Short Questions Answer
प्रश्न 1. रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सन् 1899 में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में।
प्रश्न 2. बेनीपुरी जी को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: ‘कलम का जादूगर’।
प्रश्न 3. रामवृक्ष बेनीपुरी का निधन कब हुआ?
उत्तर: सन् 1968 में।
प्रश्न 4. बालगोबिन भगत किसके पद गाते थे?
उत्तर: कबीर साहब के पद।
प्रश्न 5. बालगोबिन भगत किस वाद्य यंत्र को बजाते थे?
उत्तर: खैजड़ी।
प्रश्न 6. भगत किस प्रकार की वेशभूषा पहनते थे?
उत्तर: कमर में लंगोटी, सिर पर कनफटी टोपी और गले में तुलसी की माला।
प्रश्न 7. बालगोबिन भगत के बेटे की मृत्यु पर उन्होंने क्या किया?
उत्तर: बेटे के शव के सामने बैठकर गाते रहे और मृत्यु को उत्सव बताया।
प्रश्न 8. भगत अपनी खेती से उपजा अन्न कहाँ पहले चढ़ाते थे?
उत्तर: कबीरपंथी मठ (साहब के दरबार) में।
प्रश्न 9. भगत गाँव वालों को कब गाकर जगाते थे?
उत्तर: कार्तिक से फागुन तक प्रभाती गाकर।
प्रश्न 10. बालगोबिन भगत की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: गाते-गाते धीरे-धीरे उनका शरीर कमजोर होता गया और एक दिन भोर में उनका निधन हो गया।
Long Questions Answer
प्रश्न 1. बालगोबिन भगत साधु क्यों कहलाते थे?
उत्तर: वे गृहस्थ होकर भी कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते, किसी की वस्तु बिना पूछे नहीं छूते। खेती से उत्पन्न अन्न पहले साहब के दरबार में चढ़ाते। उनकी सरलता और सत्यनिष्ठा उन्हें साधु बनाती थी।
प्रश्न 2. बालगोबिन भगत की वेशभूषा और स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर: वे मँझोले कद के, गोरे-चिट्टे, सफेद बालों वाले थे। कमर में लंगोटी, सिर पर कनफटी टोपी, गले में तुलसी की माला और माथे पर रामानंदी चंदन लगाते थे।
प्रश्न 3. बालगोबिन भगत की दिनचर्या कैसी थी?
उत्तर: वे प्रातः जल्दी उठते, स्नान कर कबीर के पद गाते। खेती करते हुए भी गाना नहीं छोड़ते। शाम को घर में मंडली के साथ गाते। उनकी प्रभातियाँ गाँव को जगाती थीं।
प्रश्न 4. धान की रोपाई के समय भगत के गायन का क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर: उनके गीत सुनकर बच्चे झूम उठते, महिलाएँ गुनगुनाने लगतीं और हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते। काम करते-करते सारा वातावरण संगीत और उल्लास से भर जाता।
प्रश्न 5. भादो की रात में भगत का गायन कैसा प्रतीत होता था?
उत्तर: अंधेरी आधी रात में उनकी खैजड़ी की डिमक-डिमक और गीत बिजली की तरह कौंध उठते। प्रकृति निस्तब्ध हो जाती और उनका गायन सबको चौंका देता।
प्रश्न 6. भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
उत्तर: क्योंकि उसे डर था कि बुढ़ापे में कौन उनका ख्याल रखेगा, कौन भोजन बनाएगा और बीमारी में सेवा करेगा। वह उनसे अलग नहीं होना चाहती थी।
प्रश्न 7. बेटे की मृत्यु पर भगत ने कैसा आचरण किया?
उत्तर: उन्होंने बेटे की मृत्यु पर रोने-धोने के बजाय गाना गाया। मृत्यु को उन्होंने आत्मा और परमात्मा के मिलन का उत्सव माना। यह उनके दृढ़ विश्वास और अध्यात्म का प्रमाण था।
प्रश्न 8. बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किस रूप में प्रकट होती थी?
उत्तर: वे कबीर को ‘साहब’ मानते, उनके पद गाते और उनकी शिक्षाओं पर चलते। खेती की उपज भी पहले साहब को अर्पित करते। उनका जीवन कबीर की शिक्षाओं के अनुसार था।
प्रश्न 9. सामाजिक मान्यताओं के प्रति भगत का दृष्टिकोण कैसा था?
उत्तर: उन्होंने बेटे की क्रिया-कर्म में तामझाम नहीं किया। पुत्रवधू की दूसरी शादी कराई, जबकि समाज में विधवा विवाह सहज नहीं था। वे रूढ़ियों से ऊपर उठकर मानवीय दृष्टि से काम करते थे।
प्रश्न 10. बालगोबिन भगत की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: गंगा-स्नान से लौटने पर वे बीमार हुए, पर नियम-व्रत नहीं छोड़ा। धीरे-धीरे कमजोर होते गए। अंतिम दिन भी गीत गाए, पर स्वर टूटा हुआ था। भोर में वे चल बसे, केवल उनका शरीर शेष रहा।
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