प्रकाशित हुए। उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार सहित कई सम्मान मिले। उनके परिवार में उनकी पत्नी शौकत आज़मी और बेटी शबाना आज़मी मशहूर अभिनेत्रियाँ हैं। उनका निधन 10 मई 2002 को हुआ।
प्रश्न 2: कविता ‘कर चले हम फ़िदा’ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर: कविता ‘कर चले हम फ़िदा’ फिल्म ‘हकीकत’ के लिए लिखी गई थी, जो युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह गीत सैनिकों के बलिदान और देशभक्ति की भावना को दर्शाता है। यह 1962 के भारत-चीन युद्ध के संदर्भ में सैनिकों की वीरता और देश के लिए उनके बलिदान को चित्रित करता है, जो हिमालय की रक्षा के लिए लड़े और अपने प्राण न्योछावर किए।
प्रश्न 3: ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
उत्तर: इस पंक्ति में हिमालय देश की आन, बान और शान का प्रतीक है। यह भारत की स्वतंत्रता, सम्मान और अखंडता को दर्शाता है। सैनिकों ने अपने बलिदान से देश की सीमाओं और सम्मान की रक्षा की, जिसे हिमालय के सर के न झुकने से व्यक्त किया गया है।
प्रश्न 4: कविता में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?
उत्तर: कविता में धरती को दुलहन इसलिए कहा गया है क्योंकि सैनिकों के बलिदान और खून से देश की रक्षा हुई है, जिससे धरती सुंदर और सुरक्षित बनी है। दुलहन का रूप धरती की इस सुंदरता और पवित्रता को दर्शाता है, जो सैनिकों की कुर्बानी से सजी है।
प्रश्न 5: कविता में ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है और क्यों?
उत्तर: ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग देशवासियों के लिए किया गया है। सैनिक अपनी जान न्योछावर करके देश को देशवासियों के हवाले सौंप रहे हैं। यह संबोधन देशवासियों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाता है कि वे देश की आजादी और सम्मान को बनाए रखें, जैसा कि सैनिकों ने अपनी कुर्बानी से किया।
प्रश्न 6: कविता में कवि ने किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
उत्तर: कवि ने कुर्बानियों के काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है। इसका अर्थ है कि देशवासियों को सैनिकों की तरह देश की रक्षा और आजादी के लिए बलिदान की भावना को बनाए रखना चाहिए। यह काफिला देशभक्ति और त्याग का प्रतीक है, जो कभी रुकना नहीं चाहिए।
प्रश्न 7: कविता में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
उत्तर: ‘सर पर कफन बाँधना’ सैनिकों के मृत्यु को स्वीकार करने और देश के लिए बलिदान देने की तैयारियों को दर्शाता है। यह उनकी निस्वार्थ देशभक्ति और वीरता को दिखाता है, जो बिना डर के देश की रक्षा के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए:
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई, फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया।
उत्तर: इन पंक्तियों में सैनिकों की वीरता और दृढ़ संकल्प को दर्शाया गया है। भले ही उनकी साँसें रुक रही थीं और नब्ज़ धीमी पड़ रही थी, फिर भी उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने कदम नहीं रोके। यह उनकी देशभक्ति और बलिदान की भावना को दिखाता है, जो मृत्यु के करीब होने पर भी डटकर मुकाबला करते रहे।
प्रश्न 9: निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए:
खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर, इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि सैनिकों से कहता है कि वे अपने खून से देश की सीमा पर ऐसी रेखा खींच दें कि कोई दुश्मन (रावण) उसका उल्लंघन न कर सके। यह देश की रक्षा और अखंडता के लिए सैनिकों के बलिदान को दर्शाता है, जो दुश्मनों को देश में प्रवेश करने से रोकते हैं।
प्रश्न 10: कविता ‘कर चले हम फ़िदा’ का मुख्य प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: कविता ‘कर चले हम फ़िदा’ का मुख्य प्रतिपाद्य सैनिकों की देशभक्ति, बलिदान और वीरता है। यह गीत सैनिकों के उस त्याग को दर्शाता है, जो अपनी जान देकर देश और उसकी आजादी की रक्षा करते हैं। साथ ही, यह देशवासियों को प्रेरित करता है कि वे सैनिकों की कुर्बानी को याद रखें और देश की आजादी को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाएँ।
Leave a Reply