मधुर-मधुर मेरे दीपक जल MCQ Chapter 6 Class 10 Sparsh हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Sparsh Class 10th 1. कवयित्री के अनुसार मनुष्य को कल्याण कैसे करना चाहिए ?स्वार्थ सिद्धि से भौतिक साधनो से आत्म -बलिदान के मार्ग से कोई नहींYour comments:Question 1 of 232. सागर का ह्रदय किस से जलता है ?जल से सूरज की किरणों से बड़ वाग्नि से परछाई सेYour comments:Question 2 of 233. कवयित्री के अनुसार संसार में किस बात का अभाव है?भौतिक पदार्थो का सुख का नैतिकता का ईशवर की भक्ति एवं प्रेम काYour comments:Question 3 of 234. कवयित्री के अनुसार आसमान में तारे किस तरह जलते हैं ?चमकते हुए चाँद की रौशनी से अपने आप बिना तेल केYour comments:Question 4 of 235. विशव शलभ (संसार) के पछताने का क्या कारण है ?उसे तेल कम मिला कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं देता वह दीपक की लौ में मिल के क्यो नहीं जल पाया जलने के कारणYour comments:Question 5 of 236. कवयित्री दीपक को सिहर सिहर कर जलने को क्यों कहती है ?तांकि अज्ञान रुपी अँधेरा दूर होता रहेतांकि लोग आस्थावान रहे तांकि संसार प्रभु भक्ति में लीन रह पाए सभीYour comments:Question 6 of 237. कवयित्री दीपक को किस तरह से जलने को कहती है?धीरे धीरे तेज़ रौशनी से लगातार प्रसन्नता से कोई नहींYour comments:Question 7 of 238. कवयित्री ने प्रियतम का पथ किसे माना है ?कविता लिखने को मोमबत्ती की तरह जलने को गीत गाने को परमात्मा की ओर जाने के पथ कोYour comments:Question 8 of 239. युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल कौन सा अलंकार है ?उपमाअनुप्रासउपमानसभीYour comments:Question 9 of 2310. कवयित्री दीपक से क्या कहती है ?धूप बनने कोसारे संसार को सुंगंधित करने को संसार को प्रकाशित करने को सभीYour comments:Question 10 of 2311. कवयित्री दीपक को जलने के लिए क्यों कहती है ?अँधेरा मिटाने के लिए बिजली नहीं है तेल खत्म हो गया है तांकि ईशवर रुपी प्रियतम का पथ प्रकाशमान रहे उन्हें कवयित्री तक पहुँचने में कोई परेशानी न होYour comments:Question 11 of 2312. कवयित्री ने इस कविता में दीपक को किस किसका प्रतीक माना है ?परोपकारवेदनात्यागसभीYour comments:Question 12 of 2313. महादेवी वर्मा के काव्य की विशेषताओं का उल्लेख करें |वेदनात्मकसंगीतात्मकगीत तत्त्व ,छायावाद एवं प्रकृतिचित्रण सभीYour comments:Question 13 of 2314. महादेवी वर्मा जी की मुख्य कृतियों के नाम लिखें |नीरजासांध्य गीतदीपशिखासभीYour comments:Question 14 of 2315. महादेवी वर्मा को आधुनिक युग की मीरा क्यों कहा गया ?लिखने की कला के कारण गीत गुनगुनाने की कारण क्योंकि मीरा की ही तरह महादेवी वर्मा जी ने भी अपनी विरह की पीड़ा को कविता की कला का रंग दे दिया माता जी के कारणYour comments:Question 15 of 2316. शलभ का सामान्य स्वभाव हैदीपक को जलाना दीपक पर मर मिटना दीपक को बुझाना दीपक के पास रहनाYour comments:Question 16 of 2317. “सिहर-सिहर मेरे दीपक जल’ का क्या अर्थ है?भयभीत होकर जलना ठिठुरते हुए जलना विपरीत परिस्थितियों में थरथराकर जलना दूसरों को डराते हुए जलनाYour comments:Question 17 of 2318. प्रकृति के सभी तत्व दीपक से क्या माँग रहे हैं?जीवनकणप्रकाशकणअग्निकणजलकणYour comments:Question 18 of 2319. कवयित्री दीपक को विहँस-विहँस कर जलने को क्यों कहती हैं?वह प्रभु को खुश करना चाहती हैं वह जीवन खुशी से जीना चाहती हैं वह भक्ति में आनंद पाना चाहती हैं वह संसार के दुखों में नहीं जीना चाहतीYour comments:Question 19 of 2320. ‘स्नेहहीन दीपक’ से क्या आशय है? प्रेमहीन बच्चे भक्तिहीन लोग हिंसक लोग गरीब बच्चेYour comments:Question 20 of 2321. ‘प्रकाश का सिंधु’ में कौन-सा अलंकार है?रूपक अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार उपमा अलंकार अनुप्रास अलंकारYour comments:Question 21 of 2322. ‘दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित’ से क्या तात्पर्य है?कवयित्री कहती हैं मुझे प्रकाश का असीमित संसार दे दे कवयित्री कहती हैं मुझे सीमित प्रकाश प्रदान करो आध्यात्मिक प्रकाश को अपार समुद्र के समान विस्तृत रूप से फैला दे चारों ओर रोशनी ही रोशनी कर दे ताकि सिंधु दिखने लगेYour comments:Question 22 of 2323. “मृदुल मोम-सा घुल रहे मृदु तन”- का आशय स्पष्ट कीजिए।कवयित्री अपने शरीर को मोम के समान पिघलाने की बात कह रही हैं। कवयित्री अपने शरीर को मोम के समान कोमल बनाना चाहती हैं कवयित्री अपने अहं को गलाकर प्रभु भक्ति में समर्पित होना चाहती हैं इनमें से कोई नहींYour comments:Question 23 of 23 Loading...
Leave a Reply