Short Questions Answer
प्रश्न 1. स्वयं प्रकाश का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सन् 1947 में इंदौर (मध्यप्रदेश) में।
प्रश्न 2. स्वयं प्रकाश का निधन कब हुआ?
उत्तर: सन् 2019 में।
प्रश्न 3. स्वयं प्रकाश की शिक्षा किस विषय में हुई थी?
उत्तर: मैकेनिकल इंजीनियरिंग में।
प्रश्न 4. स्वयं प्रकाश किस पत्रिका के संपादन से जुड़े रहे?
उत्तर: वसुधा पत्रिका से।
प्रश्न 5. स्वयं प्रकाश के कितने कहानी संग्रह प्रकाशित हुए?
उत्तर: तेरह कहानी संग्रह।
प्रश्न 6. उनकी कौन-सी दो प्रसिद्ध उपन्यास रचनाएँ हैं?
उत्तर: विनय और ईंधन।
प्रश्न 7. कहानी “नेताजी का चश्मा” किस पर आधारित है?
उत्तर: नेताजी की मूर्ति और उस पर बदलते चश्मों पर।
प्रश्न 8. कैप्टन चश्मेवाला कौन था?
उत्तर: एक बूढ़ा लँगड़ा फेरीवाला।
प्रश्न 9. मूर्ति पर चश्मा क्यों बदला जाता था?
उत्तर: क्योंकि कैप्टन चश्मेवाला ग्राहकों को मूर्तिवाला चश्मा दे देता था और दूसरा फ्रेम लगा देता था।
प्रश्न 10. कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति पर किसका चश्मा लगाया गया?
उत्तर: बच्चों द्वारा बनाया गया सरकंडे का चश्मा।
Long Questions Answer
प्रश्न 1. स्वयं प्रकाश की कहानियों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: उनकी कहानियों में मध्यवर्गीय जीवन का चित्रण मिलता है। वे वर्ग-शोषण, जाति, संप्रदाय और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव के विरोध की चेतना जगाती हैं। उनकी शैली किस्सागोई वाली है, जो हिंदी की वाचिक परंपरा को समृद्ध करती है।
प्रश्न 2. कहानी “नेताजी का चश्मा” का मुख्य भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह कहानी बताती है कि देश केवल नेताओं या सेनानियों से नहीं बनता, बल्कि हर नागरिक, छोटा-बड़ा, गरीब-अमीर, सब अपने ढंग से योगदान करते हैं। कैप्टन चश्मेवाला जैसे साधारण लोग भी देशप्रेम के प्रतीक हैं।
प्रश्न 3. नेताजी की मूर्ति पर असली चश्मा क्यों लगाया गया था?
उत्तर: मूर्तिकार संगमरमर का चश्मा नहीं बना पाया, इसलिए कैप्टन चश्मेवाले ने असली चश्मा मूर्ति पर फिट कर दिया ताकि नेताजी की छवि अधूरी न लगे।
प्रश्न 4. हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति में बार-बार क्या कौतुक लगा?
उत्तर: उन्हें यह कौतुक लगा कि हर बार मूर्ति पर नया चश्मा दिखाई देता है। मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती, लेकिन चश्मा तो बदल सकती है। यह बात उन्हें रोचक लगी।
प्रश्न 5. पानवाले का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: पानवाला मोटा और खुशमिज़ाज व्यक्ति था। वह मजाकिया स्वभाव का था और कैप्टन को पागल कहकर चिढ़ाता था। लेकिन उसके अंदर कैप्टन के प्रति छिपी सहानुभूति भी झलकती थी।
प्रश्न 6. कैप्टन चश्मेवाला क्यों बार-बार मूर्ति पर चश्मा बदल देता था?
उत्तर: क्योंकि उसे लगता था कि नेताजी को बिना चश्मे के असुविधा हो रही है। साथ ही जब ग्राहक किसी फ्रेम की माँग करता, तो वह मूर्ति वाला चश्मा निकालकर ग्राहक को दे देता और बाद में दूसरा लगा देता।
प्रश्न 7. कैप्टन की मृत्यु के बाद हालदार साहब क्यों भावुक हो गए?
उत्तर: जब उन्होंने मूर्ति पर बच्चों द्वारा बनाया गया सरकंडे का चश्मा देखा, तो उन्हें कैप्टन का समर्पण और देशप्रेम याद आ गया। इतनी छोटी बात ने उन्हें भीतर तक छू लिया और वे भावुक हो उठे।
प्रश्न 8. “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का…” पंक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर: इस पंक्ति में लेखक कहता है कि यदि लोग देश के लिए बलिदान देने वालों का मजाक उड़ाएँ और स्वयं स्वार्थ में डूबे रहें, तो राष्ट्र की स्थिति चिंताजनक हो जाएगी।
प्रश्न 9. कहानी में देशभक्ति की परिभाषा किस रूप में सामने आती है?
उत्तर: देशभक्ति केवल युद्ध या सीमा पर लड़ाई नहीं है, बल्कि अपने आस-पास के जीव-जंतुओं, प्रकृति और नागरिकों से प्रेम करना और उनकी भलाई के लिए काम करना भी देशभक्ति है।
प्रश्न 10. “नेताजी का चश्मा” कहानी हमें क्या संदेश देती है?
उत्तर: यह कहानी बताती है कि देश का निर्माण केवल बड़े-बड़े नेताओं से नहीं होता, बल्कि साधारण लोग भी अपने योगदान से उसे महान बनाते हैं। हमें हर छोटे प्रयास और हर देशभक्त का सम्मान करना चाहिए।
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