Solutions For All Chapters Kshitij 10
उत्साह
प्रश्न 1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर: कवि बादल से ‘गरजने’ के लिए इसलिए कहता है क्योंकि गरजना उत्साह, जागृति और शक्ति का प्रतीक है। गरजने से पीड़ित जनों को आशा और बल मिलता है।
प्रश्न 2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर: इस कविता में बादल को क्रांति और नवजीवन का दूत माना गया है। उसकी गरज मानवता में जागरण और उत्साह भरती है। इसलिए कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ रखा गया है।
प्रश्न 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: कविता में बादल –
- पीड़ित और प्यासे लोगों की प्यास बुझाने वाला है।
- क्रांति और चेतना का संदेश देने वाला है।
इस प्रकार बादल आशा और क्रांति दोनों का प्रतीक है।
प्रश्न 4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर: उत्साह कविता में नाद-सौंदर्य वाले शब्द हैं – गरजो, घेर-घेर, घोर गगन, धाराधर, ललित-ललित, विकल-विकल, उमड़-घुमड़।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।
उत्तर (स्वरचित कविता):
हरियाली से ढका धरा का आँगन,
फूलों की खुशबू से महकता जीवन।
मंद पवन जब गुनगुनाती गीत,
मन में भर देती उत्साह असीम।
आकाश में फैला सुनहरा प्रकाश,
प्रकृति करती है प्रेम का उल्लास।
उमड़ते भावों से कहे यह मन,
प्रकृति है सच्ची जीवन-धन।
प्रश्न 6. होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर: होली के आसपास फागुन मास में प्रकृति पूर्ण रूप से बदल जाती है। पेड़ों पर बौर आते हैं, रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, हवा में सुगंध भर जाती है और चारों ओर उल्लास छा जाता है। खेत-खलिहान हरियाली से लद जाते हैं और वातावरण में आनंद और उमंग फैल जाती है।
अट नहीं रही है
प्रश्न 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
उत्तर: यह धारणा इन पंक्तियों से पुष्ट होती है –
“आँख हटाता हूँ तो हट नहीं रही है।”
इन पंक्तियों में कवि के अंतर्मन का आकर्षण फागुन की सुंदरता से जुड़कर सामंजस्य स्थापित करता है।
प्रश्न 2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर: कवि की आँख फागुन की सुंदरता से इसलिए नहीं हट रही है क्योंकि चारों ओर हरियाली, फूलों की सुगंध, रंग और उल्लास छाया हुआ है। इस मोहक सौंदर्य ने कवि का मन बाँध लिया है।
प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर: कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन फूलों की गंध, पत्तों की हरियाली, लालिमा, मंद समीर और चारों ओर फैले फागुन के उल्लास में किया है।
प्रश्न 4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
उत्तर: फागुन में पेड़ों पर बौर आते हैं, रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, हवाओं में सुगंध फैल जाती है और होली का उल्लास छा जाता है। यह आनंद और रंगों की भरमार अन्य ऋतुओं से भिन्न होती है।
प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- निराला की कविता में गहन भावुकता और क्रांतिकारी चेतना दोनों मिलती हैं।
- भाषा में नाद-सौंदर्य और लय है।
- प्रकृति और अंतर्मन का सुंदर सामंजस्य है।
- मुक्त छंद का प्रभावी प्रयोग है।
- कल्पना, प्रतीक और बिंबों का सुंदर संयोजन है।
Leave a Reply